ज्ञान की अवधि मनुष्य पर क्या प्रभाव डालती है? - gyaan kee avadhi manushy par kya prabhaav daalatee hai?

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Short Note

ज्ञान की आँधी का भक्त के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

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Solution

ज्ञान की प्राप्ति से भक्त के अंदर ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति का उदय होता है तथा ज्ञान के प्रकाश से जीवन अज्ञानता रुपी अंधकार से मुक्त होकर प्रकाशमय हो जाता है, मनुष्य मोह-माया से मुक्त हो जाता है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 9 A)

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Chapter 9: साखियाँ एवं सबद - प्रश्न अभ्यास [Page 93]

Q 12Q 11Q 13.1

APPEARS IN

NCERT Class 9 Hindi - Kshitij Part 1

Chapter 9 साखियाँ एवं सबद
प्रश्न अभ्यास | Q 12 | Page 93

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विषयसूची

  • 1 ज्ञान की आंधी मनुष्य जीवन पर क्या प्रभाव डालती है?
  • 2 ज्ञान की आँधी आने पर क्या परिवर्तन नहीं होता है?
  • 3 ज्ञान की औषधि पर क्या प्रभाव डालती है?
  • 4 कवयित्री कौन सा सागर पार करना चाहती है?
  • 5 क संत सुजान से कवि का क्या आशय है विस्तार पूर्वक लिखिए?
  • 6 मनुष्य ईश्वर को कहां कहां ढूंढता फिरता है और क्यों?

ज्ञान की आंधी मनुष्य जीवन पर क्या प्रभाव डालती है?

इसे सुनेंरोकेंज्ञान की आंधी के आने से भक्त के मन के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। उसके मन के भ्रम दूर हो जाते हैं। माया, मोह, स्वार्थ, धन, तृष्णा, कुबुद्धि और विकार समाप्त हो जाते हैं। इसके बाद उसके शुद्ध मन में भक्ति और प्रेम की वर्षा होती है जिससे जीवन में आनंद ही आनंद छा जाता है।

ज्ञान की आँधी के आने से क्या समाप्त हो जाता?

इसे सुनेंरोकेंज्ञान की आंधी से भक्त के जीवन के भ्रम दूर हो जाते हैं। माया उसे बांधकर नहीं रख सकती। उसके मन की दुविधा खत्म हो जाती है। वह मोह माया के बंधनों से छूट जाता है ।

ज्ञान की आँधी आने पर क्या परिवर्तन नहीं होता है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर ज्ञान की आँधी के आने पर भक्त ईश्वर प्रेम के जल में स्नान करता है अज्ञान रूपी अंधेरा ज्ञान रूपी सूर्य के उदित होने पर छंट जाता है और भक्त अपने वास्तविक स्वरूप से परिचित हो जाता है। प्रश्न13. कबीर कहते हैं कि जब भक्त को ज्ञान प्राप्त होता है तो उसके मन से स्वार्थ नष्ट हो जाता है। वह आत्महित नहीं सोचता।

ज्ञान रूपी क्या माना है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- ज्ञान रूपी आँधी आने के बाद मन प्रभु भक्ति में रम जाता है। ज्ञान की आँधी के बाद जो जल बरसा उस जल से मन भीग उठता है और आनंदित हो जाता है। अर्थात् ज्ञान की प्राप्ति के बाद मन शुद्ध हो जाता है।

ज्ञान की औषधि पर क्या प्रभाव डालती है?

इसे सुनेंरोकेंसाखियाँ एवं सबद ज्ञान की आँधी का भक्त के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है? ज्ञान की आँधी का मनुष्य के जीवन पर यह प्रभाव पड़ता है कि उसके सारी शंकाए और अज्ञानता का नाश हो जाता है। वह संसार की मोह माया से मुक्त हो जाता है।

मनुष्य ईश्वर को कहाँ कहाँ ढूँढ़ता फिरता है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 8 : मनुष्य ईश्वर को कहाँ-कहाँ ढूँढ़ता फिरता है? उत्तर : मनुष्य ईश्वर को देवालय (मंदिर), मस्जिद, काबा तथा कैलाश में ढूँढता फिरता है।

कवयित्री कौन सा सागर पार करना चाहती है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: कवयित्री भवसागर पार करने के लिए कहती है यदि हम अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर लेंगे वही हमारी असली पूजा की।

मनुष्य ईश्वर को कहाँ कहाँ ढूंढते है?

क संत सुजान से कवि का क्या आशय है विस्तार पूर्वक लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न (ग) कवि संत सुजान किसे मानता है? उत्तरः जो निष्पक्ष रूप से ईश्वर की सच्ची भक्ति करने वाले हैं, उन्हीं को कवि संत सुजान मानता है।

मनुष्य ईश्वर को कहाँ कहाँ ढूँढता है?

मनुष्य ईश्वर को कहां कहां ढूंढता फिरता है और क्यों?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- मनुष्य ईश्वर को मंदिर, मस्जिद, मक्का-मदीना, कैलाश, सभी आदि पवित्र स्थलों पर ढूंढता फिरता है। वह ईश्वर को विभिन्न क्रिया-कर्मों से व सन्यासी बन कर भी पाने का प्रयास करता है।

ज्ञान की आँधी का भक्त के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?


ज्ञान की आँधी का मनुष्य के जीवन पर यह प्रभाव पड़ता है कि उसके सारी शंकाए और अज्ञानता का नाश हो जाता है। वह संसार की मोह माया से मुक्त हो जाता है। मन पवित्र तथा निश्छल होकर प्रभु भक्ति में तल्लीन हो जाता है।

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इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है?


कबीर के अनुसार सच्चा संत वही कहलाता है जो साम्प्रदायिक भेदभाव, सांसारिक मोह माया से दूर, सभी स्तिथियों में समभाव (सुख दुःख, लाभ-हानि, ऊँच-नीच, अच्छा-बुरा) तथा निष्पक्ष भाव से ईश्वर की आराधना करता है।

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'मानसरोवर' से कवि का क्या आशय है?


मानसरोवर से कवि का अभिप्राय हृदय रूपी तालाब से है, जो हमारे मन में स्थित है।

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कवि ने सच्चे प्रेमी की क्या कसौटी बताई है?


कवि के अनुसार सच्चे प्रेम की कसौटी भक्त की ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति से है। क्योंकि सच्चा प्रेमी ईश्वर के अलावा किसी से कोई मोह नहीं रखता है। उससे मिलने पर मन की सारी मलिनता नष्ट हो जाती है। पाप धुल जाते हैं और सदभावनाएँ जाग्रत हो जाती है।

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तीसरे दोहे में कवि ने किस प्रकार के ज्ञान को महत्त्व दिया है?


तीसरे दोहे में कवि ने अनुभव से प्राप्त ज्ञान को महत्त्व दिया है। वह ज्ञान जो सहजता से सुलभ हो हमें उसी ज्ञान की साधना करनी चाहिए। 

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अंतिम दो दोहों के माध्यम से से कबीर ने किस तरह की संकीर्णता की ओर संकेत किया है?


अंतिम दो दोहों में दो तरह की संकीर्णता की ओर संकेत किया है -
1. अपने-अपने मत को श्रेष्ठ मानने की संकीर्णता और दूसरे के धर्म की निंदा करने की संकीर्णता।
2. ऊँचे कुल के गर्व में जीने की संकीर्णता। मनुष्य केवल ऊँचे कुल में जन्म लेने से बड़ा नहीं होता वह बड़ा बनता है तो अपने अच्छे कर्मों से।

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ज्ञान की आंधी से मनुष्य के जीवन पर क्या प्रभाव डालती है?

साखियाँ एवं सबद ज्ञान की आँधी का भक्त के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है? ज्ञान की आँधी का मनुष्य के जीवन पर यह प्रभाव पड़ता है कि उसके सारी शंकाए और अज्ञानता का नाश हो जाता है। वह संसार की मोह माया से मुक्त हो जाता है। मन पवित्र तथा निश्छल होकर प्रभु भक्ति में तल्लीन हो जाता है।

ज्ञान का क्या प्रभाव पड़ता है?

ज्ञान की प्राप्ति से भक्त के अंदर ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति का उदय होता है तथा ज्ञान के प्रकाश से जीवन अज्ञानता रुपी अंधकार से मुक्त होकर प्रकाशमय हो जाता है, मनुष्य मोह-माया से मुक्त हो जाता है। Q. Q.

ज्ञान की आंधी आने पर व्यक्ति के व्यवहार में क्या क्या परिवर्तन देखने को मिलते हैं?

ज्ञान की आँधी आने से पहले मनुष्य का मन मोह-माया, अज्ञान तृष्णा, लोभ-लालच और अन्य दुर्विचारों से भरा था। वह सांसारिकता में लीन था, इससे वह प्रभु की सच्ची भक्ति न करके भक्ति का आडंबर करता था। ज्ञान की आँधी आने के बाद मनुष्य के मन से अज्ञान का अंधकार और कुविचार दूर हो गए। उसके मन में प्रभु-ज्ञान का प्रकाश फैल गया।

जीवन भक्ति कब कम हो जाती है?

जीवन भक्ति तब कम हो जाती है जब जीवन में ज्ञान की आंधी चलती है। ज्ञान की आंधी चलने से मनुष्य के जीवन के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। उसके मन के सारे भ्रम दूर हो जाते हैं, उसे जीवन का असली यथार्थ समझ में आने लगता है। वह माया मोह स्वार्थ, लालच, अज्ञानता आदि विकारों से दूर हो जाता है।