उत्पादन संभावना वक्र अर्थव्यवस्था की उत्पादन क्षमता को दर्शाताहै। अर्थात् यह इस बात की व्याख्या करता है कि अर्थव्यवस्था में उपलब्ध संसाधनों तथा उत्पादन की तकनीक की सहायता से उत्पादित होने वाली
वस्तुओं की अधिकतम उत्पादन कितना संभव है ? इसकी सहायता से अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याओं की भी व्याख्या की जा सकती है। एक उत्पादन संभावना वक्र दो वस्तुओं के वैसे वैकल्पिक संयोगों को दर्शाता है जिनका अधिकतम उत्पादन अर्थव्यवस्था में उपलब्ध संसाधनों के कुशलतम प्रयोग से संभव होता है। यहां कुशलतम प्रयोग से आशय है कि उपलब्ध सभी संसाधन पूर्णतः रोजगार में लगे हैं तथा अपनी
क्षमता के अनुरूप उत्पादन कर रहे हैं। उत्पादन संभावना वक्र की व्याख्या करने के पूर्व उन मान्यताओं पर विचार कर लेना आवश्यक है जिनपर यह संकल्पना आधारित है एक उत्पादन संभावना वक्र की व्याख्या निम्न तालिका से की जा सकती है। उत्पादन संभावना तालिका
उत्पादित हो सकने वाली दो वस्तुओं के विभिन्न वैकल्पिक संयोगों को दर्शाने वाली तालिका उत्पादन संभावना तालिका कहलाती है। उत्पादन संभावना वक्र की विशेषताएँ1. उत्पादन संभावना वक्र की ढाल ऋणात्मक होती है। उत्पादन संभावना वक्र की ढाल ऋणात्मक होती है। इस कथन से तात्पर्य है कि जब अर्थव्यवस्था एक वस्तु के उत्पादन में वृद्धि करना चाहती है तो
उसे दुसरी वस्तु के उत्पादन में कमी करनी होगी। 2. उत्पादन संभावना वक्र मूल बिंदु की ओर अवतल होता है। |