Surya Samaskar names in Hindi: योग आज हमारे देश में ही नहीं बाल्कि पूरी दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। लेकिन ज्यादातर लोगों के पास समय की समस्या हमेशा रहती है। इसलिए वो योग करने की इच्छा रखते हुए भी योग नहीं कर पाते हैं। यदि आप भी इसी परेशानी से गुजर रहे हैं तो हमारी इस पोस्ट को अंत तक पढि़ए। अपनी इस पोस्ट में हम आपको सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम बताएंगे। साथ ही उन्हें करन का तरीका बताएंगे। Show
यदि आप सूर्य नमस्कार के ये 12 आसन रोजाना करते हैं तो इससे आपको शरीरिक लाभ तो होगा ही साथ ही आप इससे मानसिक तौर पर स्वस्थ रहेंगे। इसलिए आपको इनके बारे में जरूर जानना चाहिए। तो चलिए जानते है, Surya Namaskar ke 12 aasan ke naam (Surya Samaskar names in Hindi) सूर्य नमस्कार क्या होता है?इससे पहले कि हम सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम जाने चलिए मै आपको ये बताता हूँ कि आखिर सूर्य नमस्कार है क्या? सूर्य नमस्कार एक योग क्रिया है। जो कि बेहद ही कम समय में कोई भी इंसान इसे कहीं भी कर सकता है। यह योग आसान कुल 12 योग से मिलकर बना है। इसकी खास बात ये है कि आप सुबह सवेरे इसे किसी भी जगह कर सकते हैं। साथ ही इसके कुल 12 चरण होते हैं और पूरे 12 चरण एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। इसे करने से आपके मन को शांति मिलती है। साथ ही आपका शरीर भी दिनभर ऊर्जावान बना रहता है। जिसके चलते आपका पूरा दिन खुशीं के साथ बीतता है। सूर्य नमस्कार करने के लाभसूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम जानने से पहले आइए एक बार हम आपको सूर्य नमस्कार के लाभ बता देते हैं। कोई भी इंसान यदि सूर्य नमस्कार करता है तो निश्चित ही उसे ये सभी लाभ प्राप्त होंगे। इसलिए सूर्य नमस्कार के 12 आसन हम सभी को जरूर करने चाहिए। आपकी सेहत अच्छी रहती हैसूर्य नमस्कार के 12 आसन यदि कोई भी इंसान रोजाना करता है तो उसकी सेहत हमेशा अच्छी रहती है। क्योंकि सूर्य नमस्कार के दौरान हम गहरी सांस लेते हैं और छोड़ते हैं। जिससे हमारे शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। इसके आपके शरीर को भरपूर ऑक्सीजन भी मिलेगी। जो कि आपके रक्त संचार में बेहद मददगार सिद्ध होती है। पाचन तंत्र बेहतर रहता हैजिन लोगों को पेट से संबधित समस्या जैसे कब्ज, अपच या पेट में जलन आदि रहती है। उन्हें हर रोज सूर्य नमस्कार जरूर करना चाहिए। क्योंकि सूर्य नमस्कार करने से शरीर में खिंचाव आता है। जिससे आपका पाचन तंत्र बेहतर रहता है। इससे आपका खाना भी अच्छे से हजम हो जाता है। पेट अंदर हो जाता हैजिन लोगों का पेट बाहर निकला हुआ होता है। उन्हें सूर्य नमस्कार रोजाना करना चाहिए। इससे उनका पेट अंदर हो जाता है। साथ ही उनका शरीर भी पतला हो जाता है। सूर्य नमस्कार करने से आपका पेट अंदर हो जाता है जिससे आप पहले से बेहतर भी महसूस करते हैं और आपको पेट के चलते शर्मिदा भी नहीं होना पड़ता है। डिटॉक्स कम करने में मददगारजो लोग पेट में जहरीली गैसों से परेशान रहते हैं उन्हें भी सूर्य नमस्कार के 12 आसन जरूर करना चाहिए। सूर्य नमस्कार योग के दौरान हम लोग बार बार गहरी सांस लेते और छोड़ते हैं। इसलिए इससे आपके शरीर से सभी तरह की जहरीली गैस बाहर निकल जाती है। साथ ही शुद्ध हवा आपके शरीर में बार बार जाती है जिससे आपको बेहतर के साथ ताजगी भी महसूस होती है। चिंता से दूर रहेंगेसूर्य नमस्कार करने से आपके शरीर में किसी तरह की चिंता नहीं रहती है। साथ ही आपकी स्मरण शक्ति भी पहले से काफी बढ़ जाती है। चिंता ना होने के कारण आपके चेहरे पर किसी तरह का तनाव भी नहीं दिखाई देता है। जिससे आपका पूरा दिन अच्छे से गुजरता है। शरीर में लचीलापन आता हैसूर्य नमस्कार के दौरान हम लोग लगातार अपने शरीर को इधर उधर करते हैं। इससे हमारे शरीर में लचीलापन भी आता है। इसे करने से आपका पूरा शरीर बेहद ही लचीला हो जाता है। जिससे काम के दौरान आपको थकावट का बेहद ही कम अहसास होता है। साथ ही बढ़ी हुई उम्र में भी आप खूब काम कर पाते हैं। मासिक धर्म नियमित होता हैजिन महिलाओं में मासिक धर्म को लेकर किसी तरह की समस्या है उन्हें भी सूर्य नमस्कार रोजाना करना चाहिए। हालांकि, इस दौरान आपको थोड़ी सावधानी भी रखनी होती है। इससे उनके मासिक धर्म संबधी शिकायत दूर होती है। साथ ही प्रसव के दौरान भी पीड़ा कम होती है। जिससे उनके शरीर को आराम मिलता है। इसलिए महिलाओं को भी रोजाना सूर्य नमस्कार करना चाहिए। रीढ़ की हड्डी मजबूत रहती हैसूर्य नमस्कार के 12 आसन करने से आपके शरीर की रीढ़ की हड्डी मजबूत रहती है। साथ ही आपकी कमर में भी लचीलापन आता है। क्योंकि इस दौरान आप कई बार अपनी रीढ़ की हड्डी को इधर उधर घुमाते हैं। जिससे आपकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरह से लचीली हो जाती है। जवान रखने में लाभकारीजिन लोगों को लंबी आयु तक जवान रहने की इच्छा होती है। उन्हें सूर्य नमस्कार रोजाना करना चाहिए। इससे आपके शरीर को पूरी तरह से ऊर्जा मिलती है। जिससे आपका शरीर लंबी आयु तक हष्ठ पुष्ठ रहता है। माना तो ये भी जाता है कि जो लोग रोजाना सूर्य नमस्कार करते हैं वो दूसरे लोगों के मुकाबले ज्यादा जीवन जीते हैं। चेहरे पर निखार लाता हैसूर्य नमस्कार करने से आपके शरीर को पूरी ऊर्जा मिलती है। इससे आपके अंदर थकावट नहीं आती है। इस तरह से आपको मिली ये ऊर्जा आपके चेहरे पर भी दिखाई देती है। जिसे हम लोग निखार के रूप में जानते हैं। इसे कोई भी आपसे मिलेगा तो बेहद ही थोड़े समय में आपसे प्रभावित हो जाएगा। ये भी पढ़ें: खाली पेट पानी पीने के फायदे किन लोगों को नहीं करना चाहिए सूर्य नमस्कारऐसा नहीं है कि सूर्य नमस्कार कोई भी कर सकता है। कुछ लोगों को इसे नहीं भी करना चाहिए। यदि वो लोग इसे करते हैं तो इससे उनके शरीर को लाभ होने की बजाय नुकसान भी हो सकता है।
सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम और करने का तरीकाआइए अब हम आपको सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम और उन्हें करने की प्रक्रिया के बारे में बताते हैं। ये सभी आसन बेहद ही आसान हैं इसलिए इन्हें कोई भी कर सकता है। लेकिन बस ध्यान ये रखें कि आप हमेशा सुबह सुबह खाली पेट सूर्य नमस्कार करें। साथ ही किसी खुली जगह पर करें। जहां आपको ताजी हवा मिल सके। प्रणामसनसूर्य नमस्कार के 12 आसन में यह पहला आसन है। इसमें आपको सबसे पहले किसी खुले मैदान में चले जाना है। इसके बाद आपको सीधा खड़ा हो जाना है। अब आपको अपने हाथ जोड़ते हुए अपनी छाती से लगा कर रखने हैं। इसी अवस्था में रहकर आपको गहरी सांस भरनी है और छोड़नी है। इस तरह से आप थोड़ी देर तक कर सकते हैं। हस्तउत्तासनअब आपको पहली अवस्था में ही आगे बढ़ना है। इसके अंदर आपको अपने हाथों को ऊपर उठा कर पीछे की तरफ ले जाना है। इसी के साथ अपने शरीर को भी पीछे की तरफ झुकाना है। लेकिन ध्यान ये रखें कि आपके हाथ इस दौरान आपके कान से सटे रहें। अब आप कोशिश करें कि अपनी गरदन को पीछे की तरफ झुका कर पीछे देखने की कोशिश करें। इस आसन में आप जबरदस्ती कुछ ना करें। अन्यथा आप चोटिल हो सकते हैं। ये भी पढ़ें: खुश रहने का सबसे आसान तरीका पादहस्तासनअब आपको तीसरे चरण में आने के लिए आपको अपने हाथ पीछे से आगे की तरफ से आगे लेकर आना है। साथ ही धीरे धीरे सांस भी छोड़ते रहना है। इसी तरह से अपने हाथों को अपने पैर के पंजों तक लेकर आ जाइए। ध्यान ये रखिए कि इस दौरान आपके घुटने मुड़े हुए ना हों। अब आप अपने हाथों को अपने पंजों से मिला लीजिए। लेकिन यदि आपके हाथ पंजों से नहीं मिल पा रहे हैं तो आपके हाथ जहां तक पहुंच पा रहे हैं, वहीं तक ले जाइए। अश्व संचालनासनअब आपको अपने दोनों हाथों को धीरे धीरे आगे लेकर आना है। साथ ही अपने बाएं पैर को पीछे की तरफ ले जाते हए अपने दाएं पैर को आगे लेकर अपने घुटनों को छाती से लगाना होगा। इसके बाद आपको अपनी गरदन पीछे की तरफ ले जानी है। कोशिश करें कि आप कुछ समय के लिए अपनी गरदन को ऊपर की तरफ ही रखें। इस तरह से आपके शरीर में पूरी तरह से लचीलापन आ जाएगा। दंडासनअब आप अपने शरीर में गहरी सांस भरें और अपने दाएं पैर को भी पीछे लेकर जाएं। जो कि आप पहले आगे लेकर आ गए थे। इसके बाद अपने हाथों और पंजों के बल अपने शरीर को ऊपर उठा लें। अब आप अपने हाथों पर जोर देकर कुछ समय तक इसी तरह शरीर को ऊपर उठाए रखें। इससे आपके हाथों पर जोर पड़ता है। ऐसे में यदि आपके हाथ में चोट आदि लगी हो तो इसे ना करें। सूर्य नमस्कार के 12 आसन में से यह 5वा आसान है। ये भी पढ़ें: अधिक गर्म पानी पीने के नुकसान अष्टांग आसनअब आपको सीधा धरती पर पेट के बल लेट जाना है। आपको इस दौरान इस तरह से लेटना है कि आपका पूरा शरीर धरती से लग जाए। इसके बाद अपने घुटनों के बल का प्रयोग करके आने कुल्हों को ऊपर उठाना है। ध्यान ये रखें कि इस दौरान आपके सिर्फ कुल्हे ही ऊपर उठने चाहिए। नािकि आपके आगे का शरीर। बाकी का शरीर धरती पर लगा रहना चाहिए। भुजंगासनअब आपको अपने कुल्हों को दोबारा से नीचे करते हुए अपने हाथों के बल पर अपने शरीर के आगे के हिस्से को ऊपर उठाना है। इसे आप जितना उठा सकें उतनी ऊपर तक लेकर जाना है। इसमें आपकी कमर के ऊपर का हिस्सा ही ऊपर उठना चाहिए। बाकी का शरीर धरती से लगा होना चाहिए। अधोमुख शवासनइस आसन में आपको अपने शरीर को उल्टे V आकार में लाना होता है। इसके लिए आपको अपने पैरों और हाथों को जमीन पर लगाना होता है। इसके बाद इन्हीं दोनों के जोर से अपने कूल्हों को ऊपर की तरफ ले जाना है। इस दौरान कोशिश करनी है कि आपका शरीर पूरी तरह से V आकार का रूप ले ले। लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है तो आप जितना अपने कूल्हों को ऊपर उठा सकते हैं उतना ही ऊपर उठाएं। अश्व संचालासनअब आपको एक बार फिर से दोबार उसी मुद्रा में आना होगा। जिसमें आप पहले एक बार आए थे। लेकिन इस बार आपको ध्यान ये रखना होगा कि आप अपने बाएं पैर को आगे की तरफ लेकर आएं। जबकि दूसरे पैर को पीछे की तरफ लेकर जाएं। इस तरह से आप देखेंगे कि पहले के आसन से ठीक अब आपको उल्टा करना होगा। पादहस्तासनइस आसन को भी हम एक बार पहले कर चुके हैं। इसमें आपको सबसे पहले सामान्य अवस्था में आना होगा। इसके बाद सीधे खड़े होकर आने दोनों हाथों को सीधे आगे से अपने पंजों की तरफ नीचे लेकर आना होगा। साथ ही धीरे धीरे सांस भी छोड़ते रहना होगा। इस तरह से आपको अपने हाथों को अपने पंजों तक लेकर आना होगा। इसमें आपको कोशिश करनी होगी कि आपका हाथ पूरी तरह से आपके पंजों से मिल जाए। साथ ही ध्यान ये रखना होगा कि आपके घुटने बिल्कुल भी मुडे हुए ना हों। हस्तउत्तासनइस आसन में आपको अपने हाथों को सामने से ऊपर की तरफ ले जाते हुए पीछे की तरफ लेकर जाना होता है। साथ ही अपने शरीर को भी धीरे धीरे पीछे की तरफ मोड़ना होता है। शरीर को पीछे की तरफ ले जाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप कमर के ऊपर का हिस्सा ही पीछे की तरफ लेकर जाएं। प्रणामसनयह आसन हमने सबसे पहले किया था। इसके अंदर आपको सीधे खड़े होकर अपने हाथों को इस तरह से जोड़ना है जैसे हम लोग मंदिर में जोड़ते हैं। बस ध्यान ये रखना होगा कि आपके हाथ इस दौरान छाती से लगे हुए हों। साथ ही आप लगातार गहरी सांस अंदर और बाहर ले रहे हों। Conclusionआज आपने जाना कि सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम क्या है। उम्मीद है Surya Namaskar ke 12 aasan ke naam और उन्हें करने का तरीका आपको पता चल गया होगा। तो देर किस बात की आब आप इसे अपने दोस्तों को भी भेजें ताकि उन्हें भी सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम पता चल सके। सूर्य नमस्कार की 12 स्थितियां कौन कौन सी है?खुले मैदान में योगा मैट के ऊपर खड़े हो जाएं और सूर्य को नमस्कार करने के हिसाब से खड़े हो जाएं। सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को जोड़ कर सीने से सटा लें और गहरी, लंबी सांस लेते हुए आराम की अवस्था में खड़े हो जाएं। पहली अवस्था में खड़े रहते हुए सांस लीजिए और हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। और पीछे की ओर थोड़ा झुकें।
सूर्य नमस्कार में कितने आसन होते हैं नाम बताइए?10 अंगों की मदद से किए जाने वाले सूर्य नमस्कार में कुल 12 तरह के आसन होते हैं। इन आसनों से शरीर का संपूर्ण व्यायाम हो जाता है।
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