उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया? - us ek rotee se unakee bhookh to kya shaant hotee par donon ke hrday ko maano bhojan mil gaya?

आशय स्पष्ट कीजिए-उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के ह्रदय को मानो भोजन मिल गया।


यहाँ मनुष्य तथा पशुओं के आत्मीय सम्बन्धों को व्यक्त किया गया है। हीरा और मोती गया के घर बंधे  हुए थे। गया ने उनके साथ अपमान पूर्ण व्यवहार किया था। इसलिए वे क्षुब्ध थे। परन्तु तभी एक नन्हीं लड़की ने आकर उन्हें एक रोटी ला दी। यद्यपि इससे हीरा-मोती की भूख कम नहीं हो सकती थी, तथापि उन्होंने बालिका के प्रेम का अनुभव कर लिया और प्रसन्न हो उठे

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दो बैलों की कथा

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क्षितिज भाग १

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एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती है पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया हीरा के इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए?

(ख) यहाँ मनुष्य तथा पशुओं के आत्मीय सम्बन्धों को व्यक्त किया गया है। दिन भर भूखा रहने के बाद भी उस छोटी-सी लड़की द्वारा दिए गए रोटी से उनकी भूख तो नहीं मिटती थी परन्तु दोनों के हृदय को संतुष्टि मिलती थी क्योंकि लड़की से उनको आत्मीयता हो गई थी।

छोटी बच्ची की लाई रोटी से बैलों की भूख क्या शांत हो गई?

Explanation: हीरा और मोती गया के घर में बंदी बनाए हुए थे। गया ने उनके साथ बुरा व्यवहार किया था । लेकिन एक लड़की ने उन्हें एक रोटी खिला दी, लेकिन इससे हीरा और मोती की भूख कम नहीं हुई थी पर उन्होंने बालिका के प्रेम का अनुभव कर लिया और प्रसन्न हो उठे ।