सब पर प्यार लुटाने के लिए कौन कहता है? - sab par pyaar lutaane ke lie kaun kahata hai?

Solution : भिखमंगों की दुनिया में निरन्तर प्यार लुटाने वाला कवि ऐसा इसलिए कहता है कि वह उनके अर्थात् भिखमंगों की दुनिया में खुशियाँ भरना चाहता है लेकिन वे खुशियाँ कुछ समय के लिए ही होती हैं, जबकि कवि उन्हें स्थायी बनाना चाहता है। अपने इस प्रयास में असफल होने पर वह उसे अपने हृदय पर असफलता का बोझ मानता है। इससे उसकी निराशा प्रकट होती है।

भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?

यहाँ भिखमंगों की दुनिया से कवि का आशय है कि यह दुनिया केवल लेना जानती है देना नहीं। कवि ने भी इस दुनिया को प्यार दिया पर इसके बदले में उसे वह प्यार नहीं मिला जिसकी वह आशा करता है। कवि के लिए यह उसकी असफलता है। इसलिए वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है। अत: कवि निराश है, वह समझता है कि प्यार और खुशियाँ लोगों के जीवन में भरने में असफल रहा।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 8)

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भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटाने वाले कवि ऐसा क्यों कहता है?

Solution : भिखमंगों की दुनिया में निरन्तर प्यार लुटाने वाला कवि ऐसा इसलिए कहता है कि वह उनके अर्थात् भिखमंगों की दुनिया में खुशियाँ भरना चाहता है लेकिन वे खुशियाँ कुछ समय के लिए ही होती हैं, जबकि कवि उन्हें स्थायी बनाना चाहता है। अपने इस प्रयास में असफल होने पर वह उसे अपने हृदय पर असफलता का बोझ मानता है।

स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले पंक्ति से कवि का क्या आशय है?

Expert-verified answer हम भिखमंगों की दुनिया में प्यार लुटाते चले, इन पंक्तियों से कवि का आशय यह है कि इस दुनिया में प्यार के बदले प्यार देने वालों की कमी है। कवि को प्यार के बदले प्यार नही मिला। इस दुनिया में भले ही कितना किसी को प्यार दो, लेकिन बदले में उससे इतना मान-सम्मान प्रेम नहीं मिलता।

भिखमंगों की दुनिया में क्या लुटाकर जीते?

भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटाने वाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है ? क्या वह निराश है या प्रसन्न है ? उत्तर: कवि ने दुनिया के लिए अपना प्यार लुटाया।