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दूसरे महायुद्ध की समाप्ति के पश्चात भले ही विश्व शांति के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना की गई हो लेकिन पूरा विश्व दो विचारधाराओं या यूं कहे कि दो महा शक्तियों में बट चुका था। इन महाशक्तियों के बीच विश्व में अपना अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए प्रतिस्पर्धा थी इस कारण पूरा विश्व अघोषित युद्ध शीत युद्ध के दौर में गुजर रहा था।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में संयुक्त राज्य अमेरिका के द्वारा “शांति के लिए एकता” प्रस्ताव लाया गया था जिसे महासभा द्वारा 03 नवंबर 1950 को पारित किया गया था। शान्ति के लिए एकता प्रस्ताव 1950 का रूस (सोवियत संघ ) द्वारा विरोध किया गया लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय ने इस प्रस्ताव को अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया।
• शांति के लिए का प्रस्ताव मैं महासभा को सामूहिक कार्यवाही एवं सेना का उपयोग करने की सिफारिश का
अधिकार का प्रावधान किया गया । ध्यातव्य -संयुक्त राष्ट्र संघ चार्टर के अनुच्छेद 07 के प्रावधानों के अनुसार महासभा सामूहिक कार्यवाही को अमल में ला सकती है । इसकेे अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र संघ चार्टर केेे अनुच्छेद 43 भी में इस बारे में उल्लेेख किया गया हैै। Post navigationविश्व शांति स्थापित करने में संयुक्त राष्ट्र संघ की क्या भूमिका है?संयुक्त राष्ट्र के कार्यों में अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना, मानवाधिकारों की रक्षा करना, मानवीय सहायता पहुँचाना, सतत् विकास को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय कानून का भली-भाँति कार्यान्वयन करना शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र ने विश्व शांति स्थापना के लिए क्या कार्य किए हैं?संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित शांति अभियान केवल नकारात्मक शांति की स्थापना न करके विश्व में सकारात्मक शांति की स्थापना करने का कार्य कर रहे हैं अर्थात इनके द्वारा युद्ध विराम करवाने के साथ ही साथ मानवाधिकारों की रक्षा एवं वृद्धि, राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था की पुर्नस्थापना का भी कार्य किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र का कौन सा अंग जिम्मेदार है?संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद - विकिपीडिया
क्या संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व शांति स्थापित करने में सफल रहा उदाहरण सहित वर्णन करें?ईरान-इराक युध्द
खाड़ी संकट: संघ की सुरक्ष परिषद् ने 2 अगस्त 1990 ईसवी को कुवैत पर इराकी आक्रमण से लेकर 29 नम्बर तक खाड़ी संकट पर 12 प्रस्ताव पास किये इसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ के आदेश पर मित्र राष्ट्रों की सेनाओं ने 1991 ईसवी को कुवैत को इराक के कब्जे से मुक्त कराने में सफलता प्राप्त की।
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