यह एक विशालकाय तारा है जिसके चारों ओर आठों ग्रह और अनेक उल्काएं चक्कर लगाते रहते हैं। वेदों में सूर्य को जगत की आत्मा माना गया है। सूर्य के कारण ही जीवन है अन्यथा अंधकार है। Show जिस तरह घर के मुखिया के कमजोर होने पर घर की स्थिति भी कमजोर होती है उसी तरह कुंडली में सूर्य के कमजोर होने पर अन्य ग्रह भी अच्छे फल नहीं देते। लाल किताब के अनुसार कुंडली में सूर्य के दोषपूर्ण या खराब होने की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया गया है। यहां जानिए संक्षिप्त जानकारी। कैसे होता सूर्य खराब? : * घर की पूर्व
दिशा दूषित होने से। यदि सूर्य शुभ है तो कांतिमय चेहरे और आंखों वाला व्यक्ति महान राजनीतिज्ञ भी हो सकता है या सरकारी महकमे का कोई बड़ा अधिकारी। सोच-समझकर हित अनुसार गुस्सा करने वाला व्यक्ति न्यायप्रिय होता है। सूर्य नवम और दशम भाव में सर्वश्रेष्ठ हैं। अगले पन्ने पर जानिए कौन-सी बीमारी देता है सूर्य... पंडित एसके पांडे के अनुसार हिन्दू ज्योतिष में सूर्य ग्रह जब किसी राशि में प्रवेश करता है, तो वह दिन संक्रांति कहलाता है। जिसे धार्मिक कार्यों के लिए बहुत ही शुभ समय माना गया है। जानकारों के अनुसार विभिन्न राशियों में सूर्य की चाल के आधार पर ही Hindu Panchang की गणना संभव है। वहीं सौर माह उसे कहते हैं, जितने समय में सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है। वहीं 12 राशियां होने के चलते सम्पूर्ण राशिचक्र को पूरा करने में सूर्य को एक वर्ष लगता है। इसके अतिरिक्त अन्य ग्रहों की तरह सूर्य कभी भी वक्री गति नहीं करता है। इसके अलावा किसी महिला की कुंडली में यह उसके पति के जीवन के बारे में बताता है। सेवा क्षेत्र में सूर्य उच्च व प्रशासनिक पद और समाज में मान-सम्मान को दर्शाता है। पंडित पांडे के अनुसार Kundali में सूर्य सभी 12 भावों में अपना अलग प्रभाव दिखाता है। लेकिन किसी भी भाव में बैठे सूर्य पर किस ग्रह की दृष्टि है या Surya किस राशि में बैठा है, यह स्थिति भी सूर्य के प्रभाव पर असर डालती है। सूर्य का वैदिक मंत्र सूर्य का तांत्रिक मंत्र सूर्य का बीज
मंत्र MUST READ : भगवान सूर्य नारायण: कलयुग के एकमात्र प्रत्यक्ष देव, रोग मुक्ति से लेकर सभी मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण कुंडली के 12 भावों में ऐसे समझें सूर्य का प्रभाव:- 1. सूर्य: कुंडली के प्रथम भाव में — Surya in First House ज्योतिष के अनुसार ऐसे व्यक्ति के छोटे भाई और बहन भाग्यशाली और अच्छे मित्रों वाले होने के साथ ही पद प्रतिष्ठा वाले होंगे। वहीं कुण्डली के प्रथम भाव में बैठा सूर्य व्यक्ति के स्पष्ट और उदार स्वभाव की ओर संकेत करता है। ऐसे व्यक्ति की मां धार्मिक विचारों वाली होंगी। जबकि इस व्यक्ति के बच्चे दूर देश में शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। ऐसा व्यक्ति स्वभाव से ईमानदार और धार्मिक होने के साथ ही नैतिकता के दॄष्टिकोण से इनका बर्ताव उचित रहता है। सरकार के साथ ही सत्ता से जुड़े और शक्तिशाली लोगों से आपके अच्छे रिश्ते रहेंगे। लेकिन यहां स्थित सूर्य व्यक्ति के स्वभाव में आक्रामकता, कभी-कभी विवेक हीनता, आलस्य, क्षमाहीनता, घमंड, धैर्यहीनता देने के अलावा व्यक्ति में महत्वाकांक्षा और प्रभावशाली होने के गुण भी देता है।
द्वितीय भाव को संपत्ति और वाणी का भाव भी कहा जाता है। ऐसे व्यक्तियों को सूर्य कई कामों में दक्षता तो देगा, लेकिन इसके साथ ही सूर्य इनको चेहरे या मुंह के रोग दे सकता है। वहीं कुण्डली के दूसरे भाव में स्थित सूर्य के समृद्धशाली बनाने के पीछे व्यक्ति का ईश्वर पर विश्वास होगा। ऐसा नहीं होने पर सूर्य धन संचय में परेशानियां उत्पन्न करता है। ऐसे व्यक्ति सरकार से या सरकारी कामों से धन प्राप्त कर सकते हैं। वहीं ऐसे व्यक्ति तांबा, सोना या अन्य धातुओं के व्यापार के माध्यम से भी धन कमा सकते हैं। MUST READ : मकर में वक्री हो रहे हैं शनि, इन राशियों के लिए शुरु होगा मुश्किल का दौर इसके साथ ही यदि व्यक्ति ने अपने खान-पान का उचित ध्यान नहीं रखा हो उस व्यक्ति को अपच और उससे संबंधित कुछ अन्य रोग परेशान कर सकते हैं। व्यक्ति के बच्चे खुशहाल और अच्छे होंगें, लेकिन मध्यावस्था में जीवनसाथी का स्वास्थ्य प्रभावित रह सकता है। 3. सूर्य : कुंडली के तृतीय भाव में — Surya in Third House तृतीय भाव भाव को पराक्रम या भाई बहनों व मामा का भाव भी कहते हैं। ऐसा सूर्य व्यक्ति को बलशाली और प्रतिष्ठावान बनाता है, लेकिन यहां स्थित सूर्य व्यक्ति के भाइयों की संख्या में कमी दे सकता है। यहां
स्थित अकेला सूर्य कोई भी हानिकर प्रभाव नहीं देता है। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति की रुचि ज्योतिष विज्ञान या गणित विषय में हो सकती है। वहीं ऐसे व्यक्ति के भीतर कवित्त्व का गुण पाया जा सकता है। यहां स्थित सूर्य व्यक्ति के भीतर एक विशेष प्रकार का आकर्षण देने के साथ ही व्यक्ति को पराक्रमी बनाता है। ऐसा व्यक्ति एक राज्यमान और प्रतापी हो सकता हैं। ऐसे व्यक्ति शिक्षक या प्रोफेसर भी बन सकते हैं। यदि व्यक्ति व्यवसाय के प्रति इच्छुक है तो ऐसे व्यक्ति मानसिक कौशल से जुडा कोई भी व्यवसाय कर सकते हैं। यदि व्यक्ति सॉफ्टवेयर से जुड़े किसी काम का चयन करते हैं तो वह व्यक्ति के लिए फायदेमंद रहेगा। 4. सूर्य : कुंडली के चतुर्थ भाव में — Surya in Fourth House ऐसे व्यक्ति देखने में रूपवान तो हो सकते है, लेकिन कुछ चिन्ताएं भी ऐसे व्यक्ति को घेरे रह सकती हैं। सूर्य की यह स्थिति भाइयों के आपसी सद्भाव में बाधक बनती है, लेकिन इसके साथ ही यह स्थिति ऐसे व्यक्ति को किसी गुप्त विद्या का ज्ञान दे सकती है। ऐसे व्यक्ति किसी को हानि पहुचाने से डरेंगे। इन व्यक्तियों को सोने चांदी के व्यापार से लाभ मिलेगा। इनकी अधिकतर यात्रांए भी लाभकारी सिद्ध होंगी। यदि ये व्यक्ति कुछ नया करने की कोशिश करेंगे, कुछ नया बनाएंगे या शोध करेंगे तो यह इनके लिए लाभप्रद रहेगा। कोई भी बुरी लत लगने पर उस लत को छोडने में बड़ी कठिनाई होगी। आपका ससुराल पक्ष कुछ हद तक समस्याग्रस्त रह सकता है। ऐसे व्यक्तियों को भी आंखों से संम्बंधित परेशानियां हो सकती हैं। इनको चाहिए कि लालच को अपने पास भी न फटकने दें नहीं तो आर्थिक संकट परेशान कर सकता है। 5. सूर्य : कुंडली के पंचम भाव में — Surya in Fifth House MUST READ : किस्मत बना देती हैं, गणेश जी की ये मूर्तियां यहां स्थित सूर्य इनके जीवन में एक अजीब सी स्थिति पैदा कर सकता है, यदि इनका स्वाथ्य ठीक नहीं होगा तो इनका व्यापार व्यवसाय ठीक चलेगा। ठीक इसके उलट यदि इनका व्यापार व्यवसाय ठीक नहीं चलेगा तो इनका स्वाथ्य ठीक रह सकता है। यहां स्थित सूर्य इनको संतान से संबंधित परेशानियां दे सकता है। ऐसे व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होने के साथ-साथ किसी बात को लेकर चिन्तित या दुखी भी रह सकते हैं। ऐसे जातक एक अच्छे लेखक या परामर्श दाता हो सकते हैं। ऐसे लोगों को पुत्र संतान की प्राप्ति बहुत विलम्ब से हो पाती है लेकिन पुत्र की पैदाइश के बाद जीवन के सभी क्षेत्रों में खूब तरक्की होती है। आपकी संतान मेधावी और कुल को प्रशंसा दिलाने वाली होती है। 6. सूर्य : कुंडली के छठे भाव में — Surya in Sixth House सामान्य तौर पर इनका स्वाथ्य अच्छा ही रहेगा। लेकिन कम से कम दो बार इनको बड़े उतार चढाव का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे व्यक्ति पूरी तरह से भाग्यशाली तभी सिद्ध हो पाएंगे जब ये अपनी सामर्थ्य के अनुसार दूसरों को आशीर्वाद और शुभकामनाएं देते रहेंगे। ऐसे व्यक्ति अपनी न्यायप्रियता के कारण भी समाज में सम्मान पाएंगे। MUST READ : देश के प्रमुख देवी मंदिर: जानें इन मंदिरों के पहाड़ों या ऊंचे स्थान पर ही होने का रहस्य सूर्य की यह स्थितिइनके मामा या ननिहाल पक्ष के लिए ठीक नहीं है। ननिहाल पक्ष के लोगों को कष्ट मिल सकता है। ऐसे लोगों के दादा या दादी भी इनके जन्म के पश्चात बीमार रह सकते हैं। यह स्थिति इनको भी उच्च रक्तचाप की बीमारी दे सकती है। यहां स्थित सूर्य के कारण इनको सूर्य की रोशनी के कारण आखों की तकलीफें या अन्य परेशानियां हो सकती हैं। 7. सूर्य : कुंडली के सप्तम भाव में — Surya in Seventh House सूर्य की इस भाव में स्थिति जीवन साथी से मतभेद पैदा करती है। विशेषकर विवाह के पंद्रह वर्षों तक वैवाहिक जीवन में सामंजस्य की कमी रहती है। यहां स्थित सूर्य इनको आत्मरत भी बना सकता है और लोग इन्हें स्वार्थी समझ सकते हैं। सूर्य की यह स्थिति इन्हें चिंचित रख सकती है, वहीं कभी-कभी आर्थिक स्थिति और पारिवारिक संबंधों को लेकर भी परेशानी उठानी पड सकती है। 8. सूर्य : कुंडली के अष्टम भाव में — Surya in Eighth House MUST READ : यदि आप भी घर में रखते हैं गंगाजल, तो इन बातों का खास ध्यान रखें ऐसे जातकों के जीवन काल में कुछ ऐसे काम की संभावना होती है, जो इनको नायकों की श्रेणी में खडा कर दे। ये व्यक्ति एक सुखी जीवन व्यतीत करेंगे। वहीं यह स्थिति कभी-कभी जीवन साथी के माध्यम से धनागमन की-सूचक है। ध्यान रहे अपने जीवन साथी के अलावा किसी और से गुप्त संबंध न रखें। दक्षिण दिशा की ओर मुंह वाले मकान में निवास नहीं करना चाहिए। सूर्य की यह स्थिति पित्त के कारण होने वाले रोगों से परेशान रहने का संकेत हैं। इनको आंखों से संबंधित रोग परेशान कर सकते हैं। इनमें धर्य की कमी और क्रोध की अधिकता हो सकती है। यदि इन जातकों में आलस्य है तो उसे शीघ्र त्याग दें। इससे ये व्यक्ति अधिक से अधिक धन संचय कर पाएंगे। नशे से दूर रहें। जहां तक हो सके पिता से संबंध मधुर बनाए रखें। 9. सूर्य : कुंडली के नवम भाव में — Surya in Ninth House ये जातक गृहस्थ होकर भी किसी योगी और तपस्वी की तरह जीवन व्यतीत करेंगे। सदाचार इनके स्वभाव में कूट-कूट कर भरा होगा। इनकी रुचि ज्योतिष या किसी अन्य गूढ विद्या में हो सकती है। इसके अलावा इनका लगाव कानून या कानून से संबंधित संस्थानों से हो सकता है। इनके भीतर नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता पाई जाएगी। ये जातक स्वभाव से कुछ हद तक क्रूर होने के बावजूद अपनी साधना से स्वयं को सुखी रख पाएंगे। इनको विभिन्न प्रकार के वाहनों का सुख मिलेगा। इनके पास कई नौकर-चाकर हो सकते हैं। MUST READ : भारत के सबसे चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर, जानिये इनकी खासियत सूर्य की यह स्थिति इनको शिक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग करेगी और ये उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इक्कीस वर्ष की उम्र के बाद इनके जीवन की कठिनाइयां धीरे-धीरे करके समाप्त होने लगेंगी। ये जिस किसी क्षेत्र में होंगे वहां इनको सम्मान मिलेगा। 10. सूर्य : कुंडली के दशम भाव में —
Surya in Tenth House ये व्यक्ति आत्मविश्वास से भरे हुए अमीर व्यक्ति होंगे। कार्यक्षेत्र में ये व्यक्ति बड़ी सफलता पाने वाले वाले हैं। इनके भीतर नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता होगी। अत: ऐसे व्यक्ति लोगों का नेतॄत्त्व कर सकते हैं। ये अपनी उदारता के कारण लोकप्रियता हासिल करेंगे। इनके पिता दीर्घजीवी होंगे और पिता के साथ आपके संबंध संतोष जनक रहेंगे। यहां स्थित सूर्य इनको कुछ नकारात्मक भी देगा। यदि ये अपने मस्तिष्क में नकारात्मक विचारों को आने देंगे, तो इनकी माता को कष्ट का सामना करना पड सकता है। इनके अस्तित्व के बढने के साथ ही इनके अपने इनसे बिछड़ते जाएंगे। 11.
सूर्य : कुंडली के एकादश भाव में — Surya in Eleventh House MUST READ : आपकी राशि और उसका आपकी नौकरी से संबंध, क्या आप जानते हैं अपनी राशि से जुड़ी ये खास बात ? ऐसे लोग हमेशा अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे। इनके मित्र उच्च पदासीन होंगे और ये जातक उनसे खूब लाभान्वित भी होंगे। इनको बडे अधिकारियों का समर्थन मिलता रहेगा। यहां स्थित सूर्य इनसे सही जगह पर सही निवेश करवाएगा और उससे खूब लाभ भी करवाएगा। ये महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होने के साथ-साथ खूब धन कमाने वाले व्यक्ति भी हैं। इनको आकर्षक शरीर वाले जीवन साथी की प्राप्ति होगी। यहां स्थित सूर्य न केवल इनकी संतान की संख्या को कम कर सकता है बल्कि इनको पेट से संबंधित कुछ विकार भी दे सकता है। यहां स्थित सूर्य इनकी मां के लिए भी शुभ परिणाम नहीं देगा, लेकिन मामा या ननिहाल के लिए शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी। 12. सूर्य : कुंडली के द्वादश भाव में — Surya in Twelfth
House जीवन के शुरुआती वर्षों में इनको कुछ अधिक परेशानियां रह सकती हैं। इनमें आत्मविश्वास की कमी देखने को मिल सकती है। सूर्य की यह स्थिति इनके छोटे भाई-बहनों के लिए अच्छे परिणाम देगी। उन्हें उनके कार्यक्षेत्र में बडी तरक्की मिलेगी। यहां स्थित सूर्य के कारण आर्थिक रूप से समृद्ध होने में इनको बडी कठिनाई होगी। सूर्य की इस स्थिति में इनको अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिएबहुत कठिन परिश्रम करना पड सकता है। वहीं यह स्थिति पिता पुत्र संबंधों के लिए भी अच्छी नहीं मानी गई है। सूर्य ग्रह मजबूत होने से क्या होता है?Surya Grah Upay: सूर्य ग्रह को कुंडली (Kundali) का प्रधान ग्रह माना जाता है. सूर्य को दिन का राजा कहा गया है. जिसकी कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है, उसे नौकरी (Job), बिजनेस (Business), राजनीति (Politics) में सफलता मिलती है. Surya Grah Upay: सूर्य ग्रह को कुंडली (Kundali) का प्रधान ग्रह माना जाता है.
सूर्य कब खराब होता है?कैसे होता सूर्य खराब? :
* देर से सोकर उठना। * रात्रि के कर्मकांड करना। * राजाज्ञा-न्याय का उल्लंघन करना। * शुक्र, राहु और शनि के साथ मिलने से मंदा फल।
सूर्य के कमजोर होने से क्या होता है?Surya Upaay: ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर होता है, उसे जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उस व्यक्ति विशेष को महत्वपूर्ण पद और राज्य संबंधी सभी कार्य जैसे न्याय, राजदूत, राज्याध्यक्ष आदि पदों और व्यापार आदि में बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।
सूर्य तेज होने से क्या होता है?कुंडली में सूर्य ग्रह को प्रधान ग्रह माना गया है. मान्यता है कि जातक की कुंडली में मजबूत सूर्य (Strong Sun In Kundali) नौकरी, बिजनेस और राजनीति में सफलता दिलाता है. लेकिन अगर किसी की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में है या सूर्य दोष होता है, तो उनको किसी कार्य में सफलता नहीं मिलती. अनेक रोगों से घिर जाता है.
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