धतूरे के बारे मे आप जानते ही होगे । यह हमारे आस पास के खेतों के अंदर उगता है।वैसे तो धतूरा आमतौर पर जहरीला होता है। लेकिन इसके बावजूद भी धतूरे का प्रयोग किया जाता है। पूजा करने के लिए भी धतूरा प्रयोग मे लाया जाता है। अपने यहां पर सावन के महिने के अंदर सबसे ज्यादा देखने को मिलता है।धतूरा भगवान शिव को पसंद है। और धतूरे का सबसे ज्यादा प्रयोग दवाइयों को बनाने मे किया जाता है। यदि आप धतूरे के रस को सर पर लगाते हैं तो यह बाल उगा सकता है। Show
इसके अलावा जोड़ों के दर्द के अंदर भी धतूरे का इस्तेमाल किया जाता है। सरदी जुखाम के अंदर भी इसका प्रयोग किया जाता है।इसके अलावा दांतों के दर्द को दूर करने मे भी धतूरे का प्रयोग किया जाता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि जरा सी गलती होने पर यह आपको मौत के मुंह मे पहुंचा सकता है। इस वजह से इसका प्रयोग सोच समझ कर करना चाहिए। वैसे धतूरे का हर भाग विषाक्त होता है। जाने अनजाने मे खाने से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।इन पौधों को जिमसन वीड या कांटेधार पौधे के नाम से भी जाना जाता है।वैसे आधुनिक समय के अंदर इनकी खेती भी होती है।धतूरे का पौधा ब्रूगमैनिया के पौधे के जैसा होता है। कुछ धतूरा प्रजातियां ब्रूगमैनिया पौधे के जैसी होती हैं। और उनको फूल भी उसी की तरह होते हैं। ब्रूगमैनिया पौधे का प्रयोग सजावट के लिए घरों मे और बगीचों मे किया जाता है।पहले धतूरा के उपर फुल आते हैं ।उसके बाद कांटे जैसे फलों का उत्पादन होता है। जिनके अंदर बीज होते हैं। धतूरा के पौधों के सभी हिस्सों में एल्कोलोइड्स होते हैं, जैसे कि स्कोपामाइन, हायोसायमाइन और एट्रोपिन । अमेरिका जैसे देशों के अंदर धतूरे के बीजों का प्रयोग मनोरंजन के लिय किया जाता है। आमतौर पर इसका बीज खाने पर मतिभ्रम हो जाता है। 1990 से 2000 ई के बीच धतूरे का प्रयोग मनोरंजन के लिए सबसे ज्यादा किया जाने लगा था। इसी वजह से इसकी खाने से मौत की घटनाओं मे बढ़ोतरी हुई ।इसको खाने से मतिभ्रम, असामान्य विकार , असामान्य व्यवहार जैसी समस्याएं होती हैं।
धतूरे के रसायन और दवाधतूरे के अंदर तीन प्रमुख रसायन पाये जाते हैं।हाइपोप्सामाइन, एट्रोपीन और स्कोपामाइन इनकी वजह से कई प्रकार की समस्याएं होती हैं। इसके अलावा धतूरे से बनने वाली दवाएं नीचे दी जा रही हैं। एट्रोपिनयह एक एंटीकोलिनर्जिक है, जो स्राव को कम करता है, इसका प्रयोग एक दवा के रूप मे किया जाता है अत्यधिक श्लेष्मा उत्पादन, अत्यधिक लार का उत्पादन, आंत में ऐंठन (मूत्राशय या आंतों में), कोलाइटिस, चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम शामिल है। (IBS), पेप्टिक अल्सर, पार्किंसंस रोग, हृदय विकार और मस्तिष्क ट्यूमर आदि के उपचार मे इसका प्रयोग होता है। एट्रोपिन लेने से सामान्य दुष्प्रभावों में सिरदर्द होना , चक्कर आना, धुंधली दृष्टि, मतली, कब्ज, सूजन, स्वाद में परिवर्तन और पेशाब में परेशानी आदि समस्याएं हो सकती हैं। हायोसायमाइनइस दवा का प्रयोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।यह दवा Hyoscyamine पेप्टिक अल्सर, पेट का दर्द, डायवर्टीकुलिटिस , IBS, अग्नाशयशोथ जैसी स्थितियों को नियंत्रित करने मे सक्षम है।यह बहती नाक को रोकने और लार उत्पादन की स्थितियों को निर्धारित करने के लिए भी प्रयोग की जाती है।इस दवा की वजह से कई प्रकार के दुष्ष प्रभाव हो सकते हैं। जैसे चक्कर आना, सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, शुष्क मुंह, कब्ज,, पेशाब करने में परेशानी या त्वचा पर गर्म सनसनी हो सकती है। गंभीर दुष्प्रभावों में त्वचा पर चकत्ते उभरना, आंखों में दर्दहोना, अनियमित हृदय गति और दस्त भी लग सकती हैं। स्कोपोलामाइनइसका प्रयोग आमतौर पर उल्टी या मितली को कम करने के लिए किया जाता है।इसके ओवरडोज से समस्या हो सकती है।इसके दुष्टप्रभावों मे शुष्क मुंह,भटकाव, धुंधली दृष्टि, भ्रम, दाने होना, अधिक पेशाब और मतिभ्रम शामिल हैं। दवा से गंभीर साइड इफेक्ट में आते हैं नाड़ी, आंखों में दर्द और चक्कर आना हैं। वैसे यह रसायन अधिक खतरनाक नहीं होते हैं। लेकिन जब इनका प्रयोग धतूरा जैसी दवा के अंदर मिलाकर किया जाता है तो यह और भी खतरनाक हो जाते हैं। धतूरा खाने से क्या होता है ? शारिरिक समस्याएंदोस्तों धतूरा खाने से कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। जिनमे से कुछ निम्न लिखित हैं।
धतूरा खाने से मानसिक प्रभाव दोस्तों यदि कोई व्यक्ति धतूरा खाता है तो उसे मानसिक प्रभाव का भी सामना करना पड़ता है। और मानसिक प्रभाव कई प्रकार का हो सकता है।
धतूरा का नशा उतरने के बाददोस्तों यदि कोई व्यक्ति गलती से धतूरे को चख भी लेता है तो भी समस्या हो जाती है। और यदि किसी ने धतूरे को खा लिया है तो उसका उसे नशा हो जाता है। नशा उतरने के बाद भी कई प्रकार के दुष्ष प्रभाव देखने को मिलते हैं।
धतूरा के बीज खाने से क्या होता है ?दोस्तों दुनिया के अंदर बहुत से ऐसे लोग हैं जोकि धतूरा का बीज खाते हैं। ड्रग फोर्म के अंदर कई लोगों ने अपना एक्सपियंस लिखा । एक यूजर ने लिखा की वह धतूरा की चाय बनाकर पीता है। धतूरा के बीजों को खाने के बाद मुझे लगा की मैं खाई के अंदर कहीं जा रहा हूं । इसके अलावा मुझे काफी बुरा अनुभव हुआ। एक मनोचिकित्सक ने लिखा की उसने 7 बार धतूरे के बीजों का सेवन किया ।लेकिन 2 बार सेवन किया तो कुछ नहीं हुआ । लेकिन 5 बार और सेवन करने के बाद वास्तव मे मतिभ्रम हो गया । और कुछ दिनों बाद ही सामान्य हो पाया था। मैंने धतूरे के 10 बीजों का सेवन किया था। उसके बाद मुझे कुछ अलग ही महसूस हुआ जैसे हवा मुझे उड़ा रही है। और मैं आसमान मे उड रहा हूं ।कुछ समय पागलों की तरह कमरे के अंदर चक्कर काटता रहा ।उसके बाद 5 घंटे के लिए सोने चला गया । फिर उठा तो त्वचा सुन्न थी और सर दर्द हो रहा था। दोस्तों उपर हमने जो आपको अनुभव बताए हैं वे इंटरनेट से लियेगए हैं। हम आपको हिदायत देते हैं कि धतूरे का बीज खाने की गलति ना करें वरना मौत भी हो सकती है। ऐसी कई न्यूज आपको पढ़ने को मिल जाएंगी । जिसके अंदर लोग गलती से धतूरे का बीज खा लेते हैं। इस वजह से उनकी मौत हो जाती है। पीछले दिनों एक घटना न्यूज के अंदर आई थी कि तीन बच्चे ईमली के पेड़ के नीचे खेल रहे थे । उनको धतूरे के जले हुए बीज मिले और तीनों ने खालिये । उसके बादउनकी तबियत बिगड़ गई और उनमे से दो की मौत हो गई। जबकि एक की हालत गम्भीर बनी हुई थी।धतूरे के बीज खाने से क्या नुकसान होते हैं इसके बारे मे हम आपको उपर बता ही चुके हैं। धतूरे के पते खाने से क्या होता है ?दोस्तों धतूरे के पते भी उसके बीज जितने जहरीले होते हैं। कई लोग धतूरे के पते का सेवन करते हैं। लेकिन आपको इनका सेवन नहीं करना चाहिए । वरना मौत भी हो सकती है।क्वारा पर एक यूजर ने धतूरा के पते खाने के एक्सपिरियंस को शैयर किया और बताया कि यह काफी खतरनाक होता है। यदि आपको इसका उपयोग करने का तरीका पता नहीं है तो आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए । क्योंकि यह गलती करने से आपकी मौत भी हो सकती है। मैं एक शोमैन को जानता था। जिसने मुझे धतूरा के उपयोग के बारे मे बताया था। लेकिन मैं धतूरा के पतों को खाना चाहता था। उसके बाद मैंने एक पते को तोड़ा और उसे चबा गया । कुछ समय तक कुछ नहीं हुआ उसके बाद एक पता और तोड़ा और उसे भी खाया ।लगभग 10 मिनट बाद ही मुझे इसका असर होने लगा ।मुंह बहुत सूखा हो जाता है और जब कोई पानी पीता है तो मुंह या गले से बिल्कुल भी नहीं सोखता । गंभीर निर्जलीकरण के बाद मुझे अजीब सा लगा ।मेरी दृष्टि तैरने लगी और मुझे बहुत थकान महसूस हुई। मैंने शोमैन की सलाह के आधार पर इन सब चीजों से लड़ाई की और जिंदा बचा रहा । धतूरा खाने के बाद मुझे लगा कि मैं शरीर से दूर चल रहा हूं। मैं जल्दी जल्दी इधर उधर जा रहा था।दूसरे दिन मुझे नया जीवन मिला और अलग ही एहसास हुआ था। बहुत से लोग जो धतूरे का सेवन करते हैं उनमे से कुछ पागल हो जाते हैं। जबकि कुछ असमय ही चिल्लाते घूमते हैं। इसके अलावा कुछ तों मर ही जाते हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा कि हमारा एक दोस्त था। उसके घर के पास एक धतूरे का पौधा उग आया था।उसने धतूरे के पतो को खाने का निश्चिय किया और उसके 4 पते तोड़े और उसे पानी के अंदर उबाल कर खा गया ।उसको खाने के बाद उसने अपनी मां से बात की और मां को बिना कारण ही थप्पड़ मार दिया । बेटे के इस अजीब व्यवहार से मां चितिंत हुई और उसके पिता को फोन किया जोकि कार्यालय के अंदर थे। वे जल्दी से घर आए ।उनके माता पिता को कुछ भी समझ मे नहीं आया । उन्हें लगा कि यह कोई दवा का प्रभाव है। उसने अपनी पेंट मे पेशाब कर दिया औरवह इधर उधर घर के अंदर भटक रहा था। उसकी आंखे लाल हो चुकी थी। और उसे दिखाई भी कम देने लगा था। तीन दिन बाद तक उसकी द्रष्टी सामान्य हुई थी। धतूरे के बीज खाने से क्या फायदा होता हैदोस्तों धतूरे का बीज खाने से या उसके पते को खाने से कोई भी फायदा नहीं है। यदि आप यह गलती करने की सोच रहे हैं तो इसका मतलब है आप अपनी जान जोखिम के अंदर डाल रहे हैं। हां धतूरे का प्रयोग अनेक प्रकार की दवाओं को बनाने मे किया जाता है।इन दवाओं को परीक्षण करने के बाद ही प्रयोग किया जाता है और इनके अंदर जहर की मात्रा कम होती है। जिसका खराब असर नहीं होता है। उपर हमने तीन प्रमुख दवाओं के बारे मे बताया है जो धतूरा से बनती हैं।इसके अलावा धतूरा का प्रयोग कई प्रकार की आयुर्वेदिक उपचार मे भी किया जाता है। धतूरा का कितना यूज घातक हो सकता है ?दोस्तों वैसे तो हम आपको बता ही चुके हैं कि धतूरा का प्रयोग नहीं करना चाहिए । और अपने घर के अंदर भी धतूरा हो तो उसे काट कर फेंक देना चाहिए । वैसे धतूरा मे विषाक्तता अलग अलग स्थानों के आधार पर अलग अलग हो सकती है। इसके अलावा पौधे की आयु पर भी इसकी विषाक्तता निर्भर करती है।यदि आप धतूरा के बीज को आधे या एक चम्मच तक खा लेते हैं तो आपकी मौत हो सकती है। सो इसका सेवन भूल कर भी ना करें । धतूरा खाने के कितने समय बाद प्रभाव पड़ता है?धतूरा खाने के बाद इसका प्रभाव 20 से 30 मिनट के अंदर शूरू हो सकता है। इसके अलावा खूराक के आधार पर 2 से 3 घंटे तक लग सकते हैं।इसके अलावा प्रभाव जल्दी से 5 मिनट में शुरू हो सकता है। एक मध्यम धतूरा की खुराक 8-12 घंटे तक रहती है, जबकि मजबूत खुराक 2-3 दिनों तक प्रभाव डाल सकती है पारंपरिक संस्कृतियों में, धतूरे का प्रयोग खाने के लिए किया जाता था। लेकिन उनको इसके बारे मे अच्छी तरीके से जानकारी थी कि किस तरीके से नुकसान को कम किया जा सकता है। 1990 और 2000 के दशक में, संयुक्त राज्य अमेरिका के मीडिया में किशोरों को मरने का कारण धूतरा बताया था।यूरोप और भारत के कुछ हिस्सों में धतूरे का प्रयोग लोग सुसाइड के लिए भी करते हैं।1950 से 1965 तक भारत के अंदर धूतरा से होने वाली मौतों का 2,778 आंकड़ा था।इसके अलावा एक धार्मिक संगठन था भी था। जिसने धतूरे के प्रयोग को हिंदु देवी देवताओं के साथ जोड़ा था। वे भक्तों को धतूरा खिलाते थे और उसके बाद ठगी करते थे । भगवान शिव के बारे मे कहा जाता है कि उनको धतूरा प्रिय है लेकिन सच को कोई नहीं जानता है। और ना ही जानना चाहता है। धतूरे के बीज खाने से क्या नुकसान है?धतूरा बहुत ज़हरीला पौधा होता है जिसमें atropine ,meteolodine जैसे खतरनाक तत्व पाए जाते हैं। इन तत्वों के सेवन से मनुष्य की मौत तक हो जाती हैं। धतूरे का बाह्य रूप में प्रयोग त्वचा संबंधी समस्या जैसे खुजली, एलर्जी, त्वचा का जलना आदि पैदा करता हैं।
धतूरे के कितने बीज खाने से मौत हो जाती है?यदि आप धतूरा के बीज को आधे या एक चम्मच तक खा लेते हैं तो आपकी मौत हो सकती है।
Dhatura कितना जहर होता है?यह रसायन अत्याधिक जहरीला होता है। पर एक अच्छी बात यह है, कि इस हेतु सेव के एक कप भर के ( लगभग 200) बीज पीस कर खाने होंगे, तभी इंसान को मारने लायक हायड्रोजन सायनाइड उत्पन्न हो सकेगा। अत: अगर कभी आप गलती से एक दो बीज खा भी लें तो डरें नही आपको पता भी नही चलेगा।
धतूरे का सेवन कैसे करें?इसके सेवन के लिए लौंग और धूतरे के बीज को बराबर मात्रा में पीस लें. फिर इसके बाद इसमे शहद मिलाकर छोटी गोलियां बना लें. अब रोजाना सुबह इसकी एक गोली खाएं, बदलाव आप खुद महसूस करेंगे. धतूरे का प्रयोग जोड़ों के दर्द में भी किया जा सकता है.
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