दीपक का फेसबुक - deepak ka phesabuk

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उत्तराखंड के आईएएस अधिकारी दीपक रावत अपने कामों को जल्द से जल्द निपटाने के लिए जाने जाते हैं. दीपक रावत की खास बात यह कि वो सोशल मीडिया पर जनता की परेशानियों को सुनकर तुरंत ही उसका समाधान निलकल लेते हैं. दीपक की फेसबुक और इंस्टाग्राम पर एक लंबी फैन फॉलोइंग है. जनता की सुविधा के लिए दीपक ने अपना व्हाट्सएप नंबर भी फेसबुक पर साझा किया है. उनका मानना है कि हम जनता के लिए काम कर रहे हैं, तो लोगों का हम तक पहुंचना भी आसान होना चाहिए. 

दीपक रावत सोशल मीडिया के जरिए पिछले कुछ सालों में सात से आठ हजार शिकायतों का संज्ञान लेकर उन्हें सुलझा  चुके हैं. वर्ष 2017 में वह गूगल पर मोस्‍ट सर्च आईएएस अफसर में से एक थे. आईएएस दीपक रावत का कहना है कि उन्हें बचपन में कबाड़ी का पेशा काफी आकर्षक लगता था, क्योंकि उन्हें लगता था कि उसमें चीजों को एक्सप्लोर करने का मौका मिलता है. रोज नई-नई चीजें मिलती हैं, आप जगह-जगह जा सकते हो. ये सब बातें उन्हें कबाड़ी के पेशे की ओर आकर्षित करती थी. इसीलिए जब उन्हें कोई पूछता कि वह क्या बनना चाहते हैं तो वे बड़े गर्व से कहते थे कि वह एक कबाड़ वाला बनना है. 

दूसरे प्रयास के बाद UPSC परीक्षा पास की

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आईएएस दीपक रावत का जन्म 1977 में मसूरी में हुआ था. स्कूली शिक्षा मसूरी से पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली के हंसराज कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ ही उन्होंने UPSC की तैयारी भी शुरू कर दी थी. पहले दो प्रयास में असफल होने के बाद उन्होंने UPSC परीक्षा क्लियर की. उनके परिवार में अभी तक कोई भी ब्यूरोक्रेसी में नहीं आया है. उनके पिता क्लर्क थे और माता गृहणी. उनकी गिनती देश के सबसे तेजतर्रार IAS अफसरों में होती है. 

पढ़ाई में कमजोर थे दीपक रावत 

उत्तराखंड कैडर के आईएएस अफसर दीपक रावत सोशल मीडिया पर अपने शानदार पोस्ट की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. वो तेजतर्रार अफसर माने जाते हैं. सिर्फ ट्विटर या फेसबुक ही नहीं बल्कि, यू-ट्यूब पर भी उनके वीडियो खूब धमाल मचाते हैं. हालांकि, यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि आज दीपक रावत फील्ड में जितना तेजतर्रार दिखाई देते हैं, असल में शुरुआती दिनों पढ़ाई के दौरान उतने ही कमजोर थे. कड़ी मेहनत के बल पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया. 

यूट्यूब पेज के 40 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स

दीपक रावत सोशल मीडिया पर काफी फेमस हैं. फेसबुक और यूट्यूब पर उनके नाम से बने फैन पेज पर लाखों सब्सक्राइबर्स हैं. उनके एक-एक वीडियो को कई-कई मिलियन व्यूज मिलते हैं. Deepak Rawat IAS नाम के यूट्यूब पेज के 40 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. 

समस्‍त इमोजी नाम आधिकारिक यूनीकोड वर्ण डेटाबेस या CLDR नाम हैं। सूचीबद्ध कोड पॉइंट यूनीकोड मानक के भाग हैं।

अतिरिक्त इमोजी विवरण और परिभाषाएँ© इमोजीपीडिया की कॉपीराइट हैं। जब तक अन्‍यथा नोट न किया जाए, इमोजीपीडिया पर प्रदर्शित इमोजी छवियाँ अपने संबंधित रचयिताओं की© कॉपीराइट हैं।

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Home » » दुबारा बनी सागर कलेक्टर दीपक सिंह की फर्जी फेसबुक आईडी, भेजे मैसेज, मामला साईबर सेल में

दीपक का फेसबुक - deepak ka phesabuk

दुबारा बनी सागर कलेक्टर दीपक सिंह की फर्जी फेसबुक आईडी, भेजे मैसेज, मामला साईबर सेल में

★  आईएएस दीपक सिंह ने किया सबको आगाह

साग़र। साग़र कलेक्टर दीपक सिंह की एक बार फिर किसी ने फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर मेसेजे भजन का ममके सामने आया है। कलेक्टर दीपक सिंह का पिछले महीने भी  ऐसा ही फेसबुक एकाउंट बनाकर पैसे मांगने  का मामला सामने आया था। उन्होंने इसकी जांच के लिए साईबर सेल में मामला दिया था। यह मामला अभी जांच में ही था कि दूसरी दफा फिर किसी हैकर ने क्लोन आईडी बनाकर मेसेजे भेजे। यह भी मामला साईबर सेल को सौंपा गया है। 

आजकल फेसबुक आईडी हैक करके पैसे मांगने की घटनाएं खूब हो रही है। साईबर ठगी में कई हाईप्रोफाईल लोगो की आईडी हैक करके पैसे और अन्य मेसेजे भेजे रहे है। पिछली 21 मई को कलेक्टर दीपक सिंह का ऐसा ही मामला सामने आया था।  किसी ने उनकी  फेंक फेसबुक आईडी बनाकर  लोगो से पैसे मांगने शुरू कर दिया। कलेक्टर ने तत्काल साईबर सेल को मामला सौंपा और लोगो से सतर्क रहने की अपील की थी। जिसकी जांच चल रही है। आज फिर ऐसी खबर मिलने पर कलेक्टर दीपक सिंह ने मामला साईबर सेल के संज्ञान में भेजा। किसी हैकर ने फिर फेसबुक आईडी बनाकर मेसेज भेजे।

पढ़े : पिछले महीने भी बनी थी फर्जी फेसबुक आईडी 

कलेक्टर की फेंक फेसबुकआईडी बनाई और मांगे लोगो से पैसे

★ कलेक्टर दीपक सिंह  ने सतर्क रहने की अपील की और साईबर सेल में सौंपा मामला -

कलेक्टर ने अपनी पर्सनल फेसबुक आईडी पर  मेसेज भी पोस्ट किया है और लोगो से सतर्क रहने की अपील की है।

यह रहा मेसेज 

नकली फेसबुक आईडी से रहे सावधान ! 

संज्ञान में आया है, फेसबुक पर मेरे नाम से दोबारा नकली प्रोफाइल बनाई गई है, कृपया सावधान रहें और किसी भी तरह के आग्रह को स्वीकार ना करें इस नकली (फेक )आईडी को लेकर साइबर क्राइम टीम जांच कर रही है. 

दीपक सिंह (IAS)

कलेक्टर, सागर.

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