प्रवास कितने प्रकार का होता है नाम लिखिए? - pravaas kitane prakaar ka hota hai naam likhie?

मनुष्य स्थायी या अस्थायी रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान आवागमन करते है। अक्सर आवागमन लम्बी दूरी का ही होता है। वह अपने देश से दूसरे देश तक ही नही बल्कि आन्तरिक पलायन भी करते हैं क्योंकि ज़्यादातर लोग अपने देश मे रहना पसन्द करते हैं । मानव पलायन पूरे विश्व मे एक समान है। प्रवास एक व्यक्ति के रूप मे, परिवार, विशाल समूह के रूप मे होता है।

घरेलु पलायन या आतंरिक पलायन- यानि देश के भीतर के लोगों का एक से दूसरे खंड मे आवाजावी होना। अंतराष्ट्रीय पलायन -लोगों का एक देश से दूसरे देश मे आवाजावी होना।घुमंतू लोगो को मानव पलायन नहीं माना जाता है, क्योंकि ये एक स्थान मे बसने का इरादा नहीं रखते। ये लोग मौसम के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान जाते है। अल्प कालीन चालन जैसे; यात्रा, पर्यटन, र्तीथ या लघुकरण पलायन में समिलित नहीं किया जाता। जो लोग नए इलाके में पलायन करते है, उन्हें प्रव्रचक कहते है।

२०११ वर्ल्ड बैंक के पलायन रिपोर्ट के मुताबिक २१.५ करोड़ से अधिक लोग यानी दुनिया की ३% आबादी अपने जन्म स्थान के देश से बाहर रहते है।

मानव पलायन के दो कारण है।[संपादित करें]

१. पुश फैक्टर [ धक्का कारक ]

२. पुल्ल फैक्टर [ खींचने के कारक ]

यह वह कारक है जो मनुष्य को प्रवास होने के लिए धक्का या अपनी ओर खींचता है। पुल्ल और पुश कारक चुम्बक के उत्तर और दक्षिण दिशा की तरह है, अगर इन दो दिशाओं को आमने-सामने रखे तो यह आपस में चिपक जाता है और समान दिशा मे रखे तो एक-दूसरे से अलग हो जाते है।

१. पुश फैक्टर [ धक्का कारक ]: यह कारक मनुष्य को अपने देश से प्रवास करने के लिए मजबूर करता है।

पुश फैक्टर विभिन्न प्रकार के होते है

  • बेरोज़गारी
  • कम निजी अवसर
  • प्राकृतिक असंतुलन के कारण
  • राजनैतिक प्रभाव और भय
  • भेद - भाव - प्रदूषण
  • अनुचित पाठशाला

२. पुल्ल फैक्टर [ खींचने का कारक]: अपने देश के आलावा दूसरे देश की ओर अकर्षित होना।

  • रोज़गार
  • ख़ुशी
  • बेहतरीन शिक्षा
  • बेहतर चिकित्सा देखभाल
  • सुरक्षा
  • बेहतर जीवन स्तर
  • बड़े कारखाने
  • परिवार और रिश्तेदारो से संपर्क

मानव पलायन के प्रभाव और नुकसान[संपादित करें]

  • जनसंख्या का संतुलन में बदलाव :पूरी दुनिया में हर प्रकार की जाति के लोगो का वास है, प्रवास के कारण हर प्रकार की जाति का एक-दूसरे जाति

से मिलाप होगा और लोगो में एकता बढ़ेगी और पूरी दुनिया में बहू सांस्कृतिक जनसंख्या का विस्तार होगा।

  • अलग जाति और संस्कृति के मिश्रण से भेद-भाव बढ़ने लगता है। जिससे समाज का संतुलन बिगड़ जाता है और हर जगह एक दूसरे की संस्कृति के खिलाफ विरोध और लड़ाई-झगड़े शुरू हो जाती हैं।, और फिर अपराध की संख्या भी बढ़ने लगती हैं।
  • पर मानव पलायन का फायदा यह है कि सांस्कृतिक अदला बदली से एक नया अनुभव और ज्ञान प्राप्त होता है।
  • प्रवासियों नए कौशल और तकनीक के साथ वापस अपने देश आएंगे और अपने देश के विकास में मदद करेंगे।

सन्दर्भ[संपादित करें]

[1] [2] [3][4]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 10 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 नवंबर 2016.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 20 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 नवंबर 2016.
  3. Chaichian, Mohammad. Empires and Walls: Globalisation, Migration, and Colonial Control, Leiden: Brill, 2014.
  4. "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल से 11 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 5 नवंबर 2016.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • भारत में प्रवास के बारे में 5 चीजें आपको नहीं पता
  • प्रवसन
  • प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम

pravas kise kahate hain -किसी कारण बस व्यक्ति अपने पूर्व निवास स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर जाकर बसने की प्रक्रिया को प्रवास कहा जाता है। इसमें कुछ दुरी तय करना तथा निवास स्थान में परिवर्तन प्रमुख प्रक्रिया होता है।

जन्म दर और मृत्यु दर के अतिरिक्त एक और कारक या घटक है। जो जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करता है। जिसे प्रवास कहा जाता है।

लोगों के आर्थिक, सामाजिक-सांस्कृतिक,राजनैतिक या, अन्य कारणों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर बसना, या निवास करना प्रवास कहलाता है। इसमें निवास स्थान में परिवर्तन होना मुख्या कारक होता है। इसमें ‘सरकुलेशन'(Crculation), ‘कम्यूटिंग'(Cummuting ) और ‘ट्रांसह्यूमेन्स'(Trans-humence) को शामिल नहीं किया जाता है। क्योकि इन तीनो क्रियाओ में लोगो के निवास स्थान में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

सर्कुलेशन

इसका संबंध किसी गाँव या शहर में, किसी कार्य के लिए क्षणिक समय के लिए इस गली से उस गली, मोहल्ले के जाना और शाम तक अपने निवास स्थल में वापस आ जाना सर्कुलेशन कहलाता है।

कम्यूटिंग

इसका का संबंध व्यक्ति अपने कार्य के लिए कार्यालय जाता है, बच्चे पढ़ने के लिए विद्यालय, महाविद्यालय जाते है, और मजदूर अपना कार्य के लिए शहर या अन्य जगह जाते है। और शाम तक वापस अपने निवास स्थान तक पहुँच जाते है इसको भी प्रवास के अंतर्गत नहीं रखा जाता है।

ट्रांसह्यूमेन्स

इसमे में लोग अपने पशुओ के समूह के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान आते-जाते है। पशुओ को चराने के लिए, पर्वतो के ऊपर निचे स्थनांतरित होते रहते है। इसी को ट्रांसह्यूमेन्स कहा जाता है।

जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते है। तो वह स्थान जहाँ से लोग गमन करते है उदगम स्थान कहलाता है। और जिस स्थान में आगमन करते है वह गंतव्य स्थान कहलाता है। उदगम स्थान जनसंख्या में कमी को दर्शाता है। जबकि गंतव्य स्थान पर जनसंख्या बढ़ जाती है।

  • प्रवास का वर्गीकरण
    • कारण के आधार पर
    • दूरी के आधार पर
    • समय के आधार पर
    • दिशा के आधार पर
    • निवास स्थान के आधार पर
  • प्रवास को प्रभावित करने वाले कारक
    • अपकर्ष कारक
    • प्रतिकर्ष कारक

प्रवास का वर्गीकरण

प्रवास का वर्गीकरण कई प्रकार से किया जाता है।जो निम्न इस प्रकार है।

कारण के आधार पर

  • आर्थिक कारण से।
  • सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारण से।
  • राजनैतिक कारण से।

दूरी के आधार पर

  • लम्बी दूरी।
  • लघु दूरी।

समय के आधार पर

  • स्थाई।
  • अस्थाई।
  • मौसमी।

दिशा के आधार पर

  • उत्प्रवास।
  • अप्रवास।

निवास स्थान के आधार पर

  • बाह्य (अंतर्राष्ट्रीय) प्रवास।
  • आंतरिक प्रवास।
    1. गाँव से गाँव।
    2. नगर से नगर।
    3. गाँव से नगर।
    4. नगर से गाँव।

प्रवास को प्रभावित करने वाले कारक

प्रवास को जितने भी कारक प्रभावित करते है उन सभी कारको को दो वर्गो में रखा जाता है। अपकर्ष (Pull) कारक और प्रतिकर्ष (Push) कारक।

अपकर्ष कारक

इसके अंतर्गत उन सभी कारणों को शामिल किया जाता है। जो लोगो को अपनी ओर खींचता या आकर्षित करता है। उस जगह पर ऐसी सुविधाएँ विकसित हो जाती है कि, लोग अपने आप उस स्थान की ओर खींचे चले आते है। जैसे चुंबक लोहे के बुरादे को अपनी ओर खींचता है। इन सुविधाओं में रोजगार के अवसर उपलब्ध होना, रहन सहन की अच्छी दशाएँ, जीवन सम्पति की सुरक्षा, अनुकूल जलवायु, मनोरंजन, शिक्षा, स्वस्थ्य, परिवहन एवं संचार इत्यादि की सुविधाएँ।

प्रतिकर्ष कारक

प्रतिकर्ष कारक के अंतर्गत उन सभी कारणों को शामिल किया जाता है। जो लोगो को अपने निवास स्थल को छोड़ने के लिए विवस करता है। लोगो को न चाहते हुए भी अपने निवास स्थान को छोड़ना पड़ता है। जैसे :-बेरोजगारी की समस्या, शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का आभाव, महामारी, रहन-सहन का निम्न स्तर, प्रतिकूल जलवायु , जीवन और सम्पति के सुरक्षा का आभाव, परिवहन और संचार की सुविधाओं का आभाव, क्षेत्र में सालो-साल से युद्ध का प्रभाव इत्यादि।

प्रवास कितने प्रकार का होता है नाम बताइए?

समय कारक के आधार पर प्रवास को तीन मुख्य भागों में बाँटा जाता हैं-- 1. मौसमी प्रवास, 2. आकस्मिक प्रवास तथा 3. स्थायी प्रवास।.
मौसमी प्रवास इसका मुख्य संबंध ग्रामों से मुख्यतः नगरों की ओर होने वाले प्रवास से हैं। ... .
आकस्मिक प्रवास ... .
स्थायी प्रवास.

प्रवास क्या है इसके प्रकार को समझाइए?

pravas kise kahate hain -किसी कारण बस व्यक्ति अपने पूर्व निवास स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर जाकर बसने की प्रक्रिया को प्रवास कहा जाता है। इसमें कुछ दुरी तय करना तथा निवास स्थान में परिवर्तन प्रमुख प्रक्रिया होता है। जन्म दर और मृत्यु दर के अतिरिक्त एक और कारक या घटक है। जो जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करता है।

प्रवास की परिभाषा क्या है?

साधारण रूप में प्रवास का अर्थ आवागमन या देशान्तरण से लगाया जाता है। मनुष्य एक स्थान से दूसरे स्थान को आता-जाता रहता है जिसके परिणामस्वरूप उसका सामान्य निवास बदल जाता है। जनसंख्या के निवास स्थान के परिवर्तन (Displacement of Population) की इस घटना को देशान्तरण या प्रवास कहते हैं।

प्रवास के प्रमुख कारक कौन कौन से हैं?

प्रवास को प्रभावित करने वाले कारक/कारण.
आर्थिक कारक.
(ब) प्रतिकूल कारक.
जनसंख्या का बढ़ता दबाव.
यातायात तथा संदेशवाहन के विकसित साधन.
प्राकृतिक एवं भौगोलिक कारक.
सामाजिक कारक.
धार्मिक कारक.
राजनैतिक कारक.