प्राकृत संख्या और पूर्ण संख्या क्यों है - praakrt sankhya aur poorn sankhya kyon hai

हेलो बच्चों तुम्हें प्रश्न दिया गया है एक संख्या बताइए जो पूर्ण संख्या है परंतु वह प्राकृत संख्या नहीं है ठीक है तो बच्चे देखो यहां पर सबसे पहले हमें तूने संख्या तथा प्राकृत संख्या के बारे में जानकारी होनी चाहिए ठीक है तो मुझे देखो यहां पर पूर्ण संख्या किसे कहते हैं तो वैसे संख्या जिसमें बच्चों सुनिए तथा प्राकृतिक संख्या का सम्मिलित रूप हो उसे हम पुणे संख्या कहते हैं तो पुणे संख्या का उदाहरण क्या होगा मुझे देखो पूर्ण संख्या संख्या का उदाहरण देखें संज्ञा का उदाहरण सुनिए 1234567 ही बढ़ते जाएंगे अनंत तक ठीक है इसी प्रकार बजे तक हो यहां पर प्राकृत संख्या तो प्राकृत संख्या वैसे संख्या जिसका उपयोग हम गणना में करते हैं ठीक है

ना में करते हैं किसी वस्तु की संख्या ज्ञात करने में जैसे 4 पुस्तकें तो बच्चे को 4 पुस्तकें में पुस्तकों की संख्या कितनी है 4 है इसी प्रकार बचा देखो एक कलम तो कलम की संख्या कितनी है एक है ठीक है तू प्राकृत प्राकृत प्राकृत तथा प्राकृतिक संख्या संख्या के उदाहरण के उदाहरण श्याम वो तो देखो यहां पर वैसे संख्या जिसे हम गणना में उपयोग कर सकते हैं तो जैसे 123456789 इस प्रकार बढ़ते जाएंगे ठीक है तो क्या बोला जरा देखो एक संख्या बताइए जो पूर्ण संख्या है परंतु वह प्राकृत संख्या नहीं है सुबह से देखो यहां पर पूर्ण संख्या में सुनिए परंतु बच्चों प्राकृत संख्या में सोनिया नहीं है

तुम मुझे देखो एक संख्या में बताना था तो मुझे देखो यहां पर सुनिए एक पूर्ण संख्या है परंतु प्राकृत संख्या नहीं है तो उत्तर क्या हो जाएगा बच्चों उत्तर क्या है उत्तर क्यों ने सुनिए सुनिए सुनिए

प्रश्न दिया है कि नीचे दी गई कथन सत्य है या असत्य कारण के साथ अपने उत्तर देना है ठीक है पहला प्रश्न में क्या दिया है पहला प्रश्न है एक प्राकृत संख्या पूर्ण संख्या होती है यानी प्रत्येक प्राकृत संख्या पूर्ण संख्या होती है तो सबसे पहले देखेंगे पूर्ण संख्या पूर्ण संख्या क्या होती है पूर्ण संख्या जो होती है वह जीरो 1234 डॉट डॉट डॉट होती है ठीक है और क्या होती है प्रकृति का किसको बोलते हैं प्राकृत संख्या प्राकृत संख्या क्या होगी वह भी 1234 डॉट डॉट डॉट कॉम देखने की पूर्ण संख्या में यहां पर है जो जीरो जीरो है और प्राकृत संख्या में क्या है वह जीरो नहीं है या नहीं पूर्ण संख्या जीरो 123456 इनफैक्ट तक जाएगी और प्राकृत संख्या जोगी एक से स्टार्ट हो के इक्विटी तक जाएगी इसका मतलब है हो गया कि

पूर्ण संख्या के अंतर्गत अंदर में ही यह प्राकृत संख्या आती है क्योंकि जो 1234 को पूर्ण संख्या में भी हैं इसलिए हम बोल सकते हैं कि प्रत्येक प्राकृत संख्या एक पूर्ण संख्या क्या होती है होती है दूसरे प्रश्नों में से पूछ रहा है कि प्रत्येक पूर्णांक एक पूर्ण संख्या होती है प्रत्येक पूर्णा के कुल संख्या होती है हमने देखा कि पूर्णांक क्या है पूर्णांक संख्या 01234 देख लिया और हमें क्या तखतपुर नागपुर नाम का मतलब होता है यह और रंक में आती है - 3 - 2 - 10 12 तीन इस तरह से न संख्या थी लेकिन पूर्ण संख्या जो होती वह जीरो से स्टार्ट होती है जो जीवन से शुरू होती है और पूर्ण होती है - इन सिटी से स्टार्ट होगी - 50 से लेकर नीचे तक होती है इसका मतलब यह हुआ सब प्रत्येक पूर्ण संख्या क्या होगी कुल संख्या नहीं होगी क्योंकि 2 - वाली जितनी भी संख्या पूर्णांक है वह क्या पूर्ण संख्या तो होगी नहीं इसलिए क्या हो गया यह कथन गलत हो जाएगा

यह कथन गलत हो जाएगा कि प्रशंसक पूछ रहा है क्या तीसरे प्रश्न है कि प्रत्येक परिमेय संख्या पूर्ण संख्या होती है प्रत्येक परिमेय संख्या एक पूर्ण संख्या होती है पूर्ण संख्या तो आप देख ली क्या होती है जीरो 12345 की होगी लेकिन परिमेय संख्या जो होती है परिमेय संख्या परिमेय संख्या जो होती है यह वाय पी के रूप में होती है जहां भी शून्य के बराबर नहीं होता है इसका मतलब यह हुआ कि हम एक बटा दो एक बटा तीन टिकट अच्छा यह सब क्या है परिभाषा क्या है ठीक है यह सब क्या है परिमेय संख्या पूर्ण संख्या क्या होती है वह हो गया 123457 जो भी होगा तो परिमेय संख्या पूर्ण संख्या होती है जब हो तो हो तीनों चारों कि किसका जोहर होता है एक होता है कि हम परिमेय संख्या बोल सकते इसको लेकिन हमें प्रत्येक परिमेय संख्या के बारे में बोला है कि जो यह भी परिमेय संख्या है

और यह परिमेय संख्या क्या है कि पूर्ण संख्या नहीं और यह परिमेय संख्या क्या है यह पूर्ण संख्या है इस पर संभोग शक्ति के सभी परिमेय संख्या जो है पूर्ण संख्या नहीं हो सकती है इसका मतलब यह हुआ कि तीसरे वाले प्रश्न का उत्तर हो गया ताकि सुलेशन आपको समझ में आए होंगे

प्राकृतिक संख्याएं संख्या पद्धति का एक भाग है, जिसमें 1 से अनंत तक सभी धनात्मक पूर्णांक शामिल हैं। ये संख्याएँ ही वास्तविक गणनीय संख्याएँ हैं, जिनमें केवल सकारात्मक पूर्णांक संख्या ही होते हैं। इनमें शून्य, अंश, दशमलव और ऋणात्मक संख्याएं शामिल नहीं होते हैं।

प्राकृतिक संख्या गणितशास्त्र का एक महत्वपूर्ण भाग है। इसकी खोज भारतीय उपमहाद्वीप में हुई थी। आज पूरा विश्व इसे प्रयोग करता है।

यह हमारे दैनिक जीवन के साथ-साथ गणित, विज्ञान, आधुनिक तकनीक, खगोलशास्त्र, कंप्यूटर विज्ञान इत्यादि अनेक क्षेत्रों में भी प्रयोग किया जाता है।

प्राकृतिक संख्याओं का परिचय

हम अपने जीवन में लगभग सभी चीजों के गिनती के लिये संख्या का प्रयोग करते हैं। संख्या का महत्त्व आप अपने चारों ओर देख सकते हैं।

चाहे घड़ी का समय बताना हो, पैसों का लेन-देन हो या कुछ वस्तुओं के बारे में कुछ कहना हो, हर बात पर हमें संख्या का प्रयोग करना ही होता है।

विभिन्न चीजों की गिनती करने के लिए प्रयोग की जाने वाली इन संख्याओं को “प्राकृतिक संख्या” कहा जाता है। उदाहरण के लिए,

  • आपने घर में किसी को कहते हुए सुना होगा – “आज शाम 5 बजे लौटते वक्त, 100 ग्राम धनिया लेते आना।”
  • या किसी खेल में सुना होगा – “अगर इस टीम ने 2 और गोल कर लिए, तो मैच 5-5 की बराबरी पर खत्म होगा।”

प्राकृतिक संख्या की परिभाषा: प्राकृतिक संख्या किसे कहते हैं?

प्राकृतिक संख्याएँ वे वास्तविक संख्याएँ हैं जिनका प्रयोग गिनती के लिए किया जाता है। प्राकृत संख्याओं में केवल धनात्मक पूर्णांक होते हैं, अर्थात् 1, 2, 3, 4, 5, ……….∞।

शून्य (0) के अलावा अन्य सभी पूर्ण संख्याओं के समूह को प्राकृतिक संख्या कहते हैं। ये संख्याएँ हमारे दैनिक जीवन के विभिन्न कामों और बोलचाल में महत्वपूर्ण रूप से उपयोग की जाती हैं।

प्राकृतिक संख्याओं के उदाहरण

प्राकृतिक संख्याओं के उदाहरण 1, 2, 3 से लेकर अनंत तक हैं। फिर भी अगर हम कुछ उदाहरणों की बात करें तो वे निम्नांकित हैं:

  • 15, 28, 33, 50, 84, 105, 360, 1090, 11520 इत्यादि।

प्राकृतिक संख्याओं को किन विभिन्न नामों से जाना जाता है?

प्राकृतिक संख्याओं को अँग्रेजी में Natural Numbers कहा जाता है। इसके अलावा इसे और 3 नामों से जाना जाता है।

  • प्राकृत संख्या
  • गणन संख्या
  • धनपूर्णांक संख्या

प्राकृतिक संख्याओं के विभिन्न रूप एवं उनसे जुड़े प्रश्न

प्राकृतिक संख्याओं का समूह क्या है और इसे कैसे प्रदर्शित किया जाता है?

गणित में प्राकृत संख्याओं के समूह को “1,2,3,…” के रूप में लिखा जाता है। आधुनिक समय में प्राकृत संख्याओं के समूह को  n या N अक्षर से दर्शाया जाता है। यहाँ n का अर्थ निंलिखित है:

  • n = 1, 2, 3, 4, 5, ………. ∞

कई बार एक प्राकृतिक संख्या को एक मानक अक्षर के रूप में भी प्रदर्शित किया जाता है। जैसे –

  • x = 1 से शुरू होने वाला कोई पूर्णांक

1 से लेकर 100 तक प्राकृतिक संख्याएँ कौन-कौन सी हैं?

1 से 100 तक की प्राकृतिक संख्याएँ निम्नलिखित हैं:

  • 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10
  • 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20
  • 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30
  • 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37, 38, 39, 40
  • 41, 42, 43, 44, 45, 46, 47, 48, 49, 50
  • 51, 52, 53, 54, 55, 56, 57, 58, 59, 60
  • 61, 62, 63, 64, 65, 66, 67, 68, 69, 70
  • 71, 72, 73, 74, 75, 76, 77, 78, 79, 80
  • 81, 82, 83, 84, 85, 86, 87, 88, 89, 90
  • 91, 92, 93, 94, 95, 96, 97, 98, 99 और 100।

सबसे छोटी प्राकृतिक संख्या कौन सी है?

जैसा कि हम जानते हैं कि सबसे छोटा धनात्मक पूर्णांक 1 है। प्राकृत संख्याओं के समूह या गणितीय सांख्य शृंखला में लघूत्तम सकारात्मक तत्त्व अर्थात गिनती का पहला अंक 1 है। अतः सबसे छोटी प्राकृतिक संख्या भी 1 ही है।

सबसे बड़ी प्राकृतिक संख्या कौन सी है?

चूंकि गणितीय गणनाओं का कोई अंत नहीं है, यह अनंत है। इसलिए सबसे बड़ी प्राकृतिक संख्या का अनुमान लगाना असंभव है।

यदि हम किसी विशेष स्तर तक की बात करते हैं, तब हम उस सीमा के अंतर्गत सबसे बड़ी संख्या को इंगित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए,

  • 1 – 100: यहाँ 100 सबसे बड़ी प्राकृतिक संख्या है।
  • 50 – 5,000:  यहाँ 5,000 सबसे बड़ी प्राकृतिक संख्या है।

क्या शून्य (0) एक प्राकृतिक संख्या है?

नहीं, 0 एक प्राकृत संख्या नहीं है क्योंकि प्राकृत संख्याएँ, गणनीय (गिनती करने वाले) संख्याओं को कहते हैं जो धनात्मक पूर्णांक होते हैं। शून्य न तो धनात्मक है और न ही ऋणात्मक।

किसी भी तरह के वस्तुओं को गिनने के लिए, हम 1 से गिनना शुरू करते हैं न कि 0 से। अतः शून्य एक प्राकृतिक संख्या नहीं है।

प्राकृतिक संख्या कितने प्रकार के होते हैं?

विभाज्यता के आधार पर प्राकृतिक संख्या दो प्रकार के होते हैं

1) विषम प्राकृत संख्या (Odd Natural Numbers)

विषम प्राकृत संख्याएँ वे संख्याएँ हैं जो विषम हैं अर्थात जिन्हें 2 से पूर्णतः विभाजित नहीं किया जा सकता है। विषम प्राकृत संख्याओं की शृंखला कुछ इस प्रकार है: 1,3,5,7,…।

2) सम प्राकृत संख्या (Even Natural Numbers)

सम प्राकृत संख्याएँ वे संख्याएँ हैं जो सम हैं अर्थात जिन्हें 2 से विभाजित करते रहने पर अंत में शेषफल 0 प्राप्त होता है। सम प्राकृत संख्याओं की शृंखला इस प्रकार है: 2,4,6,8,…।

प्राकृत संख्याएँ (Natural Numbers) और पूर्ण संख्याएँ (Whole Numbers) क्या होती हैं?

पूर्ण संख्याओं का समूह, प्राकृत संख्याओं के शृंखला के समान होता है। इनमें केवल एक ही अंतर होता है कि पूर्ण संख्या में एक अतिरिक्त संख्या शामिल होती है – शून्य (0)

उपरोक्त परिभाषा से हम यह कह सकते हैं कि प्रत्येक प्राकृत संख्या एक पूर्ण संख्या होती है। साथ ही, 0 के अलावा प्रत्येक पूर्ण संख्या एक प्राकृत संख्या है।

इसे ऐसे भी परिभाषित किया जा सकता है कि प्राकृत संख्याओं की शृंखला, पूर्ण संख्याओं के शृंखला का उपसमूह होता है। इन्हें आसानी से समझने के लिए, आइये इनके बीच के अंतर को देखते हैं।

प्राकृत संख्याओं और पूर्ण संख्याओं के बीच क्या अंतर है?

  • प्राकृतिक संख्याओं को N रूप में दर्शाया जाता है: [N = 1,2,3,4,5,…] लेकिन पूर्ण संख्याओं को W अक्षर से इंगित किया जाता है [W = 0,1,2,3,4,5,…]
  • लघूत्तम (सबसे छोटी) प्राकृत संख्या 1 है जबकि सबसे छोटी पूर्ण संख्या 0 है।
  • सभी प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्याएँ होती हैं, परन्तु सभी पूर्ण संख्याएँ प्राकृत संख्याएँ नहीं होती हैं।
  • शून्य को छोड़कर प्रत्येक पूर्ण संख्या एक प्राकृत संख्या है।

प्राकृतिक संख्याओं के लिए कौन-कौन से सूत्र प्रयोग किए जाते हैं?

  • प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं का औसत निकालने के लिए: (n+1) /2
  • लगातार n तक विषम प्राकृतिक संख्याओं के योग के लिए: (n/2+1)
  • प्रथम n प्राकृतिक सम संख्याओं का औसत निकालने के लिए: n+1
  • प्रथम n प्राकृतिक विषम संख्याओं का औसत निकालने के लिए: n
  • लगातार n तक विषम प्राकृतिक संख्याओं का औसत निकालने के लिए: (n+1) /2

इन सूत्रों में प्रयुक्त n का अर्थ है – 1, 2, 3 से लेकर अनंत तक की संख्या।

प्राकृत संख्या से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • प्राकृत संख्या, गणितीय संख्या पद्धति या सांख्य शृंखला का एक भाग है।
  • प्राकृतिक संख्या को N द्वारा सूचित किया जाता है।
  • 0 एक पूर्ण संख्या तो है, लेकिन एक प्राकृत संख्या नहीं है।
  • श्रेणी के आधार पर प्राकृतिक संख्या को ऐसे निरूपित किया जा सकता है: 0 < N ≥ 1
  • प्राकृतिक संख्या में N का अर्थ है: N = 1, 2, 3, 4, 5…..
  • प्राकृतिक संख्या की शृंखला में 1 इकाई की लगातार बढ़त होती रहती है।
  • ऋणात्मक, भिन्न और दशमलव की संख्याएँ न तो प्राकृत संख्याएँ हैं और न ही पूर्ण संख्याएँ।

प्रत्येक प्राकृत संख्या एक पूर्ण संख्या होती है क्यों?

हम देख चुके हैं कि प्राकृत संख्या 1 का कोई पूर्ववर्ती नहीं होता हैप्राकृत संख्याओं के संग्रह ( Collection) में हम 0 (शून्य) को 1 के पूर्ववर्ती के रूप में सम्मिलित करते हैं। प्राकृत संख्याएँ शून्य के साथ मिलकर पूर्ण संख्याओं (Whole numbers) का संग्रह बनाती हैं।

पूर्ण संख्या और प्राकृतिक संख्या में क्या अंतर है?

प्राकृत और पूर्ण संख्या में अंतर पूर्ण संख्या 0 से अनंत तक होती है। प्राकृतिक संख्या 1 से अनंत तक होती है। सबसे छोटी पूर्ण संख्या 0 है। सबसे छोटी प्राकृतिक संख्या 1 है।

क्या प्राकृतिक संख्या पूर्णांक होती है?

प्राकृतिक संख्याएं संख्या पद्धति का एक भाग है, जिसमें 1 से अनंत तक सभी धनात्मक पूर्णांक शामिल हैं। ये संख्याएँ ही वास्तविक गणनीय संख्याएँ हैं, जिनमें केवल सकारात्मक पूर्णांक संख्या ही होते हैं। इनमें शून्य, अंश, दशमलव और ऋणात्मक संख्याएं शामिल नहीं होते हैं।

सबसे छोटी पूर्ण संख्या कौन सी है?

सबसे छोटी पूर्ण संख्या 0 है।