जंक फूड क्या है? क्यों यह हमारे लिए खराब है?जंक फूड प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ है जिसमें पोषक तत्व न के बराबर होते हैं, अक्सर इनमें नमक, चीनी और वसा की मात्रा अधिक होती है। Show
जंक फूड या फास्ट फूड चलते-फिरते समय का एक लोकप्रिय भोजन विकल्प बन गए हैं। लेकिन आपको इनका सेवन करने से पहले यह जानना आवश्यक है कि कौन सा खाद्य पदार्थ आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। अक्सर हम जंक फूड और फास्ट फूड को पहचानने में भ्रमित हो जाते हैं, वे दोनों कैसे अलग हैं? जंक फूड या अस्वास्थ्यकर भोजन क्या है? भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, जंक फूड प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ है जिसमें पोषक तत्व न के बराबर होते हैं, अक्सर इनमें नमक, चीनी और वसा की मात्रा अधिक होती है। जंक फूड उच्च कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थ हैं, ये खाद्य पदार्थ इस तरह से तैयार किए जाते हैं कि वे आकर्षक दिखें खाने में स्वादिष्ट हो, ताकि आप इनकी मांग अधिक से अधिक करें। व्यावसायिक उत्पाद जिनमें नमकीन स्नैक फूड, गम, कैंडी, शक्कर युक्त मिठाइयां, तला हुआ भोजन और मीठे कार्बोनेटेड पेय शामिल हैं, जो बहुत ही कम या बिना पौष्टिक वाले होते हैं, इनमें ज्यादा नमक और वसा होती है इसे जंक फूड माना जा सकता है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट द्वारा प्रयोगशाला किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में बिकने वाले ज्यादातर पैकेज्ड फूड और फास्ट फूड में नमक और वसा की बहुत अधिक मात्रा होती है। अध्ययन में कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा निर्धारित मानकों की तुलना में खाद्य पदार्थों में नमक और वसा का स्तर बहुत अधिक पाया गया। सीएसई के पर्यावरण निगरानी प्रयोगशाला (ईएमएल) ने 33 लोकप्रिय जंक फूड पदार्थों में नमक, वसा, ट्रांस वसा और कार्बोहाइड्रेट का परीक्षण किया, जिसमें चिप्स, नमकीन, इंस्टेंट नूडल्स और इंस्टेंट सूप के 14 नमूने और बर्गर, फ्राइज, फ्राइड चिकन, पिज्जा, सैंडविच के 14 नमूने शामिल थे। इन नमूनों को दिल्ली में किराने की दुकानों और फास्ट फूड आउटलेट से एकत्र किया गया था और देश भर में इन्हें व्यापक रूप से बेचा और इनकी खपत के लिए जाना जाता है। जंक फूड आपके लिए क्यों खराब हैं? जंक फूड के लगातार सेवन से अतिरिक्त वसा, सामान्य कार्बोहाइड्रेट और प्रसंस्कृत चीनी का सेवन बढ़ जाता है जिससे मोटापा और हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है। परिणामस्वरूप मोटापा धमनियों का रुकना शुरू कर सकता है जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ सकता है। यह भी सुझाव दिया गया है कि जंक फूड खाने से मस्तिष्क उसी तरह प्रभावित होता है जैसे नशे की दवाओं का सेवन करने से। आईसीएमआर के अनुसार जंक फूड या अस्वास्थ्यकर आहार के कारण बीमारियां बढ़ गई हैं, 1990 के बाद इनमें 10 फीसदी से 25 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। जंक फूड की लत से फल, सब्जियां, सलाद आदि जैसे स्वास्थ्यप्रद खाद्य विकल्पों को खाने का मन नहीं करता है, जिसके कारण शरीर में पोषण की कमी हो जाती है। आप जंक फूड से कैसे बच सकते हैं? जिन खाद्य पदार्थों में ट्रांस-वसा, परिष्कृत अनाज, नमक और उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप शामिल होता है उन्हें घर लाने से बचना चाहिए। उन खाद्य पदार्थों से बचें जिनके लेबल पर कॉर्न स्वीटनर, कॉर्न सिरप, कॉर्न सिरप ठोस, आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत, या हाइड्रोजनीकृत हों। जंक फूड को सही तरीके से लेबल करना क्यों महत्वपूर्ण है? दुनिया भर में जंक फूड को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना गया है। ये गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) को जन्म देते हैं, विशेष रूप से गरीब देशों में कुपोषण और मोटापे के दोहरे बोझ के लिए जिम्मेदार हैं। लेबल लगाने से स्कूलों और विश्वविद्यालयों तक पहुंचने और इनकी उपलब्धता को प्रतिबंधित करने के अलावा, इसे एक महत्वपूर्ण नियामक उपकरण के रूप में अपनाया जा सकता है। कैसे छोड़ा जा सकता है जंक फूड का सेवन? ध्यान दें कि जंक फूड को छोड़ना एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो जंक फूड की दैनिक खुराक के आदी हैं, तो आपके लिए इन्हें छोड़ना जरा सा कठिन होगा। पहले कुछ दिन कठिन हो सकते हैं क्योंकि आप इनमें से कुछ लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं: चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, ऊर्जा के स्तर में गिरावट और इसी तरह। धीरे-धीरे आप इससे छुटकारा पा सकते हैं। अगले भाग में जंक फूड पदार्थों से संबंधित कानूनों और सीएसई ने जंक फूड को लेकर क्या सिफारिशें की हैं इसके बारे में जानेंगे! इस आधुनिक जमाने में हर किसी की लाइफस्टाइल में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। ये बदलाव आहार से भी जुड़े हुए हैं। हर किसी की डाइट का यह अहम हिस्सा बन चुका है। बात करें फास्ट फूड के फायदे और नुकसान की, तो जंक फूड के नुकसान कई सारे हैं। इससे लाभ होना मुमकिन नहीं है, लेकिन स्वाद के कारण यह बच्चे से लेकर व्यस्कों का प्रिय आहार बन चुका है। जंक फूड के नुकसान हिंदी में जानने के लिए अंत तक पढ़ें यह लेख। पढ़ना शुरू करें सबसे पहले जानेंगे जंक फूड यानी फास्ट फूड क्या है। विषय सूची
जंक फूड (फास्ट फूड) क्या है?जंक फूड को फास्ट फूड के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसा खाद्य व पेय पदार्थ होता है, जिसमें पोषक तत्वों यानी विटामिन, खनिज और फाइबर की मात्रा कम होती है। इसमें स्वाद के साथ ही उच्च कैलोरी, संतृप्त वसा और अधिक मात्रा में चीनी या नमक होता है (1)। सीडीसी (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) में मौजूद जानकारी के अनुसार, फास्ट फूड अमेरिकी आहार का एक हिस्सा माना गया है। इसमें उच्च कैलोरी व खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ होते हैं (2)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि जंक फूड पोषण युक्त आहार में से एक नहीं होता है। आगे पढ़ें अब समझिए कि फास्ट फूड खाने के नुकसान क्या-क्या हैं। जंक फूड खाने के नुकसान – Fast Food Khane ke Nuksan in hindiजैसा कि हमने ऊपर बताया कि जंक फूड में पोषक तत्वों की कमी और कैलोरी, वसा व चीनी की अधिकता होती है (1)। ऐसे में इसके सेवन से स्वास्थ्य को क्या नुकसान हो सकते हैं, यह नीचे विस्तार से पढ़िए। 1. सिर दर्द की समस्याजंक फ़ूड खाने से होने वाले नुकसान में सबसे पहले बात करेंगे सिरदर्द जैसी समस्या की। दरअसल, फास्ट फूड में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) का उपयोग होता है। इस कंपाउंड से चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम हो सकता है। इसमें फास्ट फूड खाते ही सिरदर्द और अन्य लक्षण नजर आने लगते हैं। रिसर्च के अनुसार, जंक फूड से मांसपेशियों में संकुचन होता है, जिससे सिरदर्द होता है। यही कारण है कि माइग्रेन पीड़ितों को फास्ट फूड से परहेज करने की सलाह दी जाती है (3)। 2. डिप्रेशन की समस्याजंक फ़ूड खाने के नुकसान में डिप्रेशन की समस्या भी शामिल है। ईरानी बच्चों और व्यस्कों पर हुए एक अध्ययन से पता चलता कि जंक फूड के सेवन से कई तरह की मानसिक समस्याएं होती हैं, जिनमें से एक अवसाद भी है। साथ ही इससे बच्चे का व्यवहार हिंसात्मक भी हो सकता है। इसके अलावा, कोला और कार्बोनेटेड पेय में मौजूद कैफीन की मात्रा बच्चों में अति सक्रियता/ध्यान की कमी के लिए जिम्मेदार होती है (3)। इस आधार पर कह सकते हैं कि जंक फूड से डिप्रेशन के साथ ही मस्तिष्क की कार्य क्षमता भी प्रभावित होती है। 3. मुंहासों की परेशानीएक शोध की मानें, तो वेस्टर्न डाइट यानी जंक फूड का सेवन मुंहासों का कारण बन सकता है। रिसर्च के दौरान पाया गया है कि इंस्टेंट नूडल्स, जंक फूड, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, स्नैक्स, प्रोसेस्ड चीज, चिकन का सेवन करने वालों को मुंहासे की परेशानी अधिक होती है। वहीं, पौष्टिक आहार का सेवन करने वालों में मुंहासों का नियंत्रण अधिक पाया गया (4)। इस आधार पर मान सकते हैं कि जंक फूड से होने वाले नुकसान में से एक मुंहासे का जोखिम भी है। 4. सड़न की समस्याजंक फ़ूड खाने के नुकसान में दांतों की सड़न की समस्या को भी गिना जाता है। शोध की मानें, तो बच्चों के दांतों की सड़न मुख्य रूप से जंक फूड जैसे कि कैंडी, चॉकलेट, चिप्स, बिस्कुट व चीनी युक्त पेय पदार्थ के सेवन के कारण हो सकती है। बच्चे घर का बना हुआ खाना खाने की बजाय जंक फूड की ओर ज्यादा आकर्षित रहते हैं। ऐसे में उन्हें दांतों में सड़न का सामना करना पड़ता है (5)। 5. हृदय रोग का जोखिमअध्ययन की मानें, तो जंक फूड भी हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण है। यह धमनियों में प्लाक बनाता है, जिसकी वजह से हृदय के नीचे की ओर रक्त को पंप करते समय अधिक दबाव पड़ता है। वहीं, ऊपर की ओर हृदय में रक्त की वापसी में भी कमी होती है। इसकी वजह से हृदय को दो तरह के नुकसान हो सकते हैं। पहला हृदय में थकान और दूसरा ऑक्सीजन की आपूर्ति में नुकसान होना (1)। इसी वजह से जंक फूड के नुकसान में हृदय रोग की समस्या को भी गिना जाता है। 6. रक्तचाप से जुड़ी समस्याजंक फूड के नुकसान में रक्तचाप जैसी समस्या भी शामिल है। एक रिसर्च पेपर के अनुसार, जंक फूड के नियमित सेवन से शरीर में अधिक मात्रा में नमक पहुंचता है, क्योंकि फास्टफूट में नमक अधिक होता है। इससे रक्तचाप बढ़ने यानी उच्च रक्तचाप हो सकता है (1)। ऐसे में उच्च रक्तचाप के जोखिम से बचने के लिए जंक फूड के सेवन से बचना चाहिए। 7. मोटापाएनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर ईरानी 6 से18 वर्ष की आयु के बच्चों व व्यस्कों पर किया गया रिसर्च प्रकाशित है। साल 2011-2012 में हुए इस रिसर्च के दौरान आहार में जंक फूड जैसे कि नमकीन स्नैक्स, मिठाई, मीठे पेय पदार्थ और फास्ट फूड को शामिल किया गया। नतीजन जंक फूड खाने वालों में मोटापे का जोखिम बढ़ा हुआ मिला (6)। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि जंक फूड में अधिक मात्रा में केमिकल्स जैसे कि मोनोसोडियम ग्लूटामेट, फ्लेवर, कलर एडिटिव्स व प्रिजर्वेटिव मोटापे का कारण बन सकते हैं (1)। इस आधार पर माना जा सकता है कि जंक फूड के नुकसान में से एक मोटापे की समस्या भी है। 8. कोलेस्ट्रॉल का स्तरहृदय रोग व मोटापे के अलावा जंक फूड का सेवन कोलेस्ट्रॉल व लीवर को भी प्रभावित कर सकता है। रिसर्च में इस बात का जिक्र मौजूद है कि जंक फूड के कारण उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है, जिससे लीवर को भी नुकसान पहुंचाता है (1)। अन्य रिसर्च पेपर में भी साफ तौर पर लिखा है कि जंक फूड से दूर रहना कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम रखने का अच्छा तरीका है (3)। इसी वजह से जंक फूड के नुकसान में कोलेस्ट्रॉल बढ़ना भी शामिल है। 9. मधुमेह का जोखिमजंक फूड के नुकसान में मधुमेह की समस्या भी शामिल है। मधुमेह एक क्रोनिक मेटाबोलिक डिसऑर्डर है, जो हाइपरग्लेसेमिया, ग्लाइकोसुरिया, हाइपरलिपीमिया, नकारात्मक नाइट्रोजन संतुलन और कई बार केटोनीमिया (चयापचय विकार) का कारण बनता है। गौर हो कि डायबिटीज मेलिटस टाइप 1 और टाइप 2, इन दो प्रकार का होता है। जंक फूड के सेवन से 90% से अधिक मामले टाइप 2 मधुमेह के हो सकते हैं (1)। इस आधार पर मान सकते हैं कि फास्ट फूड के सेवन से मधुमेह का जोखिम भी बढ़ता है। आगे जानें लेख में आगे बढ़ते हुए कुछ अन्य फास्ट फूड के नुकसान पर नजर डालते हैं। फास्ट फूड के अन्य नुकसान – Other Side Effects of Fast Food in Hindiऊपर विस्तार से बताए गए दुष्प्रभावों के अलावा भी जंक फूड के नुकसान में कई अन्य परेशानियां शामिल हैं। आइए, उनके बारे में नीचे जानते हैं (1)।
फास्ट फूड खाना कभी भी सही नहीं माना गया है। बावजूद इसके लोग इसका सेवन लगातार करते हैं। अब दोबारा इसके सेवन से पहले लेख में बताए गए फास्ट फूड खाने के नुकसान पर जरूर गौर करें। भले ही स्वाद में जंक फूड अच्छा हो, लेकिन जंक फूड खाने के नुकसान कई हैं। खाने का कभी मन भी हो, तो इसकी मात्रा एकदम सीमित रखें। वैसे हमेशा जंक फूड के बजाय पौष्टिक आहार को ही तवज्जो दें, क्योंकि आज की सतर्कता, कल के स्वास्थ्य संबंधी नुकसान से बचा सकती है। अक्सर पूछे जाने सवालक्या जंक फूड दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है? हां, शोध की मानें, तो खराब आहार जैसे जंक फूड का सेवन करने से तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचता है। यह मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालकर विशेष रूप से स्मृति कार्यों को हानि पहुंचा सकता है (3)। जंक फूड डिप्रेशन का कारण कैसे बन सकता है? ईरानी बच्चों और व्यस्कों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि जंक फूड से कई तरह की मानसिक समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें अवसाद यानी डिप्रेशन भी शामिल है (5)। इसकी वजह कुछ और नहीं, बल्कि इसमें मौजूद केमिकल और हानिकरक तत्व हैं। साथ ही, इसमें पौष्टिक तत्व होते ही नहीं हैं, जिस वजह से अवसाद का जोखिम बढ़ जाता है (3)। जंक फूड मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है? शोध की मानें, तो जंक फूड के सेवन से बच्चों व किशोरों में मानसिक परेशानी और हिंसक व्यवहार का जोखिम बढ़ सकता है। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए स्वस्थ आहार का सेवन प्रभावकारी हो सकता है (5)। संदर्भ (Sources)Articles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.
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सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन... more ज्यादा जंक फूड खाने से कौन सी बीमारी होती है?रिसर्च में देखा गया है कि फास्ट फूड्स का अधिक मात्रा में सेवन करने से ट्रांस फैट ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाने लगता है. वहीं, गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटा देता है. इससे टाइप -2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों का खतरा रहता है. इतना ही नहीं शरीर में नमक की अधिक मात्रा हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती है.
जंक फूड खाने से हमारे शरीर को क्या हानि होती है?जंक फूड का सेवन करने से नर्वस सिस्टम पर भी असर पड़ता है, जिससे दिमाग के कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में याददाश्त कमजोर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। जंक फूड को खाने से पाचन तंत्र परअसर पड़ता है, जिससे इसकी कार्य क्षमता घट जाती है और भूख कम लगने लग जाती है। इससे शरीर में कमजोरी आने की समस्या भी हो सकती है।
जंक फूड से क्या बीमारी हो सकती है?जंक फूड में काफी मात्रा में ट्रांस फैट, शुगर और अनहेल्दी तत्व होते हैं जिसके कारण मोटापे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. -अगर शुगर से बनने वाली चीजों का ज्यादा सेवन करते हैं या फिर फैट और कोलेस्ट्रॉल का ज्यादा सेवन करते हैं तो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल आदि होने का रिस्क बढ़ता है.
जंक फूड के बार बार सेवन से इन में से क्या होता है?जंकफूड के अधिक सेवन से हार्ट हेल्थ को भी नुकसान पहुंचता है. इसकी वजह से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी ज्याादा बढ़ता है, जिसके कारण हार्ट अटैक और हार्ट ब्लॉकेज की परेशानी बढ़ सकती है.
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