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डेली न्यूज़
ब्रह्मोस मिसाइल, इन्द्र अभ्यास,
कामोव-226, एस-400 ट्रायम्फ। भारत-रूस संबंधों के बदलते रुझान। हाल ही में भारत और रूस ने अपने
राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगाँठ मनाई। भारत-रूस संबंधों के विभिन्न पहलू :
भारत और रूस के बीच संबंधों के अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्र:
भारत के लिये रूस का महत्त्व:
आगे की राह
स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस× रूस और भारत के बीच क्या संबंध है?शीत युद्ध के दौरान, भारत और सोवियत संघ के बीच एक मज़बूत रणनीतिक, सैन्य, आर्थिक और राजनयिक संबंध थे। सोवियत संघ के विघटन के बाद, रूस को भारत के साथ अपने घनिष्ठ संबंध विरासत में मिले, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों ने एक विशेष सामरिक संबंध साझा किया।
भारत और रूस के संबंध में क्या बदलाव आया है?ऊर्जा क्षेत्र में भी बढ़ रहा सहयोग
भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों में ऊर्जा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण सेक्टर है। 2001 में ओएनजीसी-विदेश ने रूसी संघ में सखालिन-I तेल और गैस परियोजना में 20 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। उसने इस परियोजना में लगभग 1.7 अरब डॉलर का निवेश किया है।
भारत रूस से क्या क्या आयात करता है?भूमिका अप्रैल 2022 से रूस से भारत का तेल आयात कुल कच्चे तेल के आयात के 0.2 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है. 2022 की शुरुआत में जहां प्रतिदिन 25,000 बैरल कच्चे तेल का आयात होता था, वहीं मई-जून तक ये बढ़कर 6,00,000 बैरल प्रतिदिन हो गया.
भारत और रूस का सामरिक समझौता कब हुआ?भारत-रूस सहयोग संधि
9 अगस्त, 1971 को भारत ने रूस के साथ 20 वर्षीय सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किये थे। इनमें संप्रभुता के प्रति सम्मान और एक-दूसरे के हितों का ध्यान रखना, अच्छा पड़ोसी बनना और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व कायम करना शामिल है।
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