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महाना कानपुर से अध्यक्ष का पद संभालने वाले दूसरे नेता होंगे। इससे पहले वर्ष 1990-91 में कानपुर के हरिकिशन श्रीवास्तव विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं.उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री सतीश महाना (Satish Mahana) उत्तर प्रदेश विधानसभा (up legislative assembly) के अध्यक्ष चुने गए हैं. महाना विधानसभा के 18 वें अध्यक्ष बने हैं. वह निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं. हालांकि पूर्व कैबिनेट मंत्री सतीश महाना का उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष के लिए निर्विरोध चुना जाना तय था और आज इसकी औपचारिक घोषणा की गई. महाना कानपुर से अध्यक्ष का पद संभालने वाले दूसरे नेता होंगे। इससे पहले वर्ष 1990-91 में कानपुर के हरिकिशन श्रीवास्तव विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं. श्रीवास्तव मुलायम सिंह सरकार में विधानसभा अध्यक्ष थे. असल में विपक्ष के पास बहुमत ना होने के कारण उसने विधानसभा अध्यक्ष के लिए अपना प्रत्याशी नहीं उतारा. लिहाजा पहले से ही विधानसभा अध्यक्ष पद सर्वसम्मति से चुना जाना तय था. वह बिना किसी विरोध के अध्यक्ष बने हैं और अब स्पीकर चुने जाने के बाद सतीश महाना पूरे सदन के मुखिया होंगे और सदन को चलाने की जिम्मेदारी होगी. गौरतलब है कि सतीश महाना के विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले उन्हें जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष राजा भैया ने अपना समर्थन दिया था. यूपी के 18वें विधानसभा अध्यक्ष बने महानाराज्य में महाना 18 वें विधानसभा अध्यक्ष बने हैं और वह सर्वसम्मति से इस पद के लिए चुने गए हैं. वहीं राज्य में पुरुषोत्तम दास टंडन विधानसभा के पहले अध्यक्ष थे और उनके बाद नफीसुल हसन, आत्मा राम गोविंद खेर, मदन मोहन वर्मा, जगदीश सरन अग्रवाल, वासुदेव सिंह, बनारसी दास, श्रीपति मिश्रा, धर्म सिंह, नियाज हसन, हरिकिशन श्रीवास्तव, केशरीनाथ त्रिपाठी, धनीराम वर्मा थे बरखू राम वर्मा, सुखदेव राजभर, माता प्रसाद पांडेय, हृदय नारायण दीक्षित विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं. यूपी विधानसभा अध्यक्ष का सबसे लंबा कार्यकाल केशरीनाथ त्रिपाठी का रहा और वह करीब 13 साल तक विधान सभा अध्यक्ष के पद पर रहे हैं. कानपुर से दूसरे विधानसभा अध्यक्षसतीश महाना कानपुर से विधानसभा अध्यक्ष बनने वाले दूसरे अध्यक्ष हैं. जबकि इससे मुलायम सिंह सरकार में 1990-91 में कानपुर के हरिकिशन श्रीवास्तव विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं. श्रीवास्तव मुलायम सिंह सरकार में विधानसभा अध्यक्ष थे. वहीं कानपुर में महाना के घर पर उनके विधानसभा अध्यक्ष बन जाने को लेकर मिठाई बांटी जा रही हैं और कानपुर के लोग काफी खुश हैं. ये भी पढे़ं-UP: यूक्रेन से लौटे छात्रों को सता रही भविष्य की चिंता, इटावा डीएम से मिले 1 दर्जन से ज्यादा बच्चे, पढ़ाई को लेकर की ये बड़ी मांग ये भी पढ़ें-UP: ‘जो डिप्टी CM को करीबी बताकर BJP में आना चाहते हैं, वे 5 साल करें विरोध’, उन्नाव में विधायक की विरोधियों को नसीहत Author: Abhishek AgnihotriPublish Date: Tue, 29 Mar 2022 08:53 AM (IST)Updated Date: Tue, 29 Mar 2022 08:53 AM (IST) कानपुर से पहले हरिकिशन श्रीवास्तव 30 जुलाई 1991 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे थे। इस बार सतीश महाना ने नामांकन कराया और वह शहर से दूसरे अध्यक्ष होंगे। दूसरे दल का कोई प्रत्याशी न होने की वजह से आज उनकी औपचारिक घोषणा हो जाएगी। कानपुर, जागरण संवाददाता। आजादी के बाद कानपुर को सतीश महाना के रूप में दूसरे विधानसभा अध्यक्ष मिलने जा रहे हैैं। उन्होंने सोमवार को नामांकन किया और मंगलवार को वह कार्यभार ग्रहण करेंगे। इससे पहले कानपुर से हरिकिशन श्रीवास्तव विधानसभा अध्यक्ष रहे थे। 1991 से अब तक रहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सभी सरकारों में सतीश महाना राज्यमंत्री या कैबिनेट मंत्री रहे थे। इस बार वह लगातार आठवीं बार चुनाव जीते थे लेकिन मंत्री पद न मिलने से उनके समर्थक मायूस थे। हालांकि पार्टी ने उन्हें विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुना, मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में उनकी औपचारिक रूप से घोषणा भी हो जाएगी क्योंकि किसी दूसरे दल ने अपना प्रत्याशी उनके सामने नहीं उतारा। उनसे पहले कानपुर में चौबेपुर से चुनाव लडऩे वाले हरिकिशन श्रीवास्तव विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। वह नौ जनवरी 1990 से 30 जुलाई 1991 तक प्रदेश में विधानसभा अध्यक्ष रहे थे। सतीश महाना का राजनीतिक प्रोफाइल - 62 वर्षीय सतीश महाना का जन्म 14 अक्टूबर 1960 को हुआ। उन्होंने बीएससी तक की शिक्षा ग्रहण की है। - उनके पिता राम अवतार महाना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे, इसी वजह से वह भी बचपन से ही स्वयंसेवक हैं। - उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में भी बढ़चढ़ कर भाग लिया था। - वह पांच बार कानपुर कैंट और तीन बार महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते। - वर्ष 2022 के चुनाव में लगातार आठवीं बार विधायक बने हैं। वह पहली बार 1991 में कैंट विधानसभा क्षेत्र से पहला चुनाव जीते थे। - वह 1993, 1996, 2002, 2007 में कैंट विधानसभा सीट से ही चुनाव जीते। - 2009 में विधानसभा सीटों का परिसीमन हो गया तो पार्टी ने उन्हें महाराजपुर विस क्षेत्र से चुनाव लड़ाया। - 2012 के चुनाव में महाराजपुर विस क्षेत्र से मैदान में उतरे। यहां से भी उन्होंने जीत हासिल की और इसके बाद 2017 और 2022 में भी उन्हें जीत मिली। - योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में वह औद्योगिक विकास मंत्री थे। - वह नगर विकास राज्यमंत्री, खादी, ग्रामीण उद्योग, टेक्सटाइल, एमएसएमई, निर्यात प्रोत्साहन मंत्री भी रह चुके हैं। भाजपा नेताओं ने मनाई खुशी : सतीश महाना के विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन कराने के बाद भाजपा पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटी और पटाखे फोड़े। घंटाघर स्थित गणेश मंदिर के बाहर भाजपा नेताओं ने आतिशबाजी की। इसके साथ ही मिठाई बांटी गई। यहां वीरेंद्र बाजपेई, शशि शेखर ङ्क्षसह, गायत्री, पीके शुक्ला, श्याम अग्रहरि, सुभाष शर्मा रहे। लाल बंगला स्थित सतीश महाना के कैंप कार्यालय में भी मिठाई बांटी गई। इस मौके पर वीडी राय, सुरेंद्र अवस्थी, लाला त्रिवेदी, श्रीकांत मिश्रा, सुरेंद्र सिंह रहे। भाजपा उत्तर जिला कार्यालय में बैठक कर पदाधिकारियों ने खुशी जताई। इस मौके पर जिलाध्यक्ष सुनील बजाज, वीरेश त्रिपाठी, संतोष शुक्ला, अवधेश सोनकर रहे। Edited By: Abhishek Agnihotri
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष कौन है?श्री सतीश महाना
3, हरजेन्दर नगर, जनपद- कानपुर।
विधानसभा अध्यक्ष कौन होता है?विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा एवं विधानसभा सचिवालय का प्रमुख, पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष) होता है, जिसे संविधान, प्रक्रिया, नियमों एवं स्थापित संसदीय परंपराओं के अन्तर्गत व्यापक अधिकार होते हैं। सभा के परिसर में उनका प्राधिकार सर्वोच्च है।
उत्तर प्रदेश में कुल कितने विधानसभा है?उत्तर प्रदेश के विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र254. यूपी में विधानसभा सीट कितनी है 2022?उत्तर प्रदेश विधान सभा के 403 सदस्यों का चुनाव करने के लिए उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च 2022 तक सात चरणों में विधान सभा चुनाव हुए जिसमे भारतीय जनता पार्टी ने 403 में 255 जीती।
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