वर्षा मापी क्या है in Hindi? - varsha maapee kya hai in hindi?

वर्षा मापी क्या है in Hindi? - varsha maapee kya hai in hindi?

बारिश में ये कैसे मापा जाता है कि कितनी बारिश हुई और जितनी हुई उसे किस तरह से देखा जाए.

मानसून का सीजन है. कहीं ज्यादा बारिश हो रही है तो कहीं कम. इस झमाझम बारिश या कम बारिश को कैसे मापते हैं. इन्हें मापने के लिए कौन से तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं. अब तो बारिश की मात्रा को नापने के लिए आधुनिक यंत्र आ गए हैं. जानिए इसके बारे में सबकुछ

अधिक पढ़ें ...

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 19, 2022, 14:24 IST

हाइलाइट्स

बारिश को मापने के लिए जिस यंत्र को काम में लाया जाता है, उसे वर्षामापी कहते हैं
अब कई तरह के वर्षामापी यंत्र दुनियाभर में इस्तेमाल में आ रहे हैं, जिसमें आटोमैटिक यंत्र भी
अगर कहीं 10 इंच के कम बारिश सालभर में होती है तो उसे रेगिस्तान मान लिया जाता है

मानसून का सीजन है. कहीं बदरा आ रहे हैं. झूमकर बसर रहे हैं तो कहीं तरसाकर चले जा रहे हैं. कहीं इतना बरस रहे हैं कि बाढ़ आ जा रही हैं. बारिश की खबरें हम सुनते हैं या पढ़ते हैं तो अक्सर बरसा का जिक्र इस तरह होता है कि यहां इतने मिलीमीटर बारिश हुई. क्या आपने कभी समझने की कोशिश की कि बारिश को मापते कैसे हैं.

किसी स्थान पर होने वाली बारिश को मापने के लिए जिस यंत्र को काम में लाया जाता है, उसे वर्षामापी (rain gauge) कहते हैं. संसार के सभी देशों में वहां का मौसम विभाग बारिश का रिकॉर्ड रखने के लिए जगह जगह वर्षामापी यंत्र लगाता है, जिससे बारिश को इंचों या मिलीमीटर में नापा जाता है.

अब भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल पुराने वर्षामापी का
आजकल कई तरह के वर्षामापी यंत्र इस्तेमाल में लाए जाते हैं, लेकिन आज भी सबसे ज्यादा भरोसा पुराने और परंपरागत वर्षामापी यंत्र पर किया जाता है. ये एक साधारण सा यंत्र होता है. इसमें पैमाना लगी हुई कांच की बोतल लोहे के बेलनाकार डिब्बे में रखी जाती है. बोतल के मुंह पर एक कीप रख दी जाती है. कीप का व्यास बोतल के व्यास से दस गुना ज्यादा होता है. इसे खुली और सुरक्षित जगह पर रखा जाता है.

वर्षा मापी क्या है in Hindi? - varsha maapee kya hai in hindi?

आमतौर पर गार्डन में मौसम विभाग इस तरह के सामान्य वर्षा मानक लगाता. जिसमें पैमाने के जरिए अंदाज लग जाता है कि कितनी बारिश हुई.

कैसे काम करता है ये
बरसने वाले पानी की बूंदें कीप में गिरती रहती हैं. पानी बोतल में इकट्ठा होता रहता है. 24 घंटे के मौसम के बाद मौसम विभाग के कर्मचारी आकर बोतल में इकट्ठा पानी को उस पर लगे पैमाने की मदद से माप लेते हैं. होने वाली बारिश इस माप का दसवां हिस्सा होती है. क्योंकि कीप का व्यास बोतल के व्यास से दस गुना बड़ा होने के कारण बोतल में इकट्ठा होने वाला पानी भी दस गुना अधिक होता है.

माप के और भी तरीके
जिन बोतलों में पैमाना नहीं होता, उनका पानी या तो मापक जार से माप लेते हैं या किसी छड़ द्वारा उसकी गहराई का पता कर लेते हैं. यदि बारिश ज्यादा होती है कि पानी बाहर निकलकर बेलनाकार डिब्बे में भर जाती है तो शीशी के पानी को नापने के बाद उसे बाहर लेते हैं और उसमें डिब्बे में भरा पानी डालकर नाप लिया जाता है. दोनों नापों को जोड़कर कुल बारिश की माप मालूम कर लेते हैं.

वर्षा मापी क्या है in Hindi? - varsha maapee kya hai in hindi?

ये आटोमेटिक वर्षा मापी है, जिसमें बारिश होते ही बूंदों को पड़ने के साथ ये खुद रिकॉर्ड करने लगता है कि कितनी बारिश हुई.

दूसरी तरह वर्षामापी कैसे होते हैं
कुछ वर्षामापी बारिश की दर और मात्रा भी माप लेते हैं. टिपिंग बकेट वर्षामापी में एक छोटी सी बाल्टी रखी रहती है. इसमें गिरने वाले बारिश के पानी की हर बूंद बिजली के एक स्विच को सक्रिय कर देती है. जो पानी की मात्रा को मापता रहता है. ये बाल्टी पानी से पूरी भर जाने पर अपने आप खाली हो जाती है. भार द्वारा संचालित वर्षामापी में एक प्लेटफार्म में एक बाल्टी रखी रहती है. इसके साथ ही एक पैमाना लगा रहता है. जैसे ही बाल्टी पूरी तरह भर जाती है. बारिश के पानी के भार से प्लेटफॉर्म नीचे दबता है. उसका दबाव टेप पर रिकॉर्ड होता रहता है. ये कंप्युटर पढ़ा जाता रहता है.

रडार से भी मापी जाती है बारिश
कुछ स्थानों पर मौसम विशेषज्ञ रडार द्वारा भी बारिश की माप करते हैं. रडार द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली रेडियो तरंगे पानी की बूंदों द्वारा रिफलेक्ट होती हैं. ये रिफलेक्शन लहरों के तौर पर कंप्युटर पर नजर आता रहता है. इन बिंदुओं की चमक द्वारा बारिश की मात्रा और सघनता का पता चल जाता है.

वर्षा मापी क्या है in Hindi? - varsha maapee kya hai in hindi?

इसे टिपिंग बकेट रेनगेज कहते हैं. ये एक प्लेटफॉर्म पर रखा होता है, जैसे जैसे इसमें पानी की बूंदें पड़ती हैं, इसका वजन बढ़ता है तो इससे लगा इंडीकेटर ये बताने लगता है कि कितनी बारिश हुई. (wiki commons)

आटोमेटिक वर्षामापी भी अब इस्तेमाल में
मौसम विभाग पूरे वर्ष में होने वाली वर्षा के आंकडो़ं के आधार पर किसी स्थान की औसत वर्षा का पता लगाता है. आजकल तो ऐसे वर्षामापी यंत्र भी बना लिए गए हैं, जो खुद बारिश को आटोमेटिक तरीके से मापते रहते हैं.

तो वो जगह रेगिस्तान कहलाती है
यदि किसी स्थान पर सालभर में औसत बारिश 254 मिलीमीटर(10 इंच) से कम होती है तो उस जगह को रेगिस्तान कहा जाता है. 254 मिमी से 508 मिमी (10 से 20 इंच) हर साल बारिश वाली जगहों में कुछ हरियाली रहती है. लेकिन सफल खेती के लिए 20 इंच से ज्यादा बारिश का होना जरूरी है.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

Tags: Heavy rain, Monsoon, Rain

FIRST PUBLISHED : July 19, 2022, 14:19 IST

वर्षा का मापन क्या है?

इतिहास लगभग ५०० ईसापूर्व यूनान के लोगों द्वारा वर्षा की मात्रा का व्यौरा (रेकार्ड) रखने की पुष्टि हुई है। उसके लगभग सौ वर्ष बाद भारत में भी कटोरा का प्रयोग करके वर्षा की मात्रा मापने के बारे में जानकारी है। इस तरह के आंकड़े का प्रयोग संभावित विकास के बारे में भविष्यवाणी करने एवं उसके अनुसार भू-कर लगाने के काम आता था।

वर्षा मापी कितने प्रकार के होते हैं?

अधिकतर रेन गॉग में वर्षा मिलीमीटर में ही मापी जाती है। 1662 में क्रिस्टोफर व्रेन ने ब्रिटेन में पहला रेन गॉग बनाया था। रेन गॉग यंत्र में एक फनल होती है जिसमें वर्षा जल के इकट्ठा होने से कितनी वर्षा हुई है इसका पता लगाया जाता है।

वर्षा को कैसे मापते है?

बारिश को मापने के लिए रेन गॉग या वर्षा मापन यंत्र का प्रयोग किया जाता है. यह यंत्र सामान्‍य तौर पर ऊंचे और खुले स्थान पर लगाया जाता है. इसके लिए ऐसा स्‍थान चुना जाता है जहां आसपास पेड़, ऊंची दीवारें ना हों. जिससे बारिश का पानी सीधे यंत्र में गिरे.

वर्षा मापी यंत्र से आप क्या समझते हैं चित्र सहित व्याख्या कीजिए?

वर्षामापी वर्षा की मात्रा को वर्षामापी यंत्र द्वारा मापा जाता है। वर्षामापी यंत्र में धातु का सिलिंडर होता है, जिस पर एक गोलाकार कीप लगा होता है।