हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

हिंदी न्यूज़ लाइफस्टाइल हेल्थWeight Loss: गन्ने के रस से बनाए जाते हैं शक्कर और गुड़, जानिए हेल्थ और वेट लॉस के लिए दोनों में से क्या है बेस्ट

Show

वेट लॉस में शक्कर और गुड़ दोनों को लेकर अक्सर चर्चाएं होती रहती है। यूं तो दोनों को मिठास बढ़ाने के लिए इस्तेमास किया जाता है। जानिए सेहत और वेट लॉस दोनों के लिए शक्कर और गुड़ में से क्या बेहतर है।

हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

Avantika Jainटीम लाइव हिंदुस्तान,नई दिल्लीWed, 18 May 2022 01:09 PM

Sugar or jaggery for Weight loss: वेट लॉस के लिए कई लोग शक्कर को गलत समझते हैं और गुड़ को अपनी डायट में शामिल करते हैं लेकिन क्या सच में गुड़ आपकी मदद वेट लॉस में करता है? अगर आप भी ऐसा सोच कर शक्कर को गुड़ से रिप्लेस कर चुके हैं तो आज हम बता रहे हैं गुड़ और शक्कर दोनों में से क्या बेहतर है। जानिए


शक्कर और गुड़ दोनों ही गन्ने के रस से किए जाते हैं तैयार

शक्कर और गुड़ दोनों ही गन्ने के रस से बनते हैं। लेकिन, उन्हें अलग तरह से संसाधित किया जाता है। शक्कर की चाशनी को चारकोल का इस्तेमाल कर एक पारदर्शी रूप दिया जाता है। इंडस्ट्रियल प्रोसेस के अंत में शक्कर के पास केवल सादा सुक्रोज रह जाता है। 

हालांकि गुड़ ऐसी प्रक्रिया से नहीं बनता। यह निश्चित रूप से कम संसाधित होता है और इसलिए इसका पोषण शक्कर से ज्यादा होता है। इसमें मिनरल्स आयरन और फाइबर की मात्रा शक्कर से ज्यादा होती हैं।

दोनों में समान मात्रा में होती है कैलोरी

शक्कर और गुड़ में से अगर किसी एक को वजन घटाने के लिए चुनना हो तो लोग अक्सर गुड़ को चुनते हैं। अगर आप भी वजन घटाने को ध्यान में रखते हुए गुड़ का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि शक्कर और गुड़ दोनों में लगभग समान मात्रा में कैलोरी होती है। इसका मतलब है कि शक्कर को गुड़ से बदलने से आपके वजन घटाने पर कोई बड़ा असर नहीं होगा। 

किसमें होता है ज्यादा पोषण 

चीनी में शून्य पोषण मूल्य वाली कैलोरी होती हैं। जबकि, गुड़ अपने समृद्ध पोषण के कारण कई लाभों के लिए जाना जाता है। खाने के बाद गुड़ खाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है। साथ ही, यह आपको शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करता है और सांस लेने वाली मांसपेशियों को भी आराम देता है।


Weight Loss: दौड़ना या रस्सी कूदना, जानिए वजन घटाने के लिए दोनों में से क्या है बेहतर

हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

हाइलाइट्स

चीनी के सेवन से डायबिटीज, मोटापे का खतरा बढ़ता है.
ज्यादा चीनी खाने से दांतों के खराब होने का रिस्क होता है.
सबसे पहले भारत में ही चीनी बनने की शुरुआत हुई थी.

चीनी के बिना मनुष्य का जीवन वाकई फीका है. यह एक ऐसा आहार है, जिसमें न कोई विटामिन होता है और न ही मिनरल. इसके बावजूद पूरी दुनिया इसकी मिठास पर लार टपकाती है. हजारों साल पहले भारत में शक्कर (भूरी चीनी) बनना शुरू हो गई थी, लेकिन इसे सफेद चीनी बनने में सैंकड़ों वर्ष लग गए. हर आयु वर्ग को मधुरता देने वाली इस चीनी का इतिहास बड़ा ही कड़वा रहा है. कभी ‘सफेद सोना’ भी कहा जाता था चीनी को. भारत में भी सालों राशनिंग रही है चीनी पर.

कैलोरी कम, लेकिन इसलिए बढ़ जाता है मोटापा!

चीनी की ‘जकड़’ इतनी सघन है कि मनुष्य का पूरा जीवन इसके स्वाद में ही फंसा रहता है. सबको पता है कि इसका अधिक सेवन बीमारियां पैदा करता है, लेकिन मरते दम तक आदमी इसकी मधुरता का दीवाना हुआ जाता है. इसमें मोटे तौर न कोई विटामिन है और न ही खनिज, वसा या फाइबर. जो कुछ होता भी है वह रिफाइनिंग प्रक्रिया के दौरान निकल जाता है. इसमें सिर्फ कैलोरी होती है. वो भी एक चम्मच में मात्र 15-20, लेकिन इसे मोटापे का कारक इसलिए माना जाता है, क्योंकि लोग इससे बनने व्यंजनों के अलावा और भी आहार (इसके साथ) ज्यादा खा जाते हैं.
हैरानी की बात यह है कि पूरी दुनिया में मिठास (शुगर) कई फलों, सब्जियों व अन्य पदार्थों में हैं, लेकिन सफेद दानेदार चीनी सिर्फ गन्ने और चुकंदर से ही बनाई जा सकती है. मध्य युग में चीनी (शक्कर) को दुर्लभ आहार माना जाता था. उस दौरान यह बहुत महंगी थी और शासकों और बड़े कारोबारियों तक ही इसकी पहुंच थी. इसी दौरान इसे ‘सफेद सोना’ भी कहा गया. भारत में तो सालों तक राशनी कार्ड पर चीनी मिलती रही है.

इसे भी पढ़ें: पोषक तत्वों और मिठास से भरपूर शहद शरीर में तुरंत बढ़ाता है एनर्जी

आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)

  • हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

    गाजियाबाद, बुलंदशहर, खुर्जा से दिल्‍ली पहुंचना होगा आसान, बचेगा समय, यहां जानें योजना

  • हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

    गाजियाबाद में नहीं चलेगी ऑटो वालों की मनमानी, ट्रैफिक पुलिस ने नई व्‍यवस्‍था लागू की

  • हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

    Delhi: AAP नेता संदीप भारद्वाज ने की आत्महत्या, पुलिस वजह तलाशने में जुटी

  • हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

    BJP का AAP पर बड़ा हमला, संदीप भारद्वाज की आत्महत्या को बताया मर्डर, लगाए गंभीर आरोप

  • हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

    दिल्ली आबकारी फर्जीवाड़ा: ईडी ने तैयार किया चार्जशीट, मनीष सिसोदिया का नाम नहीं

  • हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

    दिल्ली पुलिस की बड़ी कामयाबी, ऑस्ट्रेलिया में वांटेड 5 करोड़ के इनामी कातिल को किया गिरफ्तार

  • हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

    म​हरौली हत्याकांड: पुलिस ने साकेत कोर्ट में दर्ज कराए आफताब और श्रद्धा के 2 दोस्तों के बयान

  • हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

    श्रद्धा हत्याकांड: दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी सफलता, सिर के कई बाल मिले

  • हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

    Delhi MCD Election : बीजेपी जारी करेगी संकल्प पत्र, BJP के कई नेता रहेंगे मौजूद | Latest News

  • हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

    हुजूर, फल और सलाद नहीं दिया गया; सत्येंद्र जैन की दलील पर तिहाड़ प्रशासन ने पूछा- व्रत के बारे में बताया था?

  • हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

    बिना सलाह एंटीबायोटिक लेना हो रहा खतरनाक, लिवर में बढ़ रही ये परेशानी

विदेशियों ने भी माना, भारत में पैदा हुई शक्कर

गन्ने के रस से गुड़ और फिर शक्कर (भूरी चीनी) सबसे पहले भारत में ही बनना शुरू हुई थी. देश-विदेश की रिपोर्ट इसकी प्रमाण हैं. यूके स्थित The Conversation नामक मीडिया आउटलेट नेटवर्क में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट ‘A history of sugar– the food nobody needs, but everyone craves’ (चीनी का इतिहास- ऐसा भोजन जिसकी किसी को जरूरत नहीं, लेकिन हर कोई तरसता है), में जानकारी दी गई है कि ‘भारत में रासायनिक रूप से परिष्कृत चीनी लगभग 2,500 (500 ईसा पूर्व) साल पहले दिखाई दी थी. वहां से यह तकनीक पूर्व में चीन की ओर फैल गई, और पश्चिम में फारस और प्रारंभिक इस्लामी दुनिया की ओर होते हुए अंततः 13वीं शताब्दी में भूमध्यसागरीय तक पहुंच गई. साइप्रस और सिसिली चीनी उत्पादन के महत्वपूर्ण केंद्र बन गए.

हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

सफेद दानेदार चीनी सिर्फ गन्ने और चुकंदर से ही बनाई जा सकती है.

‘नेचुरलिस हिस्टोरिया’ नाम से विश्वकोष लिखने वाले प्राकृतिक दार्शनिक व इतिहासकार प्लिनी द एल्डर (पहली शताब्दी) लिखते हैं: ‘चीनी अरब में भी बनाई जाती है, लेकिन भारतीय चीनी बेहतर है. यह बेंत (गन्ना) में पाया जाने वाला एक प्रकार का शहद है, जो मसूड़े की तरह सफेद होता है, और यह दांतों के बीच सिकुड़ता है.’

इसे भी पढ़ें: मसल्स और बोन्स को मजबूत बना देता है गुणों से भरपूर चना, शानदार है इसका इतिहास

कौटिल्य के अर्थशास्त्र में शक्कर का वर्णन

ईसा पूर्व 7वीं शताब्दी में लिखे गए आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ के ‘इक्षुवर्ग:’ अध्याय में गन्ने से गुड़ व शक्कर बनाने की जानकारी डिटेल में दी गई है और बताया गया है कि शक्कर रूखी, कै (Vomiting)] अतिसार (Diarrhea) को नष्ट करती है और शरीर में जमे हुए कफ को बाहर निकालती है. इसके और भी गुण बताए गए हैं. दूसरी और भारतीय विद्वान कौटिल्य के अर्थशास्त्र (350 ईसा पूर्व) में गुड़ व खांड समेत पांच तरह की शक्कर का वर्णन किया गया है. दुनिया में शक्कर बनाने के बारे में इससे प्राचीन कोई और दूसरा विवरण नहीं मिलता. बताया जाता है कि पहली बार सातवीं सदी में अरब व्यापारियों के जरिए खांड भारत से बाहर मध्य एशिया पहुंची, जहां इस पर शोधन के कई प्रयोग हुए. मिस्र के कारीगरों ने भूरी खांड को दानेदार सफेद शक्कर, मिश्री की डली व बताशे बनाने की विधियां खोजी. यूरोप में यह 11 वी शती में पहुंची, लेकिन तब तक यह सफेद दानेदार चीनी में परिवर्तित नहीं हुई थी.

दासों के खून-पसीने से बनना शुरू हुई दानेदार चीनी

शोध रिर्पोटों के अनुसार 15वी शताब्दी तक दुनिया के अधिकांश लोगों को शक्कर की मिठास की जानकारी नहीं थी. तब मीठे के नाम पर फलों के अलावा अलग से मिठास पाने के लिए शहद ही था. स्पष्ट था कि वैश्विक स्तर पर शक्कर के कारोबार की गुंजाइश बची थी. इसे पुर्तगाली सौदागरों ने लपका, जिसके बाद चीनी बनने का इतिहास बुरी तरह ‘कड़वा’ हो गया. 15वी शती में वे करिबियन पहुंचे. यह इलाका गन्ने की खेती के लिए उपयुक्त था और वहां शक्कर बनाने के लिए जंगलों में पर्याप्त ईंधन भी. बस लोगों की कमी थी. वे पश्चिम अफ्रीका पहुंचे और वहां अफ्रीकन लोगों को दास बनाकर करिबिया लाए. दासों का सिलसिला शुरू हुआ और 1505 में वहां पहली शुगर कॉलोनी खड़ी हो गई.

हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

कौटिल्य के अर्थशास्त्र में गुड़ व खांड समेत पांच तरह की शक्कर का वर्णन किया गया है.

पुर्तगालियों ने 20 सालों में अफ्रीकी दासों के बूते हेती और डोमिनिक रिपब्लिक (पूर्व में स्पेनिओला) से लेकर ब्राजील तक ऐसी कॉलोनियां स्थापित की. जल्द ही पुर्तगालियों की देखादेखी स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन, हॉलेंड आदि के सौदागरों ने कैरीबियन द्वीपों, गुयाना, सूरीनाम, ब्राजील, कैमरून में दासों के बल पर अपने अपने शुगर उपनिवेश खड़े किए. इसी दौरान दासों की खरीद फरोख्त के लिए यूरोपीय कंपनियां खुल गईं और आगामी 300 साल तक इनके बल पर अधिकाधिक शक्कर बनती गई. यह दानेदार चीनी थी.

चीन से पहुंची भारत, इसलिए कहलाई चीनी

वैसे भारत में सफेद दानेदार शक्कर बड़े अरसे तक उपलब्ध नही हुई. यहां से लगातार कच्चा माल बाहर जाता रहा, लेकिन सदियों तक उजली दानेदार शक्कर बनाने की उन्न्त तकनीक यहां नहीं पहुंची. 13वीं सदी में इतालवी व्यापारी, खोजकर्ता व राजदूत मार्को पोलो के संस्मरणों में इस बात का जिक्र है कि चीन के बादशाह कुबलई खां ने मिस्र से कारीगर बुलवाए थे, जिन्होंने चीन के लोगों को सफेद, उजली, दानेदार शक्कर बनाना सिखाया. यह तकनीक मुगलकाल में चीन से भारत पहुंची और इसलिए चीनी कहलाती है. अगर चीनी मिल लगाने की बात की जाए तो भारत में पहली चीनी मिलों की स्थापना का सबसे पहला रिकॉर्ड 1610 में है. तब अंग्रेज व्यापारी  कैप्टन हिप्पोन द्वारा कोरोमंडल तट पर मसूलीपट्टम और पेटापोली में और बाद में 1612 में अन्य अंग्रेज कारोबारी कैप्टन बेस्ट और डाउटन द्वारा पश्चिमी तट पर सूरत में स्थापित किया गया था.

घावों को भरने के लिए होता था इसका इस्तेमाल

रिफाइंड चीनी में न विटामिन हैं और न ही मिनरल्स. ले-देकर कैलोरी है जो परोक्ष रूप से मोटापा बढ़ाने में लगी है. लेकिन चीनी के कुछ ‘लाभ’ हो हैं ही. जिसमें घुल जाती है, उसमें ‘स्वाद’ भर देगी. ऐसी जानकारी मिली है कि पुराने समय में चीनी का उपयोग आंखों की बीमारियों से लेकर बुखार और खांसी तक के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता था. चीनी में हीलिंग शक्ति भी होती हैं जिसने इसे यूरोपीय देशों में एक दवा के रूप में लोकप्रिय बनाया.

हिंदी में शक्कर कैसे लिखते हैं? - hindee mein shakkar kaise likhate hain?

चीनी का अधिक सेवन शरीर में सूजन भी पैदा कर सकता है. यह दांतों को तो खराब कर ही देगी

घावों या जख्मों को भी भरने के लिए इसका इस्तेमाल होता रहा है. चीनी का बड़ा लाभ यह है कि अगर सीमित मात्रा में इसका उपयोग किया जाएगा तो यह जुबान में ‘स्वाद’ (पोषण तत्व नहीं), भर देगी और अगर ज्यादा मात्रा में इसे खाया गया तो फिर यह बीमारियों की खान है.

‘नशा’ है चीनी, लत लग सकती है

सीनियर डायटीशियन (बतरा हॉस्पिटल) अनीता लांबा के अनुसार चीनी के कुछ अलग टाइप के फायदे हैं, जैसे यह मन में ‘फील गुड’ का अनुभव कराती है. अगर कोई दुबला हो तो उसका वजन बढ़ाने में मदद करेगी. जिसका बीपी लो है, उसे चढ़ा देगी. लेकिन ज्यादा खाने पर नुकसान ही नुकसान है. ज्यादा चीनी लेने से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है. इस कारण मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. खून में ज्यादा शक्कर होने से कोशिकाओं में इंसुलिन का प्रतिरोध शुरू हो जाता है, जिससे तेजी से शुगर बढ़ जाता है, जिसे डायबिटीज की बीमारी हो जाती है. हैरानी वाली बात यह है कि नशीली चीजों की तरह चीनी भी दिमाग में डोपामाइन नामक हार्मोन का स्राव बढ़ा सकती है. इससे चीनी की लत लग सकती है, जो नुकसान ही देगी. ज्यादा चीनी वाले खाद्य पदार्थ हमारे खून में यूरिक एसिड बढ़ाते हैं. इस कारण ब्लडप्रेशर और गठिया जैसी परेशानी हो सकती है.

गुड़/शक्कर या शहद का उपयोग बेहतर विकल्प

उनका कहना है कि चीनी का अधिक उपयोग करने से शरीर में भूख नियंत्रित करने वाला सिस्टम खराब हो सकता है, ऐसा होने से लोग ज्यादा खाने लग जाते हैं और मोटापे का शिकार हो जाते हैं. ऐसे भी रिसर्च आए हैं कि अधिक चीनी का सेवन कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है. चीनी का अधिक सेवन शरीर में सूजन भी पैदा कर सकता है. यह दांतों को तो खराब कर ही देगी, साथ ही शरीर की इम्यूनिटी प्रणाली पर भी बुरा असर डालेगी. चीनी का शानदार विकल्प यह है कि इसके बजाय गुड़/शक्कर या शहद का उपयोग किया जाए. इनमें न के बराबर हानिकारक तत्व हैं.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

Tags: Food, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : August 14, 2022, 08:53 IST

हिंदी में शक्कर कैसे लिखें?

शक्कर, शर्करा या चीनी (Sugar) एक क्रिस्टलीय खाद्य पदार्थ है। इसमें मुख्यत: सुक्रोज, लैक्टोज एवं फ्रक्टोज उपस्थित होता है। मानव की स्वाद ग्रन्थियाँ मस्तिष्क को इसका स्वाद मीठा बताती हैं। चीनी मुख्यत: गन्ना (या ईख) एवं चुकन्दर से तैयार की जाती है।

शक्कर और चीनी में क्या अंतर है?

चीनी—गन्ने के रस से शुगर मिल में सफेद दानेदार मीठा पदार्थ बनाया जाता है उसे चीनी कहते हैं। मध्य प्रदेश में इस चीनी को ही शक्कर कहते हैं। शक्कर— गांव में कोल्हू या क्रैसर में गन्ने का रस निकाल कर उसे गाढ़ा कर के पेडी़ के रूप में जमा किया जाता है तो इस को गुड़ कहते हैं।

शक्कर कितने प्रकार के होते हैं?

चीनी चार प्रकार की होती है। ग्रनुलेटेड (दानेदार) चीनी कुकीज़, केक, पाई, आइसक्रीम बनाने में प्रयोग की जाती है। कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम और आयरन से भरपूर ब्राउन शुगर रोग प्रतिरोधकता व पाचन सही रखता है। चिपचिपी ब्राउन शुगर को रिफाइंड नहीं किया जाता है।

देसी शक्कर कैसे बनती है?

इसे बनाने के लिए गन्ने का रस निकालकर उसे गाढ़ा किया जाता है, इसे गन्ने का गुड़ कहते हैं. फिर इसे किसी बर्तन में ठंडा होने के लिए रख देते हैं. ठंडा होने पर इसकी पेड़ी न काटकर हथौड़े से कूटकर बारीक चूरा बना दिया जाता है. इसे ही शक्कर कहा जाता है.