शुक्रवार का दिन किसका होता है? - shukravaar ka din kisaka hota hai?

Publish Date: 25 Aug, 2021

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शुक्रवार का दिन किसका होता है? - shukravaar ka din kisaka hota hai?

Gods Days of the Week : सप्ताह के सातों दिनोंके नाम ग्रहों के आधार पर रखें गए हैं। सातों दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित किए हैं। ज्योतिष के अनुसार, हर एक दिन अलग ग्रह के लिए होता है और इसके अनुसार ही देवी देवताओं की पूजा की जाए तो भगवान कृपा हमेशा बनी रहती है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपके जीवन में भगवान की कृपा बनी रहे तो आपको ये जरूर जानना कि हफ्ते का कौन सा दिन किसी देवी देवताओं को समर्पित है और उस दिन किसी की पूजा की जाती है।

सोमवार 

शुक्रवार का दिन किसका होता है? - shukravaar ka din kisaka hota hai?

सोमवार का दिन साक्षात् जगत पिता भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिवजी की पूजा की जाती है। भगवान शिव को देवों के देव महादेव भी कहा जता है। इस दिन शिव जी पूजा करने से भोले अपने भक्त से प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी पूजा करने से समाज में मान-सम्मान भी बढ़ता है। ज्योतिषियों के अनुसार, जो लोग भगवान शिवजी का व्रत करते उन पर शिवजी की कृपा हमेशा बनी रहती है।

मंगलवार

शुक्रवार का दिन किसका होता है? - shukravaar ka din kisaka hota hai?

मगंलवार का दिन मंगल ग्रह का दिन कहा जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है। इस दिन हनुमान जी की पूजा से भक्त के पिछले जन्मों के पापों से भी मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर होता है उन्हें मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने की सलाह दी जाती है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने और चालीसा पढ़ने से भक्तों को भय से मुक्ति मिलती है।

बुधवार

शुक्रवार का दिन किसका होता है? - shukravaar ka din kisaka hota hai?

बुधवार का दिन श्री गणेश को समर्पित को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन कोई भी काम करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही जिन लोगों को कुंडली में कमजोर होता है उन्हें बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने की सलाह दी जाती है।

गुरुवार

शुक्रवार का दिन किसका होता है? - shukravaar ka din kisaka hota hai?

गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन केले के पेड़ की पूजा करने की सलाह दी जाती है। कहा जाता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। ज्योतिषियों के अनुसार, अगर इस दिन घर की महिलाएं पूजा करती है तो घर में पैसे की कमी नहीं होती है।

शुक्रवार

शुक्रवार का दिन किसका होता है? - shukravaar ka din kisaka hota hai?

शुक्रवार का दिन संतोषी मां को समर्पित है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ मां दुर्गा की की जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन अगर घर की महिलाएं पूजा करती तो शुभ होता है और धन धन धान्‍य से भर जाता है। इसके साथ ही शुक्र ग्रह को भी भौतिक सुखों का कारक भी माना जाता है।

शनिवार

शुक्रवार का दिन किसका होता है? - shukravaar ka din kisaka hota hai?

शुक्रवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। इस दिन शनि देव की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष चल रहा होता है उन लोगों को इस दिन मंदिर में जाकर पूजा करने की सलाह दी जाती है। सके साथ ही इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना और शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए।

 रविवार

शुक्रवार का दिन किसका होता है? - shukravaar ka din kisaka hota hai?

रविवार का दिन सूर्य देवता दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। रविवार को व्रत रखने से व्यक्ति तेज बढ़ता है। इसके साथ ही जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर उन्हें इस दिन लाल वस्त्र पहनने की सलाह दी जाती है। रविवार को भगवान सूर्य का व्रत रखना भी शुभ माना जाता है।

सप्ताह में दिनों में जहां मंगलवार को हनुमान जी के अलावा देवी दुर्गा की पूजा का भी विधान है, वहीं शनिवार देवी मां काली की पूजा के लिए विशेष माना गया है। Friday Day of Goddesses शुक्रवार का दिन मुख्य रूप से धन-धान्य की devi lakshmi देवी लक्ष्मी का माना जाता है, लेकिन इसके साथ ही अन्य देवियों का भी इस दिन पूजन विधान माना गया है। दरअसल एक ओर जहां ज्योतिष में शुक्र को भाग्य का कारक ग्रह माना जाता है, वहीं इस दिन की कारक देवी माता लक्ष्मी मानी गईं हैं।

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शुक्रवार का दिन किसका होता है? - shukravaar ka din kisaka hota hai?

इस दिन देवी लक्ष्मी के अलावा mata Durga माता दुर्गा व संतोषी माता की Worship of tridevis पूजा का भी विधान है। मान्यता के अनुसार इन Friday: The day of 3 Goddess त्रिदेवियों की पूजा से मिले आशीर्वाद से जातक का भाग्य चमकता है। वहीं इस दिन मिठाई के दान का भी विशेष महत्व माना गया है।

मान्यता के अनुसार लगातार 16 शुक्रवार के दिन व्रत रखना बेहद फायदेमंद साबित होता है। वहीं इस दिन गुलाबी, लाल व श्वेत वस्त्र पहनना भी शुभ माना जाता है। यह दिन Mata Laxmi देवी लक्ष्मी के अलावा शक्ति की देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भी बेहद खास माना गया है।

शुक्रवार का व्रत कई कारणों से रखा जाता है। इसमें जहां कुछ लोग खुशहाल जीवन के लिए, तो वहीं कुछ संतान की प्राप्ति के लिए और कुछ विवाह की आशा से व्रत रखते हैं। मान्यता के अनुसार बाधाओं को दूर करने के लिए शुक्रवार का व्रत बहुत लाभकारी है।

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शुक्रवार का दिन किसका होता है? - shukravaar ka din kisaka hota hai?

Worship of Maa Lakshmi on Friday: शुक्रवार के दिन ऐसे करें मां लक्ष्‍मी की उपासना

भाग्य के कारक ग्रह यानि शुक्र के इस दिन अपनी भाग्य वृद्धि के लिए धन व सम्‍पन्‍नता की देवी मां लक्ष्‍मी की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुुसार मां लक्ष्मी की पूजा मध्य रात्रि को सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। मां लक्ष्मी की पूजा उसी प्रकार से की जानी चाहिए, जैसे वह गुलाबी कमल के पुष्प पर बैठी हों और उनके हाथों से धन बरस रहा हो।

मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सबसे अच्छा होता है। माना जाता है कि माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप स्फटिक की माला से करना चाहिए, ऐसा करने से वह मंत्र तुरंत प्रभावशाली हो जाता है।

इसके अतिरिक्त इस दिन देवी लक्ष्मी के ही एक रूप वैभव लक्ष्मी का व्रत भी इस दिन विवाह की कामना या सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है।

Worship of Goddess Durga on Friday: मां दुर्गा की भी करें पूजा

माता लक्ष्मी के अलावा शुक्रवार का दिन माता दुर्गा का भी माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन मां दुर्गा की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करना विशेष महत्व रखता है। इस दिन की शुरुआत ‘ऊं श्री दुर्गाय नमः’ जाप के साथ की जानी चाहिए।

शुक्रवार का दिन किसका होता है? - shukravaar ka din kisaka hota hai?

वहीं स्नानादि नित्यकर्म के बाद दुर्गा जी की पूजा के लिए सबसे पहले माता दुर्गा की मूर्ति में उनका आवाहन करें। अब उस मूर्ति को सबसे पहले जल से, फिर पंचामृत से और अंत में पुन: जल से स्नान कराएं। इसके बाद माता दुर्गा को वस्त्र अर्पित करें। इसके बाद उन्‍हें आसन पर स्‍थापित कर आभूषण और पुष्पमाला पहनाएं।

अब इत्र अर्पित कर उन्हें कुमकुम का तिलक करें। इसके बाद धूप व दीप के साथ अष्टगंध अर्पित करें। मां दुर्गा को लाल गुड़हल के फूल अर्पित करें। 11 या 21 चावल चढ़ाएं और श्रद्धानुसार घी या तेल के दीपक से आरती करें। अब नेवैद्य अर्पित करें। पूजन के पूरा होने पर नारियल का भोग अवश्‍य लगाएं। 10-15 मिनट के बाद नारियल को फोड़े और उसका प्रसाद देवी को अर्पित करने के बाद सबमें बांटने के पश्चात स्‍वयं भी ग्रहण करें।

देवी दुर्गा की पूजा के लिए देवी दुर्गा की मूर्ति के सामने एक लाल कपड़े में लाल चंदन, गुड़हल का लाल फूल,कुछ पैसे आदि रखकर हर शुक्रवार दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। माना जाता है ऐसा लगातार करने से जीवन में कोई भी परेशानी आपके सामने टिक नहीं पाती।

शुक्रवार का दिन किसका होता है? - shukravaar ka din kisaka hota hai?

Worship of Santoshi Mata on Friday: संतोषी मां की पूजा ऐसे करें

शुक्रवार के दिन देवी के संतोषी माता स्‍वरूप की पूजा सुख-सौभाग्य की कामना से की जाती है। इसी के तहत संतोषी माता के 16 शुक्रवार व्रत करने की मान्यता है। संतोषी माता की पूजा के तहत शुक्रवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की सफ़ाई इत्यादि पूरी कर लें। इसके बाद स्नानादि करके घर में किसी पवित्र जगह पर माता संतोषी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

यहां उनके सामने जल से भरा एक कलश रखें और उस के ऊपर एक कटोरे में गुड़ चना रख दें। इस दौरान माता के सामने घी का दीपक जलाएं, और उन्हें अक्षत, फ़ूल, इत्र, नारियल, लाल वस्त्र या चुनरी अर्पित करें। देवी को गुड़ चने का भोग लगाएं और हाथ में गुड़ चना लेकर कथा पढ़ कर आरती करें।

कथा समाप्त होने पर हाथ का गुड़ चना गाय को खिला दें। जबकि कलश पर रखे गुड़ चने का प्रसाद सभी को बांटें। वहीं कलश के जल को घर में सब जगहों पर छिड़ने के बाद बचे हुए जल को तुलसी की क्यारी में डाल दें। ध्‍यान रहे इस व्रत को करने वाले को ना तो खट्टी चीजें हाथ लगाना है और ना ही खाना है।

शुक्रवार को कौन से देवता का दिन होता है?

मनीष शर्मा के अनुसार शिवपुराण में सातों दिनों के हिसाब से देवताओं के पूजन का महत्व बताया है। रविवार को सूर्य, सोमवार को चंद्र, मंगलवार को मंगल, बुधवार को बुध, गुरुवार को बृहस्पति, शुक्रवार को शुक्र और शनिवार को शनि का पूजन करना श्रेष्ठ रहता है।

भगवान श्री कृष्ण का कौन सा दिन होता है?

श्रीकृष्ण चंद्रवंशी हैं और चंद्रदेव उनके पूर्वज। चंद्रदेव के पुत्र बुध हैं, इसलिए भगवान ने जन्म के लिए बुधवार का दिन चुना।

शुक्रवार के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

शुक्रवार के दिन अगर आप व्रत-पूजन नहीं भी करते हैं तो तामसिक भोजन खासतौर पर मांसाहार और मदिरा के सेवन से परहेज रखना चाहिए। इस दिन पूर्ण सात्विक भोजन करना चाहिए

भाग्य की देवी कौन है?

भाग्य और धन की देवी माता लक्ष्मी को कहा गया है।