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कलयुग में धरती पर संजीवनी है कलौंजी, अनगिनत रोगों को चुटकियों में ठीक करती है। ★सेवन विधि कलौंजी के बीजों का सीधा सेवन किया जा सकता है। ★किन-किन रोगों में है सहायक 1- टाइप-2 डायबिटीज: 2-मिर्गी: 3-उच्च रक्तचाप: 5-त्वचा के विकार: 6-लकवा: 7-कान की सूजन, बहरापन: 8-सर्दी-जुकाम: 9-अस्थमा- कलौंजी को पानी में उबालकर इसका सत्व पीने से अस्थमा में काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है। 10-छींके: 11- पेट के कीडे़: 12-प्रसव की पीड़ा: 13-पोलियों का रोग: 14- मुँहासे: 15- स्फूर्ति: 16- गठिया: 17- जोड़ों का दर्द: 18- आँखों के सभी रोग: 19- स्नायुविक व मानसिक तनाव: 20- गांठ: 21- मलेरिया का बुखार: 22- स्वप्नदोष: 23- कब्ज: 24- खून की कमी: 25- पेट दर्द: 26- सिर दर्द: 27- उल्टी: 28- हार्निया: 29- मिर्गी के दौरें: 30- पीलिया: 31- कैंसर का रोग: 32- दांत: 33- नींद: 34- मासिकधर्म: 35- गर्भवती महिलाओं को वर्जित: 36- स्तनों का आकार: 37- स्तनों में दूध: 38- स्त्रियों के चेहरे व हाथ-पैरों की सूजन: 39- बाल लम्बे व घने: 40- बेरी-बेरी रोग: 41-भूख का अधिक लगना: 42- नपुंसकता: 43- खाज-खुजली: 44- नाड़ी का छूटना: 45- हिचकी: 46- स्मरण शक्ति: 47- पेट की गैस: 48- पेशाब की जलन: कलौंजी के सिरके के क्या फायदे हैं?यह त्वचा की चमक को बढ़ाता है तथा पिम्पल्स और किसी अन्य काले धब्बों से बचाता है। सिरका (1 कप) और कलौंजी तेल (आधा चम्मच) का मिश्रण सुबह और बिस्तर पर जाने से पहले चहरे पर लगाये। इस से सफ़ेद या काले धब्बे को रोका जा सकता है।
कलौंजी का सिरका कितने का है?इस समय उपलब्ध नहीं है.
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रिटर्न-योग्य नहीं. कलौंजी का उपयोग कैसे करें?कलौंजी के कुछ बीज लें और इसे गर्म पानी के साथ निगल लें या एक गिलास में 8-10 कलौंजी के बीज डालकर रात भर के लिए छोड़ दें। सुबह बीज निकाल कर कलौंजी का पानी पी लें। ध्यान रहे, एक बार में बहुत अधिक कलौंजी न खाएं क्योंकि इससे शरीर में अतिरिक्त गर्मी उत्पन्न हो सकती है।
कलौंजी सिरका घर पर कैसे बनाएं?विधि - How to make Homemade Sugarcane Vinegar & White Vinegar. किसी बड़े से कंटेनर में गन्ने के रस को ले लीजिए और इस रस में दो साफ कील डाल दीजिए. अब इस रस को बंद करके 2 महीने के लिए किसी गर्म स्थान पर अलमारी में रख दीजिए. 2 महीने बाद सिरका को चैक कीजिए.
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