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बारिश में ये कैसे मापा जाता है कि कितनी बारिश हुई और जितनी हुई उसे किस तरह से देखा जाए.मानसून का सीजन है. कहीं ज्यादा बारिश हो रही है तो कहीं कम. इस झमाझम बारिश या कम बारिश को कैसे मापते हैं. इन्हें मापने के लिए कौन से तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं. अब तो बारिश की मात्रा को नापने के लिए आधुनिक यंत्र आ गए हैं. जानिए इसके बारे में सबकुछअधिक पढ़ें ...
हाइलाइट्सबारिश को मापने के लिए जिस यंत्र को काम में लाया जाता है, उसे वर्षामापी कहते हैंअब कई तरह के वर्षामापी यंत्र दुनियाभर में इस्तेमाल में आ रहे हैं, जिसमें आटोमैटिक यंत्र भीअगर कहीं 10 इंच के कम बारिश सालभर में होती है तो उसे रेगिस्तान मान लिया जाता हैमानसून का सीजन है. कहीं बदरा आ रहे हैं. झूमकर बसर रहे हैं तो कहीं तरसाकर चले जा रहे हैं. कहीं इतना बरस रहे हैं कि बाढ़ आ जा रही हैं. बारिश की खबरें हम सुनते हैं या पढ़ते हैं तो अक्सर बरसा का जिक्र इस तरह होता है कि यहां इतने मिलीमीटर बारिश हुई. क्या आपने कभी समझने की कोशिश की कि बारिश को मापते कैसे हैं. किसी स्थान पर होने वाली बारिश को मापने के लिए जिस यंत्र को काम में लाया जाता है, उसे वर्षामापी (rain gauge) कहते हैं. संसार के सभी देशों में वहां का मौसम विभाग बारिश का रिकॉर्ड रखने के लिए जगह जगह वर्षामापी यंत्र लगाता है, जिससे बारिश को इंचों या मिलीमीटर में नापा जाता है. अब भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल पुराने वर्षामापी का आमतौर पर गार्डन में मौसम विभाग इस तरह के सामान्य वर्षा मानक लगाता. जिसमें पैमाने के जरिए अंदाज लग जाता है कि कितनी बारिश हुई.कैसे काम करता है ये माप के और भी तरीके ये आटोमेटिक वर्षा मापी है, जिसमें बारिश होते ही बूंदों को पड़ने के साथ ये खुद रिकॉर्ड करने लगता है कि कितनी बारिश हुई.दूसरी
तरह वर्षामापी कैसे होते हैं रडार से भी मापी जाती है बारिश इसे टिपिंग बकेट रेनगेज कहते हैं. ये एक प्लेटफॉर्म पर रखा होता है, जैसे जैसे इसमें पानी की बूंदें पड़ती हैं, इसका वजन बढ़ता है तो इससे लगा इंडीकेटर ये बताने लगता है कि कितनी बारिश हुई. (wiki commons)आटोमेटिक वर्षामापी भी अब इस्तेमाल में तो वो जगह रेगिस्तान कहलाती है ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Heavy rain, Monsoon, Rain FIRST PUBLISHED : July 19, 2022, 14:19 IST वर्षा का मापन क्या है?इतिहास लगभग ५०० ईसापूर्व यूनान के लोगों द्वारा वर्षा की मात्रा का व्यौरा (रेकार्ड) रखने की पुष्टि हुई है। उसके लगभग सौ वर्ष बाद भारत में भी कटोरा का प्रयोग करके वर्षा की मात्रा मापने के बारे में जानकारी है। इस तरह के आंकड़े का प्रयोग संभावित विकास के बारे में भविष्यवाणी करने एवं उसके अनुसार भू-कर लगाने के काम आता था।
वर्षा मापी कितने प्रकार के होते हैं?अधिकतर रेन गॉग में वर्षा मिलीमीटर में ही मापी जाती है। 1662 में क्रिस्टोफर व्रेन ने ब्रिटेन में पहला रेन गॉग बनाया था। रेन गॉग यंत्र में एक फनल होती है जिसमें वर्षा जल के इकट्ठा होने से कितनी वर्षा हुई है इसका पता लगाया जाता है।
वर्षा को कैसे मापते है?बारिश को मापने के लिए रेन गॉग या वर्षा मापन यंत्र का प्रयोग किया जाता है. यह यंत्र सामान्य तौर पर ऊंचे और खुले स्थान पर लगाया जाता है. इसके लिए ऐसा स्थान चुना जाता है जहां आसपास पेड़, ऊंची दीवारें ना हों. जिससे बारिश का पानी सीधे यंत्र में गिरे.
वर्षा मापी यंत्र से आप क्या समझते हैं चित्र सहित व्याख्या कीजिए?वर्षामापी वर्षा की मात्रा को वर्षामापी यंत्र द्वारा मापा जाता है। वर्षामापी यंत्र में धातु का सिलिंडर होता है, जिस पर एक गोलाकार कीप लगा होता है।
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