तक्षशि ला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में क्या वि चार आया और क्यो? - takshashi la mein aagajanee kee khabar padhakar lekhak ke man mein kya vi chaar aaya aur kyo?

तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में कौन-सा विचार कौंधा? इससे लेखक के स्वभाव की किस विशेषता का परिचय मिलता है?

Solution

तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक को हामिद खाँ का ध्यान आया जहाँ लेखक ने खाना बड़े अपनेपन से खाया था। उसने सोचा भगवान करे हामिद खाँ सुरक्षित हो। इसके लिए लेखक ने प्रार्थना भी की। इससे लेखक के धार्मिक एकता की भावना का पता लगता है। उसमें हिंदू-मुसलमान में कोई फर्क नहीं। वह एक अच्छा इंसान है।

Concept: गद्य (Prose) (Class 9 B)

  Is there an error in this question or solution?

APPEARS IN

तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में क्या विचार आया?

'तक्षशिला (पाकिस्तान) में आगजनी " - समाचार पत्र की यह खबर पढ़ते ही मुझे हामिद खाँ याद आया। मैंने भगवान से विनती की, “हे भगवान! मेरे हामिद खाँ की दुकान को इस आगजनी से बचा लेना ।

तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में कौन सा विचार कौंधा इससे लेखक के स्वभाव की किस विशेषता का परिचय?

तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक को हामिद खाँ का ध्यान आया जहाँ लेखक ने खाना बड़े अपनेपन से खाया था। उसने सोचा भगवान करे हामिद खाँ सुरक्षित हो। इसके लिए लेखक ने प्रार्थना भी की। इससे लेखक के धार्मिक एकता की भावना का पता लगता है।

अखबार में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक क्यों चिंतित हो गया?

हामिद लेखक की बातों से प्रभावित होता है, विशेष रूप से एक हिंदू होकर मुसलमान के ढाबे पर खाने आना। वह लेखक को मेहमान मान लिया और पैसे नहीं लिए। उसने लेखक के मन पर अपनी अमिट छाप छोड़ दी थी। हामिद भी कहीं इस आगजनी का शिकार न हो गया हो, यह सोचकर लेखक चिंतित हो गया

तक्षशिला में दंगे की खबर सुनकर लेखक की प्रतिक्रिया क्या थी?

आधार पर स्पष्ट कीजिए । उत्तर : लेखक ने हामिद को मालाबार की खास बात यह बताई कि वहाँ हिंदू-मुसलमान आपस में मिल-जुलकर रहते हैं और भी वहाँ सांप्रदायिक दंगे बहुत कम होते हैं ।