पहाड़ों पर लगातार होती बारिश की वजह से कालागढ़ बांध से कभी भी पानी छोड़ा जा सकता है। बाढ़ की आशंका में मुरादाबाद प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। (प्रतीकात्मक चित्र) Show मुरादाबाद जिला प्रशासन ने रामगंगा किनारे बसे गांवों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट इसलिए जारी किया गया है क्योंकि पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश की वजह से कालागढ़ बांध पर रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गया है। जिसकी वजह से कालागढ़ बैराज से कभी भी पानी छोड़ा जा सकता है। कालागढ़ बैराज के अधीक्षण अभियंता की ओर से जानकारी मिलने के बाद मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह ने मुरादाबाद जिला प्रशासन को एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। मुरादाबाद जिला प्रशासन ने जारी किया बाढ़ का अलर्ट। मुरादाबाद जिला प्रशासन ने जारी किया बाढ़ का अलर्ट। 354.910 मीटर है जलस्तर, 355 मीटर पर छूटेगा बैराज से पानी अपर जिलाधिकारी प्रीति जायसवाल की ओर से जारी अलर्ट के मुताबिक कालागढ़ बांध पर रामगंगा नदी का मौजूदा जलस्तर 354.910 रिकार्ड किया गया है। कालागढ़ बैराज का जलस्तर यदि महज 9 सेंटीमीटर और बढ़कर 355 मीटर हुआ तो बैराज से पानी छोड़ा जा सकता है। जिसकी वजह से रामगंगा नदी के किनारों पर बसे गांवों में जलभराव हो सकता है। सभी तहसीलों में कंट्रोल रूम बनाने के आदेश अपर जिलाधिकरी वित्त एवं राजस्व प्रीति जायसवाल ने जिले के सभी SDM और तहसीलदार को आदेश दिया है कि अपने - अपने यहां तत्काल आपदा कंट्रोल रूम खोलें। लगातार बाढ़ चौकियों का निरीक्षण करें और उन्हें एक्टिवेट रखें। जिन गांवों में पूर्व में बाढ़ के हालात रहे हैं वहां मुनादी कराकर लोगों को अलर्ट करें। लोगों को रामगंगा नदी की तरफ जाने से रोकें। सुरक्षा किट तैयार करने के निर्देश अपर जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि आपदा कंट्रोल रूम में सुरक्षा किटें तैयार कराकर रखें। इसमें फोल्डेबल स्ट्रेचर, प्राथमिक उपचार किट, सेफ्टी हेलमेट, लाइफ जैकेट, टार्च, ट्यूब, मेगाफोन, लाइफ जैकेट आदि सामान उपयोग करने की स्थिति में होना चाहिए। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं? खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं? खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Flood in Moradabad : पहाड़ों पर होने वाली बरसात तो थमी है। लेकिन, रामगंगा में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। रामगंगा का जलस्तर खतरे से निशान तक पहुंच सकता है। इससे रामगंगा के खादर में बाढ़ प्रभावित होने वाले गांवों में दहशत का माहाैल है। बाढ़ चौकियों पर तैनात स्टाफ को अलर्ट कर दिया है। राहत सामग्री के लिए जिन ठेकेदारों के नाम निविदाएं छूटी हैं, उनसे भी सप्लाई के लिए तैयार रहने के लिए कह दिया गया है। Moradabad News: पेट्रोल पंप संचालक की पत्नी की मौत, रेलवे लाइन पर मिला शव, 11 महीने पहले हुई थी शादी यह भी पढ़ेंडीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने प्रधानों के साथ वर्चुअल बैठक करके बाढ़ से प्रभावित होने वाले लोगों की मदद के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। कालागढ़ डैम से छोड़े गए पानी का असर रामंगगा पर भी पड़ा है। लेकिन, अभी रामगंगा खतरे से निशान से कुछ दूर है। हालांकि दोपहर दो बजे के बाद रामगंगा का जलस्तर बढ़ा है। कोसी नदी का जलस्तर घटने लगा है। बाढ़ खंड के कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक रामगंगा के खतरे का निशान 190.60 मीटर है। बुधवार को दोपहर दो बजे रामगंगा में 189.71 मीटर पानी मापा गया। लेकिन, शाम छह बजे इस नदी में पानी 189.75 मीटर हो गया। रामगंगा का जलस्तर खतरे से निशान से एक मीटर से कम दूरी पर है। पहाड़ों पर बरसात फिर से शुरू होने के बाद हरवेली और कालागढ़ डैम से पानी छोड़ा गया तो खादर के हालात भी बाढ़ जैसे हो सकते हैं। कोसी नदी का खतरे का निशान 256.200 मीटर है। लेकिन इस नदी में पानी 292.59 मीटर पर बह रहा है। इसकी वजह से ही कोसी के आसपास के इलाके में बाढ़ आ गई है। फसलें जग्लमग्न हो चुकी हैं। हालांकि शाम छह बजे कोसी नदी का पानी भी कम हुआ है। यहां 281.05 मीटर पर पानी बह रहा है। रामगंगा में जलस्तर बढ़ने से खादर के गांवों में दहशत का माहौल है। प्रशासन ने सभी को आगाह कर दिया है। प्रधानों के अलावा राशन डीलरों से भी डीएम सीधे बात कर रहे हैं। एसडीएम को पल-पल की निगरानी के लिए कह दिया है। मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने बताया कि बाढ़ का अभी कोई खतरा तो नहीं है। लेकिन, जिलाधिकारी समेत सभी अधिकारियों ने प्रधानों के साथ वर्चुअल बैठकर करके अलर्ट रहने के लिए कह दिया है। कहा है कि धन की कोई कमी नहीं है। प्रधान बाढ़ से प्रभावित होने वाले परिवारों की तुरंत मदद करें। राशन डीलर बाढ़ आने की स्थिति में पीड़ित परिवारों को निशुल्क राशन वितरण करेंगे। किसी को भूखा नहीं सोने दिया जाएगा। पहाड़ों पर बरसात अब नहीं हो रही है। इसलिए किसी भी डैम से पानी छोड़े जाने की सूचना नहीं है। रामगंगा का जलस्तर भी बढ़ा है। लेकिन, इस नदी का क्षेत्र बड़ा है। कोसी नदी का क्षेत्रफल कम है। अतिक्रमण की वजह से नदी संकरी होती जा रही है। इसलिए हमेशा ही कोसी का पानी लोगों को नुकसान पहुंचाता है। Moradabad पुलिस ने पकड़े नशे के सौदागर, चोरी छिपे बेचते थे दवाइयां, लाखों के इंजेक्शन और टेबलेट समेत चार दबोचे यह भी पढ़ेंदेर रात तक पानी कम होगा। इससे लोगों को राहत मिलेगी। किसी को भी कोई परेशानी हो तो कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन करके सूचना दें। तुरंत टीम मदद करने के लिए पहुंचेगी। रामगंगा में 2022 में कितना पानी छोड़ा गया?रामगंगा नदी में पहाड़ी नाले से पानी आने के कारण जनपद में 1.00 लाख क्यूसेक तक पानी प्रवाहित होने की सम्भावना है, जिसका प्रभाव 15 अक्टूबर 2022 तक आना सम्भावित है। नदी अपने खतरे के निशान से 1.60 मीटर नीचे प्रवाहित हो रही है।
गंगा राम गंगा में कितना पानी छोड़ा गया है?आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में संबंधित जिला अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा गया है, जलाशय की क्षमता 365 मीटर तक है।
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