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दुर्लभ कश्यप उज्जैन का सबसे खरनाक अपराधी था। उस पर बहोत सारे अपराधिक मामले जुड़े थे। जैसे उस पर अवैध हथियार का काम , जान से मारने की धमकी देना, बलवा, हत्या का प्रयास करना और रंगदारी जैसे मामले जुड़े थे। दुर्लभ कश्यप की हत्या महज 20 साल की उम्र में हो गया था। इसके 7 महीने बाद उसके माताजी पद्मा ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। ” इसलिए जुर्म की दुनिया बहोत छोटी होती है। अगर आज दुर्लभ कश्यप अपराध के दुनिया मे कदम नहीं रखा होता तो , वह आज एक खुशाल जिंदगी जी रहा होता । ” दुर्लभ कश्यप का विकिपीडिया
दुर्लभ कश्यप की सुरुअति जिंदगीदुर्लभ कश्यप का जन्म 08 नवंबर 2000 को उज्जैन, मध्य प्रदेश, भारत में हुआ था। उसका उपनाम कोहिनूर था। उसका जन्म एक मध्यबर्ती हिन्दू परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मनोज कश्यप है । जोकि पेशे से एक सरकारी स्कूल शिखक थे। उनके माताजी का नाम पद्मा था। उनके माताजी उज्जैन के क्षीरसागर में स्कूल शिखक थे। दुर्लभ को बिल्ली पालना बहोत पसंद था। वह हमेसा माथे पर लाल धब्बा, आंखों में काजल और कंधे पर काला दुपट्टा पहना करता था। इसको उसके गैंग के लोगो भी पहना करते थे। दुर्लभ कश्यप अपने माँ के साथदुर्लभ कश्यप गैंगस्टर क्यों बना?उनके पिताजी ने एक बार इंटरवयू में कहा था कि , उसका पालन पोषण बहोत अच्छे है हुआ था। उसको बड़े होकर एक डॉक्टर अथवा इंजीनियर बनना था। मगर उसने 15 साल की उम्र से असामाजिक लोगों के साथ मिल जून बढ़ने लगी थी। उसको भी कम उम्र में मशहूर होना का रुचि था। इसलिए उसने अपराध का सहज रास्ता चुना था। वह देखते ही देखते उज्जैन का मशहूर हिस्ट्रीशीटर बन गया था। जिसकी बजे से उनसे बहोत कम उम्र में बहोत सारे दुश्मन बना लिए थे। उसके दुश्मनों ने एक दिन आपसी रंजिश के बजे से हत्या कर दिया था। इसलिए जुर्म की दुनिया बहोत छोटी होती है। दुर्लभ कश्यप कैसे अपराध करता थाउन्होंने 17 साल की उम्र में अपराध की दुनिया मे कदम रखा था। उसका अपराध का मुख जरिया सोशल मीडिया था। वह फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए आपराधिक कामों अंजाम देता था। वह हर रोज फेसबुक के पोस्ट के जरिए रंगदारी , हफ्ता वसूली, लूटपाट और सुपारी लेता था। उसके उज्जैन में कम उम्र के लोगों के बीच लोकप्रियता बढ़ने लगी थी। उसके गैंग धीरे धीरे 100 से भी ज्यादा लड़के जुड़ चुके थे। उसने धीरे धीरे शहर में आतंक फैलाने लगा था। उसके नाम से चाय बाले से लेकर बड़े बड़े बिजनेस मैन तक थर थर काँपते थे। आप अंदाजा लगा सकते है कि एक 18 साल की लड़के ने किस तर का आतंक मचाया रखा था। उसके धिरे धिरे उज्जैन में बहोत सारे दुश्मन बनते गय थे। उसमे उसका सबसे बड़ा दुश्मन शाहनवाज और शादाब गैंग के लोग थे। उस गैंग के लोगों से हमेशा जागड़ा होता था। उन लोगों से दुश्मनी के बजेसे , उसकी हत्या की गई थी। दुर्लभ कश्यप कैसे पकड़ा गया थादुर्लभ कश्यप के अपराध दिन प्रति दिन बढ़ता जारहा था उसकी बढ़ती अपराध उज्जैन पुलिस केलिए बहोत बड़ा चुनती था । आईपीएस सचिन अतुलकर उस समय के उज्जैन पुलिस के SP हुआ करते थे। उन्होंने दुर्लभ और उसके गैन के खिलाप एक हिस्ट्रीशीटर लिस्ट निकाला था। उन्होंने 2018 में एक ओपरेशन के दौरान दुर्लभ और उसके गैन के 23 लोगों को गिरफ्तार किया था। दुर्लभ को गिरफ्तार कर उसको जेल में डाल दिया था । मगर अब उसके गैंग के बहोत सारे लड़के नाबालिग के कारण , उनकों बाल शुधार केंद्र में भेजा गया था। आईपीएस सचिन अतुलकर ने एक बार जेल में दुर्लभ से मुलाकात करने गय थे। उन्होंने दुर्लभ को बहोत जरूरी बात बताई थी कि :- “ तू जेल रहेगा तो जिन्दा रहेगा । तूने अपने उम्र से ज्यादा दुश्मन बना लिया है । “ दुर्लभ को इस बात का गहरा असर पड़ा था। उसको अपनी जान की भी चिंता होन लगी थी। इसलिए उसने करीब एक साल तक जेल में रहा था। मगर उसने किसी कारण बश 2020 में अपनी रिहाई कराई थी। जोकि उसकी जिंदगी की आखरी साल होने बाल था। दुर्लभ कश्यप की हत्या कैसे हुई थीदुर्लभ 2020 में जेल से निकल कर उज्जैन में रहने लगा था। उन दिनों उसने अपने गैंग के लड़कों के साथ बहोत रात तक बाइक में घुमा करता था। उसने रंगदारी , हफ्ता वसूली, लूटपाट और सुपारी जैसे काम का प्लैनिंग कर रहा था। इसलिए उसने हेलावाड़ी के एक चाऐ दुकान पर जा कर वसूली केलिए धमकाने लगा था। इससे चाऐ दुकान के मालिक ने दूसरे दिन पोलिस में शिकयत करने गया था दुर्लभ और शादाब के बीच कहासुनी बढ़ने लगी थी। इसी बीच दुर्लभ ने अपनी देशी कट्टे से शादाब ऊपर फायर कर दिया था। जिसके कारण शादाब के गले मे बहोत गंभीर चोट अये थे। इसके बाद शाहनवाज और उसके गैंग के लोगों ने दुर्लभ को चारों तरफ से घेर कर चाकू से 36 बार गोदकर-गोदकर उसकी हत्या कर दी गई थी। दुर्लभ की हत्या महज 20 साल की उम्र में हो गया था। इसके 7 महीने बाद उसके माताजी पद्मा ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। उस चाऐ के दुकान मालिक ने भी जेल में आत्महत्या कर लिया था।
” इसलिए जुर्म की दुनिया बहोत छोटी होती है। अगर आज दुर्लभ कश्यप अपराध के दुनिया मे कदम नहीं रखा होता तो , वह आज एक खुशाल जिंदगी जी रहा होता । “ FAQ:-दुर्लभ कश्यप कौन था ?दुर्लभ कश्यप उज्जैन का सबसे खरनाक अपराधी था। उस पर बहोत सारे अपराधिक मामले जुड़े थे। जैसे उस पर अवैध हथियार का काम , जान से मारने की धमकी देना, बलवा, हत्या का प्रयास करना और रंगदारी जैसे मामले जुड़े थे। दुर्लभ कश्यप क्या काम करता था?दुर्लभ कश्यप अवैध हथियार का काम , जान से मारने की धमकी देना, बलवा, हत्या का प्रयास करना और रंगदारी जैसे काम करता था। दुर्लभ कश्यप के पिता का नाम क्या था?दुर्लभ कश्यप के पिता का नाम मनोज कश्यप है। जोकि पेशे से एक सरकारी स्कूल शिखक थे। दुर्लभ कश्यप कौन सी जाति का है?दुर्लभ कश्यप ब्राह्मण जाति का था।
दुर्लभ कश्यप की कास्ट क्या थी?दुर्लभ कश्यप की कास्ट ब्राह्मण थी । दुर्लभ कश्यप ने कितने मर्डर किए थे?दुर्लभ कश्यप ने कोई मर्डर नहीं किया था। मगर उस पर बहोत सारे अपराधिक मामले जुड़े थे। दुर्लभ कश्यप की गैंग में कितने लोग थे?दुर्लभ कश्यप की गैंग में 23 लोग थे। दुर्लभ कश्यप को मारने वाला कौन है?दुर्लभ कश्यप को मारने वाला शाहनवाज और शादाब गैंग के लोग थे। दुर्लभ कश्यप के हत्यारों का क्या हुआ?दुर्लभ कश्यप के हत्यारों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। दुर्लभ कश्यप की मौत कौन से सन में हुई थी?दुर्लभ कश्यप की मौत 06 सितंबर 2020 को हुआ था। दुर्लभ कश्यप की हत्या कब हुई ?दुर्लभ कश्यप की हत्या 06 सितंबर 2020 रात के 2 बजे हुआ था। दुर्लभ कश्यप ने कितने मर्डर किया था?उज्जैन में कहासुनी के बाद गैंगवार:चाय की दुकान पर फेसबुक गैंग के सरगना दुर्लभ की हत्या; बदमाश पर फायर करते ही दुर्लभ पर हमला, 34 बार चाकू मारे, साथी छोड़कर भाग निकले दुर्लभ अंत- अवैध हथियार रखना, जान से मारने की धमकी, बलवा, हत्या का प्रयास, रंगदारी समेत 8 से अधिक गंभीर अपराध दर्ज थे।
दुर्लभ कश्यप को कौन ने मारा था?गैंगवार में मारा गया दुर्लभ
जेल से बाहर आने के बाद दुर्लभ फिर से अपराध की दुनिया में एक्टिव हो गया था। इस दौरान उसके पुराने दुश्मन फिर से एक्टिव हो गए। छह सितंबर 2020 को दुर्लभ कश्यप गैंगवार में मार गया। रात दो बजे चाकुओं से गोदकर उसकी हत्या की गई।
दुर्लभ कश्यप गैंगस्टर कौन था?18 साल की उम्र में जेल, 20 की उम्र में हत्या...
दुर्लभ कश्यप गैंग किसी कॉरपोरेट कंपनी की तरह काम करता था। गैंग का अपना स्टाइल और ड्रेस कोड था। गैंग के सदस्य माथे पर तिलक, आंखों में सूरमा और कंधे पर काला गमछा रखते थे। गैंग के इसी स्टाइल के यूथ्स और टीनएजर फैन हुए जा रहे थे।
उज्जैन का नया डॉन कौन है?दुर्लभ कश्यप सोशल मीडिया के जरिए धमकी देने के अलावा अपनी ड्रेसिंग के कारण भी चर्चा में रहता था। आंखों में काला सूरमा, माथे पर लंबा तिलक और कंधे पर गमछा उसकी और गैंग की पहचान बन चुकी थी। उसके कारनामों के चलते लोग उसे उज्जैन का डॉन भी कहने लगे थे।
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