विज्ञान का इतिहास से तात्पर्य विज्ञान व वैज्ञानिक ज्ञान के ऐतिहासिक विकास के अध्ययन से है। यहाँ 'विज्ञान' के अन्तर्गत प्राकृतिक विज्ञान व सामाजिक विज्ञान दोनों सम्मिलित हैं। प्राचीन सभ्यता[संपादित करें]प्रागैतिहासिक काल से ही, सलाह तथा ज्ञान वाचिक परम्परा के रूप में पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता रहा था। उदाहरण के लिए, मक्के का कृषि के लिए गृहीकरण दक्षिणी मेक्सिको में ९००० वर्ष पूर्व हुआ था अर्थात लिपि के विकास से भी पहले।[1][2][3] इसी प्रकार, पुरातात्त्विक प्रमाण संकेत देते हैं कि साक्षरतापूर्व समाजों में खगोलीय ज्ञान का विकास हो चुका था।[4][5] यूरोपका विज्ञान[संपादित करें]आधुनिक विज्ञान[संपादित करें]प्राकृतिक विज्ञान[संपादित करें]भौतिक विज्ञान[संपादित करें]यह विज्ञान की की ऐसी शाखा है जिसमे द्रव तथा ऊर्जा और उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन होता है। भौतिकी प्राकृतिक जगत का मूल विज्ञान है, क्योंकि विज्ञान की अन्य शाखाओं के विकास भौतिकी के ज्ञान पर बहुत हद तक निर्भर करता है। रसायन विज्ञान[संपादित करें]विज्ञान की वह शाखा जिसमे पदार्थों के संघटन, संरचना, गुणों और रासायनिक अभिक्रिया के दौरान इनमें हुए परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता हैं, उसे रसायन विज्ञान कहते हैं। जीव विज्ञान[संपादित करें]विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत सजीवों के उत्पति विकास कार्य संरचना और क्रिया का अध्ययन करते है जीव विज्ञान कहलाता है। जीव विज्ञान का पिता अरस्तू को माना जाता है क्योंकि उन्हींने पहली वार जीवों को उतवीकास और आकार आकृति के आधार पर वर्गीकृत किया जिसके बाद जीवों का अध्ययन आसान हो गया। अकादमिक अध्ययन[संपादित करें]ये भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
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