सतत पोषणीय विकास से आप क्या समझते हैं यह महत्वपूर्ण क्यों है? - satat poshaneey vikaas se aap kya samajhate hain yah mahatvapoorn kyon hai?

सतत पोषणीय विकास से आप क्या समझते हैं यह महत्वपूर्ण क्यों है? - satat poshaneey vikaas se aap kya samajhate hain yah mahatvapoorn kyon hai?
सतत् पोषणीय विकास

Class :- 10th.
विषय:- भूगोल
पाठ:- 01• संसाधन एवं विकास
विषय वस्तु:- संसाधनों का विकास तथा सतत् पोषणीय विकास

उद्देश्य

• संसाधनों के विकास को जानना समझना
• सतत् पोषणीय विकास के महत्व को समझना
• संसाधनों के अंधाधुंध प्रयोग से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को समझना

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संसाधनों का विकास

संसाधन मानव के लिए आवश्यक है. संसाधनों के बिना मानव विकास की कल्पना नहीं की जा सकती. हमारी नजर जिधर भी जाती है सभी संसाधन हीं संसाधन दिखाई पड़ते हैं. क्योंकि ये सभी वस्तुएं हमारी आवश्यकताओं को पूरी करती है. जैसे-जैसे मानव का विकास होता गया. वैसे-वैसे मानवीय जरूरतें भी बढ़ती गयी. और समय के साथ मानव तकनीके विकसित कर संसाधनों का विकास करता गया. मनुष्य अपनी तकनीकों की सहायता से पृथ्वी के गर्भ से खनिज संसाधनों को निकालकर उपयोग में लाता गया.

अधिकांश लोग ऐसा मानते हैं कि संसाधन प्रकृति की देन है. साथ ही संसाधनों का अधिकतर उपयोग अमीर लोगों के द्वारा किया जाता रहा है. इससे संसाधन संपन्न और संसाधन विहीन के रूप में समाज बट गया है.

परिणाम स्वरूप मानव द्वारा संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग से कई प्रकार की वैश्विक समस्याएं भी पैदा हुई. जैसे:-

• भूमंडलीय तापन
• ओजोन परत का ह्रास होना
• पर्यावरण प्रदूषण
• भू निम्नीकरण
• अतिवृष्टि
• बाढ़
• सुखा
• चक्रवात इत्यादि

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सतत् पोषणीय विकास

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विश्व में देशों के बीच आगे बढ़ने के लिए होड़ सी लग गई. इससे संसाधनों के अधिक से अधिक उपयोग की प्रवृत्ति बढ़ी. पृथ्वी से प्राप्त होने वाले खनिज संसाधनों को बनने में लाखों-करोड़ों वर्ष लग जाते हैं. और वर्तमान में जिस रफ्तार से इसका इस्तेमाल हो रहा है बहुत जल्द ही ये संसाधन धरती से समाप्त हो जाएंगे. साथ ही खनिज तेल, कोयला जैसे संसाधनों के अधिक प्रयोग से पर्यावरणीय संकट भी उत्पन्न हुआ.

इसलिए पृथ्वी पर हर तरह के जीवन का अस्तित्व बनाए रखने के लिए संसाधनों के उपयोग की योजना बनाना अति आवश्यक हो गया है. इसी को देखते हुए विश्व पटल पर सतत् पोषणीय विकास की अवधारणा सामने आई है.

सतत् पोषणीय आर्थिक विकास का अर्थ है कि
“विकास पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए हो और वर्तमान विकास की प्रक्रिया भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकता की अवहेलना न करें”

अर्थात् विकास हो पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना हो, हम संसाधनों का उपयोग करें पर सीमित मात्रा में, तथा संसाधनों को बर्बाद होने से भी बचायें, साथ ही भावी पीढ़ी के लिए भी संसाधनों को बचा कर रखें! तभी हम सतत् पोषणीय विकास को प्राप्त कर सकते हैं.

रियो डी जेनेरो पृथ्वी सम्मेलन, 1992

सतत् पोषणीय आर्थिक विकास को क्रियान्वयन हेतु 1992 में ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरो में प्रथम पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में विश्व के 100 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों ने भाग लिया. यहां उपस्थित नेताओं ने निम्नलिखित वैश्विक समस्याओं पर अपनी सहमति प्रदान की.

• भूमंडलीय जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर
• भूमंडलीय वन सिद्धांतों पर सहमति
• सतत पोषणीय विकास के लिए एजेंडा -21 को स्वीकृति

एजेण्डा-21

एजेंडा-21 सतत् विकास के संबंध में संयुक्त राष्ट्र की एक गैर बाध्यकारी कार्य योजना है. 21वीं शताब्दी में पर्यावरण से संबंधित होने के कारण इस कार्य योजना का नाम एजेंडा-21 रखा गया. इस कार योजना का मुख्य उद्देश्य निम्न है.
• विश्व के सभी लोगों के लिए समान हितों की रक्षा करना
• पर्यावरणीय क्षति को कम करना
• गरीबी और रोगों से निपटना
• प्रत्येक स्थानीय निकाय अपना स्थानीय एजेंडा -21 तैयार करें.

कुछ प्रमुख शब्दों की व्याख्या:-

स्थानीय निकाय:- ग्रामीण निकाय (ग्राम पंचायत) एवं शहरी निकाय (नगर निगम)
द्वितीय विश्वयुद्ध:– 1939 से 1945 के बीच हुआ.
जैव विविधता:- किसी भी प्राकृतिक क्षेत्र में पाई जाने वाली जीव जंतु एवं वनस्पतियों के प्रजातियों की बहुलता को जैव विविधता कहते हैं. मानव जीवन के लिए जैव विविधता आवश्यक है.

गृह कार्य

1• एजेंडा-21 के महत्वपूर्ण बिंदुओं को बताएं?
2• सतत् पोषणीय विकास को परिभाषित करें?

संसाधनों का विकास तथा सतत् पोषणीय विकास वर्ग 10th विषय भूगोल की प्रस्तुति के बाद हमारी कुछ और रोचक ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आगे दिए गए लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं.

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सतत पोषणीय विकास का क्या महत्व है?

इसके के अनुसार सतत् पोषणीय विकास का अर्थ है- 'एक ऐसा विकास जिसमें भविष्य में आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकता पूर्ति को प्रभावित किए बिना वर्तमान पीढ़ी द्वारा अपनी आवश्यकता की पूर्ति करना।

सतत पोषणीय विकास से आप क्या समझते हैं?

Solution : सतत पोषणीय विकास : यह आर्थिक विकास की प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों तथा पर्यावरण में बिना किसी हानि के वर्तमान तथा भविष्य पीढ़ियो दोनों के जीवन की गुणवत्ता बनाए रखना है

सतत पोषणीय विकास क्या है Class 10?

सतत् पोषणीय आर्थिक विकास का अर्थ अर्थात् विकास हो पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना हो, हम संसाधनों का उपयोग करें पर सीमित मात्रा में, तथा संसाधनों को बर्बाद होने से भी बचायें, साथ ही भावी पीढ़ी के लिए भी संसाधनों को बचा कर रखें! तभी हम सतत् पोषणीय विकास को प्राप्त कर सकते हैं.

सतत विकास से आप क्यों समझते हैं?

सतत विकास महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह राष्ट्रीय बजट को बचाता है, लोगों की आवश्यकता को पूरा करता है, प्राकृतिक संसाधनों और लोगों के बीच समन्वय में सहायता करता है, और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करता है। सतत विकास का लक्ष्य कल की आवश्यकताओं से समझौता किए बिना आज की आवश्यकताओं को पूरा करना है ।