पोषण एवं संतुलित आहार Show पोषण एवं संतुलित आहार बहुविकल्पीय प्रश्न प्रश्न 1. सन्तुलित आहार के पोषक तत्त्वों में से कौन – सा तत्त्व सम्मिलित नहीं है ? प्रश्न 2. उत्तम स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है ? 3.
वसा में घुलनशील विटामिन है ? 4. दूध है 5. दूध किस कीटाणु के कारण खराब होता है ? 6. रतौंधी रोग किस विटामिन की कमी से होता है ? ( a ) विटामिन A ( b ) विटामिन C 7. विटामिन डी प्राप्त करने का निःशुल्क स्रोत है अति लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. सन्तुलित आहार का महत्त्व बताइए । प्रश्न 2. दूध को सर्वोत्तम आहार क्यों माना गया है ? प्रश्न 3. आयोडीन की कमी से होने वाला रोग कौन- सा है ? प्रश्न 4. वसा की अधिकता से कौन – सा
रोग होता है ? प्रश्न 5. सन्तुलित आहार को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए । प्रश्न 6. लकवा किस विटामिन की कमी से होता है ? प्रश्न 7. भोजन में ऊर्जा के प्रमुख साधन क्या हैं ? उत्तर – भोजन में ऊर्जा के प्रमुख साधन , कार्बोहाइड्रेट , वसा , प्रोटीन , खनिज लवण , विटामिन तथा जल है । प्रश्न 8. पोषण का अर्थ लिखिए । प्रश्न 9. संतुलित आहार का क्या अर्थ है? लघु उत्तरीय प्रश्न Visit Our website – https://www.knowledgebeem.comप्रश्न 1. सन्तुलित आहार से आप क्या समझते हैं ? उत्तर – भोजन हमारे जीवन का मूल आधार है । वायु और जल के पश्चात् हमारे लिए भोजन ही सबसे आवश्यक है । विभिन्न खाद्य पदार्थों के मिश्रण से बना वह आहार जो हमारे शरीर को सभी पौष्टिक तत्त्व हमारी शारीरिक आवश्यकताओं के अनुसार उचित मात्रा में और साथ ही शरीर के संचय कोष के लिए भी कुछ मात्रा में पौष्टिक तत्त्व प्रदान करता है , संतुलित आहार कहलाता है । सन्तुलित आहार के अभाव में मनुष्य का शारीरिक व मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है । प्रश्न 2. नवजात शिशु के लिए तथा स्कूली बच्चों के लिए सन्तुलित आहार का निर्धारण किस प्रकार किया जाता है ? प्रश्न 3. किशोरावस्था , वयस्क पुरुष व महिला तथा प्रौढ़ावस्था के लिए सन्तुलित आहार का निर्धारण किस प्रकार किया जाता है ? प्रश्न 4. पोषक तत्त्वों की कमी से होने वाली कोई दो बीमारियों के बारे में बताइए । 2. मरास्मस – मरास्मस ग्रीक भाषा का शब्द है , जिसका तात्पर्य है- व्यर्थ करना । इस बिमारी से अधिकांशत : बच्चे ग्रसित है । बच्चों में प्रोटीन की कमी के कारण मरास्मस रोग हो जाता है । इस रोग में शरीर का विकास कम हो जाता है । इसके अतिरिक्त भारहीनता , रक्तहीनता , त्वचा का झुरींदार होना , पेचिश ( दस्त ) आदि की समस्या उत्पन्न हो जाती है । प्रश्न 5. पोषक तत्त्वों का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है ? स्पष्ट कीजिए । विस्तृत उत्तरीय प्रश्नClass 12 हिंदी गद्य के विकास पर आधारित प्रश्नप्रश्न 4. ‘ दूध एक सम्पूर्ण आहार है ‘ इस कथन की विवेचना कीजिए । अथवा दूध
सम्पूर्ण आहार है , क्यों ? दूध में पोषक तत्त्वों का अनुपात – 1. जल – दूध में अधिकांश मात्रा में जल होता है । दूध में
लगभग 80-90 % जल विद्यमान होता है , जिसमें विभिन्न पोषक तत्त्व निहित होते हैं । ये तत्त्व घुलित अवस्था अथवा पायस अवस्था में जल में पाए जाते हैं । 3. प्रोटीन – दूध के मुख्य प्रोटीन हैं – केसीन , लैक्टोएल्यूमिन एवं लैक्टोग्लोब्यूलिन । यह प्रोटीन उत्तम प्रकार की प्रोटीन होती है । प्रमुख कार्बोज लैक्टोज शर्करा है । दूध का लैक्टोज शरीर द्वारा कैल्शियम तथा फास्फोरस के अवशोषण में सहायक होता है । लैक्टोज शर्करा आँत में लैक्टोबेसीलस जीवाणु की क्रिया
से लैक्टिक अम्ल का निर्माण करती है । इसी कारण दूध से दही जमती है । यह आँतों में कोमल दही बनाती है व दूध की सुपाच्यता को बढ़ाती है । Ph को कम करके कैल्शियम सहित अन्य खनिज लवणों के अवशोषण में सहायता प्रदान करती है । 100 ग्राम दूध में 2.5-3.5 ग्राम प्रोटीन पाई जाती 5. विटामिन – दूध में लगभग सभी प्रमुख विटामिन उपस्थित रहते हैं । घुलनशील विटामिन ‘ ए ‘ , ‘ डी ‘ , ‘ इ ‘ एवं ‘ के ‘ दूध की वसा में पाए जाते हैं । दूध में विटामिन ‘ बी ‘ समूह का भी अच्छा साधन है । थायमिन साधारण मात्रा में ही पाया जाता है , परन्तु धूप व रोशनी के सम्पर्क में आने से लगभग आधा राइबोफ्लेविन नष्ट हो जाता है । दूध में विटामिन ‘ सी ‘ व ‘ डी ‘ अत्यन्त ही न्यून मात्रा में होता है और गर्म करने अथवा वायु के सम्पर्क में आने से नष्ट हो जाता है । 6. एंजाइम – एंजाइम भी कुछ मात्रा में दूध में उपलब्ध होते हैं । एंजाइम एक आंगिक उत्प्रेरक है , जोकि रासायनिक अभिक्रिया को तीव्रता प्रदान करते हैं । इसी कारण ज्यादा देर तक बिना गरम किए दूध को रखने पर वह फट जाता है या खट्टा हो जाता है । दूध में उपस्थित लाइपेंज , एंजाइम वसा विघटन में , अमायलेस , कार्बोज विघटन में , प्रोटीएस , प्रोटीन विघटन में व लैक्टोज एंजाइम दूध के लैक्टोज विघटन में सहायक है । प्रश्न 2. पोषण को परिभाषित करते हुए कुपोषण के कारण व लक्षण पर प्रकाश डालिए । Our YouTube Channel for Class 12 https://www.youtube.com/c/Knowledgebeemउत्तर – पोषण
का अर्थ एवं परिभाषा – पोषण विज्ञान द्वारा हम यह ज्ञात कर सकते हैं कि हमें अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार कैसा आहार ग्रहण करना चाहिए , ताकि हमें उस आहार में निहित पोषक तत्त्वों का पूर्ण लाभ मिल सकें । आहार विज्ञान पोषण विज्ञान को प्रायोगिक तरीके से अपनाने का ज्ञान प्रदान करता है । अत : इसके द्वारा व्यक्ति किसी भी व्यक्ति के लिए उपयुक्त आहार नियोजन कर सकता है । टर्नर के अनुसार , “ पोषण उन प्रक्रियाओं का संयोजन है , जिनके द्वारा जीवित प्राणी अपनी क्रियाशीलता को बनाए रखने के लिए तथा अपने अंगों की वृद्धि एवं उनके पुनर्निर्माण हेतु आवश्यक पदार्थों को प्राप्त करता है व उनका उपभोग करता है ।” इस प्रकार पोषण शरीर में भोजन के विभिन्न कार्यों को करने की सामूहिक प्रक्रिया का ही नाम है । पोषक के प्रकार कुपोषण – Our Mobile App for Board Exam Preparation – https://play.google.com/store/apps/details?id=com.knowledgebeem.online भारतवर्ष में कुपोषण व उसके कारण – कुपोषण के लक्षण – त्वचा तथा रंग – रूप झुर्रिया युक्त , पीलापन लिए भूरे रंग की त्वचा भोजन के कार्यमनुष्य जब भोजन ग्रहण करता है , तब वह उस भोजन में निहित पोषक तत्त्वों को ग्रहण करता है । जब इन पौष्टिक तत्त्वों का सम्पादन शरीर में होता है, तो शरीर में इनका निम्न प्रभाव पड़ता है – प्रश्न 3. सन्तुलित आहार क्या है ? सन्तुलित आहार को प्रभावित करने वाले कारक लिखिए । उत्तर – सन्तुलित आहार सन्तुलित आहार को प्रभावित करने वाले कारक सन्तुलित आहार अनेक प्रकार के कारकों द्वारा प्रभावित होते हैं । ये कारक निम्नलिखित हैं – 2. लिंग – स्त्रियों एवं पुरुषों के सन्तुलित आहार में अन्तर होता है । पुरुषों में आकार , भार तथा क्रियाशीलता अधिक होने के कारण महिलाओं की अपेक्षा ऊर्जा की अधिक आवश्यकता होती है । इन कारणों से हुई शारीरिक टूट – फूट अधिक होने के कारण पुरुषों को सुरक्षात्मक तत्त्वों की भी अधिक आवश्यकता होती है , किन्तु कुछ विशेष परिस्थितियों में यथा गर्भावस्था व दुग्धपान की अवस्थाओं में स्त्रियों को अधिक पोषक तत्त्वों की आवश्यकता होती है । 3. स्वास्थ्य – व्यक्ति के स्वास्थ्य की परिस्थितियों के अनुसार भी पोषक तत्त्वों की आवश्यकता प्रभावित होती है । एक स्वस्थ व्यक्ति को सन्तुलित आहार की आवश्यकता केवल उसकी दिनचर्या उचित प्रकार से चलाने के लिए चाहिए , परन्तु एक अस्वस्थ व्यक्ति को सन्तुलित आहार की आवश्यकता शरीर की दैनिक दिनचर्या के साथ – साथ टूटे – फूटे ऊतकों आदि की मरम्मत के लिए भी होती है । 4. क्रियाशीलता – व्यक्ति की क्रियाशीलता भी उसके सन्तुलित आहार की आवश्यकता को निर्धारित करती है । अधिक क्रियाशील व्यक्ति को कम क्रियाशील व्यक्ति की अपेक्षा अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है । 5. जलवायु – जलवायु तथा मौसम भी आहार की मात्रा को प्रभावित करते हैं । ठण्डे देश के निवासी ऊर्जा का प्रयोग अपने शरीर का ताप बढ़ाने के लिए करते हैं । इसी कारण उन्हें अधिक सन्तुलित आहार की आवश्यकता होती है । 6. विशेष शारीरिक अवस्था – कुछ विशेष शारीरिक अवस्थाएँ ; जैसे गर्भावस्था , दुग्धपान की अवस्था , ऑपरेशन के बाद की अवस्था , जल जाने के बाद की अवस्था तथा रोग के उपचार होने के बाद स्वस्थ होने की अवस्था आदि में सन्तुलित आहार की आवश्यकता बढ़ जाती है । गर्भावस्था के दौरान भ्रूण निर्माण के कारण एवं माता के शारीरिक भार में परिवर्तन के कारण पोषक तत्त्वों की अधिक आवश्यकता होती है । दुग्धपान की अवस्था में लगभग 400 से 500 मिली दूध के निर्माण के कारण माता में सन्तुलित आहार की आवश्यकता बढ़ जाती है । ऑपरेशन तथा जल जाने के बाद की अवस्था में भी निर्माणक तत्त्वों की आवश्यकता बढ़ जाती है । For more post visit our website – https://www.knowledgebeemplus.comVisit our YouTube channel https://www.youtube.com/c/Knowledgebeemplusसंतुलित आहार को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?संतुलित आहार को प्रभावित करने वाले कारक. स्वास्थ्य. क्रियाशीलता. जलवायु मौसम. विशिष्ट शारीरिक अवस्था. संतुलित आहार क्या है संतुलित आहार को प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्या करें?दरअसल संतुलित आहार वह आहार है जिसमें सभी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज-लवण और जल शारीरिक जरूरत के हिसाब से उचित मात्रा में मौजूद हो। संतुलित आहार न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि लंबी उम्र भी प्रदान करता है।
संतुलित आहार किसे कहते हैं यह हमारे लिए क्यों आवश्यक है?संतुलित आहार एक ऐसा आहार है जिसमें कुछ निश्चित मात्रा और अनुपात में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ होते हैं ताकि कैलोरी, प्रोटीन, खनिज, विटामिन और वैकल्पिक पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में हो और पोषक तत्वों के लिए एक छोटा सा भाग आरक्षित रहे।
संतुलित आहार क्या है इसके किन्हीं चार घटकों की व्याख्या कीजिए?हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्त्वों के नाम कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज - लवण हैं। इनके अतिरिक्त भोजन में आहारी रेशे तथा जल भी होता है। कार्बोहाइड्रेट तथा वसा हमारे शरीर को मुख्य रूप से ऊर्जा प्रदान करते हैं। प्रोटीन तथा खनिज लवण की आवश्यकता हमारे शरीर की वृद्धि तथा अनुरक्षण के लिए होती है।
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