वितरण वाहिकाओं से क्या आशय है वितरण माध्यम का चुनाव करने में कौन से तत्व प्रभावित करते है? - vitaran vaahikaon se kya aashay hai vitaran maadhyam ka chunaav karane mein kaun se tatv prabhaavit karate hai?

विषयसूची

  • 1 वितरण वाहिकाओं से क्या आशय है?
  • 2 अन्तर्राष्ट्रीय विपणन अनुसंधान से क्या आशय है इसके उद्देश्यों का वर्णन कीजिए?
  • 3 वितरण माध्यम क्या है?
  • 4 प्रत्यक्ष वितरण से क्या आशय है?
  • 5 वितरण माध्यम से आप क्या समझते हैं वितरण माध्यम की भूमिका पर प्रकाश डालिए?

वितरण वाहिकाओं से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंस्टेन्टन के अनुसार, “वितरण वाहिका ( जिसे व्यापार वाहिका भी कहा जाता है ) एक उत्पाद के वितरण हेतु अपनाया गया वह मार्ग है जिसमें वस्तुओं का स्वामित्व उत्पाद से अन्तिम उपभोक्ता या औद्योगिक उपयोगकर्त्ता तक पहुँचता है ।” रिचर्ड एम. क्वीलेट के अनुसार, “वितरण वाहिका एक पाइप लाइन है जिसके द्वारा उत्पाद उपभोक्ता तक पहुँचता है ।

वितरण माध्यम से क्या आशय है अन्तर्राष्ट्रीय विपणन में वितरण माध्यम के प्रकारों की विवेचना कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंनियोजन (या वितरण (distribution)): से तात्पर्य है की उत्पाद किस तरह उपभोक्ता तक पहुंचेगा; उदाहरण के लिए बिक्री व्यवस्था का बिन्दु या खुदरा बिक्री (retailing). इस चौथे P को कई बार स्थान भी कहा जाता है।

विपणन में वितरण वाहिका नीति का क्या महत्व है वितरण वाहिका का चयन किन तत्वों पर निर्भर होता है?

इसे सुनेंरोकें[ 2 ] मध्यस्थों की उपलब्धता :- वितरण वाहिका के निर्णय में मध्यस्थों की उपलब्धता भी एक महत्त्वपूर्ण घटक होता है जिस पर विचार करना आवश्यक है । इस सन्दर्भ में उत्साही मध्यस्थों का चयन किया जाना चाहिए । इच्छित मध्यस्थ उपलब्ध नहीं होने की दशा में निर्माताओं को स्वयं के वितरण माध्यम पर निर्भर रहना पड़ता है ।

अन्तर्राष्ट्रीय विपणन अनुसंधान से क्या आशय है इसके उद्देश्यों का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंसैक औंकविजिट एवं जाॅन शाॅ तथा अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन के अनुसार,” अन्तर्राष्ट्रीय विपणन एक बहुराष्ट्रीय प्रक्रिया है जिसमे वस्तुओं, सेवाओं तथा विचारों का नियोजन, निष्पादन, मूल्य संवर्द्धन व वितरण आता है, जिससे कि व्यक्ति और संगठन के उद्देश्य संतुष्ट हो सकें वस्तुओं, सेवाओं व विचारों का आदान-प्रदान हो सकें।”

वितरण चैनल के प्रकार क्या हैं?

इसे सुनेंरोकेंवितरण चैनलों के कुछ अन्य प्रकार हैं: – शून्य स्तर चैनल ii। वन-लेवल चैनल iii। दो-स्तरीय चैनल iv। तीन स्तरीय चैनल बनाम निर्माता – थोक व्यापारी – खुदरा विक्रेता – उपभोक्ता चैनल।

वितरण वाहिकाओं से क्या आशय है वितरण माध्यम का चुनाव करने में कौन से तत्व प्रभावित करते हैं?

इसे सुनेंरोकें[ 4 ] आदेशों का आकार :- उपभोक्ताओं के आदेशों का आकार भी वितरण वाहिका के चयन को प्रभावित करता है । यदि उपभोक्ता कम मात्रा एवं कम मूल्य के आदेश देता है तो क्रय बारम्बारता बढ़ जाती है । फलस्वरूप प्रत्यक्ष वितरण द्वारा उसकी व्यवस्था नहीं की जा सकती । अतः अप्रत्यक्ष वितरण मध्यमों का चयन ही उपयुक्त रहता है ।

वितरण माध्यम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजिस मार्ग से वस्तुएँ उत्पादक से उपभोक्ता तक पहुँचती हैं उसे वितरण माध्यम कहते हैं। इस प्रकार के माध्यम में उत्पादक वस्तुएँ तथा सेवाएँ सीधे उपभोक्ता को बेचता है। उत्पादक एवं उपभोक्ता के बीच कोई मध्यस्थ नहीं होता।

वितरण वाहिका नीति का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंएक फर्म न्यूनतम लागत पर सही सामान और सही सामान उपलब्ध कराकर उपभोक्ताओं को संतुष्टि प्रदान कर सकती है। शीघ्र और भरोसेमंद वितरण उपभोक्ता की संतुष्टि को बढ़ाता है। उसी समय, उत्पाद की कम कीमत पर बेहतर सेवा प्रदान करके, फर्म अतिरिक्त उपभोक्ताओं को आकर्षित कर सकती है और अधिक लाभ कमा सकती है।

विपणन चैनल क्या हैं विभिन्न फसलों के विपणन चैनलों का वर्णन करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंएक विपणन चैनल अन्योन्याश्रित उपभोक्ताओं के साथ उत्पादों और सेवाओं को रखने की प्रक्रिया में शामिल संगठनों का एक सेट है। विपणन चैनल की एक और कम ज्ञात रूप दोहरी वितरण चैनल है। यह चैनल एक कम पारंपरिक रूप से है जहाँ निर्माता या थोक व्यापारी एक से अधिक वितरण चैनल का उपयोग करके अंत उपयोगकर्ता तक पहुँचने के लिए अनुमति देता है।

प्रत्यक्ष वितरण से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंप्रत्यक्ष चैनल या शून्य स्तर चैनल: जब निर्माता या निर्माता किसी भी बिचौलियों को शामिल किए बिना सीधे ग्राहकों को सामान बेचते हैं, तो इसे प्रत्यक्ष चैनल या शून्य स्तर चैनल के रूप में जाना जाता है। यह वितरण का सबसे सरल और सबसे छोटा मोड है।

क्या विपणन का क्या मतलब है प्रकृति और विपणन के दायरे पर चर्चा?

इसे सुनेंरोकेंविपणन की परिभाषा अमेरिकन मार्केटिग एसोसिएशन के अनुसार:-”विपणन उन व्यावसायिक क्रियाओं का निष्पादन करना है जो उत्पादक से उपभोक्ता की बीच वस्तुओं तथा सेवाओं के प्रवाह का नियमन करती है।” फिलिप कोटलर के अनुसार-”विपणन वह मावनीय क्रिया है जो विनिमय प्रकियाओं के द्वारा आवश्यकताओं एवं इच्छाओं की सन्तुष्टि के लिए की जाती है।

वितरण का क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंबाँटने की क्रिया या भाव को वितरण कहा जाता है, वह प्रक्रिया जिसमें वस्तुओं या सामग्रियों को बाँटना या प्रदान करना वितरण कहलाता है! उदाहरण :- राम के द्वारा गरीब बच्चों को स्कूल के लिए कपड़े प्रदान करना या दान करना वितरण है, सरकार के द्वारा गरीब परिवारों के लिए राशन प्रदान करना या बाँटना वितरण कहलाता है!

वितरण माध्यम से आप क्या समझते हैं वितरण माध्यम की भूमिका पर प्रकाश डालिए?

इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार एक ऐसा साधन जिसके माध्यम से उत्पादक से उपभोक्ता तक माल प्रवाहित होता है, वितरण का चैनल कहलाता है। उपभोक्ता के हाथों में माल प्राप्त करने के पूरे कार्य को अक्सर वितरण के रूप में जाना जाता है। वितरण का टर्म चैनल उपभोग की जगह से माल लाने में लगे बिचौलियों को निरूपित करने के लिए तैयार है।

वितरण वाहिकाओं से क्या आशय है वितरण माध्यम का चुनाव करने में कौन कौन से तत्व प्रभावित करते हैं?

इसीलिए वस्तु एवं सेवाओं को उत्पादक से उपभोक्ता तक ले जाने के लिए कई प्रक्रियाएँ करनी होती हैं, जैसे उत्पाद का रूपांकन अथवा व्यापार, पैकेजिंग भंडारण, परिवहन, ब्रांडिंग, विक्रय, विज्ञापन एवं मूल्य निर्धारण । इन सभी क्रियाओं को विपणन क्रिया कहते हैं। अतः हम कह सकते हैं कि विक्रय, खरीददारी.

वितरण वाहिका से आप क्या समझते हैं?

एक फुटकर विक्रेता, थोक विक्रेता एवं अन्तिम उपभोक्ता के बीच का काम करता है। iii. जब वस्तुओं का मध्यस्थ के माध्यम से विक्रय होता है तो इसे वितरण माध्यम कहते हैं ।

वितरण माध्यम से आप क्या समझते है वितरण माध्यम की भूमिका पर प्रकाश डालिये?

किसी भी उत्पाद या सेवा को बाजार में उपलब्ध कराने के लिए मूल्य निर्धारण के पश्चात् उसे बाजार तक पहुँचाने हेतु माध्यम निर्धारित करना आवश्यकता है। किसी भी पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान उत्पाद के लिए उसका बाजार/ग्राहक मुख्यतः उसके पाठक ही होते हैं । पाठक तक सूचना उत्पाद एवं सेवाओं को पहुँचाने के लिए माध्यम की आवयकता होती है।

वितरण माध्यम से आप क्या समझते हैं इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए?

विपणन (अंग्रेज़ी: marketing) एक सतत प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत मार्केटिंग मिक्स (उत्पाद, मूल्य, स्थान, प्रोत्साहन जिन्हें प्रायः ४ Ps कहा जाता है) की योजना बनाई जाती है एवं कार्यान्वयन किया जाता है। यह प्रक्रिया व्यक्तियों और संगठनों के बीच उत्पादों, सेवाओं या विचारों के विनिमय हेतु की जाती है।