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डेली न्यूज़
ब्रह्मोस मिसाइल, इन्द्र अभ्यास,
कामोव-226, एस-400 ट्रायम्फ। भारत-रूस संबंधों के बदलते रुझान। हाल ही में भारत और रूस ने अपने
राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगाँठ मनाई। भारत-रूस संबंधों के विभिन्न पहलू :
भारत और रूस के बीच संबंधों के अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्र:
भारत के लिये रूस का महत्त्व:
आगे की राह
स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस× रूस और भारत के बीच क्या संबंध है?शीत युद्ध के दौरान, भारत और सोवियत संघ के बीच एक मज़बूत रणनीतिक, सैन्य, आर्थिक और राजनयिक संबंध थे। सोवियत संघ के विघटन के बाद, रूस को भारत के साथ अपने घनिष्ठ संबंध विरासत में मिले, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों ने एक विशेष सामरिक संबंध साझा किया।
भारत को रूस से क्या लाभ है?औद्योगिक सहयोग और व्यापार
इसके अलावा, रूस ने भारत को तेल, खनिज, फार्मास्यूटिकल्स, पेपर उद्योग और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में सुदूर पूर्व में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
भारत रूस को क्या निर्यात करता है?2021-22 में रूस को भारत ने जहां 3.25 अरब अमेरिकी डॉलर का सामान निर्यात किया वहीं रूस से भारत ने 9.87 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात किया. इस तरह भारत को 6.62 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार घाटा हुआ. आरबीआई ने सुझाव दिया है कि इस मुद्दे का समाधान परियोजनाओं और निवेश के लिए भुगतान के साथ-साथ सरकारी प्रतिभूतियों के ज़रिए किया जाए.
भारत और रूस की दोस्ती कैसे हुई?नेहरू और ख्रुश्चेव ने की शुरुआत
जहां तक रूस के साथ भारत के संबंधों का सवाल है तो ये आज के हैं नहीं। दिल्ली समझौते या पुतिन के साथ एस-400 की डील से काफी पहले से चले आ रहे हैं। 1955 में जब जवाहरलाल नेहरू मॉस्को गए तो निकिता ख्रुश्चेव के साथ उनकी जबर्दस्त दोस्ती की शुरुआत हुई।
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