इनकम टैक्स में छूट के उपाय 2022 - inakam taiks mein chhoot ke upaay 2022

BANKBAZAAR.com के सीईओ आदिल शेट्टी बताते हैं कि सरकार करदाताओं (Tax Payers) को लंबे समय तक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस पर आयकर अधिनियम (Income Tax Act) के विभिन्न शीर्षों के तहत छूट मिलती है। हर वित्तीय वर्ष के दौरान व्यक्तियों को अपने टैक्स आउटगो (Tax Outgo) को कम करने के लिए इस सुविधा का लाभ उठाना चाहिए। हालांकि, यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन इस बात की सलाह दी जाती है कि आप इस सुविधा का लाभ उठाएं। इससे दो लाभ मिलते हैं- कम टैक्स और दीर्घकालिक निवेश। वह हमें बता रहे हैं कि नए वित्तीय वर्ष में प्रवेश करते हुए किस प्रकार से टैक्स प्लानिंग (Tax Planning) करनी चाहिए।

सबसे महत्वपूर्ण कार्य - अपना टैक्स स्लैब तय करें

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तय करें कि आप अपनी आमदनी के अनुसार किस टैक्स स्लैब में आते हैं। पर्सनल टैक्स स्लैब के अनुसार लगाए जाते हैं। जिसके मायने हैं कि आय के भिन्न-भिन्न स्तर पर (Income Tax) कर अलग-अलग होते हैं। यदि कटौतियों के बाद आपकी टैक्स योग्य आय 5 लाख रुपये तक है, तो आपको कोई कर देने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन, इसके बाद, आपको लागू सेस (उपकर) के साथ 5% से 30% तक टैक्स देना पड़ता है। संक्षेप में, आमदनी में बढ़ोतरी के साथ टैक्स रेट बढ़ जाते हैं।

अपने टैक्स आउटगो की पहले से ही गणना करें

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जब आपको टैक्स स्लैब का पता होता है, तो आपको चालू वित्त वर्ष में अदा करने वाले करों की कमोबेश जानकारी हो जाती है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी कर योग्य आय 5 लाख रुपये सालाना है, तो पुरानी और नई कर व्यवस्था में आपका कर 12,500/- रुपये होगा। इसके अलावा, यदि आपकी आय 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रूपये के बीच में है, तो आपको संभवत: 25,000/- रुपये अतिरिक्त कर देना होगा यानि कुल 37,500/- रुपये। और यदि आपकी कर योग्य आमदनी 7.5 लाख रुपये 10 लाख रुपये के बीच में है, तो आपको आयकर के तौर पर 62,500/- रुपये (पुरानी व्यवस्था) तथा 75,500/- रुपये (नई व्यवस्था) चुकाने होंगे। इसलिए, सबसे पहले, आपको अपनी आय और भावी विकास के आधार पर अपनी कर-बचत ज़रूरत का मूल्यांकन करना होगा। इससे आपको नए वित्तीय वर्ष के दौरान कर बचत के लिए उठाए जाने वाले कदमों को तय करने में मदद मिलेगी।

अपने वर्तमान कर बचत निवेश पर विचार करें

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इससे पहले कि आप नए टैक्स सेविंग इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश करें, अपने वर्तमान टैक्स-बचत निवेश पर विचार करें। इससे आपको अपने निवेश को बढ़ाकर करों में और अधिक कमी करने की संभावना की जानकारी हो सकेगी। इस बात पर विचार किए जाने की ज़रूरत है कि आयकर के विभिन्न धाराओं के तहत उपलब्ध अधिकतम पर्मिसिबल लिमिट के चलते, कोई व्यक्ति एक सीमा के बाद आयकर आउटफ्लो को कम नहीं कर सकता है। 80 सी (1.5 लाख रूपये प्रति वर्ष की अधिकतम सीमा), 80 सीसीडी (एनपीएस में निवेश करके 50,000/- रूपये की अतिरिक्त कटौती) और 80 डी (चिकित्सा बीमा के अंतर्गत अधिकतम 1 लाख रूपये की छूट) धाराओं का इस्तेमाल आयकर को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है।

टैक्स बचत के उपलब्ध अवसरों का मूल्यांकन करें

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अधिकतम पर्मिसिबल कर निवेश सीमा 2 लाख रुपये है। और कुछ मामलों में, यह 2.5 लाख रुपये तक हो सकती है। इसलिए, यदि आप अपनी पूरी पर्मिसिबल लिमिट का लाभ उठा भी लेते हैं और इसके बाद भी आप निवेश करते हैं, तो टैक्स सेविंग इंस्ट्रुमेंट्स में आपके अतिरिक्त निवेश से आपको कर छूट प्राप्त नहीं होगी। यहां पर उन पांच शीर्ष कर-बचत इंस्ट्रुमेंट्स के बारे में बताया गया है जिनको आप चुन सकते हैं। ये हैं पीपीएफ, टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड्स, एनपीएस, इंश्योरेंस और टैक्स सेविंग एफडी।

अपने कर निवेश को पूरे वर्ष तक जारी रखें

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इस बात की सलाह दी जाती है कि टैक्स सेविंग इंस्ट्रुमेंट्स में अपने निवेश को पूरे वर्ष जारी रखें। सलाह है कि अधिकांश निवेश पहली दो तिमाहियों में किया जाना चाहिए। एनपीएस तथा ईपीएफ में आपके मासिक निवेश का ध्यान रखा जा सकता है। इसके अलावा, आप कर बचत निवेश म्यूचल फंड्स में एसआईपी पर विचार कर सकते हैं, जबकि पीपीएफ में आप नियमित मासिक निवेश कर सकते हैं। इस प्रकार की व्यवस्थित एप्रोच से वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में आप पर बोझ नहीं पड़ेगा।

अधिकतर लोग क्या करते हैं गलती?

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टैक्स प्लानिंग से आप अपने निवेश को ट्रैक पर बनाए रखते हैं और किसी सीमा तक कर भार को कम कर पाने में सफल होते हैं। लेकिन अधिकांश व्यक्ति कर बचत को अपना निवेश लक्ष्य बनाने की गलती करते हैं। आपका निवेश लक्ष्य आपके वित्तीय लक्ष्य, जोखिम प्रोफाइल तथा आय पर निर्भर होना चाहिए। और यदि आपके निवेश से आप अपने टैक्स-बचत लक्ष्य को पूरा कर पाते हैं, तो यह अतिरिक्त लाभ होगा। आप पर इस बात की कोई मजबूरी नहीं है कि आप कर बचत इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश करें। यह सुविधा है जिसे आपको कर छूट प्राप्त करने के लिए प्रदान किया जाता है जिससे दीर्घकालिक विकास में सहायता मिलती है।

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इनकम टैक्स में कितने लाख तक की छूट है?

भारत में नौकरी, कारोबार या पेशे से आमदनी वाले हर व्यक्ति के लिए इनकम टैक्स चुकाना जरूरी है. इसके लिए शर्त यह है कि आपकी आमदनी टैक्स छूट की आम सीमा 2.5 लाख रुपये से अधिक हो. इस मामले में राहत सिर्फ उन्हीं लोगों को मिली हुई है जिनकी कमाई बेसिक छूट की सीमा से कम है.

इनकम टैक्स से कैसे बचा जा सकता है?

इसमें टैक्स छूट के साथ-साथ मेच्योरिटी पूरी होने के बाद इसकी इनकम टैक्स फ्री होती है. नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस एक रिटायरमेंट सेविंग प्लान है. इस सरकारी योजना में धारा 80सी के तहत इसमें सालाना 1.5 लाख और धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत अतिरिक्त 50 हजार रुपये का निवेश किया जा सकता है.

2022 के लिए उपहार कर छूट क्या है?

2018, 2019, 2020 और 2021 के लिए, वार्षिक बहिष्करण $ 15,000 है। 2022 के लिए, वार्षिक बहिष्करण $16,000 है।

बैंक account में कितने पैसे होने पर टैक्स लगता है?

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80टीटीए (Section 80TTA of the Income Tax Act) के तहत बचत खाते पर प्रति वर्ष 10,000 रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री रहता है। ध्यान रहे कि इसमें आपके सभी बैंक बचत खातों पर मिले ब्याज को शामिल किया जाएगा। यदि सभी बैंक खातों का ब्याज 10,000 रुपये से अधिक है तो उस पर टैक्स लगेगा।