देखते ही देखते नई दिल्ली का कायापलट होने लगा - dekhate hee dekhate naee dillee ka kaayaapalat hone laga

नई दिल्ली की काया पलट के लिए हुक्मरानों ने अनेक तरह के प्रयत्न किए होंगे। दिल्ली की कायापलट करने के लिए दिल्ली के सभी पर्यटक स्थलों का पुनरुद्धार किया गया होगा। दिल्ली की जो सड़कें खस्ताहाल हो चुकी थीं उनका भी पुनर्निर्माण किया गया होगा। पूरे शहर में साफ सफाई का अभियान चलाया गया होगा। बिजली तथा पानी की समस्याओं को ठीक किया हो गया होगा। इसके अलावा किसी तरह की आतंकवादी घटनाएं ना हों और  ना ही महारानी के समक्ष कोई इंग्लैंड विरोधी कोई प्रदर्शन या धरना हो, इस बात को रोकने के लिए भी पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित किया गए होंगे।

पाठ के बारे में…

‘जॉर्ज पंचम की नाक’ पाठ ‘कमलेश्वर’ द्वारा लिखा गया एक व्यंग्यात्मक लेख है, जिसमें उन्होंने आजादी के बाद भारतीय नेताओं और नौकरशाही की उस गुलाम मानसिकता पर व्यंग्य किया है, जिससे वह आजादी के बाद भी बाहर नही निकल नहीं पाए हैं। वह इंग्लैंड की महारानी के भारत आगमन पर ऐसा आचरण करते हैं कि जैसे वह इंग्लैंड की महारानी नहीं भारत की हो।
आजादी से पहले इंग्लैंड की महारानी भले ही भारत की भी महारानी कहलाती थी, लेकिन भारत की आजादी के बाद वह भारत से उसका कोई संबंध नहीं रहा, लेकिन  कुछ भारतीय नौकरशाह अभी भी उसी गुलामी की मानसिकता में जी रहे थे और इंग्लैंड की महारानी को आज भी भारत की महारानी समझते थे। लेखक ने ने इसी पर व्यंग कसा है।कमलेश्वर हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण लेखक रहे हैं, जो अपनी प्रासंगिक कहानी एवं उपन्यासों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अनेक कहानियां, उपन्यास, स्तंभ लेखन तथा फिल्मी पटकथायें लिखी थीं। वह एक जाने-माने पत्रकार भी रहे।
उनका जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में हुआ था। कमलेश्वर द्वारा लिखें गया उपन्यासों में ‘कितने पाकिस्तान’ बेहद प्रसिद्ध रहा। उन्होंने अनेक उपन्यास, कहानियां आदि लिखे तथा अनेक पत्र-पत्रिकाओं में संपादक का भी कार्य किया। 27 जनवरी 2007 को उनका निधन हो गया।

संदर्भ पाठ :

जॉर्ज पंचम की नाक, कमलेश्वर, (कक्षा – 10, पाठ – 2, हिंदी, कृतिका भाग 2)

 

हमारे अन्य प्रश्न उत्तर :

रानी एलिजाबेथ के दरज़ी की परेशानी का क्या कारण था? उसकी परेशानी को आप किस तरह तर्कसंगत ठहराएँगे?

सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नाक लगवाने को लेकर जो चिंता या बदहवासी दिखाई देती है, वह उनकी किस मानसिकता को दर्शाती है?

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नई दिल्ली के कायापलट के लिए सबसे पहले गंदगी के ढेरों को हटाया गया होगा। सड़कों, सरकारी इमारतों और पर्यटन-स्थलों को रंगा-पोता और सजाया-सँवारा गया होगा। उन पर बिजलियों का प्रकाश किया गया होगा। सदा से बंद पड़े फव्वारे चलाए गए होंगे। भीड़भाड़ वाली जगहों पर ट्रैफिक पुलिस का विशेष प्रबंध किया गया होगा।

दिल्ली की काया पलटने के लिए पर्यटक स्थलों का उद्धार किया गया होगा। दिल्ली की खस्ता हो चुकी सड़कों का पुर्नउद्धार किया गया होगा, पूरे दिल्ली शहर में साफ सफाई के लिए विशेष योजनाएँ तैयार की गई होगी। उन दिनों पानी या बिजली की समस्याएँ ना उत्पन्न हो उसके लिए कारगर कार्य किए गए होंगे। आंतकवादी घटनाएँ या फिर इंग्लैंड विरोधी कार्यवाही या धरने न हो उसके लिए सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए होंगे।

आज की पत्रकारिता में चर्चित हस्तियों के पहनावे और खान-पान संबंधी आदतों आदि के वर्णन का दौर चल पड़ा है -
इस प्रकार की पत्रकारिता के बारे में आपके क्या विचार हैं?


आज की पत्रकारिता में चर्चित हस्तियों के पहनावे और खान-पान सम्बंधि आदतों आदि के वर्णन का दौर चल पड़ा है वह न केवल अनावश्यक है, बल्की समाज की उन्नति के लिए बाधक भी है। यह एक निम्न स्तर की भटकी हुई पत्रकारिता है। पत्रकारिता लोकतंत्र का वह मुख्य स्तम्भ है, जो समाज के अधिकारों के प्रहरी के रूप में समाज तथा राष्ट्र दोनों के विकास मैं महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। किन्तु इस प्रकार की पत्रकारिता जिससे सामान्य ज्ञान नहीं बढ़ता, न ही इससे आम आदमी के जीवन में कोइ लेना-देना है, समाज को सिर्फ हानि पहुँचाती है। यह व्यक्ति-विशेष की निजी जीवन में अनुचित ताक-झाँक है जो हमारी सभ्यता व संस्कृति के विपरीत है।


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'और देखते ही देखते नयी दिल्ली का काया पलट होने लगा'-नयी दिल्ली के काया पलट के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए गए होंगे? Solution : नई दिल्ली के कायापलट के लिए सबसे पहले गंदगी के ढेरों को हटाया गया होगा। सड़कों, सरकारी इमारतों और पर्यटन स्थलों को रंगा-पोता और सजाया-संवारा गया होगा। उन पर बिजलियों का प्रकाश किया गया होगा।

और देखते ही देखते दिल्ली का कायापलट होने लगा से क्या तात्पर्य है?

1) पूरे दिल्ली शहर में साफ सफाई के लिए विशेष योजनाएँ तैयार की गई होगी। 2) इमारतों पर जमी धुल-मिट्टी साफ़ कर के उन्हें सजाया-सँवारा गया होगा। 3) पूरे दिल्ली शहर में साफ सफाई के लिए विशेष योजनाएँ तैयार की गई होगी। 4) सड़कों के नाम की पट्टी लगाकर रेलिंग और क्रासिंग को रंगीन किया गया होगा।

देखते ही देखते दिल्ली का क्या होने लगा?

दिल्ली की खस्ता हो चुकी सड़कों का पुर्नउद्धार किया गया होगा, पूरे दिल्ली शहर में साफ-सफाई के लिए विशेष योजनाएँ तैयार की गई होगी। उन दिनों पानी या बिजली की समस्याएँ ना उत्पन्न हो उसके लिए कारगर कार्य किए गए होंगे। आंतकवादी घटनाएँ या फिर इंग्लैंड विरोधी कार्यवाही या धरने न हो उसके लिए सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए होंगे।

नई दिल्ली की कायाकल्प क्यों होने लगी थी?

Solution : नई दिल्ली में इंग्लैंड की रानी एलिजावेथ द्वितीय अपने पति सहित दौरा करने वाली थीं। भारत के शासक उनका शाही सम्मान करना चाहते थे। इसलिए नई दिल्ली को पूरी तरह राजसी सज-धज से संवारा जाने लगा।