तमिल में हल वालों को क्या कहते थे? - tamil mein hal vaalon ko kya kahate the?

प्रश्न=1. लगभग 2500 वर्ष पूर्व कृषि के विकास की प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए। निम्नलिखित में से कौन-सा/से उन उपायों में सम्मिलित है/हैं?
1. हल के फाल के लिये लोहे का प्रयोग
2. धान की रोपाई
3. सिंचाई के उपाय

(अ) केवल 1
(ब) केवल 1 और 3
(स) केवल 2 और 3
(द) 1, 2 और 3

(द)✔
व्याख्याः- लगभग 2500 वर्ष पूर्व कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए, क्योंकि समृद्ध गाँवों के बिना राजाओं तथा उनके राज्यों का बने रहना मुश्किल था।
कृषि के विकास में लोहे के फाल का प्रयोग और धान की रोपाई कुछ नए तरीके थे जो बहुत कारगर साबित हुए। उसी तरह सिंचाई भी काफी उपयोगी साबित हुई। इस समय सिंचाई के लिये नहरें, कुएँ, तालाब तथा कृत्रिम जलाशय बनाए गए।

प्रश्न=2. सूची-I को सूची-II सुमेलित कीजिये और सूचियों के नीचे दिये गए कूटों का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये-
सूची-I (ग्रामवासी)   सूची-II(नाम)
अ. बड़े भूस्वामी      1. अदिमई
ब. हलवाहे             2. कडैसियार
स. भूमिहीन मज़दूर 3. उणवार
द. दास                 4. वेल्लला
कूट:

     अ ब स द

(अ) 1 2 3 4
(ब) 2 1 4 3
(स) 4 3 2 1
(द) 3 4 2 1

(स)✔
व्याख्याः भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिणी तथा उत्तरी हिस्सों के अधिकांश गाँवों में (2300 वर्ष पूर्व) कम-से-कम तीन तरह के लोग रहते थे। जिसमें तमिल क्षेत्र में भूस्वामियों को ‘वेल्लला’ और साधारण हलवाहों को ‘उणवार’ कहा जाता था। वहीं भूमिहीन मज़दूर जिनमें दास भी शामिल हैं ‘कडैसियार’ और ‘अदिमई’ कहलाते थे। ये नाम संगम साहित्य में उल्लेखित हैं। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (c) सही उत्तर है।

प्रश्न=3. लगभग 2500 वर्ष पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी हिस्से के गाँवों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. गाँवों का प्रधान व्यक्ति ‘ग्राम-भोजक’ कहलाता था।
2. गाँवों में रहने वाले स्वतंत्र और छोटे किसानों को ‘भूपति’ कहा जाता था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(अ) केवल 1
(ब) केवल 1
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2

(अ)✔
व्याख्याःगाँव का प्रधान व्यक्ति ‘ग्राम-भोजक’ कहलाता था। यह पद अनुवांशिक था। ग्राम भोजक के पद पर आमतौर पर गाँव का सबसे बड़ा भू-स्वामी होता था। प्रभावशाली होने के कारण प्रायः राजा भी कर वसूलने का काम इन्हें ही सौंप देते थे। ये न्यायाधीश का और कभी-कभी पुलिस का काम भी करते थे।
ग्राम भोजकों के अलावा अन्य स्वतंत्र कृषक भी होते थे, जिन्हें ‘गृहपति’ कहते थे न कि भूपति। इनमें ज़्यादातर छोटे किसान थे। अतः कथन 2 गलत है।
इसके अतिरिक्त गाँवों में भूमिहीन व्यक्तियों में दास और कर्मकार होते थे। ये दूसरों की ज़मीन पर काम करके अपनी जीविका चलाते थे। अधिकांश गाँवों में लोहार, कुम्हार, बढ़ई तथा बुनकर जैसे कुछ शिल्पकार भी होते थे।

प्रश्न=4. संगम साहित्य निम्नलिखित में से किससे संबंधित है?
(अ) संस्कृत
(ब) तमिल
(स) तेलुगू
(द) कन्नड़

(ब)✔
व्याख्याः तमिल की प्राचीनतम रचनाओं को ‘संगम’ साहित्य कहते हैं। इनकी रचना लगभग 2300 वर्ष पूर्व की गई थी। इन्हें संगम इसलिये कहा जाता है क्योंकि मदुरै के कवियों के सम्मेलनों में इनका संकलन किया जाता था।

प्रश्न=5. भरूच बन्दरगाह से होने वाले आयात-निर्यात के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. यहाँ शराब, तांबा, टिन, सीसा, मूंगा, पुखराज, कपड़े, सोने और चांदी के सिक्कों तथा हाथी-दाँत का आयात होता था।
2. हिमालय की जड़ी-बूटियाँ, कार्नीलियन, सूती कपड़ा, रेशम तथा इत्र यहाँ से निर्यात किये जाते थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2

(ब)✔
व्याख्याः एक अज्ञात यूनानी नाविक द्वारा वेरिगाज़ा पत्तन का विवरण दिया गया है। बेरिगाज़ा भरूच का यूनानी नाम है।
यहाँ आयातित वस्तुओं में हाथी-दाँत शामिल नहीं है। हाथी-दाँत भारत से निर्यात किया जाता था। अन्य सभी जानकारियाँ सही हैं।
यहाँ आने वाले लोग राजा के लिये चांदी के बर्तन, गायक-किशोर, सुंदर औरतें, अच्छी शराब तथा उत्कृष्ट महीन कपड़े जैसे अनेक विशेष उपहार लाते थे।

प्रश्न=6. विनिमय के साधनों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. आहत सिक्के सबसे पुराने सिक्के थे, जो टिन के बने होते थे।
2. विनिमय के लिये सिक्कों के अलावा वस्तुओं का प्रयोग भी संगम काल में होता था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2

(ब)✔
व्याख्याः सबसे पुराने सिक्के आहत सिक्के थे जो लगभग 500 वर्ष चलने में रहे। चांदी या सोने पर विभिन्न आकृतियों को आहत कर बनाए जाने के कारण इन्हें आहत सिक्का कहा जाता था। अतः कथन 1 गलत है।
संगम साहित्य में वर्णित एक कविता से पता चलता है कि उस समय वस्तु विनिमय भी चलन में था।

प्रश्न=7.कथन (A): मथुरा 2500 साल से भी अधिक समय से एक महत्त्वपूर्ण नगर रहा है।
कारण (R): मथुरा यातायात और व्यापार के मुख्य मार्गों पर स्थित था।
नीचे दिये गए कूट के आधार पर सही उत्तर का चयन कीजिये-

(अ) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(ब) (A) और (R) दोनों सही हैं परन्तु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(स) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है।
(द) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है।

(अ)✔
व्याख्याः मथुरा 2500 साल से भी अधिक समय से एक महत्त्वपूर्ण नगर रहा है क्योंकि यह यातायात और व्यापार के दो मुख्य मार्गों पर स्थित था। इनमें से एक मार्ग उत्तर-पश्चिम से पूरब की ओर, दूसरा उत्तर से दक्षिण की ओर जाने वाला था।
शहर के चारों ओर किलेबंदी थी, इसमें अनेक मंदिर थे। आस-पास के किसान तथा पशुपालक शहर में रहने वालों के लिये भोजन जुटाते थे। मथुरा बेहतरीन मूर्तियाँ बनाने का केन्द्र भी था।

प्रश्न=8. निम्नलिखित में से कौन कुषाणों की राजधानी रही है ?
(अ) पाटलिपुत्र
(ब) मथुरा
(स) अमरावती
(द) कंधार

(ब)✔
व्याख्याः लगभग 2000 वर्ष पूर्व मथुरा कुषाणों की दूसरी राजधानी बनी। मथुरा एक धार्मिक केन्द्र भी रहा है। यहाँ बौद्ध विहार और जैन मंदिर हैं। यह कृष्ण भक्ति का महत्त्वपूर्ण केन्द्र था।

प्रश्न=9. प्राचीन नगरीय शिल्प तथा कपड़ा उत्पादन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. पुरास्थलों से प्राप्त मिट्टी के बहुत पतले और सुंदर बर्तनों को ‘उत्तरी काले चमकीले पात्र’ कहा जाता है। ये बर्तन उपमहाद्वीप के केवल पूर्वोत्तर भागों से ही प्राप्त हुए हैं।
2. उत्तर में वाराणसी और दक्षिण में मदुरै कपड़ा उत्पादन के प्रसिद्ध केन्द्र थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2

(ब)✔
व्याख्याः नगरीय पुरास्थलों से बहुत पतले और सुन्दर बर्तन प्राप्त हुए हैं। जिन्हें उत्तरी काले चमकीले पात्र कहा जाता है क्योंकि ये ज़्यादातर उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में मिले हैं। ये प्रायः काले रंग के होते हैं और इनमें एक खास चमक होती है
उत्तर में वाराणसी और दक्षिण में मदुरै कपड़ा उत्पादन के प्रसिद्ध केन्द्र थे जहाँ स्त्री व पुरुष दोनों काम करते थे।

प्रश्न=10. प्राचीन नगरों में श्रेणियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. श्रेणी संयुक्त रूप से शिल्पकारों और व्यापारियों का एक संघ होता था।
2. ये श्रेणियाँ बैंकों के रूप में काम करती थीं, जहाँ लोग पैसे जमा रखते थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2

(ब)✔
व्याख्याः प्राचीन नगरों में शिल्पकार और व्यापारी अपने-अपने संघ बनाने लगे थे, जिन्हें श्रेणी कहते थे। ये संयुक्त नहीं बल्कि अलग-अलग थीं। शिल्पकारों की श्रेणियों का काम प्रशिक्षण देना, कच्चा माल उपलब्ध कराना तथा तैयार माल का वितरण करना था, जबकि व्यापारियों की श्रेणियाँ व्यापार संचालन करती थीं।
श्रेणियाँ बैंकों के रूप में काम करती थीं, जहाँ लोग पैसे जमा रखते थे। इस धन का निवेश लाभ के लिये किया जाता था। उससे मिले लाभ का कुछ हिस्सा जमा करने वाले को लौटा दिया जाता था या फिर मठ आदि धार्मिक संस्थानों को दिया जाता था।

प्रश्न=11. अरिकामेडु नामक प्राचीन पत्तन निम्नलिखित में से कहाँ स्थित है ?
(अ) तमिलनाडु
(ब) आन्ध्र प्रदेश
(स) पुदुच्चेरी
(द) कर्नाटक

(स)✔
व्याख्याः अरिकामेडु पुदुच्चेरी में अवस्थित है। लगभग 2200 से 1900 साल पहले अरिकामेडु एक पत्तन था, यहाँ ईंटों से बना एक ढाँचा मिला है जो सम्भवतः गोदाम रहा हो। यहाँ भूमध्य सागरीय क्षेत्र के ‘एफोरा’ जैसे पात्र मिले हैं। इनमें शराब या तेल जैसे तरल रखे जा सकते थे। इनमें दोनों तरफ पकड़ने के लिये हत्था भी लगा था।
यहाँ ‘एरेटाइन’ जैसे मुहर लगे लाल-चमकदार बर्तन भी मिले हैं। इन्हें इटली के एक शहर के नाम पर ‘एरेटाइन’ पात्र के नाम से जाना जाता है। इसे मुहर लगे साँचे पर गीली चिकनी मिट्टी को दबाकर बनाया जाता था।
कुछ ऐसे बर्तन भी मिले हैं, जिनका डिज़ाइन तो रोम का था, किन्तु वे यहीं बनाए जाते थे। यहाँ रोमन लैंप, शीशे के बर्तन तथा रत्न भी मिले हैं।
साथ ही छोटे-छोटे कुण्ड भी मिले हैं, जो सम्भवतः कपड़े की रंगाई के पात्र रहे होंगे। यहाँ पर शीशे और अर्ध-बहुमूल्य पत्थरों से मनके बनाने के पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं।

प्रश्न=12. प्रारंभ में तमिल भाषा के लिये निम्नलिखित में से कौन-सी लिपि का प्रयोग किया जाता था ?
(अ) ब्राह्मी
(ब) यूनानी
(स) संस्कृत
(द) मलयालम

(अ)✔
व्याख्याः- प्रारंभ में तमिल भाषा के लिये ब्राह्मी लिपि का प्रयोग किया जाता था। कई बर्तनों पर ब्राह्मी लिपि में अभिलेख मिले हैं इसलिये इन्हें तमिल ब्राह्मी अभिलेख भी कहा जाता है।

प्रश्न=13. जातक कथाओं का संकलन निम्नलिखित में से किसके द्वारा किया गया था ?
(अ) जैन अनुयायियों द्वारा
(ब) बौद्ध अनुयायियों द्वारा
(स) विदेशी यात्रियों द्वारा
(द) दरबारी कवियो द्वारा

(ब)✔
व्याख्याः जातक कथाएँ वे कहानियाँ हैं जो आम लोगों में प्रचलित थीं। इनका संकलन बौद्ध भिक्षुओं द्वारा किया गया था।

प्रश्न=14. लोहे का प्रयोग लगभग कितने वर्षों पूर्व प्रारंभ हुआ ?
(अ) 3000 वर्ष पूर्व
(ब) 4000 वर्ष पूर्व
(स) 5000 वर्ष पूर्व
(द) 6000 वर्ष पूर्व

(अ)✔
व्याख्या:- लोहे का प्रयोग लगभग 3000 साल पहले शुरू हुआ महापाषाण कब्रों में लोहे के औजार और हथियार बड़ी संख्या में मिले हैं

प्रश्न=15. प्रारंभ में कृषि के लिए सिंचाई के लिए मुख्यतः प्रयोग में लाई जाती थी ?
(अ) नहरे
(ब) कृतिम जलाशय
(स) कुएं
(द) यह सभी

(द)✔
व्याख्या:- समृद्धि गांव के बिना राजाओं तथा उनके राज्यों का बने रहना मुश्किल था जिस तरह कृषि के विकास में नए औजार तथा रोपाई में तो पूर्ण कदम थे उसी तरह संचार भी काफी उपयोगी साबित हुई इस समय सिंचाई के लिए गहरे कुएं तालाब तथा कृतिम जला सही बनाए गए

प्रश्न=16. तमिल क्षेत्र में रहने वाले बड़े भू स्वामियों को क्या कहा जाता था. ?
(अ) अनवर
(ब) KCR
(स) ग्राम भोजक
(द) वेलेला

(द)✔
व्याख्या:- तमिल क्षेत्र में रहने वाले बड़े भू स्वामियों को वह लल्ला साधारण को इन हवाओं और भूमिहीन मजदूर दास कड़े सियार और आदमी के लाते थे

प्रश्न=17. सबसे पुराने कौन से सिक्के थे जो करीब 500 साल तक चले ?
(अ) चांदी
(ब) सोना
(स) आहत
(द) aluminium

(स)✔
व्याख्या:- सबसे पुराने आहत सिक्के थे जो लगभग 500 साल तक चले आहत सिक्के सामान्यता आयताकार और कभी-कभी वर्गाकार या गोल होते थे

तमिल में हल वालों को क्या कहते हैं?

सही उत्तर उझावर है। तमिल क्षेत्र में साधारण हल चलाने वालों को उझावर के नाम से जाना जाता था।

तमिल में हलवा है को क्या कहते हैं?

तमिल में हलवाहे को उणवार कहते थे।