जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने बच्ची को किस रूप में पाया? Show उत्तर: जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने बच्ची को राख की ढ़ेर के रूप में पाया। इस कविता का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर: इस कविता में छुआछूत की प्रथा के बारे में बताया गया है। इस कविता का मुख्य पात्र एक अछूत है। उसकी बेटी एक महामारी की चपेट में आ जाती है। बेटी को ठीक करने के लिए वह मंदिर जाता है ताकि देवी माँ का प्रसाद ले आये। मंदिर में सवर्ण लोग उसकी जमकर धुनाई करते हैं। फिर उसे सात दिन की जेल हो जाती है क्योंकि एक अछूत होने के नाते वह मंदिर को अशुद्ध करने का दोषी पाया जाता है। जब वह जेल से छूटता है तो पाता है कि उसकी बेटी स्वर्ग सिधार चुकी है और उसका दाह संस्कार भी हो चुका है। एक सामाजिक कुरीति के कारण एक व्यक्ति को इतना भी अधिकार नहीं मिलता है कि वह अपनी बीमार बच्ची की एक छोटी सी इच्छा पूरी कर सके। बदले में उसे जो मिलता है वह है प्रताड़ना और घोर दुख। कविता की उन पंक्तियों को लिखिए, जिनसे निम्नलिखित अर्थ का बोध होता है:सुखिया के बाहर जाने पर पिता का हृदय काँप उठता था। उत्तर: मेरा हृदय काँप उठता था, पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम शोभा। उत्तर: ऊँचे शैल शिखर के ऊपर पुजारी से प्रसाद/फूल पाने पर सुखिया के पिता की मन:स्थिति। उत्तर: दिया पुजारी ने प्रसाद जब पिता की वेदना और उसका पश्चाताप। उत्तर: अंतिम बार गोद में बेटी, निम्नलिखित पंक्तियों का आश्य स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ सौंदर्य बताइए:अविश्रांत बरसा करके भी आँखें तनिक नहीं रीतीं उत्तर: उसकी आँखें निरंतर बरसने के बावजूद अभी भी सूखी थीं। यह पंक्ति शोक की चरम सीमा को दर्शाती है। कहा जाता है कि कोई कभी कभी इतना रो लेता है कि उसकी अश्रुधारा तक सूख जाती है। बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर छाती धधक उठी मेरी उत्तर: उधर चिता बुझ चुकी थी, इधर सुखिया के पिता की छाती जल रही थी। हाय! वही चुपचाप पड़ी थी अटल शांति सी धारण कर उत्तर: जो बच्ची कभी भी एक जगह स्थिर नहीं बैठती थी, आज वही चुपचाप पत्थर की भाँति पड़ी हुई थी। पापी ने मंदिर में घुसकर किया अनर्थ बड़ा भारी उत्तर: सुखिया के पिता को मंदिर में देखकर एक सवर्ण कहता है कि इस पापी ने मंदिर में प्रवेश करके बहुत बड़ा अनर्थ कर दिया, मंदिर को अपवित्र कर दिया। NCERT Solutions for Class 9 Hindi for Sparsh पाठ 10 एक फूल की चाह प्रश्न अभ्यास 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 1. सुखिया के बाहर जाने पर पिता का हृ्दय काँप उठता था। उत्तर मेरा हृदय काँप उठता था 2. पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम शोभा। उत्तर ऊँचे शैल-शिखर के ऊपर 3. पुजारी से प्रसाद फूल पाने पर सुखिया के पिता की मन स्थिति। उत्तर भूल गया उसका लेना झट परम लाभ-सा पाकर मैं। सोचा- बेटी को माँ के ये 4. पिता की वेदना और उसका पश्चाताप। उत्तर अंतिम बार गोद में बेटी (ख) बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की? उत्तर बीमार बच्ची ने देवी माँ के प्रसाद का एक फूल की इच्छा प्रकट की। (ग) सुखिया के पिता पर कौन-सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया? उत्तर सुखिया के पिता पर मंदिर की पवित्रता भंग करने का आरोप लगाकर दंडित किया गया। (घ) जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को किस रूप में पाया? उत्तर जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को राख की ढेरी के रूप में पाया। (ङ) इस कविता का केन्द्रिय भाव अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर इस कविता का केन्द्रिय भाव छुआछूत है। यह मानवता के नाम पर कलंक है। जन्म के आधार पर किसी को अछूत मानना एक अपराध है। मंदिर जैसे पवित्र स्थानों पर अछूत होने पर किसी के प्रवेश पर रोक लगाना सर्वथा अनुचित है। कवि चाहता है कि इस प्रकार की सामाजिक विषमता का शीघ्र अंत हो। सभी को सामाजिक एवं धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त हो। (च) इस कविता में से कुछ भाषिक प्रतीकों बिंबों को छाँटकर लिखिए − उदाहरण : अंधकार की छाया उत्तर (च) (i) निज कृश रव में (ii) स्वर्ण-घनों में कब रवि डूबा 2. निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौंदर्य बताइए − (क) अविश्रांत बरसा करके भी (ख) बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर (ग) हाय! वही चुपचाप पड़ी थी (घ) पापी ने मंदिर में घुसकर (क) आँखें हमेशा रोती रहती हैं। उनसे आँसू रूपी पानी बरसता रहता है। आँसू कभी समाप्त नहीं होते हैं। इन पंक्तियों में पिता के लगातार निरंतर रोने की दशा का वर्णन किया गया है। (ख) सुखिया की चिता की आग अब बुझ गई थी। लेकिन उसे देखकर पिता के दिल में दुख से उपजी वेदना की चिता जलने लगी। अर्थ की सुंदरता यह है कि एक चिता बाहर जलकर अभी बुझी है और दूसरी चिता दिल के अंदर जलनी आरंभ हो गई है। इसमें पिता के दुख और उससे उत्पन्न वेदना का वर्णन किया गया है। (ग) चंचल सुखिया बीमारी से पीड़ित होकर ऐसे चुपचाप लेटी हुई थी मानो उसने अटल शांति धारण कर ली हो। यहाँ नटखट बालिका का शांत भाव से पड़े रहने की दशा का वर्णन है। (घ) मंदिर में आए लोगों ने जब सुखिया के पिता को मंदिर में देखा, तो उन्हें बड़ा गुस्सा आया। लोगों को मंदिर में एक अछूत का आना पसंद नहीं आया। वे एक अछूत का मंदिर में इस प्रकार चले आने को अनर्थ मानने लगे। सुखिया ने अपने पिता से अपनी क्या इच्छा प्रकट की?बीमार बच्ची सुखिया ने अपने पिता के सामने यह इच्छा प्रकट की कि वह देवी माँ के मंदिर के प्रसाद का फूल चाहती है। (ग) सुखिया के पिता पर कौन-सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया? सुखिया का पिता उस वर्ग से संबंधित था, जिसे समाज अछूत समझता था।
सुखिया बीमार क्यों हुई और उसने क्या इच्छा प्रकट की?उत्तर:- बीमार बच्ची जो कि तेज ज्वर से ग्रसित थी। उसने अपने पिता के सामने देवी के चरणों का फूल-रूपी प्रसाद पाने की इच्छा प्रकट की। इस इच्छा का कारण संभवत यह था कि उसे लगा कि देवी का प्रसाद पाकर वह ठीक हो जाएगी।
सुखिया कौन थी और उसकी अंतिम इच्छा क्या थी?उसी अवस्था में वह अपने पिता से बोली, “मुझे माता के चरणों का एक फूल लाकर दे दो। यही उसकी अंतिम इच्छा थी। (ग) सुखिया का पिता अछूत वर्ग का व्यक्ति था।
सुखिया को क्या हो गया था?ग) पानी में गिर गई
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