सीनियर सिटीजन को इनकम टैक्स में कितनी छूट मिलती है? - seeniyar siteejan ko inakam taiks mein kitanee chhoot milatee hai?

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सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स फ्री लिमिट 3 लाख रुपए है, जबकि 80 साल से ज्यादा उम्र के सुपर सीनियर सिटीजन्स के लिए 5 लाख तक की इनकम पर भी टैक्स नहीं लगता है. नॉन-सीनियर सिटीजन्स के लिए यह लिमिट 2.5 लाख रुपए है.

सीनियर सिटीजन को इनकम टैक्स में कितनी छूट मिलती है? - seeniyar siteejan ko inakam taiks mein kitanee chhoot milatee hai?

मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर 50 हजार तक की छूट.

सीनियर सिटीजन्स को सरकार की तरफ से टैक्स में कई तरह की राहत मिलती है. इनकम टैक्स बेनिफिट (Income Tax Benefits) के अलावा सीनियर सिटीजन्स के लिए रिटर्न फाइल करना भी आसान बनाया गया है. इस आर्टिकल में जानते हैं कि सीनियर सिटीजन्स (Senior citizens) को टैक्स में कहां, कितना और किस तरह राहत मिलती है. इनके लिए इनकम टैक्स का स्लैब भी अलग है. वैसे 2.5 लाख रुपए रुपए तक इनकम पर टैक्स नहीं लगता है. सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स फ्री लिमिट 3 लाख रुपए है, जबकि 80 साल से ज्यादा उम्र के सुपर सीनियर सिटीजन्स के लिए 5 लाख की इनकम पर भी टैक्स नहीं लगता है.

टैक्स एंड इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन (Balwant Jain) ने कहा कि सीनियर सिटीजन्स को इंट्रेस्ट इनकम (Interest income) पर स्पेशल छूट मिलती है. बजट 2018 में इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 80TTB जोड़ा गया था जिसे वित्त वर्ष 2018-19 में (1 अप्रैल 2018) लागू किया गया था. सेक्शन 80TTB का फायदा केवल रेसिडेंट सीनियर सिटीजन्स को मिलता है. इसके तहत वे 50 हजार रुपए तक के डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं. डिडक्शन की बात करें तो बैंक डिपॉजिट, को-ऑपरेटिव या पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट पर होने वाली इंट्रेस्ट इनकम को इसमें शामिल किया जा सकता है. डिपॉजिट्स सेविंग, फिक्स्ड और रेकिंग हो सकते हैं. नॉन सीनियर सिटीजन्स को सेक्शन 80TTA के तहत 10 हजार रुपए के डिडक्शन का लाभ मिलता है. यह इनकम सेविंग अकाउंट पर इंट्रेस्ट इनकम होना जरूरी है.

मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर 50 हजार का लाभ

बलवंत जैन ने कहा कि सीनियर सिटीजन्स के लिए सेक्शन 80D बहुत ही महत्वपूर्ण सेक्शन है. इस सेक्शन के तहत 50 हजार रुपए के डिडक्शन का लाभ उठाया जा सकता है. सीनियर सिटीजन्स के लिए मेडिकल इंश्योरेंस की इंडिविजुअल पॉलिसी बहुत ही लिमिटेड है. अगर किसी के पास पॉलिसी नहीं है तो मेडिकल एक्सपेंडिचर को इसमें शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा कैश में 5000 रुपए तक के प्रिवेंटिव हेल्थकेयर चेक-अप को भी शामिल कर सकते हैं. अगर कोई इंश्योरेंस पॉलिसी है तो उसके प्रीमियम पर डिडक्शन का लाभ मिलेगा. मेडिकल एक्सपेंस की बात करें तो इसमें डॉक्टर कंसल्टेशन फीस, मेडिसिन, मेडिकल डिवाइस, हॉस्पिटलाइजेशन, पेसमेकर्स, हियरिंग डिवाइस पर डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं.

बीमारी का इलाज कराने पर 1 लाख डिडक्शन का लाभ

बलवंत जैन ने कहा कि सीनियर सिटीजन्स को मेडिकल ट्रीटमेंट पर भी टैक्स में डिडक्शन का लाभ मिलता है. सेक्शन 80DDB के तहत कुछ खास तरह की बीमारियों का इलाज कराने पर 1 लाख रुपए तक डिडक्शन का फायदा उठाया जा सकता है. बजट 2018 से पहले यह लिमिट 60 हजार रुपए थी. हालांकि, दोनों सेक्शन का फायदा एकसाथ नहीं उठाया जा सकता है.

रिवर्स मॉर्गेज स्कीम

सीनियर सिटीजन्स के लिए रिवर्स मॉर्गेज एक शानदार स्कीम है. इसके तहत उन्हें अपने जीवन यापन के लिए हर महीन बैंक से कुछ पैसे पेंशन की तरह मिलती है. इस स्कीम के तहत बैंक के पास सीनियर सिटीजन अपना घर गिरवी रख सकते हैं. हर महीने उन्हें एक निश्चित राशि पेंशन के रूप में मिलती रहेगी जो पूरी तरह टैक्स फ्री होती है. जब उनका देहांत हो जाता है तो बैंक घर को बेचकर अपना पैसा ले लेता है और बाकी रकम कानूनी वारिस को सौंप दिया जाता है.

Tax benefits to Senior Citizens: आम लोगों के मुकाबले, वरिष्ठ नागरिकों और अति वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में कई तरह के फायदे मिलते हैं. 

1. टैक्स में छूट की सीमा 


आम नागरिकों को एक वित्तीय वर्ष में केवल 2.5 लाख रुपए की छूट मिलती है. जबकि वरिष्ठ नागरिकों (60 साल से अधिक उम्र) के लिए यह सीमा 3 लाख रुपए तक है. जबकि अति वरिष्ठ नागरिकों (60 साल से अधिक उम्र) के लिए यह सीमा 5 लाख रुपए है. यानि अगर वरिष्ठ नागरिक की सालाना इनकम 3 लाख रुपए तक है, तो उस पर TDS नहीं काटा जाएगा. और वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 5 लाख रुपए तक है.

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2. 50 हजार रुपए तक मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम 


इनकम टैक्स के सेक्टियो 80D के तहत, सीनियर सिटीजन द्वारा दिए गए 50 हजार तक के मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम को डिडक्शन के तौर पर मंजूर किया गया है. जबकि आम लोगों के लिए यह सीमा केवल 25 हजार रुपए है.

3. एक लाख तक का मेडिकल डिडक्शन क्लेम 


सेक्शन- 80DDB के तहत, 60 साल से अधिक उम्र के लोग कुछ खास बीमारियों के चलते 1 लाख रुपए तक का मेडिकल डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. जबकि 60 साल तक के लोगों के लिए यह सीमा केवल 40 हजार रुपए ही है.

4. बैंक अकाउंट ब्याज पर डिडक्शन क्लेम


60 साल की उम्र तक के व्यक्ति को सेविंग्स अकाउंट पर इंटरेस्ट में 10 हजार रुपए तक का डिडक्शन क्लेम करने की छूट है. जबकि सीनियर सिटीजन, बैंक या पोस्ट ऑफिस बैंक के साथ सेविंग और फिक्स्ड डिपॉजिट पर जो ब्याज कमाते हैं उस पर 50 हजार रुपए तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.

5. ई-फाइलिंग में छूट 


अति वरिष्ठ नागरिक ITR-1 या ITR-4 में अपना रिटर्न फाइल करते हैं तो उन्हें इसके लिए ई-फिलिंग करने की जरूरत नहीं. केवल पेपर मोड में रिटर्न फाइल कर सकते हैं. 

वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर स्लैब क्या है?

वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर स्लैब वित्तीय वर्ष 2021-22 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए 3 लाख। यदि कुल आय रुपये के बीच है। 50 लाख और1 करोर, अधिभार कर का 10% होगा। यदि कुल आय रुपये से अधिक है।

इनकम टैक्स में छूट कितनी है?

5 लाख से अधिक आय पर घटाई गई टैक्स दर 7.5 लाख रुपये से 10 रुपये की आय पर अब 15 फीसदी टैक्स लगेगा. 10 लाख से 12.5 लाख रुपये की आय पर अब 20 फीसदी टैक्स लगेगा. 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की आय पर अब 25 फीसदी टैक्स लगेगा. 15 लाख रुपये से ज्यादा आय वालों पर पहले की तरह 30 फीसदी टैक्स लगेगा.

सीनियर सिटीजन टैक्स कैसे बचाएं?

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और एफडी में निश्चित रिटर्न के साथ टैक्स सेविंग का लाभ ले सकते हैं. अगर आप थोड़ा जोखिम ले सकते हैं तो ELSS के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए. दिल्ली यूनिवर्सिटी से रिटायर प्रोफेसर एसपी शर्मा को पेंशन मिलती है. उनकी सालाना आय 10 लाख रुपए से अधिक है.

फिक्स्ड डिपाजिट में कितना ब्याज मिलने पर इनकम टैक्स देना होता है?

अगर जमाकर्ता ने पर्मानेंट एकाउंट नंबर (PAN) जमा नहीं किया तो एफडी पर 20 फीसदी टैक्स लगेगा. अगर आपको मिली ब्याज की राशि छूट सीमा के अंदर है और बैंक ने फिर भी टीडीएस काटा तो आप उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त क्लेम कर सकते हैं.