दूध का फैट कैसे चेक करते हैं? - doodh ka phait kaise chek karate hain?

पशुपालन करने वाले किसान भाई हमेशा सोचते हैं कि किस प्रकार वो अपने पशुओं का दूध बड़ा सकते हैं, साथ ही कुछ ऐसी डाइट के बारे में पता चल जाए कि गाय-भैंस की लेवटी यानि की अडर बढ़ा सकें।

तो आज हम आपको बताएँगे कि दूध में फैट की मात्रा पशु की नस्ल, स्वास्थ्य और उसके आहार पर निर्भर करती है. अगर आप वही आहार दो अलग नस्ल के पशु को देंगे फिर भी उनकी जो फैट की मात्रा है उसमे बहुत ही ज्यादा फरक रहता है। अगर आपको दूध फैट के आधार में बेचना है तो पशु खरीदते समय उसका फैट की मात्रा जाँच करवा लें।

ऐसे में पशुपालक अपने दुधारू पशु को हरे चारे और सूखे चारे का संतुलित आहार देकर दूध में वसा की मात्रा को बढ़ा सकते हैं।

किसान भाई नीचे दिए फार्मूले से फ़ायदा उठा सकते हैं। यह रोजाना पशुओं को देना होता है जो दूध देते हैं।

A) एक सो ग्राम नमक

B) दो सो ग्राम सरसों का तेल

C) एक सो ग्राम गुड

D) सो ग्राम कैल्शियम

इन चारों चीजों को मिलाकर दुधारू पशुओं को दें इससे अंदर की कमज़ोरी कम होगी और पशु जितना जियादा हो सके दूध देगा

इसके आलावा आपक एक दूसरा नुस्खा भी अपना सकते हैं

इसके लिए सबसे पहले आप मक्के को पिसवा के बिलकुल आटे की तरह बना लेना है, ध्यान रहे कि ये बिलकुल बारीक पिसा हो।

उसके बाद इसे छान के इसमें पानी डालें और बिलकुल आटे की तरह हिलाएं और अच्छे से इसका चूरा बना लें। अब इसमें आपको आटा डालना है और इसे अच्छी तरह से मिला लेना है। इसके बाद इसमें पानी डाल के आटे की तरह गूंध लें। बाद में इसमें अजवाइन डाल दें।

अब इसे गोल गोल पेड़े जैसे गोले बना लें। अब आपको इसे रोटी की तरह बेल लेना है और तवे के ऊपर बिलकुल अच्छी तरह से रोटी की तरह सेक लेना है। अब एक बर्तन में सरसों का तेल लेना है और इसमें थोड़ा नमक डाल दें और अच्छी तरह से मिला लें। अब इस तेल को उस रोटी के ऊपर दोनों तरफ अच्छी तरह से लगा दें।

अब इस रोटी को अपने पशु को खिला दें। इसी तरह की 3-4 रोटियां सुबह और तीन चार रोटियां शाम को खिलाने से आपके पशु का दूध भी बढ़ेगा, दूध में फैट की मात्रा भी बढ़ेगी और साथ ही आपके पशु के अडर यानि लेवटी के आकार में भी बढ़ोतरी होगी।

अगर आप डेयरी बिजनेस में थोड़ी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर लें तो आप आसानी से कम वक्त में अच्छी कमाई कर सकते हैं.

ऐसे बहुत से लोग हैं जो डेयरी बिजनेस शुरू करना चाहते हैं और कई लोगों ने शुरू भी किया है. अक्सर लोग बस दूध खरीदकर उसे बेचना शुरू कर देते हैं, जिससे उन्हें ज्यादा प्रोफिट नहीं होता है. लेकिन, अगर आप इस बिजनेस में थोड़ी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर लें तो आप आसानी से कम वक्त में अच्छी कमाई कर सकते हैं. इन टेक्नोलॉजी से आप ना सिर्फ ग्राहकों का विश्वास जीत पाएंगे और अच्छे पैसे भी कमा पाएंगे.

दरअसल, अब कोई भी सामान खरीदते वक्त पैसे से ज्यादा उसकी क्वालिटी पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. ऐसे में आप क्वालिटी के आधार पर ही अच्छा पैसा कमा सकते हैं. ऐसे में हम आपको एक तरीका बता रहे हैं, जो आपको बिजनेस में काम आ सकता है. आइए जानते हैं आप किस तरह से कम निवेश के अच्छा बिजनेस कर सकते हैं…

दरअसल, जिन लोगों के पास गाय या भैंस नहीं होती है, वो पशुपालकों से दूध खरीदकर आम लोगों को बेचते हैं. अक्सर लोग गांव में से किसानों या पशुपालकों से दूध खरीदते हैं और फिर इसे बेचते हैं. ऐसे में आप भी ये बिजनेस शुरू कर सकते हैं और किसी गांव के आस-पास से दूध खरीदकर दूसरी जगह बेच सकते हैं. लेकिन आपको सिंपल तरीके से ऐसा नहीं करना है, अगर आप दो मशीन लेकर ये काम शुरू करेंगे तो आपको मुनाफा ज्यादा होगा. जानते हैं वो दो मशीन कौनसी हैं और इससे कैसे फायदा हो सकता है…

मिल्क स्टीरर मशीन

इस मशीन को आम भाषा में कई लोग वाइब्रेटर भी कहते हैं. ये मशीन दूध के सैंपल का तापमान मेनटेन करने का काम करती है. किसी भी दूध की जांच के लिए पहले सैंपल लेना होता है, फिर जब सैंपल को इस मशीन में लगाते हैं तो यह दूध के तापमान को फैट जांचने के हिसाब से कर देता है. अगर दूध ज्यादा ठंडा है या गर्म है तो वो इसे सही कर देता है. यह मशीन करीब 3 हजार रुपये की आती है.

फैट टेस्टिंग मशीन

इसके साथ ही दूसरी काम की मशीन है ये फैट टेस्टिंग मशीन. बाजार में कई तरह की फैट टेस्टिंग मशीन उपलब्ध है. ऐसे में आप वाइब्रेट किए गए दूध को इससे चेक करते हैं और ये फैट के बारे में बता देता है. साथ ही इससे पता चल जाता है कि दूध में मिलावट है या नहीं. यह मशीन डेयरी का बिजनेस करने वाले लोगों के लिए काफी फायदेमंद होती है. ऐसे में आप ये मशीन जरूर खरीदें.

किस तरह आएंगी काम?

दरअसल, ये मशीन दूध खरीदते और बेचते वक्त दोनों समय काम आती है. जब आप किसी से दूध खरीदते हैं तो आप इस मशीन के जरिए फैट चेक कर सकते हैं. इस फैट के हिसाब से ही आप दूध की रेट तक कर सकते हैं. जिन लोगों के पास ये मशीन नहीं होती हैं, उन्हें कई पशुपालक मिलावट वाला दूध भी बेच देते हैं, जिससे उनके कारोबार पर असर पड़ता है.

ऐसे में आप इस मशीन की वजह से सही दाम में सही माल खरीद पाएंगे. साथ ही अपने ग्राहकों को विश्वास दिलाने के लिए आप इससे फैट कर सकते हैं. अगर आप ग्राहक को फैट चेक करवाकर मिलावट ना होने की गारंटी देते हैं तो आपके ग्राहकों की संख्या बढ़ती है. ऐसा करने से ग्राहक आपकी ओर आकर्षित होते हैं और आप इससे शानदार कमाई कर पाते हैं.

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दूध की गुणवत्ता अच्छी हो तो उसकी कीमत और मांग दोनों ही बढ़ जाती है। इस बात को डेयरी उद्योग के लोग भली भांति जानते हैं। यही कारण भी है जिसकी वजह से डेयरी उद्योग के लोग दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने के लिए कई तरह के उपाय अपनाते हैं। आज के समय में दूध के अंदर फैट और एसएनएफ बढ़ाने के लिए पाउडर, वनस्पति तेल, इंजेक्शन और घी आदि का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या यह तरीका सही है और क्या सच में इन पदार्थों के जरिए दूध में मौजूद फैट और एसएनएफ को बढ़ाया जा सकता है।

आइए आज विस्तार से जानते हैं, आखिर दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने के लिए मिलाया जाने वाला पाउडर कितना कारगर है और इसके क्या, नुकसान हो सकते हैं। इसके अलावा एक नजर इस बात पर भी डालेंगे कि आखिर क्यों दूध में यह मिलावट की जा रही है।

दूध में फैट और एसएनएफ क्यों है जरूरी

दूध का उपभोग करने वाले और उसे बेचकर आय अर्जित करने वाले लोग दूध में मौजूद फैट को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं। यह फैट और एसएनएफ ही है जो दूध के जरिए शरीर को लाभ पहुंचाते हैं। आपको बता दें कि दूध के अंदर फैट और एसएनएफ जितना अधिक होता है उतनी ही दूध की कीमत भी बढ़ जाती है। ज्ञात हो की दूध के अंदर फैट के अलावा पाए जाने वाले यौगिक पदार्थ और विटामिन को ही एसएनएफ कहा जाता है। 

फैट और एसएनएफ की मात्रा के लिए जिम्मेदार कारण 

गाय या भैंस के जरिए प्राप्त दूध में फैट और एसएनएफ कितना होगा यह कई बातों पर निर्भर करता है। इसमें दूध की गुणवत्ता अच्छी न होने का सबसे पहला कारण पशु को दिया जाने वाला आहार होता है। अगर पशु को सही मात्रा में सही आहार न दिया जाए तो इसका असर दूध की गुणवत्ता पर पड़ता है। इसके अलावा अगर पशु किसी रोग से पीड़ित हो तो इसका असर भी दूध की गुणवत्ता पर देखा जा सकता है। इसके साथ ही गाय या भैंस की नस्ल भी दूध के फैट और एसएनएफ की मात्रा के लिए जिम्मेदार होती है। अगर पशुपालक पशु को सही आहार दे और उसे रोग से बचाकर रखें तो पशु के दूध की गुणवत्ता बेहतर हो सकती है, या फिर एक अच्छी नस्ल की गाय या भैंस Animall App के जरिए खरीदें।  

दूध में पाउडर मिलाना या मिलावट करना कितना फायदेमंद

एक पशुपालक या डेयरी उद्योग का व्यक्ति जब दूध में पाउडर, वनस्पति तेल, घी आदि की मिलावट करता है, तो इससे दूध गाढ़ा तो हो जाता है। लेकिन इसका स्वाद और इसके गुण अवगुणों में भी बदल जाते हैं। जिसका पता ग्राहक आसानी से दूध के स्वाद के जरिए भी लगा लेता है। यही नहीं दूध में पाउडर मिलाने की वजह से एसएनएफ तो बढ़ जाता है। लेकिन इससे दूध के फैट में कोई बढ़ोतरी नहीं होती। इसलिए दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने के लिए सही तरीकों को अपनाया जाना चाहिए। 

दूध में मिलावट की वजह 

आमतौर पर पशुपालक या डेयरी उद्योग के लोग दूध के अंदर मिलावट इसलिए करते हैं, ताकि वह अधिक मुनाफा कमा सकें। दरअसल डेयरी उद्योग के अंदर जिस गाय या भैंस के दूध में फैट और एसएनएफ अधिक होता है। उस गाय और भैंस का दूध अधिक दामों पर बेचा जा सकता है। ऐसे में पशुपालकों और छोटे किसानों के पास आय का जरिया एक पशु के जरिए प्राप्त दूध ही है। यह कारण भी है जिसकी वजह से दूध में मिलावट की जाती है।

दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने का सही तरीका 

दूध में फैट और एसएनएफ को बढ़ाने के लिए पशुपालक भाई उन्हें ब्याने से पहले और ब्याने के बाद सही मात्रा में हरा चारा और सूखा चारा दें। इसके अलावा पशुओं की साफ सफाई का भी ध्यान रखें और इन्हें रोग से बचाकर रखें। वह पशुपालक भाई जो दूध की गुणवत्ता बेहतर चाहते हैं, वे एक अच्छी नस्ल का पशु खरीदें।  पशुपालक भाई इस बात का खास ध्यान रखें कि एक अच्छी नस्ल ही बेहतर दूध उत्पादन क्षमता रखती है। इसलिए अगर आप डेयरी उद्योग के लिए एक गाय या भैंस खरीद रहे हैं तो उसकी नस्ल का चुनाव सोच समझकर करें।  

इन सभी बातों के अलावा एक पशुपालक को यह ध्यान रखना चाहिए कि पशु को अधिक इंजेक्शन या खराब खाद्य सामग्री कभी न दें। ऐसा करने पर न केवल पशु की दूध देने की क्षमता प्रभावित होती है। बल्कि कई बार पशु के द्वारा दिया गया दूध भी दूषित हो जाता है। इसके साथ ही पशु के व्यवहार पर भी नजर बनाकर रखें।

Animall ऐप करें डाउनलोड

किसान और पशुपालक भाई इस लेख के माध्यम से समझ गए होंगे कि एसएनएफ बढ़ाने का सही और गलत तरीका क्या है। अगर आपको अब भी एसएनएफ से संबंधित किसी तरह की जानकारी हासिल करनी है तो आप हमारी ऐप पर जुड़ सकते हैं। ऐप पर आप न केवल एसएनएफ से जुड़ी जानकारी हासिल कर पाएंगे। बल्कि ऐप के माध्यम से गाय और भैंस खरीद और बेच भी पाएंगे। यानी आप इस ऐप का इस्तेमाल हर तरह से कर सकते हैं। चाहे आपको गाय या भैंस बेचनी हो या खरीदनी हो। इसके अलावा अगर आपका पशु बीमार है तो आप  Animall App पर डॉक्टर से मदद भी मांग सकते हैं। अगर आप एक पशुपालक हैं तो आप इसे आसानी से प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं या फिर आप ऐप डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए विकल्प पर क्लिक करें।

दूध में फैट की मात्रा कैसे चेक की जाती है?

गाय के दूध में फैट की मात्रा 3.5 प्रतिशत तथा मिल्क सॉलिड नॉन फैट की मात्रा 8.5 प्रतिशत होनी चाहिए। भैंस के दूध में फैट की मात्रा 5 प्रतिशत तथा मिल्क सॉलिड नॉन फैट की मात्रा 9.5 प्रतिशत होनी चाहिए। लैक्टोमीटर से चेक करें दूध की मिलावट।

दूध की फैट निकालने की मशीन की कीमत क्या है?

किसी भी दूध की जांच के लिए पहले सैंपल लेना होता है, फिर जब सैंपल को इस मशीन में लगाते हैं तो यह दूध के तापमान को फैट जांचने के हिसाब से कर देता है. अगर दूध ज्यादा ठंडा है या गर्म है तो वो इसे सही कर देता है. यह मशीन करीब 3 हजार रुपये की आती है.

दूध में फैट बढ़ाने के लिए कौन सा केमिकल मिलाया जाता है?

सीकर। कई व्यापारी मसालों में चापट (छाणस) और दूध का फैट बढ़ाने के लिए ग्लिसरीन की मिलावट कर रहे हैं।