रोलर बैंडेज कितने प्रकार के होते हैं? - rolar baindej kitane prakaar ke hote hain?

विषयसूची

  • 1 रोलर पट्टी क्या है?
  • 2 बैंडेज कितने प्रकार के होते हैं?
  • 3 पट्टी कैसे करते हैं?
  • 4 ड्रेसिंग कितने प्रकार की होती है?

रोलर पट्टी क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपट्टी के दो मुख्य प्रकार हैं: रोलर पट्टियाँ: मुख्य रूप से टखनों, घुटनों, कलाई या कोहनी की चोट के लिए, जगह-जगह ड्रेसिंग रखने और घायल अंगों को सहारा प्रदान करने के लिए रोलर पट्टियों का उपयोग करे।

बैंडेज कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंज्‍यादातर फर्स्ट एड क‍िट में आपने अलग-अलग तरह के बैंडेज देखें होंगे ज‍िनमें स्‍ट्र‍िप बैंडेज, प्रेशर बैंडेज, मोलस्‍क‍िन आद‍ि शाम‍िल है। कटने, जलने, हड्ड‍ी टूटने, छ‍िलने, छेद होने जैसे घाव को भरने के ल‍िए उन पर पट्टी बांधने का तरीका और पट्टी की क‍िस्‍म अलग होती है, आइए जानते हैं क‍िस घाव को कैसे कवर क‍िया जाता है।

पट्टी बांधने के उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंचोट लगने पर खून को बहने से रोकने और संक्रमण से बचाने के लिए ड्रेसिंग की जाती है। चोट लगने पर खून को बहने से रोकने और संक्रमण से बचाने के लिए ड्रेसिंग की जाती है। यदि इसमें सावधानी नहीं बरती गई तो दिक्कत बढ़ती है। पट्टी के टाइट बांधने से शरीर के निचले हिस्से की ब्लड सप्लाई रुक जाती है।

पट्टी कैसे करते हैं?

पट्टी कैसे बदलते हैं – Dressing badalne ka tarika

  1. पट्टी बदलने से पहले अपने हाथों को पानी व साबुन से अच्छी तरह से धो लें।
  2. पट्टी बांधने के लिए प्रयोग की जाने वाली सारी चीजें, जैसे पट्टी, कैंची अदि एकत्रित कर लें।
  3. इसके बाद हो सके तो डिस्पोजेबल दस्ताने पहन लें।
  4. अब पुरानी वाली पट्टी को निकलने की कोशिश करें।

ड्रेसिंग कितने प्रकार की होती है?

घाव की देखभाल के प्रकार:

  • हाइड्रोकोलॉइड ड्रेसिंग – इस प्रकार की घाव देखभाल ड्रेसिंग मुख्य रूप से जलन, दबाव अल्सर और वेनस अल्सर के लिए लागू होती है।
  • हाइड्रोजेल ड्रेसिंग – हाइड्रोजेल ड्रेसिंग का उपयोग संक्रमित घाव और छोटे स्राव के साथ घाव के उपचार के लिए किया जाता है।

गरम पट्टी कैसे बांधी जाती है?

इसे सुनेंरोकेंगर्म पट्टी यानि (क्रेप बैंडेज) मुख्य रूप से शरीर के अंगों में आई सूजन को दूर करने में इस्तेमाल किया जाता है। क्रेप बैंडेज स्किन फ्रेंडली होता है। जिससे त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन अधिक समय यानी लगातार 4-5 घंटे तक इसे बांधने से आपको कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।

मुख्यपृष्ठप्राथमिक सहायतापट्टियां || BANDAGE || पट्टी के प्रकार एवं उपयोग || TYPE OF BANDAGE AND USES || गोल पट्टी || ROLLER BANDAGE || भारत स्काउट्स एवं गाइड्स

रोलर बैंडेज कितने प्रकार के होते हैं? - rolar baindej kitane prakaar ke hote hain?

पट्टियाँ (Bandages)

पट्टियों का प्रयोग ड्रेसिंग को स्थिर रखने , खपच्ची को स्थिर रखने तथा आहत अंग को हिलने - डुलने से रोकने , आहत अंग को सहारा देने , खून रोकने , सूजन कम करने तथा झोली आदि में किया जाता है ।

    पट्टियाँ को उनके आकार के आधार पर मुख्यतया दो भागों में बांटा जा सकता है:-

1. लम्बी (गोल) पट्टी (Roller Bandage):-  इसका उपयोग अधिकतर चिकित्सालयों में किया जाता है

2. तिकोनी पट्टी (Triangular Bandage):-   इस पट्टी का प्रयोग अधिकतर प्राथमिक सहायक और स्काउट / गाइड करते हैं ।

★ गोल पट्टी (Roller Bandage):-

रोलर बैंडेज कितने प्रकार के होते हैं? - rolar baindej kitane prakaar ke hote hain?

इस विधि का प्रयोग अधिकतर चिकित्सालयों में होता है क्योंकि यह विधि अधिक लाभकारी है । इसके प्रयोग से ड्रेसिंग अपनी जगह अटल रहती है तथा इसके दबाव से रक्त का बहना रुक जाता है और मोच व खिंचाव को सहारा मिलता है ।

     लम्बी पट्टी सूती कपड़े , गॉज या लिनन से बनाई जाती है । जिसकी लम्बाई 5 मीटर ( 5 गज ) रहती है , भिन्न - भिन्न अंगों पर प्रयोग के अनुसार चौड़ाई भिन्न - भिन्न नाप की रहती है । जैसे अंगुलियों के लिये 2.5 से.मी. , हाथ के लिये 5 से.मी. , भुजा के लिये 5 से 6 से.मी. पैर के लिये 7.5 से 9 से.मी. तथा कमर के लिये 10 से . 15 से.मी. इत्यादि 

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प्रयोग विधि-

समान मोटाई के अंग पर प्रयोग करने के लिये रोल को थोड़ा सा खोल दें । खुले सिरे ( Tail ) को घाव से कुछ नीचे रखकर एक लपेटा लगा दें तथा रोल ( Head ) को दूसरे हाथ से पकड़े रहे अब पहली लपेट के दो तिहाई का भाग पर आवश्यतानुसार लपेटे लगाते चलें

पट्टी बाँधने की विधि:-

गोल पट्टी के बाँधने की चार बड़ी विधियाँ हैं :

1. साधारण पेचदारः - यह तभी बाँधी जाती है । जब वह भाग जिस पर इसे बाँधना हो एक - सी मोटाई का हो जैसे कि अंगुली या कलाई तथा अग्रवाह या कुछ भाग कलाई से थोड़ा ऊपर तक । पट्टी इन भागों के आसपास पेच देकर बाँधी जाती है।

2. उलटे पेच की पट्टी : - इस पट्टी में कई पेच दिये जाते हैं तथा प्रत्येक चक्कर में पट्टी अपने ही ऊपर नीचे की ओर उलटा देते हैं । यह पट्टी उन अंगों पर की जाती है जिन पर उनकी मोटाई बदलती जाती है तथा साधारण पेचदार पट्टी करना असम्भव होता है ।

3. अंग्रेजी के आठ अंक के आकार की पट्टी :-

इस विधि से पट्टी अंग्रेजी के 8 के आकार में ले जाया जाता है। एक बार उपर और एक बार नीचे कि ओर फंदे 8 के आकार के बन जाते हैं। यह पट्टी जोड़ पर या जोड़ के निकट भाग पर ही कि जाती है। जैसे कि घुटने अथवा केहुनी पर। किसी अंग के लिए इस पट्टी की उल्टी पेंचदार पट्टी के स्थान पर बांधा जा सकता है।

4. स्पाइस (Spice):-

यह भी एक प्रकार की "8" के अंक के आकार की पट्टी है जिसमे कंधे ,जांघ या अंगूठे पर बांधी जाती है।

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बैंडेज क्या है कितने प्रकार के होते हैं?

ज्‍यादातर फर्स्ट एड क‍िट में आपने अलग-अलग तरह के बैंडेज देखें होंगे ज‍िनमें स्‍ट्र‍िप बैंडेज, प्रेशर बैंडेज, मोलस्‍क‍िन आद‍ि शाम‍िल है। कटने, जलने, हड्ड‍ी टूटने, छ‍िलने, छेद होने जैसे घाव को भरने के ल‍िए उन पर पट्टी बांधने का तरीका और पट्टी की क‍िस्‍म अलग होती है, आइए जानते हैं क‍िस घाव को कैसे कवर क‍िया जाता है।

रोलर बैंडेज क्या है?

गोल पट्टी (Roller Bandage):- इस विधि का प्रयोग अधिकतर चिकित्सालयों में होता है क्योंकि यह विधि अधिक लाभकारी है । इसके प्रयोग से ड्रेसिंग अपनी जगह अटल रहती है तथा इसके दबाव से रक्त का बहना रुक जाता है और मोच व खिंचाव को सहारा मिलता है ।

ट्यूबलर पट्टी का प्रयोग कब करते हैं?

ट्यूबलर बैंडेज (Tubular bandages) ट्यूबलर बैंडेज का प्रयोग हाथ या पैर की उंगलियों की पट्टी करने में या क्षतिग्रस्त जोड़ों को सहारा देने में किया जा सकता है। ये फैबरिक ट्यूब की बनी होती हैं। आप टखने जैसे मुड़ने वाले जोड़ों पर लचीली पट्टियों का इस्तेमाल कर सकते हैं

ड्रेसिंग कितने प्रकार के होते हैं?

घाव के प्रकार घाव अनिवार्य रूप से दो प्रकार के होते हैं – खुले घाव और बंद घाव। खुले घाव और बंद घाव को घाव के कारण से और वर्गीकृत किया जा सकता है।