मेनाल नदी Show इस नदी का उद्गम भीलवाड़ा के माण्डलगढ तहसील से होता है। भीलवाड़ा में बीगोंद नामक स्थान पर बनास में मिल जाती है। मेनाल नदी पर ही माण्डलगढ़ के समीप मेनाल जल प्रपात स्थित है। खारी नदीइस नदी का उद्गम राजसमंद में बिजराल ग्राम पहाड़ी से होता है। भीलवाड़ा, अजमेर, टोंक के देवली नामक स्थान पर बनास में मिल जाती है। टोंक जिले की देवली तहसील के राजमहल गांव के समीप बिसलपुर नामक स्थान के पास बनास, डाई,खारी नदी का त्रिवेणी संगम होता है। इस नदी पर मार्तण्ड भैरव मंदिर स्थित है। जिसे देवनारायण मंदिर भी कहते है। कोठारी नदी उद्गम- इस नदी का उद्गम दिवेर घाटी, राजसमंद से होता है। राजसमंद में बहने के बाद भीलवाड़ा के नंदराय नामक स्थान पर बनास में मिल जाती है। भीलवाडा में इस नदी पर मेजा बांध तथा बागौर की सभ्यता स्थित है। मेजा बांध को ग्रीन माउंट के उपनाम से भी जाना जाता है। बाणगंगाइस नदी का उद्गम जयपुर में बैराठ की पहाडी से होता है। जयपुर, दौसा, भरतपुर में बहने के पश्चात पटेश में आगरा के फतेहाबाद नामक स्थान पर यमुना में मिल जाती है। जयपुर में इस नदी के किनारे बैराठ की सभ्यता विकसित हुई। जयपुर में इस नदी पर जमुआ रामगढ़ बांध स्थित है। बाणगंगा चम्बल के पश्चात् राजस्थान की दूसरी ऐसी नदी है। जो सीधा जल यमुना में लेकर आती है। वर्तमान समय में यमुना नदी के पूर्व की ओर खिसक जाने के कारण बाणगंगा नदी भरतपुर के मैदान में ही विलुप्त हो जाती है। इसलिए इसे रूण्डित नदी भी कहते है। बाणगंगा को अर्जुन की गंगा, ताला नदी, रूण्डित नदी के उपनाम से जाना जाता है। बाणगंगा नदी पर भरतपुर में अजान बांध स्थित है। अजान बांध से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को जल की व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाती है। बाणगंगा की प्रमुख सहायक नदियाँ- सूरी,सांवन, पलासन। पार्वती नदीइस नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के सेहोर नामक स्थान से होता है। राजस्थान में इस नदी का प्रवेश बांरा के करयाहाट नामक स्थान से होता है। बारां में बहने के बाद सवाई माधोपुर के पालिया नामक स्थान पर चम्बल में मिल जाती है। यह नदी राजस्थान व मध्यप्रदेश के मध्य दो बार सीमा बनाती है। यह नदी कोटा व बारां के मध्य प्राकृतिक सीमा का निर्माण करती है। बारां में इस नदी के किनारे किशनगंज नगर स्थित है। गंभीर नदीइस नदी का उद्गम करौली के समीप की पहाड़ियों से होता है। गंभीर नदी राजस्थान के करौली जिले में बहकर उत्तर प्रदेश राज्य में प्रवेश करती है। उत्तर प्रदेश में कुछ दूरी तक बहने के पश्चात् पुनः धौलपुर जिले में प्रवेश करती है। राजस्थान के धौलपुर जिले में बहकर पुनः उत्तर प्रदेश में प्रवेश करके अंत में मैनपुरी जिले ( उत्तर प्रदेश) में यमुना नदी में मिल जाती है। राजस्थान में गंभीर नदी की कुल लम्बाई 230 किमी. है। गंभीर नदी की पाँच सहायक नदियाँ भद्रावती, भैसावट, माची, बरखेड़ा, अटा है। राजस्थान का मिट्टी से निर्मित बाँध पाँचना बाँध गुड़ला गाँव (करौली) के समीप गंभीर नदी पर बना हुआ है। कालीसिंध नदी
इस नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित बांगली गांव की पहाड़ी से होता है। मध्यप्रदेश में बहने के पश्चात राजस्थान में झालावाड़ के रायपुर नामक स्थान से प्रवेश करती है । झालावाड़ में बहने के पश्चात कोटा के नोनेरा नामक स्थान पर चम्बल में मिल जाती है। नोनेरा गांव प्राचीनकाल में कपिलमुनि की तपस्या स्थली रहा है। यह नदी कोटा, झालावाड़ के मध्य सीमा रेखा बनाती है। आहु नदीआहु नदी का उद्गम सुसनेर (मध्यप्रदेश) से होता है। यह नदी राजस्थान में झालावाड़ के नदंपुर के समीप प्रवेश करती है। कोटा व झालावाड़ में बहती हुई गागरोन (झालावाड़) में कालीसिंध में मिल जाती है। मुकुन्दरा हील्स में बहती हुई यह नदी गागरोन दुर्ग के पास काली सिंध नदी में मिल जाती है। आहु नदी के किनारे दर्रा अभयारण्य स्थित है। आहु नदी पर मुकुन्दरा हिल्स नामक अभयारण्य बना हुआ है। आह एवं कालीसिंध नदी का संगम सामेला कहलाता है। परवन नदीपरवन नदी का उद्गम मध्यप्रदेश मे होता है। झालावाड में बहने के बाद यह कोटा, बारां में बहकर पलायता (बारां) के निकट कालीसिंध नदी में मिल जाती है। बारां जिले मे शेरगढ़ अभयारण्य, शेरगढ़ दुर्ग इसी नदी के किनारे स्थित है। परवन नदी तथा कालीखोह नदी के संगम पर मनोहरभर दुर्ग स्थित है। परवन नदी के किनारे शेरगढ़ अभयारण्य तथा शेरगढ कर स्थित है। परवन नदी अजनार और घोड़ा पछाड़ नदियों की एक संयन धारा है। मेज नदीमेज नदी का उद्गम बिजौलिया (भीलवाड़ा) के निकट से होता है। बिजौलिया से निकलकर मेज नदी कोटा, बंदी की सीमा पर चम्बल नदी में मिल जाती है। घोड़ा- पछाड़ नदी मांगली की सहायक नदी है, जो बिजौलिया की झील से निकलकर मांगली नदी में मिलती है। मांगली नदी पर प्रसिद्ध भीमलत प्रताप है। मेज नदी की सहायक नदियाँ- बाजन, कुराल व मांगली। मेज नदी पर गुढ़ा बांध बना हुआ है। नेवज नदीनेजव नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के विंध्याचल पर्वत के उत्तरी भाग से होता है। राजगढ़ (मध्यप्रदेश) जिले से होती हुई यह राजस्थान में झालावाड़ जिले के कोलूखेड़ी के निकट प्रवेश करती है। बारां, झालावाड़ में बहती हुई झालावाड़ के मवासा (अकलेरा) के निकट परवन नदी में मिल जाती है। नेवज नदी को नीमाज नदी के नाम से भी जाना जाता है। चूहड़सिद्ध नदीइस नदी का उद्गम अलवर तहसील की चूहड़ सिद्ध पहाडियों से होता है। और पश्चिम से पूर्व की ओर पीपरोली तक प्रवाहित होती है। अन्ततः शेखरपुरी के निकट हरियाणा के गुड़गांव जिले में प्रवेश कर जाती है। चूहड़ सिद्ध नदी की सहायक नदियाँ, होलानी, जिलोजी, ईस्माइलपुर और बिलासपुर है। बामनी नदीबामनी नदी का उद्गम हरिपुरा गांव की पहाड़ियों से होता है। चित्तौड़गढ़ में बहती हुई भैंसरोडगढ़ (चित्तौडगढ़) में चम्बल नदी से मिल जाती है। बामनी नदी को ब्राह्मणी नदी के नाम से भी जाना जाता है। सहोदरा नदीसोहदरा नदी का उद्गम अजमेर जिले में अराय गांव से होता है। आगे चलकर दूदियां गांव (टोंक जिला) के निकट यह मांशी के साथ संयुक्त रूप से बनास नदी में मिल जाता है। तत्पश्चात् गलोद गांव पर मांशी के साथ संयुक्त रूप बनास नदी में मिल जाती है। सोहदरा नदी टोरड़ी सागर बांध (टोंक) को जल में भरती है। पिपलाज नदीइस नदी का उद्गम पंचपहाड़ तहसील (झालावाड़) के मध्य से होता है। आगे चलकर चोखेरी के निकट आहू नदी में मिल जाती है। पंचपहाड़ कस्बा पिपलाज नदी के किनारे पर बसा हुआ है। चन्द्रभागा नदीइस नदी का उद्गम झालावाड़ के सेमली नामक गांव से होता है। इसके बाद झालरापाटन तहसील के खाड़िया गांव के निकट कालीसिंध में मिल जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर झालरापाटन कस्बे में विशाल मेले का आयोजन होता है। नाकड़ी नदीनाकड़ी नदी आसीन्द (भीलवाड़ा) के पश्चिम में बहुत थोडे से क्षेत्र में होकर बहती है। नाकड़ी नदी खारी नदी की सहायक नदी है। मानसी नदीइस नदी का उद्गम भीलवाड़ा जिले के मांडल तहसील से होता है। यह भीलवाड़ा जिले में बहती हुई खारी नदी में मिल जाती है। शाहपुरा तहसील में फूलियां की ढाणी भाटा को पवित्र स्थान माना जाता है। वहां इस पर शिवजी का मंदिर है। घोड़ा पछाड़ नदीइस नदी का उद्गम बिजौलिया से होता है। आगे चलकर संगवाड़ा के निकट मांगली नदी में मिल जाती है। घोड़ा पछाड़ नदी पर गारदाधा नामक स्थान पर एक छोटा बांध बनाया गया है। गुजाली नदीइस नदी का उद्गम मध्यप्रदेश में जाट गांव के पास से होता है। राजस्थान में यह दौलतपुर गांव (चित्तौड़गढ़) से प्रवेश करती है तथा अंत में अरनिया गांव में चम्बल नदी में मिल जाती है। ईज नदीभैंसरोड़गढ (चितौड़गढ़) से उद्गमित होकर यह नदी डाबी वन में चंबल नदी में विलीन हो जाती है। मांगली नदीमांगली नदी का उद्गम स्थान भीलवाड़ा है। उद्गम के पश्चात् यह नदी भीलवाड़ा व बंदी जिले में बहती है 'बाइन्स खेरा' नामक स्थान के पास बूंदी में मेज नदी में मिल जाती है। मांगली नदी पर ही 'भीमलत जल प्रपात' बना हुआ है। कुनू नदी कुनू नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के गुना नामक स्थान से होता है। यहां से कुनू नदी राजस्थान में बारां जिले के मुसैरी गांव में प्रवेश कर पुनः मध्यप्रदेश में चली जाती है जहां से वापस कुनू नदी मध्यप्रदेश की ओर से राजस्थान में आकर करौली की सीमा पर चंबल में मिल जाती है। राज्य में एकमात्र नदी जो मुसेड़ी गांव (बारां) व गोवर्धनपुरा (कोटा) में दो बार प्रवेश करती है। चाकण नदीचाकण नदी का उद्गम बूंदी जिले में कई छोटे-छोटे नदी नालों के मिलने से होता है। यहां से चाकण नदी बूंदी व सवाईमाधोपुर में बहती हुई करणपुरा गांव (सवाई माधोपुर ) में चंबल नदी में विलुप्त हो जाती है। मांशी नदीमांशी नदी का उद्गम अजमेर जिले के किशनगढ़ पहाड़ियों में स्थित सिलोरा की पहाड़ी से होता है। अजमेर से टोंक में बहते हुए गलोद (बिसलपुर के पास ) बनास नदी में विलुप्त हो जाती है। मोरेल नदीमोरेल नदी का उद्गम जयपुर जिले की चाकसू पंचायत के दूनी नामक स्थान से निकलकर सवाई माधोपुर जिले में प्रवेश करती है। यह जयपुर व सवाईमाधोपुर की सीमा रेखा बनाती हुई अंत में सवाई माधोपुर के खण्डार नामक स्थान के पास पश्चिम की ओर से बनास नदी में विलीन हो जाती है। डाई नदीडाई नदी का उद्गम अजमेर जिले में स्थित किशनगढ़ एवं नसीराबाद की पहाड़ियों के मध्य में से होता है। अजमेर जिले व टोंक जिले में बहती हुई टोंक जिले की देवली तहसील के राजमहल गांव के समीप बीसलपुर नामक स्थान पर बनास में मिल जाती है। बांडी नदी इस नदी का उद्गम जयपुर शहर से 32 किमी. उत्तर में स्थित सामोद व आमलोद के पहाड़ों से होता है। यहां से यह नदी जयपुर जिले के मध्य में बहती हुए टोंक जिले के पूर्व की दिशा में बहती है। जहाँ आसलपुर से कुछ दूरी पर इसमें मांसी नदी आकर विलुप्त होती है। यहां से टोंक शहर के पास बनास नदी में मिल जाती है। राजस्थान की नदियों से संबंधित प्रश्नQ 1.) राजस्थान के क्षेत्रफल के कुल कितने प्रतिशत क्षेत्र पर आन्तरिक प्रवाह प्रणाली पाई जाती है (a)76.09 (b)60.20 (c)11 (d)76.11 Answer :b) 60.20 Q 2.) निम्न मे से चम्बल नदी का प्राचीन नाम कौनसा है (a) चर्मण्वती (b)कामधेनु (c) चम्पा नदी (d) इनमे से कोई नही Answer :a) चर्मण्वती Q 3.) चम्बल राजस्थान मे कहॉ प्रवेश करती है (a) करयाहर की निकट (b) चौरासीगढ के निकट (c) भैसरोडगढ के निकट (d) इनमे से कोई नही Answer :b) चौरासीगढ के निकट Q 4.) निम्न मे से राजस्थान मे चम्बल नदी का उद्गम स्थल है (a) खमनौर की पहाडिय (b) गोगुन्दा की पहाडियॉ (c) जनापाव की पहाडियॉ (d) नाग पहाडियॉ Answer :c) जनापाव की पहाडियॉ Q 5.) राजस्थान मे चूलिया प्रपात कौनसी नदी बनाती है (a) बनास (b) चम्बल (c) साबरमत्ती (d) माही Answer :b) चम्बल Q 6.) निम्न मे से चम्बल की कुल लम्बाई कितनी है (a)872 किलोमीटर (b)987 किलोमीटर (c)966 किलोमीटर (d)812 किलोमीटर Answer :c) 966 किलोमीटर Q 7.) निम्न मे से राजस्थान मे वन की आशा कौनसी नदी को कहा जाता है (a)सोम (b) बनास (c) जाखम (d) चम्बल Answer :b) बनास Q 8.) राजस्थान मे पूर्णतः बहने वाली सबसे लम्बी नदी कौनसी है (a) चम्बल (b) बनास (c) बेड़च (d) माही Answer :b) बनास Q 9.) निम्न मे से राजस्थान मे बनास नदी का उद्गम स्थल है (a) खमनौर की पहाडियॉ (b) नाग पहाडियॉ (c)जानापाव की पहाडियॉ (d) गोगुन्दा की पहाडियॉ Answer :a) खमनौर की पहाडियॉ Q 10.) बेड़च नदी को अन्य किस नाम से भी जाना जाता है (a) कामधेनु (b) चर्मण्वती (c) आयड़ (d) वन की आशा Answer :c) आयड़ Q 11.) आनासागर झील के पूर्व में जहाँगीर ने एक उद्यान का निर्माणा करवाया था। वर्तमान में इस उद्यान का नाम क्या है (a) खमनौर की पहाडिय (b) गोगुन्दा की पहाडियॉ (c) जनापाव की पहाडियॉ d) सुभाष उद्यान Answer :-d) सुभाष उद्यान Q 12.) राजस्थान की किस झील पर ब्रह्माजी का सर्वाधिक प्राचीन मंदिर हैं (a)सोम (b) बनास (c) जाखम (d) पुष्कर झील Answer :-d) पुष्कर झील Q 13.) माही नदी की कुल कितनी लम्बाई हैं a) 576 किमी. (b)872 किलोमीटर (c)987 किलोमीटर (d)966 किलोमीटर Answer :-a) 576 किमी. Q 14.) राजस्थान के आन्तरिक प्रवाह क्षेत्र की सबसे बड़ी नदी कौनसी हैं a) बनास (b) घग्घर (c) साबरमत्ती (d) माही Answer :-b) घग्घर Q 15.) राजस्थान के किस झील से तैयार किये गये नमक में 98 प्रतिषत तक सोडियम क्लोराइड होती हैं पिछोला झील सांभर झील डीडवाना झील पंचपदरा झील Answer :-d) पंचपदरा झील Q 16.) बनास नदी किस नदी में जाकर मिल जाती हैं चम्बल नदी में नील नदी में जमुना नदी में महा नदी में Answer :-a) चम्बल नदी में Q 17.) राजस्थान की सबसे प्राचीन प्राकृतिक झील कौनसी हैं गंगा ब्रह्मपुत्र गोमती पुष्कर Answer :-d) पुष्कर Q 18.) नौलखा झील राजस्थान के किस जिले में स्थित हैं a) जोधपुर b) जयपुर c) कोटा d) बूँदी में Answer :-d) बूँदी में Q 19.) भारत में उत्पादित कुल नमक का, कितने प्रतिषत भाग हमें सांभर झील से प्राप्त होता हैं 4.8 प्रतिषत 5.9प्रतिषत 8.9प्रतिषत 8.7 प्रतिषत Answer :-d) 8.7 प्रतिषत Q 20.) मेजा बाँध का निर्माण किस नदी पर किया गया हैं घग्घर नदी सरसती नदी नील नदी कोठारी नदी Answer :-d) कोठारी नदी Tags: राजस्थान की नदियां, rajasthan ki Nadiya PDF in hindi, notes, map,trick, rivers of rajasthan in Hindi राजस्थान की कौनसी नदी उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है?चम्बल (चंबल) नदी मध्य भारत में यमुना नदी की सहायक नदी है। यह नदी "जानापाव पर्वत " बांगचु पॉइंट महू से निकलती है।
कौन सी नदी उत्तर पूर्व से दक्षिण पूर्व की ओर बहती है?उत्तर से दक्षिण की ओर प्रायद्वीपीय भारत की पूर्व की ओर बहने वाली नदियों का सही क्रम सुवर्णरेखा, कृष्णा, पेन्नार, वैगई है।
कौन सी नदी राजस्थान के उत्तर दिशा में प्रवेश करती है?घग्घर नदी एकमात्र नदी है जो उत्तर दिशा से राजस्थान में प्रवेश करती है। राजस्थान में हिमालय का जल लाने वाली एकमात्र नदी घग्घर है। पाकिस्तान में इस नदी का बहाव क्षेत्र हकरा कहलाता है। हनुमानगढ़ में इस नदी के किनारे रंगमहल व कालीबंगा सभ्यता विकसित हुई।
पश्चिमी राजस्थान में बहने वाली नदी कौन सी है?पश्चिम राजस्थान की एकमात्र नदी लूनी नदी का उद्गम अजमेर जिले के नाग की पहाडियों से होता है। आरम्भ में इस नदी को सागरमति या सरस्वती कहते है। यह नदी अजमेर से नागौर, जोधपुर, पाली, बाडमेर, जालौर जिलों से होकर बहती हुई गुजरात के कच्छ जिले में प्रवेश करती है और कच्छ के रण में विलुप्त हो जाती है। इस नदी की कुल लम्बाई 495 कि.
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