रीढ़ की हड्डी में कैंसर कैसे होता है? - reedh kee haddee mein kainsar kaise hota hai?

रीढ़ की हड्डी के कैंसर का कारण 
एक्सपर्ट  का कहना है कि अभी तक रीढ़ की हड्डी के कैंसर के सही कारणों का पता नहीं चला है। फिलहाल इसपर अभी शोध किए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि डीएन में दोष के कारण रीढ़ की हड्डी में कैंसर हो सकता है। वहीं  रीढ़ की हड्डी में कैंसर बढने के कुछ जोखिम भी हैं। 
1. धूम्रपान का अधिक सेवन करना।
2. शराब का सेवन करना।
4. मोटापा
5. शरीर स्थिर रहना इत्यादि।

रीढ़ की हड्डी कैंसर के लक्षण
1. पीठ में लगातार दर्द होना
2. शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द या जलन महसूस होना
3. स्तब्ध हो जाना या झुंझुनाहट होना तंत्रिका तंत्र पर दबाव पड़ने की स्थिति में आपको सुन्नता महसूस होती है
4. पैर या हाथ में मांसपेशियों की शक्ति न रहना।
5. चलने में परेशानी
6. थड़े होने में परेशानी
7. मूत्र या मल नियंत्रण में कमी
8. शरीर में थकान रहना
9. वजन कम होना
10. फेफड़ों में कैंसर फैलने पर सांस लेने में परेशानी होना 

रीढ़ की हड्डी कैंसर का इलाज और उसके बचाव 
रीढ़ की हड्डी के कैंसर का इलाज हर व्यक्ति में अलग-अलग तरीके से किया जाता है। यह ट्यूमर के स्थान और गंभीरता पर निर्भर करता है। रीढ़ की हड्डी कैंसर का इलाज सर्जरी, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी और कीमोथेरेपी के जरिए किया जा सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं रीढ़ की हड्डी कैंसर के कुछ सामान्य इलाज

सर्जरी - रीढ़ की हड्डी में जब किसी एक हिस्से पर ट्यूमर सीमित होता है तो कैंसर का इलाज सर्जरी के जरिए किया जा सकता है।

1. कीमोथेरपी

कीमोथेरेपी में दवाओं को मौखिक रूप से गोली के रूप में या नस में इंजेक्ट किया जा सकता है। कुछ स्पाइनल ट्यूमर के लिए दवाओं को सीधे तौर पर मस्तिष्कमेरु द्रव दी जा सकती हैं।

2. विकिरण उपचार 

स्पाइनल कैंसर रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल आमतौर पर ट्यूमर के सर्जिकल रिसेक्शन के बाद किया जाता है, ताकि पीछे छोड़े गए सूक्ष्म ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट किया जा सके।

3. रंडियोलॉजी

इसके अलावा हस्तक्षेपीय रंडियोलॉजी और लक्षित चिकित्सा द्वारा भी रीढ़ की हड्डी के कैंसर का इलाज किया जाता है।

ध्यान रखें कि रीढ़ की हड्डी का कैंसर एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी है। ऐसे में अगर आपको इसके लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। हड्डीयों में किसी तरह की परेशानी महूस होने पर डॉक्टर से समय पर इलाज कराएं। ताकि गंभीर परेशानियां होने से रोका जा सके।

रीढ़ की हड्डी में कैंसर कैसे होता है? - reedh kee haddee mein kainsar kaise hota hai?

रीढ़ की हड्डी हमारे शरीर का बहुत ही अभिन्न अंग माना जाता है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का हिस्सा है, जो एक स्तंभ के रूप में फैली हुई होती है। रीढ़ की हड्डी के द्वारा ही मस्तिष्क से शरीर के अन्य हिस्सों को महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाना है। रीढ़ की हड्डी का कैंसर तब बनता है, जब रीढ़ की हड्डी, ऊतकों, तरल पदार्थ या तंत्रिकाओं में असामान्य रूप से कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं। धीरे-धीरे यह कोशिकाएं ट्यूमर का रूप धारण कर लेती हैं। हालांकि, रीढ़ की हड्डी का कैंसर काफी दुर्लभ होता है। मानस हॉस्पिटिल के ऑर्थोपेडिक डॉक्टर सचिन भामू का कहना है कि रीढ़ की हड्डी का कैंसर, हड्डियों से जुड़ा कैंसर है। इससे ग्रसित लोगों को मांसपेशियों में कमजोरी, शरीर के कई हिस्सों में दर्द, चलने और खड़े होने में कठिनाई और लकवा जैसे लक्षण दिखते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं रीढ़ की हड्डी कैंसर के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके क्या हैं?

रीढ़ की हड्डी में कैंसर कैसे होता है? - reedh kee haddee mein kainsar kaise hota hai?

रीढ़ की हड्डी कैंसर के लक्षण (Spinal cord cancer symptoms)

  • पीठ में लगातार दर्द होना
  • शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द या जलन महसूस होना
  • स्तब्ध हो जाना या झुंझुनाहट होना (तंत्रिका तंत्र पर दबाव पड़ने की स्थिति में आपको सुन्नता महसूस होती है)
  • पैर या हाथ में मांसपेशियों की शक्ति न रहना। 
  • चलने में परेशानी
  • थड़े होने में परेशानी 
  • मूत्र या मल नियंत्रण में कमी
  • शरीर में थकान रहना
  • वजन कम होना
  • फेफड़ों में कैंसर फैलने पर सांस लेने में परेशानी होना (यह एक गंभीर स्थिति है)

रीढ़ की हड्डी के कैंसर का कारण (Causes of Spinal Cord Cancer)

डॉक्टर सचिन का कहना है कि अभी तक रीढ़ की हड्डी के कैंसर के सही कारणों का पता नहीं चला है। फिलहाल इसपर अभी शोध किए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि डीएन में दोष के कारण रीढ़ की हड्डी में कैंसर हो सकता है। वहीं, रीढ़ की हड्डी में कैंसर बढने के कुछ जोखिम भी हैं। जैसे- 

  • धूम्रपान का अधिक सेवन करना।
  • शराब का सेवन करना।
  • मोटापा
  • शरीर स्थिर रहना इत्यादि।

रीढ़ की हड्डी कैंसर का इलाज (Spinal cord cancer Treatment)

रीढ़ की हड्डी के कैंसर का इलाज हर व्यक्ति में अलग-अलग तरीके से किया जाता है। यह ट्यूमर के स्थान और गंभीरता पर निर्भर करता है। रीढ़ की हड्डी कैंसर का इलाज सर्जरी, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी और कीमोथेरेपी के जरिए किया जा सकता है।  आइए विस्तार से जानते हैं रीढ़ की हड्डी कैंसर के कुछ सामान्य इलाज-

रीढ़ की हड्डी में कैंसर कैसे होता है? - reedh kee haddee mein kainsar kaise hota hai?

सर्जरी - रीढ़ की हड्डी में जब किसी एक हिस्से पर ट्यूमर सीमित होता है, तो कैंसर का इलाज सर्जरी के जरिए किया जा सकता है। 

कीमोथेरपी - कीमोथेरेपी में दवाओं को मौखिक रूप से, गोली के रूप में या नस में इंजेक्ट किया जा सकता है। कुछ स्पाइनल ट्यूमर के लिए, दवाओं को सीधे तौर पर मस्तिष्कमेरु द्रव दी जा सकती हैं।

विकिरण उपचार - स्पाइनल कैंसर रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल आमतौर पर ट्यूमर के सर्जिकल रिसेक्शन के बाद किया जाता है, ताकि पीछे छोड़े गए सूक्ष्म ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट किया जा सके।

इसके अलावा  हस्तक्षेपीय रंडियोलॉजी और  लक्षित चिकित्सा द्वारा भी रीढ़ की हड्डी के कैंसर का इलाज किया जाता है। 

ध्यान रखें कि रीढ़ की हड्डी का कैंसर एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी है। ऐसे में अगर आपको इसके लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। हड्डीयों में किसी तरह की परेशानी महूस होने पर डॉक्टर से समय पर इलाज कराएं। ताकि गंभीर परेशानियां होने से रोका जा सके। 

रीड की हड्डी का कैंसर कैसे होता है?

रीढ़ की हड्डी का कैंसर तब बनता है जब रीढ़ की हड्डी ऊतकों तरल पदार्थ या तंत्रिकाओं में असामान्य रूप से कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं। नई दिल्ली : रीढ़ की हड्डी का कैंसर काफी दुर्लभ होता है। मानस हॉस्पिटिल के ऑर्थोपेडिक डॉक्टर सचिन भामू का कहना है कि रीढ़ की हड्डी का कैंसर हड्डियों से जुड़ा कैंसर है।

बोन कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या है?

हड्डियों के कैंसर (ओस्टियोसारकोमा) के संकेत और लक्षण.
हड्डी या जोड़ों में दर्द होना.
जोड़ वाली जगह को हिलाने में समस्याएं.
हड्डी के ऊपर कोई गाँठ या सूजन.
लंगड़ाहट या चलने में समस्या.
टूटने वाली हड्डी (फ़्रैक्चर).

हड्डी का कैंसर आमतौर पर कहाँ से शुरू होता है?

यह हड्डियों में शुरू होने वाला दुर्लभ कैंसर है। यह शरीर की किसी भी हड्डी में शुरू हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर पेल्विस या हाथ-पैरों की लंबी हड्डियों को प्रभावित करता है। कुछ प्रकार के बोन कैंसर बच्चों पर असर डालते हैं, जबकि ज्यादातर वयस्कों को प्रभावित करते हैं।

कैंसर की लास्ट स्टेज में क्या होता है?

कैंसर की आखिरी स्टेज 4 होती है. यह काफी खतरनाक होती है और जानलेवा साबित हो सकती है. इस स्टेज में कैंसरस ट्यूमर आसपास या दूर के दूसरे शारीरिक अंगों तक फैल जाता है. इसे सेकेंडरी और मेटास्टेटिक कैंसर (Secondary or Metastatic Cancer) भी कहा जाता है.