सतयुग में कौन से भगवान का जन्म हुआ था? - satayug mein kaun se bhagavaan ka janm hua tha?

त्रेतायुग में राम थे और द्वापर में कृष्ण फिर सतयुग में क्या हुआ था, जानिए इस पहले युग से जुड़ी सबसे रोचक बातें

त्रेतायुग में राम थे और द्वापर में कृष्ण फिर सतयुग में क्या हुआ था, जानिए इस पहले युग से जुड़ी सबसे रोचक बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 24, 2020 03:25 PM2020-01-24T15:25:25+5:302020-01-24T15:25:25+5:30

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त्रेतायुग में भगवान विष्णु ने राम के रूप में अवतार लिया था। वहीं, द्वापरयुग में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ। ऐसे ही सतयुग में भी भगवान विष्णु के अवतार हुए।

सतयुग में कौन से भगवान का जन्म हुआ था? - satayug mein kaun se bhagavaan ka janm hua tha?

सतयुग में भगवान विष्णु ने लिये थे चार अवतार

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Highlightsसतयुग में भगवान विष्णु ने लिये थे चार बड़े अवतारमान्यताओं के अनुसार सतयुग में पाप बहुत कम था, इस युग को कृतयुग भी कहते हैं

हिंदू मान्यताओं में चार युगों की बात कही गई है। इसके अनुसार चार युग होते हैं और अभी कलियुग चल रहा है। इससे पहले सतयुग, त्रेता और द्वापरयुग खत्म हो चुके हैं। ऐसी मान्यता है कलियुग की अवधि खत्म होने के बाद धरती पर सबकुछ खत्म हो जाएगा और एक बार फिर से नये जीवन की पृष्ठभूमि तैयार होगी। इन सभी युगों को लेकर कई अन्य मान्यताएं भी हैं। 

मसलन, त्रेतायुग में भगवान विष्णु ने राम के रूप में अवतार लिया। इसी तरह द्वापर में कृष्ण अवतार का जिक्र आता है। कलियुग के अंत में भगवान विष्णु के कल्कि अवतार की मान्यता है।

सतयुग में कौन से भगवान का जन्म हुआ था? - satayug mein kaun se bhagavaan ka janm hua tha?

ऐसा कहा जाता है कलियुग के अंत में कल्कि अवतार में भगवान विष्णु जन्म लेंगे और एक बार फिर धर्म की स्थापना करेंगे। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि इन तीनों युगों से पहले सतयुग को लेकर किस तरह की मान्यताएं है। सतयुग की कौन सी कहानियां प्रचलित हैं और इस युग में क्या-क्या हुआ था?

17 लाख साल रहा था सतयुग

सतयुग को वो युग कहा जाता है जब धरती पर पाप की मात्रा बेहद कम थी। सतयुग यानी ये सत्य, तप, यज्ञ और दान का युग था। इस युग को कृतयुग भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस युग की शुरुआत अक्षय तृतीया पर्व से हुई थी। इस युग में लोगों की उम्र काफी लंबी होती थी और वे ज्ञान-ध्यान और तप से परिपूर्ण थे।

सतयुग में कौन से भगवान का जन्म हुआ था? - satayug mein kaun se bhagavaan ka janm hua tha?

इस युग की मुद्रा रत्ममय और इस युग के पात्र स्वर्ण हैं। ऐसा भी कहा गया है कि त्रेतायुग में इंसानों की लंबाई 32 फीट से 40 फीट तक हुआ करती थी। 

सतयुग में भी भगवान विष्णु ने लिया था अवतार

सतयुग में भगवान विष्णु के जो अवतार हुए हैं उनमें मत्सय अवतार, कूर्म अवतार, वाराह अवतार और नृसिंह अवतार शामिल हैं। भगवान विष्णु ने जो ये अवतार लिये वे शंखासुर के वध और वेदों के उद्धार सहित, पृथ्वी का भार हरण, हिरण्यकश्यपु के वध और भक्त प्रहलाद को मुश्किलों से बचाने के लिए थे। भगवान श्रीराम के वंशज राजा हरीशचंद्र की कहानी भी सतयुग की ही है।

Web Title: Satyug and facts about it, 4 yugas according to hindu religion kalyug, treta and Dwaparyug

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सतयुग में कौन से देवता का जन्म हुआ?

इसका परिमाण 17,28,000 वर्ष है। इस युग में भगवान के मत्स्य, कूर्म, वराह और नृसिंह ये चार अवतार हुए थे।

सतयुग में कौन सा धर्म था?

अर्थात् सत्ययुग का परम श्रेष्ठ धर्म तप या तपस्या माना गया है जिससे मानव अपने सभी श्रेय एवं प्रेय प्राप्त कर सकता था। त्रेता में ज्ञान प्राप्त करना, द्वापर में यज्ञ करना परम धर्म मान्य है और कलियुग का धर्म केवल दान को ही माना गया है।

सतयुग में लोग किसकी पूजा करते थे?

सबसे पहले सतयुग की शुरुआत हुई थी, जिसे लोग स्वर्ण युग के नाम से भी याद करते हैं। इस युग को इसलिए भी स्वर्ण युग कहते हैं क्योंकि उस समय सभी का एक धर्म, एक भाषा तथा एक राज्य होता था।

सतयुग के पहले राजा कौन थे?

सतयुग में जामवंत जामवंत की उम्र परशुराम और हनुमान से भी लंबी है क्योंकि उनका जन्म सतयुग में राजा बलि के काल में हुआ था। परशुराम से बड़े हैं जामवंत और जामवंत से बड़े हैं राजा बलि। कहा जाता है कि जामवंत सतयुग और त्रेतायुग में भी थे और द्वापर में भी उनके होने का वर्णन मिलता है।