सब्सक्राइब करे youtube चैनल bhakti kaal ke kavi in hindi भक्तिकाल के प्रमुख कवि के नाम और रचना | भक्ति काल की विशेषताएं प्रवृत्तियां लिखिए परिस्थितियाँ क्या है ? परिभाषा किसे कहते है ? भक्तिकाल (1350-1650 ई.) संतकाव्य की विशेषताएँ हिन्दी सूफी काव्य के प्रमुख कवि एवं उनकी रचनाएँ
सूफी काव्य की प्रमुख विशेषताएँ अष्टछाप-अष्टछाप की स्थापना
गोस्वामी विट्ठलनाथ ने 1565 ई. में की। इसमें जो आठ कवि थे, उनमें से चार बल्लभाचार्य के शिष्य थे-सूरदास, कुंभनदास, परमानंददास, कृष्णदास और शेष चार विट्ठलनाथ के शिष्य थे-गोविन्द स्वामी, छीत स्वामी, नन्ददास, चतुर्भुजदास। इन आठ कवियों पर विट्ठलनाथ ने अपने आशीर्वाद की छाप लगाकर ‘अष्टछाप‘ का गठन किया। कृष्ण भक्त कवियों की चर्चा चैरासी वैष्णवन की वार्ता, दो सौ वाबन वैष्णवन की वार्ता (दोनों के रचयिता गोकुलनाथ), भक्तमाल (नाभादास), भावप्रकाश (हरिराय), वल्लभ दिग्विजय (यदुनाथ) में की गई है। सगुण भक्ति शाखा के कवि कौन कौन है?भक्तिकाल में सगुणभक्ति और निर्गुण भक्ति शाखा के अंतर्गत आने वाले प्रमुख कवि हैं - कबीरदास,तुलसीदास, सूरदास, नंददास, कृष्णदास, परमानंद दास, कुंभनदास, चतुर्भुजदास, छीतस्वामी, गोविन्दस्वामी, हितहरिवंश, गदाधर भट्ट, मीराबाई, स्वामी हरिदास, सूरदास मदनमोहन, श्रीभट्ट, व्यास जी, रसखान, ध्रुवदास तथा चैतन्य महाप्रभु, रहीमदास।
सगुण भक्ति के कितनी शाखाएं हैं?सगुण भक्ति काव्यधारा को आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने दो शाखाओं में विभाजित किया है राम भक्ति शाखा और कृष्ण भक्ति शाखा ।
सगुण भक्ति शाखा क्या है?सगुण भक्त कवियों का विश्वास है कि वह असीम सीमा को स्वीकार करके अपनी इच्छा से लीला के लिए अवतरित होते हैं। वैसे तो सारा संसार उस भगवान का अवतार है किन्तु इन वैष्णवों की अवतार- भावना के मूल में गीता का विभूति एवं ऐशवर्य योग काम कर रहा है। ज्ञान, कर्म, वीर्य, ऐश्वर्य, प्रेम भगवान की विभूतियाँ हैं।
सगुण भक्ति धारा का श्रेष्ठ ग्रंथ कौन सा है?श्रीरामचरितमानस का साहित्य 4.
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