कौन सी जनजाति आदिम जनजाति है - kaun see janajaati aadim janajaati hai

जनजातीय बहुल झारखंड में अनुसूचित जनजाति के अलावा आदिम जनजातियां भी हैं। लेकिन यहां की 32 आदिम जनजातियों में आठ की सामाजिक और आर्थिक स्थिति या जस-की-तस है या गिरावट ही आई है। राजनीतिक चेतना का हाल यह है कि आजादी के 75 साल बाद भी इन आठ आदिम जनजातियों में से कोई विधानसभा तक नहीं पहुंच सके। चिंताजनक यह कि इनकी आबादी लगातार घट रही है। यदि समय रहते इन्हें संरक्षित नहीं किया गया तो कई आदिम समुदाय समाप्त हो जाएंगे। रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के निदेशक कहते हैं कि आदिम जनजातियों को मुख्यधारा में लाने के लिए समाज और सरकार दोनों को मिलकर काम करना होगा।

Show

पुरातन समाज और रहन-सहन

देशभर में झारखंड तीसरा बड़ा राज्य है, जहां जनजाति समुदाय की बड़ी आबादी रहती है। लेकिन इनमें आदिम जनजातियों का रहन-सहन आज भी पुरातन है। बिरहोर गांवों में भी एक या दो लोग ही मैट्रिक पास मिलते हैं। आदिम जनजाति असुरों के बीच काम करने वाली झारखंडी भाषा साहित्य अखड़ा की महासचिव वंदना टेटे के मुताबिक नेतरहाट इलाके में रहनेवाले असुर समुदाय के पहनावे में तो बदलाव आया, परंतु जीवनस्तर नहीं बदल सका।

असुर में मात्र दो स्नातकोत्तर

असुर समुदाय में से अब तक केवल 30 फीसदी ही मैट्रिक पास कर सके हैं। स्नातक करने वालों की संख्या पांच फीसदी है। स्नाताकोत्तर मात्र एक या दो ही हैं।

उनकी भाषा के संवर्द्धन के लिए पहली बार अखड़ा की ओर से असुर भाषा में रेडियो की शुरुआत नेतरहाट के इलाकों में की गई। लेकिन ऐसे प्रयास अब तक नाकाफी साबित हुए हैं।

पहली बार अनुवादित पाठय सामग्री

रांची के डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान की ओर से पहली बार आदिम जनजाति छात्रों की पाठ्य सामग्री प्रतियोगिता परीक्षा के लिहाज से तैयार की जा रही है। इस तरह के काम को और बढ़ाने की जरूरत है। शिक्षाविद् व रांची विश्वविद्यालय में मानवशास्त्र विज्ञान के पूर्व डीन डॉ. करमा उरांव के अनुसार विलुप्ति के कगार तक पहुंच चुके आदिम जनजातियों को सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संरक्षण देने की जरूरत है। तब ही इनकी राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित होगी।

आदिम जनजाति की आबादी और उनका पारंपरिक पेशा

माल पहाड़िया 1,35,597 वनोत्पाद का संग्रह

कोरवा 35,786 लाह की खेती, शिकार, पशुपालन

परहिया 25,585 कृषि, पशुपालन

असुर 22459 लोहा गलाना

बिरहोर 10,729 रस्सी बनाना

सावर 9688 मजदूरी और जंगली उत्पादों पर निर्भर

कवर 8,145 पशुपालन और जंगली उत्पादों का संग्रह

बिरजिया 627 शिकार करना और वनोत्पाद संग्रह

डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान, रांची के निदेशक रणेन्द्र कहते हैं कि आदिम जनजाति से अब तक एक भी विधायक नहीं हुए हैं। हाल के दिनों में शिक्षक, अधिवक्ता और डिप्टी सेक्रेटरी रैंक तक पहुंचे हैं। हालांकि अब आवासीय विद्यालयों से इन्हें लाभ मिल रहा है।

आदिम जनजातीय समूह विकास योजना के बारे में जानकारी

  1. आदिम जनजातीय समूह विकास योजना के बारे में जानकारी

    • रेटिंग

    जनजातीय मामले मंत्रालय द्वारा आदिम जनजातीय समूह विकास योजना (पीटीजीएस) के बारे में जानकारी प्रदान की गई। उपयोगकर्ता पात्रता मानदंड, लाभार्थी प्रकार और योजना के लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। योजना का लाभ कैसे उठायें इस बारे में जानकारी प्रदान की गई है। आवेदन अधिकार और ज़रूरी दस्तावेजों की जानकारी भी दी गई है।

संबंधित लिंक

  1. आदिवासी क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण की योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता के लिए आवेदन प्रपत्र

    • रेटिंग

    जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण की योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता के लिए नए या चल रही प्रस्तावों के लिए आवेदन प्रपत्र यहाँ उपलब्ध है। प्रपत्र भरने के लिए निर्देश दिए गए हैं। उपयोगकर्ता प्रपत्र को डाउनलोड कर इसे आगे भी उपयोग कर सकते हैं।

  2. अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासियों पर सूचना

    • रेटिंग

    अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासियों पर विस्तृत जानकारी दी गई है। प्रयोक्‍ता राज्य समितियों, वन दावों और अधिकार, आदिवासी अधिकार और नियम आदि पर जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैं। दावा प्रविष्टि के विवरण और निर्णय दिए गए हैं।

  3. आदिवासी उत्पादों या निर्माण योजना के विकास और विपणन के लिए संस्थागत सहयोग से संबंधित जानकारी

    • रेटिंग

    आदिवासी उत्पादों या निर्माण योजना के विकास और विपणन के लिए संस्थागत सहयोग से संबंधित जानकारी प्राप्त करें। आदिवासी मामलों के मंत्रालय की इस योजना को वित्तीय सहायता केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही है। योजना के लिए पात्रता, लाभार्थी, आवश्यक दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया आदि से संबंधित जानकारी उपलब्ध है। समन्वय एजेंसी की संपर्क विवरणी भी उपलब्ध है।

  4. एमएफपी योजना की मूल्य श्रृंखला के विकास के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के माध्यम से लघु वनोपज के विपणन हेतु तंत्र के बारे में जानकारी

    • रेटिंग

    जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा एमएफपी योजना की मूल्य श्रृंखला के विकास के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के माध्यम से लघु वनोपज के विपणन हेतु तंत्र के बारे में जानकारी दी गई है। 2013-14 के दौरान शुरू इस योजना को वित्तीय सहायता केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। यह योजना अनुसूचित जनजाति के लिए निर्धारित है। आप इस योजना, इसके उद्देश्यों, निधिकरण, लाभार्थियों आदि से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  5. आदिवासी आवासीय विद्यालयों की स्थापना के लिए दिशानिर्देश

    • रेटिंग

    आदिवासी आवासीय विद्यालयों की स्थापना के लिए दिशा निर्देश प्रदान किए गए हैं। उपयोगकर्ता आदिवासी स्कूली बच्चों के लिए आदिवासी आवासीय विद्यालयों की स्थापना से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  6. जनजातीय कार्य मंत्रालय की संपर्क विवरणी देखें

    • रेटिंग

    आप जनजातीय कार्य मंत्रालय के मंत्रियों एवं अन्य अधिकारियों की संपर्क विवरणी यहाँ देख सकते हैं। आप अधिकारियों के नाम, पद, फ़ोन नम्बर, फैक्स नंबर एवं ई-मेल इत्यादि की जानकारी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्रियों, निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, सचिव, संयुक्त सचिव, उप सचिव, अवर सचिव, सलाहकारों, अनुसंधान अधिकारियों, एवं अन्य सहायक अधिकारियों के विवरण भी यहाँ उपलब्ध हैं।

  7. अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए केन्द्रीय क्षेत्र की छात्रवृत्ति योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करें

    • रेटिंग

    अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए केन्द्रीय क्षेत्र की छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत 2007-08 में हुई थी। यह योजना अनुसूचित जनजाति के प्रतिभाशाली छात्रों को लाभ देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसका निधिकरण केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। यह योजना अनुसूचित जनजाति के उन प्रतिभाशाली छात्रों के लिए है जो स्नातक एवं स्नातोकत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे छात्र शैक्षिक संस्थानों एवं जनजातीय मामलों के मंत्रालय में संपर्क करके इस योजना का लाभ उठा...

  8. अनुसूचित जनजाति के छात्रों की योग्यता उन्नयन संबंधी योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करें

    • रेटिंग

    आप अनुसूचित जनजाति के छात्रों की योग्यता उन्नयन संबंधी योजना के बारे में जानकारी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का निधिकरण केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। 9वीं से 12वीं कक्षा में पढने वाले अनुसूचित जनजाति के छात्र इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं एवं जनजातीय मामलों के मंत्रालय में संपर्क कर इस योजना से संबंधित अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  9. जनजातीय क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्रों के बारे में जानकारी प्राप्त करें

    • रेटिंग

    जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र योजना की शुरुआत की गई है ताकि विभिन्न पारंपरिक या आधुनिक व्यवसायों के लिए आदिवासी युवाओं का कौशल उन्नयन किया जा सके। आप इस योजना, इसके उद्देश्यों, निधिकरण, लाभार्थियों इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया, आवेदन कहाँ करना है, संबंधित प्राधिकारी एवं अधिकारियों इत्यादि के बारे में भी जानकारी दी गई है।

  10. अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करें

    • रेटिंग

    जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू की गई ‘अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति’ योजना से अनुसूचित जनजाति के छात्रों को लाभ प्राप्त होता है। इस योजना का उद्देश्य विदेशी विश्वविद्यालयों में इंजीनियरिंग, प्राद्योगिकी एवं विज्ञान के क्षेत्र में स्नातोकत्तर, पीएचडी एवं डॉक्टरेट के बाद के शोध कार्यों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे प्रतिभाशाली छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। आप इस योजना, इसके उद्देश्यों,...

  11. अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए राजीव गांधी राष्ट्रीय शिक्षावृत्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करें

    • रेटिंग

    2005-06 में शुरू की गई 'अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए राजीव गांधी राष्ट्रीय शिक्षावृत्ति' योजना से अनुसूचित जनजाति के छात्रों को लाभ प्राप्त होता है। इस योजना का निधिकरण केंद्र सरकार द्वारा किया गया है। यह योजना अनुसूचित जनजाति के उन छात्रों के लिए है जो एम.फिल एवं पीएचडी आदि में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। अनुसूचित जनजाति के छात्र विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) या जनजातीय मामलों के मंत्रालय में संपर्क करके इस योजना का लाभ प्राप्त...

  12. अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करें

    • रेटिंग

    आप जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू की गई 'अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति' के बारे में जानकारी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का निधिकरण केंद्र सरकार द्वारा किया गया है। विभिन्न स्तरों पर पेशेवर, तकनीकी, गैर-पेशेवर एवं गैर तकनीकी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे अनुसूचित जनजाति के छात्र इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। जनजातीय मामलों के मंत्रालय में संपर्क कर इस योजना से संबंधित अन्य जानकारियाँ प्राप्त की जा...

  13. अनुसूचित जनजाति के लड़कियों और लड़कों के छात्रावास हेतु केन्द्र प्रायोजित योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करें

    • रेटिंग

    आप जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू की गई 'अनुसूचित जनजाति के लड़कियों और लड़कों के छात्रावास हेतु केन्द्र प्रायोजित योजना' के बारे में जानकारी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। आप इस योजना के लाभों, पात्रता मानदंडों एवं लाभार्थियों के प्रकार आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई है। संबंधित अधिकारियों एवं आवश्यक प्रलेखों के बारे में भी जानकारी यहाँ दी गई है।

  14. अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए स्वैच्छिक संगठन को अनुदान सहायता की योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता के लिए नए या चल रहे प्रस्तावों के लिए आवेदन प्रपत्र प्राप्त करें

    • रेटिंग

    जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए स्वैच्छिक संगठन को अनुदान सहायता की योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता के लिए नए या चल रहे प्रस्तावों के लिए आवेदन प्रपत्र यहाँ उपलब्ध कराया गया है। यह प्रपत्र अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों के लिए है। आप इसे डाउनलोड कर आगे इसका उपयोग कर सकते हैं। प्रपत्र भरने संबंधी निर्देश भी दिए गए हैं।

  15. कक्षा नौवीं व दसवीं में पढ़ रहे अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति की केन्द्र प्रायोजित योजना के तहत केंद्रीय सहायता के लिए प्रारूप देखें

    • रेटिंग

    कक्षा नौवीं व दसवीं में पढ़ रहे अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति की केन्द्र प्रायोजित योजना के तहत केंद्रीय सहायता के लिए प्रारूप यहाँ दिया गया है। यह प्रपत्र जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराया गया है। आप अपनी आवश्यकतानुसार यह प्रपत्र डाउनलोड कर सकते हैं एवं इसे भर सकते हैं। प्रपत्र भरने संबंधी निर्देश भी दिए गए हैं।

Pages

  • 1
  • 2
  • 3
  • »

झारखंड में आदिम जनजाति कितने हैं?

झारखंड में 24 जनजातियां प्रमुख श्रेणी में आते हैं। शेष 8 जनजातियों को आदिम जनजाति की श्रेणी में रखा गया है जिसमें बिरहोर, कोरवा, असुर, पहरिया, माल पहाड़िया, सौरिया पहाड़िया, बिरजिया तथा सबर शामिल हैं

राजस्थान के आदिम जनजाति कौन सी है?

राज्य की एक मात्र आदिम जाति सहरिया है जो बांरा जिले की किशनगंज एवं शाहबाद तहसीलों में निवास करती है। उक्त दोनों ही तहसीलों के क्षेत्रों को सहरिया क्षेत्र में सम्मिलित किया जाकर सहरिया वर्ग के विकास के लिये सहरिया विकास समिति का गठन किया गया है।

कौन सी जनजाति को भारत सरकार द्वारा आदिम जनजाति समूह की सूची में शामिल किया गया है?

उत्तराखण्ड में निवासरत् भोटिया, थारू, जौनसारी,बुक्शा एंव राजी को वर्ष 1967 में अनुसूचित जनजाति घोषित किया गया था। उक्त पाॅच जनजातियों मे बुक्सा एवं राजी जनजाति आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक रूप से अन्य जनजातियों की अपेक्षा काफी निर्धन एवं पिछड़ी होने के कारण उन्हें आदिम जनजाति समूह की श्रेणी में रखा गया है।

झारखंड में कौन कौन सी आदिवासी जनजातियां रहती है?

झारखण्ड की जनजातियाँ.
मुण्डा.
संताल (संथाल, सौतार).
खड़िया.