सूरज डूबने पर जल्दी आने के लिए कौन कहता है और क्यों? - sooraj doobane par jaldee aane ke lie kaun kahata hai aur kyon?

प्रश्न 1: ”यह कठिन समय नहीं है?” यह बताने के लिए कविता में कौन-कौन से तर्क प्रस्तुत किए गए हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :
यह बताने के लिए कवि ने निम्नलिखित तर्क दिए हैं-
(i) अभी भी चिड़िया की चोंच में तिनका दबा है।
(ii) एक हाथ झड़ती हुई पत्ती को थामने के लिए बैठा है।
(iii) अभी भी एक रेलगाड़ी गंतव्य तक जाती है।
(iv) कथा का अखिरी हिस्सा बूढ़ी नानी सुना रही है जिसमें अभी भी एक बस अंतरिक्ष के पार की दुनिया से बचे हुए लोगों की खबर लाएगी।
(v) अभी भी कोई किसी को कहता है कि जल्दी आ जाओ, सूरज डूबने का समय हो चला है।

प्रश्न 2: चिड़िया चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में क्यों है? वह तिनकों का क्या करती होगी? लिखिए।

उत्तर : सूरज डूबने ही वाला है और सूरज डूबने से पहले चिड़िया अपने लिए घोंसला बनाना चाहती है। इसलिए चिड़िया अपनी चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में है।

प्रश्न 3: कविता में कई बार ‘अभी भी’ का प्रयोग करके बातें रखी गई हैं, अभी भी का प्रयोग करते हुए तीन वाक्य बनाइए और देखिए उनमें लगातार, निरंतर, बिना रुके चलनेवाले किसी कार्य का भाव निकल रहा है या नहीं?

उत्तर :
(i) अभी भी सूरज डूबने में समय है।
(ii) कक्षा खत्म होने में अभी भी बहुत समय बाकी है।
(iii) अभी भी मेरा काम खत्म नहीं हुआ है।
ऊपर दिए गए तीनों वाक्यों में कार्य के निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया का भाव है।

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प्रश्न-अभ्यास

पाठ से

प्रश्न 1.
“यह कठिन समय नहीं है ?” यह बताने के लिए कविता में कौन-कौन से तर्क प्रस्तुत किए गए हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
“यह कठिन समय नहीं है” यह बताने के लिए कविता में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किए गए हैं –

  • चिड़िया अपनी चोंच में तिनका दबाए उड़ने की तैयारी में है, जिससे वह घोंसला बना सके।
  • डाली से गिरती पत्ती को थामने के लिए हाथ तैयार हैं।
  • रेलवे स्टेशन पर भीड़-भाड़ है।
  • गंतव्य तक अभी भी रेलगाड़ी जाती है।
  • अभी भी कोई किसी को कहता है कि जल्दी
  • आ जाओ, सूरज डूबने का समय हो चला है।

प्रश्न 2.
चिड़िया चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में क्यों है? वह तिनकों का क्या करती होगी? लिखिए।
उत्तर:
चिड़िया चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में इसलिए है, क्योंकि उसे उस तिनके को यथास्थान रखकर और भी तिनके ले जाने की जल्दी है। वह इन तिनकों को एकत्र कर उनसे अपने परिवार और आने वाले अंडे-बच्चों के लिए घोंसला बनाती होगी।

प्रश्न 3.
कविता में कई बार ‘अभी भी’ का प्रयोग करके बातें रखी गई हैं, अभी भी का प्रयोग करते हुए तीन वाक्य बनाइए और देखिए उनमें लगातार, निरंतर, बिना रुके चलनेवाले किसी कार्य का भाव निकल रहा है या नहीं?
उत्तर:
‘अभी भी’ का प्रयोग करके बनाए गए तीन वाक्य –

  • यह वर्षा तो सुबह से शुरू हुई और अभी भी हो रही है।
  • यहाँ सड़क का निर्माण कार्य अभी भी जारी है।
  • मैं इस डॉक्टर की दवा एक महीने से खा रहा हूँ, पर अभी भी पूरी तरह ठीक नहीं हो सका हूँ। इन वाक्यों में लगातार, निरंतर, बिना रुके चलने वाले कार्यों का भाव निकल रहा है।

प्रश्न 4.
“नहीं” और “अभी भी” को एक साथ प्रयोग करके तीन वाक्य लिखिए और देखिए ‘नहीं’, ‘अभी भी’ के पीछे कौन-कौन से भाव छिपे हो सकते हैं?
उत्तर:
“नहीं” और “अभी भी” का एक साथ प्रयोग –

  • सरकारी सहायता समय पर नहीं मिलने के कारण वह अभी भी अपना काम शुरू न कर पाया है।
  • इस साल समय पर वर्षा नहीं हुई है, किसान अभी भी बादलों की ओर देख रहे हैं।
  • यहाँ कोई सरकारी बैंक नहीं है, अत: गाँव वाले इस साहूकार के पास अभी भी जाते हैं। इन वाक्यों में किसी काम के बिना रुके चलने का, निरंतरता का भाव छिपा हुआ है।

कविता से आगे

प्रश्न 1.
घर के बड़े-बूढ़ों द्वारा बच्चों को सुनाई जानेवाली किसी ऐसी कथा की जानकारी प्राप्त कीजिए जिसके आखिरी हिस्से में कठिन परिस्थितियों से जीतने का संदेश हो।
उत्तर:
कठिन परिस्थितियों से जीतने का संदेश देती कहानी प्राचीन काल की बात है, वरदराज नाम का एक बालक था। उनके पिता ने उसे पढ़ने के लिए ऋषि के पास गुरुकुल में भेजा। अन्य छात्रों के साथ वरदराज भी गुरुजी से विद्यार्जन करने लगा। वह बहुत प्रयास करता, किंतु असफल रहता। सभी बच्चे उसे मंदबुद्धि कहते थे, क्योंकि वह एक कक्षा में ही कई-कई साल लगाता था।

उसकी असफलता देख एक दिन गुरुजी ने उससे कहा, “बेटा वरदराज, मैंने बहुत प्रयास करके देख लिया, किंतु तुम विद्यार्जन नहीं कर पा रहे हो। लगता है विद्या तुम्हारे भाग्य में नहीं है। मेरा कहा मानो और घर लौट जाओ।” गुरुजी की ऐसी बातें सुनकर रदराज ने अत्यंत दुखी मन से घर वापस जाने का निर्णय कर लिया। उसने गुरुजी से विदा ली और घर की राह ली।

रास्ते में वरदराज को प्यास लगी। उसने कुएँ पर कुछ औरतों को पानी भरते देखा और उनके पास गया। वरदराज ने देखा कि औरतों द्वारा कुएँ की जगत पर घड़े रखने से जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। वरदराज ने सोचा यदि पत्थर की बनी जगत पर घड़े रखने से निशान बन सकते हैं, तो बार-बार के अभ्यास से मैं विद्या क्यों नहीं प्राप्त कर सकता। कठिन अभ्यास द्वारा विद्यार्जन का दृढ़ निश्चय कर वह वापस गुरुजी के पास आ गया।

उसने गुरुजी से एक मौका माँगा और कठोर परिश्रम करना आरंभ कर दिया। उसकी मेहनत रंग लाई। समय बीतने के साथ ही कल का बुद्ध कहलाने वाला वरदराज विद्वान बन गया। विद्वान वरदराज ने संस्कृत व्याकरण की सरल भाषा में पुस्तक लिखी, जिसे ‘लघुसिद्धांत कौमुदी’ के नाम से जाना जाता है। इसकी सहायता से कमजोर छात्र भी संस्कृत व्याकरण सरलता से सीख सकते हैं। इस प्रकार मंदबुद्धि वरदराज ने अपनी मेहनत से कठिन परिस्थितियों को जीतकर अपना नाम अमर कर लिया।

प्रश्न 2.
आप जब भी घर से स्कूल जाते हैं कोई आपकी प्रतीक्षा कर रहा होता है। सूरज डूबने का समय भी आपको खेल के मैदान से घर लौट चलने की सूचना देता है कि घर में कोई आपकी प्रतीक्षा कर रहा है-प्रतीक्षा करनेवाले व्यक्ति के विषय में आप क्या सोचते हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
प्रतीक्षा करने वाले व्यक्ति के विषय में मैं यह सोचता हूँ कि –

  • प्रतीक्षा करने वाला व्यक्ति विशेष अपनत्व एवं प्यार रखता है।
  • वह हमारे सुख-दुख का ख्याल रखता है।
  • वह हमारे लिए चिंतित रहता है।
  • वह हमें हर प्रकार के कष्टों से बचाना चाहता है।

अनुमान और कल्पना –

(क) अंतरिक्ष के पार की दुनिया से क्या सचमुच कोई बस आती है जिससे खतरों के बाद भी बचे हुए लोगों की खबर मिलती है? आपकी राय में यह झूठ है या सच? यदि झूठ है तो कविता में ऐसा क्यों लिखा गया? अनुमान लगाइए यदि सच लगता है तो किसी अंतरिक्ष संबंधी विज्ञान कथा के आधार पर कल्पना कीजिए वह बस कैसी होगी, वे बचे हुए लोग खतरों से क्यों घिर गए होंगे? इस संदर्भ को लेकर कोई कथा बना सकें तो बनाइए।
उत्तर:
उक्त संदर्भ लेकर छात्र कोई कथा स्वयं बनाएँ।

जल्दी लौट आओ कि सूरज डूबने का वक्त हो गया है लोग क्यों कहते हैं *?

व्याख्या – कवयित्री कहती हैं कि जब तक कोई किसी का इंतजार कर रहा है और कह रहा है कि सूरज डूबने का समय हो गया है जल्दी आ जाओ। जब तक बूढी नानी-दादी की सुनाई कहानियाँ सुनाई जाती रहेंगी कि आसमान में भी एक दुनिया बसती है। तब तक सबसे बुरा समय नहीं आ सकता।

सूरज डूबने के साथ कौन सी बात जुड़ी?

Answer: सूरज डूबने ही वाला है और सूरज डूबने से पहले चिड़िया अपने लिए घोंसला बनाना चाहती है। इसलिए चिड़िया अपनी चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में है।

जल्दी आ जाओ कि अब सूरज डूबने का वक्त हो गया है प्रस्तुत पंक्तियाँ किस कविता से ली गई हैं एवं इसके कवि कौन है?

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की एक कविता है : 'दुख तुम्हें क्या तोड़ेगा तुम दुख को तोड़ दो।

यह समय कठिन नहीं है बताने के लिए कौन कौन से उदाहरण प्रस्तुत किए गए हैं?

1. ”यह कठिन समय नहीं है?” यह बताने के लिए कविता में कौन-कौन से तर्क प्रस्तुत किए गए हैं? स्पष्ट कीजिए। 1. अभी भी चिड़िया चोंच में तिनका दबाए उड़ने को तैयार है क्योंकि वह नीड़ का निर्माण करना चाहती है।