उत्खनन से किस प्रकार के पर्यावरणीय दुष्प्रभाव हो सकते हैं उनका क्या निदान है - utkhanan se kis prakaar ke paryaavaraneey dushprabhaav ho sakate hain unaka kya nidaan hai

विषयसूची

  • 1 उत्खनन से किस प्रकार के पर्यावरणीय दुष्प्रभाव हो सकते हैं उनका क्या निदान है?
  • 2 औद्योगिक पर्यावरण क्या है?
  • 3 खनन की प्रमुख विधियाँ कौन कौन सी है वर्णन कीजिए?
  • 4 आयनीकरण प्रदूषण क्या है?

उत्खनन से किस प्रकार के पर्यावरणीय दुष्प्रभाव हो सकते हैं उनका क्या निदान है?

इसे सुनेंरोकेंनदियों व तालाबों से खनन करके लाई गई रेत या बालू का परिवहन खुले वाहनों में किया जाता है। जो हवा के साथ उड़कर पर्यावरण को दूषित करती है। रेत के सूक्ष्म कण हवा में फैलने से वह संास लेने पर हमारे शरीर के अंदर चले जाते है जो हमारे फेफड़ों में एकत्र हो जाता है। इससे हमारे शरीर में नई-नई बीमारियां होने लगती हैं।

औद्योगिक पर्यावरण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप पर्यावरण में सर्वथा नवीन तत्व समावेशित हो जाते हैं जो पर्यावरण के भौतिक एवं रासायनिक संघटकों को भी परिवर्तित कर देते हैं। कारखानों द्वारा उत्पन्न अवांछित उत्पाद यथा ठोस अपशिष्ट, प्रदूषित जल, विषैली गैसें, धूल, राख, धुआँ इत्यादि जल, थल तथा वायु प्रदूषण के प्रमुख कारक हैं।

औद्योगिक प्रदूषण से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंऔद्योगिक गतिविधियों के साथ, वायु प्रदूषण , शोर , कंपन , जमीन की कमी , गंध की गंध के कारण मानव स्वास्थ्य और जीवित वातावरण के कारण होने वाली क्षति काफी हद तक होती है।

खनन की प्रमुख विधियाँ कौन कौन सी है वर्णन कीजिए?

खनिजों के लिए खनन में काम के चार प्रमुख चरण हैं

  • Explanation:
  • पूर्वेक्षण – इस चरण का उद्देश्य उन क्षेत्रों की पहचान करना है जिनमें खनिज जमा होने की संभावना है।
  • अन्वेषण : इस चरण का उद्देश्य संभावित खनन योग्य संसाधनों की खोज करना और पहचानी गई जमाओं की खनन की व्यवहार्यता का मूल्यांकन करना है।

आयनीकरण प्रदूषण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंये है पर्यावरण में असामान्य विकिरण के कारण प्रदूषण। विकिरण प्रदूषण मानव गतिविधियों के परिणामस्वरूप होने वाले आयनीकरण या गैर-आयनीकरण विकिरण का कोई रूप है। रेडियोधर्मी न्यूक्लाइड्स के क्षय से निकलने वाले विकिरण विकिरण (रेडिएशन) प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं।

उत्खनन से कौन कौन सी समस्या होती है?

इसे सुनेंरोकेंखनन के बाद निकाली गई रेत व बालू हवा में उड़ कर शुद्ध वायु को दूषित करती है। जिसका प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। सांस के साथ रेत के कण हमारे फेफड़ों में पहुंच जाते है। जिससे नई नई बीमारियां शरीर में घर बना लेती है।

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