राखीगढ़ी में एक नर कंकाल भी प्राप्त हुआ है। राखीगढ़ी हरियाणा के हिसार जिले में सरस्वती तथा दृषद्वती नदियों के शुष्क क्षेत्र में स्थित एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है।[2] राखीगढ़ी सिन्धु घाटी सभ्यता का भारतीय क्षेत्रों में धोलावीरा के बाद दूसरा विशालतम ऐतिहासिक नगर है। इसकी प्रमुख नदी घग्घर है ।राखीगढ़ी का उत्खनन व्यापक पैमाने पर 1997-1999 ई. के दौरान अमरेन्द्र नाथ द्वारा किया गया। राखीगढ़ी से प्राक्-हड़प्पा एवं परिपक्व हड़प्पा युग इन दोनों कालों के प्रमाण मिले हैं।[3] यहाँ से मातृदेेवी अंकित एक लघु मुद्रा प्राप्त हुई । राखीगढ़ी से महत्त्वपूर्ण स्मारक एवं पुरावशेष प्राप्त हुए हैं, जिनमें दुर्ग-प्राचीर, अन्नागार, स्तम्भयुक्त वीथिका या मण्डप, जिसके पार्श्व में कोठरियाँ भी बनी हुई हैं, ऊँचे चबूतरे पर बनाई गई अग्नि वेदिकाएँ आदि मुख्य हैं।[4] खोज एवं वर्तमान स्थिति[संपादित करें]
ख़तरे में एशिया के विरासत स्थल[संपादित करें]विश्व विरासत कोष ने इस सूची में ख़तरे में जिन स्थलों को रखा है, उनमें काशगर भी शामिल है, जो चीन के अंतिम रेशम मार्ग स्थलों में है। इसके अलावा अफ़ग़ानिस्तान स्थित मेस आयनाक भी है, जो प्राचीन बौद्ध मठ है। इसमें थाइलैंड में स्थित अयुथ्या, फ़िलीपींस का क़िला सेंटियागो, बांग्लादेश स्थित महाष्टंगण, म्यांमार स्थित म्यूक-यू, कंबोडिया स्थित प्रीह विहियर आदि हैं। विश्व विरासत कोष के कार्यकारी निदेशक जेफ़ मोरगन ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि ख़तरे में विरासत के 10 स्थल एशिया में अलग-अलग स्थानों पर हैं। इन स्थानों पर पुरातन विरासत है। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
संबंधित लेख[संपादित करें]
हड़प्पा सभ्यता का कौनसा स्थल हरियाणा से संबंधित है?राखीगढ़ी एक हड़प्पा स्थल है जो हरियाणा राज्य के हिसार जिले में स्थित है। यह पूर्व-सिंधु घाटी सभ्यता बस्ती का स्थल है और सिंधु घाटी सभ्यता को भी परिपक्व करता है।
हरियाणा में कौन सा पुरातात्विक स्थल है?सही उत्तर है राखीगढ़ी । राखीगढ़ी हरियाणा में स्थित सिंधु घाटी स्थल है।
सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे प्रसिद्ध पुरास्थल कौन सा है?हालाँकि मोहनजोदड़ो सबसे प्रसिद्ध पुरास्थल है, सबसे पहले खोजा गया स्थल हड़प्पा था।
हरियाणा में हड़प्पा सभ्यता का बड़ा केंद्र कौन सा है?हड़प्पा सभ्यता (Harappan Civilisation):
राखीगढ़ी हरियाणा के हिसार जिले में स्थित है इसे पूर्व-हड़प्पा सभ्यता बस्ती स्थल के रुप में जाना जाता है। यह स्थल घग्घर नदी के तट पर स्थित इस स्थल की खोज वर्ष 1969 में सूरजभान ने की थी।
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