बाल मिठाई भारत के उत्तराखंड राज्य की एक लोकप्रिय मिठाई है। यह भुने हुए खोये पर चीनी की सफेद गेंदों के लेप द्वारा बनायी जाती है, और दिखने में भूरे चॉकलेट जैसी होती है। यह उत्तराखण्ड के कुमाऊं मंडल में समान रूप से सभी क्षेत्रों में प्रसिद्ध है। इतिहास[संपादित करें]कुमाऊं क्षेत्र में बाल मिठाई लगभग ७वीं - ८वीं सदी ई में नेपाल से आयी थी।[1] विद्वानों का यह भी मानना है कि बाल मिठाई शुरू में सूर्य देवता को अर्पित किया जाने वाला प्रमुख प्रसाद रहा होगा। पकाने की विधि[संपादित करें]खोये को चीनी मिलाकर तब तक पकाया जाता है, जब तक कि वह दिखने में चॉकलेट के सामान नहीं हो जाता। उसे कुछ समय तक जमने दिया जाता है, और फिर आयताकार टुकड़ों में काट कर चीनी की सफेद गेंदों से सजाया जाता है।[2][3] लोकप्रियता[संपादित करें]बाल मिठाई तथा सिंगोरी लंबे समय से ही अल्मोड़ा जनपद,[4] और पड़ोसी क्षेत्रों की विशेषता रही है. स्थानीय मिठाई निर्माताओं को बौद्धिक संपदा अधिकार और भौगोलिक संकेत सुरक्षा के बारे में बताने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. 'भौगोलिक संकेत के माल अधिनियम, 1999' के द्वारा वे लोग स्थानीय व्यंजनों की बाल मिठाई और सिंगोरी के लिए पेटेंट की मांग कर सकते हैं.[5] सन्दर्भ[संपादित करें]
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