स्मृति को पाथेय बनाने से कवि का क्या आशय है - smrti ko paathey banaane se kavi ka kya aashay hai

Advertisement Remove all ads

Advertisement Remove all ads

One Line Answer

स्मृति को 'पाथेय' बनाने से कवि का क्या आशय है?

Advertisement Remove all ads

Solution

कवि की प्रेयसी उससे दूर हो गई है। कवि के मन-मस्तिष्क पर केवल उसकी स्मृति ही है। इन्हीं स्मृतियों को कवि अपने जीने का संबल अर्थात् सहारा बनाना चाहता है। अत: स्मृति को पाथेय बनाने से कवि का आशय स्मृति के सहारे से है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)

  Is there an error in this question or solution?

Advertisement Remove all ads

Chapter 4: जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य - प्रश्न-अभ्यास [Page 29]

Q 3Q 2Q 4.1

APPEARS IN

NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2

Chapter 4 जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य
प्रश्न-अभ्यास | Q 3 | Page 29

Advertisement Remove all ads

स्मृति को पाथेय बनाने से कवि का क्या आशय है - smrti ko paathey banaane se kavi ka kya aashay hai

स्मृति को पाथेय बनाने से कवि का क्या आशय है - smrti ko paathey banaane se kavi ka kya aashay hai

Question

स्मृति को'पाथेय' बनाने से कवि का क्या आशय है?

Open in App

Solution

कवि की प्रेयसी उससे दूर हो गई है। कवि के मन-मस्तिष्क पर केवल उसकी स्मृति ही है। इन्हीं स्मृतियों को कवि अपने जीने का संबल अर्थात् सहारा बनाना चाहता है। अत: स्मृति को पाथेय बनाने से कवि का आशय स्मृति के सहारे से है।

Solve

Textbooks

Question Papers

Install app

कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है?


कवि आत्मकथा लिखने से बचना चाहता था क्योंकि उसे लगता था कि उसका जीवन साधारण-सा है। उसमें कुछ भी ऐसा नहीं जिससे लोगों को किसी प्रकार की प्रसन्नता प्राप्त हो सके। उसका जीवन अभावों से भरा हुआ था जिन्हें वह औरों के साथ बांटना नहीं चाहता था। उसके जीवन में किसी के प्रति कोमल भाव अवश्य था जिसे वह किसी को बताना नहीं चाहता था।

1108 Views


आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में ‘अभी समय भी नहीं’ ऐसा क्यों कहता है?


कवि को ऐसा लगता है कि अभी उसके जीवन में कोई बड़ी-बडी उपलब्धियाँ नहीं हैं जिन्हें दूसरों के सामने प्रकट किया जा सके। वह अपने अभावग्रस्त जीवन के कष्टों को अपने हृदय में छिपाकर रखना चाहता है। इसीलिए वह कहता है- ‘अभी समय भी नहीं।’

416 Views


‘उज्जल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की’ - कथन के माध्यम से कवि क्या कहना कहता है?


कवि के जीवन में चाहे अभाव थे, दुःख थे, पीड़ा थी पर फिर भी उसे कोई प्रेम करने वाला था। कवि उस प्रेम-भाव को जग ज़ाहिर नहीं करना चाहता था। वह उसे नितांत अपना मानता था इसलिए वह मधुर चाँदनी की उस उज्जल कहानी को दूसरों के लिए नहीं गाना चाहता था।

426 Views


स्मृति को ‘पाथेय’ बनाने से कवि का क्या आशय है?


‘पाथेय’ का शाब्दिक अर्थ है- संबल, सहारा। कवि के हृदय में किसी अति रूपवान के लिए गहरा प्रेमभाव था। उसके प्रति मधुर यादें थीं और वे यादें ही उसके जीवन की आधार बनी हुई थीं जिन्हें वह न तो औरों के सामने प्रकट करना चाहता था और न ही ‘स्मृति रूपी सहारे’ को अपने से दूर करना चाहता था। कवि के मन में छिपी मधुर स्मृतियां उसके सुखों का आधार थीं।

1184 Views


भाव स्पष्ट कीजिये:
(क) मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देख कर जाग गया।
आलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया।

(ख) जिसके अरुण-कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।


(क) कवि का मानना है कि उसे अपने जीवन में सुखों की प्राप्ति नहीं हुई। हर व्यक्ति की तरह वह भी अपने जीवन में सुखों की प्राप्ति करना चाहता था। अवचेतन में छिपे सुख के भावों के कारण कवि ने भी सुख भरा सपना देखा था पर वह सुख उसे वास्तव में प्राप्त कभी नहीं हुआ। वह सुख उसके बिल्कुल पास आते-आते मुस्करा कर दूर भाग गया।

(ख) कवि का प्रियतम अति सुंदर था। उसकी गालों पर मस्ती भरी लाली छाई हुई थी। उसकी सुंदर छाया में प्रेमभरी भोर भी अपने सुहाग की मधुरिमा प्राप्त करती थी।

519 Views


स्मृति के पत्ते बनाने से कवि का क्या आशय है?

कवि के मन-मस्तिष्क पर केवल उसकी स्मृति ही है। इन्हीं स्मृतियों को कवि अपने जीने का संबल अर्थात् सहारा बनाना चाहता है। अत: स्मृति को पाथेय बनाने से कवि का आशय स्मृति के सहारे से है।

उसकी स्मृति पाथेय बनी है आत्मकथ्य कविता में यहाँ स्मृति को पाथेय बनाने से कवि का क्या आशय है?

Solution : स्मृति को . पाथेय. अर्थात् रास्ते का भोजन या सहारा या संबल बनाने का आशय यह है कि कवि अपने प्रेम की मधुर यादों के सहारे ही जीवन जी रहा है।

हाथ जो पाथेय थे में पाथेय शब्द से कवि का क्या तात्पर्य है?

'पाथेय' का शाब्दिक अर्थ है- संबल, सहारा। कवि के हृदय में किसी अति रूपवान के लिए गहरा प्रेमभाव था। उसके प्रति मधुर यादें थीं और वे यादें ही उसके जीवन की आधार बनी हुई थीं जिन्हें वह न तो औरों के सामने प्रकट करना चाहता था और न ही 'स्मृति रूपी सहारे' को अपने से दूर करना चाहता था।

कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है Short answer?

कवि स्वयं को इतना सामान्य मानता है कि आत्मकथा लिखकर वह खुद को विशेष नहीं बनाना चाहता है, कवि अपने व्यक्तिगत अनुभवों को दुनिया के समक्ष व्यक्त नहीं करना चाहता। क्योंकि वह अपने व्यक्तिगत जीवन को उपहास का कारण नहीं बनाना चाहता। इन्हीं कारणों से कवि आत्मकथा लिखने से बचना चाहता है।