प्रश्न 1: ”यह कठिन समय नहीं है?” यह बताने के लिए कविता में कौन-कौन से तर्क प्रस्तुत किए गए हैं? स्पष्ट कीजिए। Show उत्तर : प्रश्न 2: चिड़िया चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में क्यों है? वह तिनकों का क्या करती होगी? लिखिए। उत्तर : सूरज डूबने ही वाला है और सूरज डूबने से पहले चिड़िया अपने लिए घोंसला बनाना चाहती है। इसलिए चिड़िया अपनी चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में है। प्रश्न 3: कविता में कई बार ‘अभी भी’ का प्रयोग करके बातें रखी गई हैं, अभी भी का प्रयोग करते हुए तीन वाक्य बनाइए और देखिए उनमें लगातार, निरंतर, बिना रुके चलनेवाले किसी कार्य का भाव निकल रहा है या नहीं? उत्तर : Students can prepare for their exams by studying NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 8 यह सबसे कठिन समय नहीं was designed by our team of subject expert teachers. प्रश्न-अभ्यास पाठ से प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
कविता से आगे प्रश्न 1. उसकी असफलता देख एक दिन गुरुजी ने उससे कहा, “बेटा वरदराज, मैंने बहुत प्रयास करके देख लिया, किंतु तुम विद्यार्जन नहीं कर पा रहे हो। लगता है विद्या तुम्हारे भाग्य में नहीं है। मेरा कहा मानो और घर लौट जाओ।” गुरुजी की ऐसी बातें सुनकर रदराज ने अत्यंत दुखी मन से घर वापस जाने का निर्णय कर लिया। उसने गुरुजी से विदा ली और घर की राह ली। रास्ते में वरदराज को प्यास लगी। उसने कुएँ पर कुछ औरतों को पानी भरते देखा और उनके पास गया। वरदराज ने देखा कि औरतों द्वारा कुएँ की जगत पर घड़े रखने से जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। वरदराज ने सोचा यदि पत्थर की बनी जगत पर घड़े रखने से निशान बन सकते हैं, तो बार-बार के अभ्यास से मैं विद्या क्यों नहीं प्राप्त कर सकता। कठिन अभ्यास द्वारा विद्यार्जन का दृढ़ निश्चय कर वह वापस गुरुजी के पास आ गया। उसने गुरुजी से एक मौका माँगा और कठोर परिश्रम करना आरंभ कर दिया। उसकी मेहनत रंग लाई। समय बीतने के साथ ही कल का बुद्ध कहलाने वाला वरदराज विद्वान बन गया। विद्वान वरदराज ने संस्कृत व्याकरण की सरल भाषा में पुस्तक लिखी, जिसे ‘लघुसिद्धांत कौमुदी’ के नाम से जाना जाता है। इसकी सहायता से कमजोर छात्र भी संस्कृत व्याकरण सरलता से सीख सकते हैं। इस प्रकार मंदबुद्धि वरदराज ने अपनी मेहनत से कठिन परिस्थितियों को जीतकर अपना नाम अमर कर लिया। प्रश्न 2.
अनुमान और कल्पना – (क) अंतरिक्ष के पार की दुनिया से क्या सचमुच कोई बस आती है जिससे खतरों के बाद भी बचे हुए लोगों की खबर मिलती है? आपकी राय में यह झूठ है या सच? यदि झूठ है तो कविता में ऐसा क्यों लिखा गया? अनुमान लगाइए यदि सच लगता है तो किसी अंतरिक्ष संबंधी विज्ञान कथा के आधार पर कल्पना कीजिए वह बस कैसी होगी, वे बचे हुए लोग खतरों से
क्यों घिर गए होंगे? इस संदर्भ को लेकर कोई कथा बना सकें तो बनाइए। जल्दी लौट आओ कि सूरज डूबने का वक्त हो गया है लोग क्यों कहते हैं *?व्याख्या – कवयित्री कहती हैं कि जब तक कोई किसी का इंतजार कर रहा है और कह रहा है कि सूरज डूबने का समय हो गया है जल्दी आ जाओ। जब तक बूढी नानी-दादी की सुनाई कहानियाँ सुनाई जाती रहेंगी कि आसमान में भी एक दुनिया बसती है। तब तक सबसे बुरा समय नहीं आ सकता।
सूरज डूबने के साथ कौन सी बात जुड़ी?Answer: सूरज डूबने ही वाला है और सूरज डूबने से पहले चिड़िया अपने लिए घोंसला बनाना चाहती है। इसलिए चिड़िया अपनी चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में है।
जल्दी आ जाओ कि अब सूरज डूबने का वक्त हो गया है प्रस्तुत पंक्तियाँ किस कविता से ली गई हैं एवं इसके कवि कौन है?सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की एक कविता है : 'दुख तुम्हें क्या तोड़ेगा तुम दुख को तोड़ दो।
यह समय कठिन नहीं है बताने के लिए कौन कौन से उदाहरण प्रस्तुत किए गए हैं?1. ”यह कठिन समय नहीं है?” यह बताने के लिए कविता में कौन-कौन से तर्क प्रस्तुत किए गए हैं? स्पष्ट कीजिए। 1. अभी भी चिड़िया चोंच में तिनका दबाए उड़ने को तैयार है क्योंकि वह नीड़ का निर्माण करना चाहती है।
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