ईदगाह कहानी की मुख्य विशेषता क्या है? - eedagaah kahaanee kee mukhy visheshata kya hai?

ईदगाह कहानी आपको कैसी लगती है, इसकी मुख्य विशेषताएं बताएं?...


Nita Nayyar

Writer ,Motivational Speaker, Social Worker n Counseller.

3:03

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

प्रेमचंद जी द्वारा लिखी गई ईदगाह कहानी मुझे बहुत पसंद है और सच में यह एक उच्च कोटि की कहानी है इसमें एक छोटा बच्चा है हमें और उसकी दादी हैं उसके मां बाप नहीं है वह दादी के पास रहकर ही पलता है और केवल नौ 10 साल का है बहुत गरीबी में पल रहा है दादी मुश्किल से उसके लिए खाने पीने का जुगाड़ कर पाती है और एक बार ईद का जब मेला आता है रमजान के महीने में तो बच्चा जिद करता है कि मुझे मेले में जाना है जैसे कि मेरे बाकी दोस्त जाते हैं मुझे नया कुर्ता पजामा दो और मैं कुछ पैसे लेकर मेले में जाऊंगा तो दादी बड़ी मुश्किल से बमुश्किल कहीं कहीं से मांग कर उसको ₹2 देती है और उस ₹2 का कहती है कि तुम सदुपयोग करना वेस्ट मत करना तो वह बच्चा मन में यह बात धार के मेले में चला जाता है अपनी दादी की सीख ले वह जलेबियां को भी पक्का हुआ वहां देखता है हलवाई की दुकान पर बनता हुआ उसके मुंह में पानी भी आता है और फिर वह खिलौने भी देता है टंगे हुए गुड़िया और बैट बॉल प्लास्टिक के सब कुछ दिखता है लेकिन वह कुछ भी नहीं खरीदता है और अंत में जाकर वह घर पूरा मेला देखने के बाद ना कुछ खाता है ना कुछ खरीदना है केवल लोहे की दुकान पर जाकर खड़ा हो जाता है और वहां से छोटा सा चिमटा खरीद लेता है जो कि दो ही रुपए का होता है और लाकर दादी को जब देता है तो दादी बहुत डरती है क्या रे तूने यह क्या किया तूने कुछ खाया पिया क्यों नहीं चिमटे का मैं क्या करूंगी बहुत चिल्लाती है तो वह कहता नहीं दादी रोज जब आप खाना बनाती थी तो आपके हाथ पर फफोले पड़ जाते थे अब रोटी को चूल्हे में से सीधे उठाती थी तो मैंने देखा है सबकी माता-पिता चिमटे से काम करते हैं तो मैं आपके लिए चिंता लाया हूं तो यह कहानी इतनी मार्मिक बन जाती है वर्ल्ड पर आकर कि बच्चा कितना अंदर से संवेदनशील है जो अपनी दादी को कष्ट में नहीं देख सकता प्रेमचंद जी ने ना जाने कहां से समाज की विसंगतियों पर इतना प्रहार किया कैसे उन्होंने इस बात को नोटिस किया कि छोटा बच्चा भी फील करता है दादी की समस्याओं को और कैसे उन्होंने लिखा है यह ताना बाना इतना बढ़िया है इस कहानी का कि मैं तो इससे जितनी ज्यादा प्रभावित हूं कि एक बार हमारे स्कूल में छोटे-छोटे ग्लैमर्स दिखाने से नाटक के पूरा नाटक नहीं दिखाना केवल दो लोगों की वह दूर था जिसमें डायलॉग तो 2 लोगों के तो हमने हामिद और उसकी दादी का ही दिखाया और इतना प्यारा बच्चा हमें बना उसके मुंह पर कालिख लगी है गंदा है कुर्ता पजामा भी नया नहीं पहन कर गया मेले में और दादी के लिए जब चिमटा लाया तो सारी जनता जो देख रही थी वह रो पड़ी तो मैं तो कहूंगी कि इससे ज्यादा मार्मिक कहानी में जीवन में आज तक नहीं पढ़े

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ईदगाह कहानी की मुख्य विशेषता क्या है? - eedagaah kahaanee kee mukhy visheshata kya hai?

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ईदगाह कहानी की विशेषता क्या है?

ईदगाह हामिद नाम के एक चार साल के अनाथ की कहानी है जो अपनी दादी अमीना के साथ रहता है। कहानी के नायक हामिद ने हाल ही में अपने माता-पिता को खो दिया है; हालाँकि उसकी दादी उसे बताती है कि उसके पिता पैसे कमाने के लिए चले गए हैं, और उसकी माँ उसके लिए सुंदर उपहार लाने के लिए अल्लाह के पास गई है।

ईदगाह कहानी का मुख्य उद्देश्य क्या है?

'मुंशी प्रेमचंद' द्वारा लिखी गई “ईदगाहकहानी एक उद्देश्यपूर्ण कहानी है। यह बाल मनोविज्ञान को गहनता से दर्शाती है। इस कहानी को पढ़कर ज्ञात होता है कि परिस्थितियां उम्र नहीं देखती और एक छोटा सा बालक भी विषम परिस्थितियों में समय से पहले परिपक्व हो जाता है।

ईदगाह कहानी का शीर्षक क्या है?

हामिद के गाँव में ईदगाह जाने का उल्लास बच्चे से लेकर बूढ़े तक के हृदय में है। सभी वहाँ जाने की तैयारी करते हैं। हामिद के गुणों पर प्रकाश ईदगाह में ही चलता है। अतः इस कहानी का नाम ईदगाह सही दिया गया है।

ईदगाह कहानी का मुख्य पात्र कौन है उसकी चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए?

(ग) भावुक और अपनो से प्रेम करने वाला- हामिद भावुक और अपनो से प्रेम करने वाला है। वह अपनी दादी की सुविधा के लिए चिमटा खरीदता है। यह उसकी भावुकता और प्रेम का प्रमाण है।