सुलह प्रत्यय के तात्पर्य को स्पष्ट कीजिए तथा सुलहकर्ता की भूमिका का वर्णन कीजिए - sulah pratyay ke taatpary ko spasht keejie tatha sulahakarta kee bhoomika ka varnan keejie

विषयसूची

  • 1 सुलह से क्या तात्पर्य है?
  • 2 मध्यस्थ का मुख्य कार्य क्या है?
  • 3 सुलह कार्यवाही का प्रारंभ कैसे होता है?
  • 4 मध्यस्थ का अर्थ क्या है?
  • 5 एक आर्बिट्रेटर की आवश्यक योग्यता क्या है उसकी नियुक्ति कैसे होती है मध्यस्थ की शक्तियों का उल्लेख करें?
  • 6 मध्यस्थता पंचायत क्या है?
  • 7 मध्यस्थता का अर्थ क्या है?
  • 8 क्या न्यायालय एक पुरस्कार को अलग रख सकता है यदि ऐसा है तो किस आधार पर चर्चा करें?

सुलह से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंमध्यस्थ समाधान पर पहुँचने से पहले दोनों पक्षों को सुनता है। सुलह: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें विवादों के सुलह के लिये एक समझौताकार (Conciliator) को नियुक्त किया जाता है। यह विवादित पक्षों को समझौते पर पहुँचने में मदद करता है। बिना मुकदमे के विवाद का निपटारा करना एक अनौपचारिक प्रक्रिया है

मध्यस्थ का मुख्य कार्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमध्यस्थता एक विवाद समाधान प्रक्रिया है जो पार्टियों के बीच सहमत होती है जिसमें विवाद एक या अधिक मध्यस्थों को प्रस्तुत किया जाता है जो एक पुरस्कार जारी करते हैं. यह एक वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) तंत्र इसलिए क्योंकि इससे राज्य न्यायालयों के बाहर पक्षकार अपने विवाद को हल कर सकते हैं, अर्थात।, मुकदमेबाजी के बिना

सुलह कार्यवाही का प्रारंभ कैसे होता है?

इसे सुनेंरोकेंअन्दर दूसरा पक्षकार इस सुलह के माध्यम से झगड़े को तय कराने को तैयार हो जाता है तो सुलह की कार्यवाही प्रारम्भ हो जाती है अन्यथा इस निमंत्रण दिये जाने के नोटिस के प्राप्त होने के 30 दिन बाद ऐसा निमंत्रण रद्द समझा जाता है।

मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविवादों को न्यायालय के बाहर समाप्त करने के उद्देश्य से मध्‍यस्‍थता तथा सुलह अधिनियम 1996 बनाया गय। यह अधिनियम इसके नाम से ही प्रतीत होता है कि विवादों को सुलह के माध्यम से निपटाने का प्रयास कर रहा है। इसके द्वारा मध्‍यस्‍थता के नियमों को समेकित किया गया है तथा उन्हें सूचित भी किया गया है

मध्यस्थ अधिकरण क्या है?

इसे सुनेंरोकें(2) माध्यस्थम् अधिकरण, उसके अनुसार जो न्यायसंगत और ठीक हो, के अनुसार या सुलहकर्ता के रूप में केवल तभी विनिश्चय करेगा जब पक्षकारों ने उसे इस प्रकार करने के लिए अभिव्यक्त रूप से प्राधिकृत किया हो ।

मध्यस्थ का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकें- 1. मध्यवर्ती; बिचौलिया 2. तटस्थ; उदासीन 3. आपस में मेल या समझौता कराने वाला व्यक्ति; वह जो बीच में रहकर किसी प्रकार का विवाद दूर कराता हो; सभापति; पंच।

एक आर्बिट्रेटर की आवश्यक योग्यता क्या है उसकी नियुक्ति कैसे होती है मध्यस्थ की शक्तियों का उल्लेख करें?

इसे सुनेंरोकेंमध्यस्थों की पुष्टि या नियुक्त करने में, न्यायालय संभावित मध्यस्थ की राष्ट्रीयता पर विचार करेगा, उन देशों के साथ निवास और अन्य संबंध, जिनके पक्ष या अन्य मध्यस्थ मध्यस्थ हैं, और संभावित मध्यस्थ की उपलब्धता और नियमों के अनुसार मध्यस्थता का संचालन करने की क्षमता

मध्यस्थता पंचायत क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमध्यस्थता एक वैकल्पिक विवाद समाधान प्रक्रम है जिसमें पक्षकार किसी तीसरे व्‍यक्ति के हस्तक्षेप के माध्यम से तथा न्यायालय का सहारा लिए बिना अपने विवादों का निपटान करवाते हैं। यह ऐसी विधि है जिसमें विवाद किसी नामित व्यक्ति के सामने रखा जाता है जो दोनों पक्षों को सुनने के बाद अर्ध-न्यायिक तरीके से मसले का निर्णय करता है।

मध्यस्थ पंचाट के विरुद्ध क्या उपचार उपलब्ध है?

इसे सुनेंरोकें36. प्रवर्तन-जहां धारा 34 के अधीन माध्यस्थम् पंचाट को अपास्त करने के लिए आवेदन करने का समय समाप्त हो गया है या ऐसा आवेदन किए जाने पर, उसे नामंजूर कर दिया गया है, वहां पंचाट, सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का 5) के अधीन उसी रीति से प्रवर्तित किया जाएगा मानो वह न्यायालय की डिक्री हो ।

मध्यस्थता अधिकरण क्या है?

इसे सुनेंरोकें(2) माध्यस्थम् अधिकरण, किसी पक्षकार से उपधारा (1) के अधीन आदिष्ट उपाय के संबंध में समुचित सुरक्षा का उपबंध करने की अपेक्षा कर सकेगा । 18. पक्षकारों से समान बर्ताव-पक्षकारों से समानता का बर्ताव किया जाएगा और प्रत्येक पक्षकार को अपना मामला प्रस्तुत करने का पूर्ण अवसर दिया जाएगा ।

मध्यस्थता का अर्थ क्या है?

क्या न्यायालय एक पुरस्कार को अलग रख सकता है यदि ऐसा है तो किस आधार पर चर्चा करें?

इसे सुनेंरोकेंन्यायालय पुरस्कार के रूप में संशोधन कर सकता है और, निर्णय के मध्यस्थ न्यायाधिकरण की स्वतंत्रता को प्रभावित किए बिना, पदार्थ के बिंदुओं पर भी अपना ध्यान आकर्षित कर सकते हैं. जब तक न्यायालय द्वारा उसके प्रपत्र के रूप में अनुमोदित नहीं किया जाता है, तब तक कोई भी पुरस्कार मध्यस्थ न्यायाधिकरण द्वारा प्रदान नहीं किया जाएगा

सुलह से आप क्या समझते हैं और सुलह प्रक्रिया की व्याख्या करें?

पक्षकारों में से एक को आगे आना पड़ता है कि वह सुलह से झगड़े का निस्तारण करने की इच्छा दूसरे पक्षकार को प्रकट करे जिससे कि यदि दूसरा पक्षकार सुलह के लिए तैयार हो जाता है तभी पक्षकारों के बीच सुलहकर्ता की नियुक्ति का कार्य प्रारम्भ होता है और उसके बाद सुलह के प्रयास किये जा सकते हैं अतः इस अधिनियम की धारा-62 के अन्तर्गत ...

सुलह से क्या तात्पर्य है?

मध्यस्थ की िनयुिक् त—(1) िकसी भी रािष्टर्कता को कोई िक्त, जब तक िक पक्षकार ारा अन्यथा करार न िकया गया हो, मध्यस्थ हो सकता है । (2) उपधारा (6) के अधीन रहतेहुए, पक्षकार मध्यस्थ या मध्यस्थ को िनयुक्त करने के िलए िकसी पर्िकर्या पर करार करनेके िलए स्वतंतर् ह ।

मध्यस्थता कानून क्या है?

मामले से जुड़े सभी पक्षों को अपनी बात कहने का और आपसी विवाद के समाधान तैयार करने का अवसर मिलता है । यही कारण है कि मध्यस्थता एक मिलीजुली प्रक्रिया है - इसमें झगडा समाप्त करने की वादियों की अपनी इच्छा और उन्हें समाधान तक ले जाने का मध्यस्थ का कोशल, दोनों शामिल हैं ।

पंचाट क्या है पंचाट को किन आधारों पर अपास्त किया जा सकता है?

मध्यस्थ तथा मध्यस्थों द्वारा दिया गया पंचाट निर्णय पक्षकारों के लिए अंतिम और बंधनकारी होगा। पर अधिनियम की धारा 34 में वर्णित कतिपय आधारों पर व्यथित पक्षकार पंचाट को अपास्त करने हेतु न्यायालय में आवेदन कर सकता है।