बोलिविया में जन आंदोलन क्यों हुआ था तीन कारण? - boliviya mein jan aandolan kyon hua tha teen kaaran?


अध्याय : 1. जन संघर्ष और आंदोलन

नेपाल और बोलिविया में जन संघर्ष

(ii) बोलेविया का जल युद्ध :
(1) बोलिविया, लेटिन अमेरिका का एक गरीब देश है। विश्व बैंक ने यहाँ की सरकार पर नगरपालिका द्वारा की जा रही जलापूर्ति से अपना नियंत्राण छोड़ने के लिए दबाव डाला। सरकार ने कोचबंबा शहर में जलापूर्ति के अधिकार एक बहुराष्ट्रीय लोगों (MNC) को बेच दिये। इस कम्पनी ने आनन-पालन में पानी की कीमत में चार गुना इजाफा कर दिया। अनेक लोगो का पानी का मासिक बिल 1,000 रू. तक पहुँचा जबकि बोलिवियाँ में लोगों की औसत आमदनी 5,000 रूपये महीना है। इसके फलस्वरूप स्वत: स्फूर्त जन-संघर्ष उठा।
(2) जनवरी 2000 में श्रमिकों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं तथा सामुदायिक नेताओं के बीच एक गठबंधन ने आकार ग्रहण किया और इस गठबंधन ने शहर में चार दिनों की कामयाब आम हड़ताल की । सरकार बातचीत के लिए राजी हुर्इ और हड़ताल वापस ले ली गर्इ। फिर भी कुछ नहीं हुआ।
(3) फरवरी में फिर आंदोलन शुरू हुआ लेकिन पुलिस ने दमन कर दिया। अप्रेल में एक और हड़ताल हुर्इ और सरकार ने ’मार्शल लॉ’ लगा दिया। लेकिन जनता की ताकत के आगे बहुराष्ट्रीय कंपनी के अधिकारियों को शहर छोड़कर भागना पड़ा। सरकार को आंदोलनकारियों की सारी माँगे माननी पड़ी।
(4) बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ किया गया करार रदद् कर दिया गया और जलापूर्ति दोबारा नगर पालिका को सौंपकर पुरानी दरें कायम कर दी गर्इ। इस आंदोलन को ’बोलिविया के जलयुद्ध’ के नाम से जाना गया।
(iii) लोकतंत्रा और जन-संघर्ष :
(a) लोकतंत्रा का जन-संघर्ष के जरिए विकास होता है। यह संभव है कि कुछ महत्वपूर्ण फैसले आम सहमति से हो जाएँ और ऐसे फैसलों के पीछे किसी तरह का संघर्ष न हो। फिर भी इसे अपवाद ही कहा जायेगा। लोकतंत्रा की निर्णायक घड़ी अमूमन वहीं होती है। जब सत्ताधारियों और सत्ता में हिस्सेदारी चाहने वालों के बीच संघर्ष होता है। ऐसी घड़ी तब आती है जब कोर्इ देश लोकतंत्रा की ओर कदम बढ़ा रहा हो उस देश में लोकतंत्रा का विस्तार हो रहा हो अथवा वहाँ लोकतंत्रा की जड़े मजबूत होने की प्रक्रिया में हो।
(b) लोकतांित्राक संघर्ष का समाधान जनता की व्यापक लामबंदी के जरिए होता है। संभव है, कभी-कभी इस संघर्ष का समाधान मौजूदा संस्थाओं मसलन संसद अथवा न्यायपालिका के जरिए हो जायें। लेकिन जब विवाद ज्यादा गहन होता है तो ये संस्थाऐं स्वयं उस विवाद का हिस्सा बन जाती है। ऐसे में समाधान इस संस्थाओं के जरिए नहीं बल्कि उनके बाहर यानी जनता के माध्यम से होता है।
(c) ऐसे संघर्ष और लामबंदी का आधार राजीनिक संगठन होते है। यह बात सच है कि ऐसी ऐतिहासिक घटनाओं में स्वत: स्फूर्त होने का भाव भी कहीं न कहीं जरूर मौजूद होता है लेकिन जनता की स्वत: स्फूर्त सार्वजनिक भागीदारी संगठित राजनीति के जरिए कारगर हो पाती हैं संगठित राजनीति के कर्इ माध्यम हो सकते है। ऐसे माध्यमों में राजनीतिक दल, दबाव समूह और आंदोलनकारी समूह शामिल है।


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मुख्य-बिंदु :

  • दबाव समूह - लोगों का ऐसा समूह जो अपनी उदेश्य या माँगो की पूर्ति के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकार पर दबाव डालती है | 
  • हित समूह - लोगों का समान हित और लक्ष्य से प्रेरित औपचारिक संगठन |
  • माओवादी - चीन की क्रांति के नेता माओं के विचारधारा को मानने वाले लोग | 
  • एस. पी. ए. (Seven Party Allience) : नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना के लिए संसद की सभी बड़ी राजनैतिक पार्टियों द्वारा बनाया गया सात दलों का गठबंधन | 
  • मार्शल लॉ - जब किसी देश का शासन वहाँ की सेना के हाथों में आ जाता है, तो इसे मार्शल लॉ कहा जाता है |
  • नेपाल में सर्वप्रथम लोकतंत्र की स्थापना 1990 ई० में हुई |
  • लामबंदी - जनहित के लिए लोगों का एकजुट होकर आन्दोलन चलाना |
  • फेडकोर - बोलीविया में जन-संघर्ष का नेतृत्व करने वाला संगठन |
  • बामसेफ (BAMCEF) - बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटी एम्प्लाइज फेडरेशन |  यह पिछड़े एवं अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारीयों का परिसंघ है | 
  • संगठन - किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए एकत्रित एवं व्यवस्थित जन-समूह संगठन कहलाता है |
  • बोलीविया - लैटिन अमेरिका का एक निर्धन देश | 
  • निर्वाचन - वह पद्धति जिसके द्वारा मतदाता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करता है | 
  • सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार - 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को सरकार के निर्वाचन में मत देने का अधिकार |
  • चुनाव याचिका - चुनाव के वक्त गलत तरीकों का प्रयोग करके मतदान को प्रभावित करने पर किसी भी सदस्य द्वारा न्यायलय में चुनाव याचिका प्रस्तुत की जाती है | जिसका न्यायलय परिक्षण करता है | 
  • चुनाव घोषणा पत्र - यह राजनीतिक दलों द्वारा जरी किया गया एक प्रकार का पत्र होता है जिसमें उनके नीतियों, कार्यक्रमों तथा उद्देश्यों का विवरण होता है | 
  • सन 2006 के अप्रैल महीने में नेपाल में एक लोकतंत्र कायम करने के लिए एक जन-आन्दोलन शुरू हुआ | 
  • बोलीविया का जल युद्ध बोलीविया में पानी के निजीकरण के खिलाफ लोगों का संघर्ष था | 
  • किसान संघ, अध्यापक संघ, छात्र संघ एवं व्यापारी संघ आदि दबाव समूह के उदहारण हैं |

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CBSE Notes ⇒ Class 10th ⇒ Political Science ⇒ Chapter chapter 5: जन-संघर्ष और आंदोलन :