राजस्थान के परिवहन विभाग का आदर्श वाक्य क्या है - raajasthaan ke parivahan vibhaag ka aadarsh vaaky kya hai

उच्चारण: [ raajesthaan perivhen nigam ]

उदाहरण वाक्य

राजस्थान के परिवहन विभाग का आदर्श वाक्य क्या है - raajasthaan ke parivahan vibhaag ka aadarsh vaaky kya hai
मोबाइल

  • राजस्थान परिवहन निगम की बसें अनेक शहरों से जयपुर जाती हैं।
  • काफी प्रतीक्षा के बाद राजस्थान परिवहन निगम की एक बस आयी।
  • राजस्थान परिवहन निगम की बसें यहां के यातायात का प्रमुख साधन है।
  • हिमाचल परिवहन निगम और राजस्थान परिवहन निगम के स्टैंड प्रभारियों ने ‘अमर उजाला ' का आभार जताया है।
  • राजस्थान परिवहन निगम की बसों में अक्सर मैं रतलाम से इंदौर के बीच यात्रा करती रहती हूँ।
  • गुरुवार की रात्रि राजस्थान परिवहन निगम ने ग्वालियर बस स्टैण्ड से एक बस कोटा के लिए रवाना की।
  • बेटिकट यात्रा करवाने वाले रोडवेजकर्मियों पर अंकुश के लिए राजस्थान परिवहन निगम ने तबादले की नई नीति बनाई है।
  • उत्तराखंड परिवहन निगम की ओर से हिमाचल परिवहन निगम और राजस्थान परिवहन निगम को काउंटर आवंटित कर दिए गए हैं।
  • भारतीय मजदूर संघ से सवंद्ध राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन की गेट मीटिंग रोडवेज डिपो के गेट पर हुई।
  • गंगापुर सिटी अगर आप राजस्थान परिवहन निगम की बस से यात्रा कर रहे हैं और किसी हादसे में आपको फस
  • राजस्थान परिवहन निगम के चालक व प्राइवेट बस एजेंटो के मध्य भरतपुर-धौलपुर रोड स्थित अस्थायी बस स्टैण्ड पर...
  • बुधबार से हिमाचल और राजस्थान परिवहन निगम ने विधिवत रूप से टिकट काउंटर से टिकट वितरण का काम शुरू कर दिया।
  • अब मेरे पास विकल्प के तौर पर राजस्थान परिवहन निगम की ' इंदौर-नाथद्वारा-फालना ' और ' इंदौर-उदयपुर ' बस ही थी।
  • उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान परिवहन निगम की बसें मथुरा को इन राज्यों के अनेक शहरों से जोड़ती हैं।
  • पिछले महीने उन्होंने राजस्थान परिवहन निगम की बसों में यात्रा करने वाली महिलाओं के लिए किराये में 30 फीसदी छूट देने की घोषणा की।
  • यहाँ तक कि बदनावर गाँव में भीतर बस स्टैंड तक न जाने वाली राजस्थान परिवहन निगम की बस उस दिन बस स्टैंड तक गई।
  • उस दिन मुझे ठेस इसलिए भी पहुँची क्योंकि वह राजस्थान परिवहन निगम की बस थी न कि मध्यप्रदेश या बिहार परिवहन निगम की बस।
  • राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन के प्रदेश महामंत्री राजबिहारी शर्मा ने शुक्रवार को बिश्नोई धर्मशाला में आयोजित संभागीय अधिवेशन के दौरान यह बात कही।
  • राजस्थान परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार 13 व 14 नवंबर को हरियाणा रोडवेज कर्मियों की हड़ताल की वजह से हरियाणा रोड का संचालन बंद रहा।
  • इसके पुन: संचालन के लिए विमल कुमार जैन कार्यकारी निर्देशक प्रशासन राजस्थान परिवहन निगम जयपुर की ओर से अभिशंसा करने पर लोगों ने उनका आभार व्यक्त किया है।


राजस्थान परिवहन निगम sentences in Hindi. What are the example sentences for राजस्थान परिवहन निगम? राजस्थान परिवहन निगम English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.

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राजस्थान में परिवहन के साधन

Table of Contents

latest current affairs 2022
  1. Global Innovation Index 2022 -23
  2. किंग चार्ल्स तृतीय बने ब्रिटेन के नए सम्राट
  3. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन
  4. वैश्विक वित्तीय केन्द्र सूचकांक जारी

  • राजस्थान में परिवहन के साधन
        • latest current affairs 2022
  • राजस्थान में परिवहन के तीन प्रकार 
    • सड़क परिवहन
      • राजस्थान में सड़कों की स्थिति
        • वह राष्ट्रीय राजमार्ग जो एक जिले से प्रारम्भ होकर उसी में समाप्त होता है
  • rajasthan parivahan
      • राजस्थान से गुजरने वाले मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग
      • राजस्थान में सड़क निर्माण की संस्थाएं
        • राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC)
        • राजस्थान ग्रामीण परिवहन सेवा 
        • राजस्थान लोक परिवहन सेवा
        • निर्भया बस
        • मोटर वाहन पंजीयन के लिए निम्न प्रकार के नवाचार किये जा रहे हैं
      • राजस्थान में सड़क विकास हेतु विभिन्न परियोजनाएँ
        • ग्रामीण गौरव पथ योजना
        • राजस्थान सड़क क्षेत्र आधुनिकीकरण परियोजना (RRSMP)
        • जन-निजी सहभागिता (पीपीपी) पद्धति से सड़कों के विकास की नीति
        • दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक गलियारा
        • खुशाखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराणा इंवेस्टमेंट रीजन
        • जयपुर-दौसा औद्योगिक क्षेत्र
        • अजमेर-किशनगढ़ इन्वेस्टमेंट रीजन
        • राजसमंद-भीलवाड़ा-औद्योगिक क्षेत्र
        • जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र
      • स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना
        • राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-प्रथम (स्वर्णिम चतुर्भुज योजना)
        • राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-द्वितीय भाग प्रथम चरण (पूर्व-पश्चिम गलियारा)
        • राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-द्वितीय भाग द्वितीय चरण (उत्तर-दक्षिण गलियारा)
        • राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-तृतीय भाग
        • राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-चतुर्थ भाग
  • राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-पंचम भाग
      • राजस्थान में सड़क परिवहन के मुख्य बिंदु
  • राजस्थान में रेल परिवहन
    • जयपुर मेट्रो रेल परियोजना
      • राजस्थान में स्थित रेलवे उपक्रम
  • राजस्थान में वायु परिवहन
    • राजस्थान में नागरिक हवाई अड्डे
  •  राजस्थान में परिवहन से जुडे अन्य महत्वपूर्ण तथ्य 

भारत में परिवहन को देश के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक अंग माना जाता है। परिवहन देश में व्यापारिक गतिविधियों की धमनी माना जाता है। 

राजस्थान में परिवहन के तीन प्रकार 

  1. सड़क परिवहन
  2. रेल परिवहन
  3. वायु परिवहन

सड़क परिवहन

  • राजस्थान में परिवहन का प्रमुख माध्यम सड़क है।
  • राजस्थान में सर्वप्रथम राजकीय बस सेवा 1952 में टोंक में प्रारम्भ की गई। 

राजस्थान में सड़कों की स्थिति

  • सड़कों की लम्बाई :- 2,36,572.27 किमी. (मार्च 2018 तक) (1949 में – 13,553 Km.)
  • सड़क घनत्व :- 69.12 किमी. (प्रति 100 वर्ग किमी.) (1949 में – 3.96 Km. (प्रति 100 Km2))
  • राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई :- 9079.10 किमी.
  • राजस्थान में राज्य राजमार्ग की लम्बाई :- 15543.60 किमी.
  • राजस्थान में मुख्य जिला सड़कें :- 8802.20 किमी.
  • राजस्थान में अन्य जिला सड़कें :- 32175.41 किमी.
  • राजस्थान में ग्रामीण सड़कें :- 1,70,971.96 किमी.
  • राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग :- 39
  • राजस्थान में उच्च मार्गों की संख्या :- 170
  • राजस्थान का सबसे बड़ा NH :- NH-15 (893.5 किमी.) (नया नं. :- HN-68)
  • राजस्थान का सबसे छोटा NH :- NH-919 (4.7 किमी.) (पुराना नाम :- NH-71B)
वह राष्ट्रीय राजमार्ग जो एक जिले से प्रारम्भ होकर उसी में समाप्त होता है
 क्रम संख्यापुराना नंबरनया नंबर जिलों के नाम1.79A448अजमेर में (किशनगढ़ से नसीराबाद)2.11C248जयपुर में (चन्दवाजी से जयपुर शहर)3.76A58 विस्तारउदयपुर में (उदयपुर – झाड़ोल – ईडर)राष्ट्रीय राजमार्ग

rajasthan parivahan

  • राजस्थान का सबसे व्यस्ततम राष्ट्रीय राजमार्ग :- NH 8 (नया नंबर 48, 58)
  • राष्ट्रीय राजमार्गों की सर्वाधिक संख्या वाला जिला :- पाली (7)
  • सर्वाधिक जिलों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग :- NH-11 (7 जिले)
  • NH-76 (नया नंबर 27)
  • राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्गों की सर्वाधिक लम्बाई वाला जिला :- उदयपुर
  • राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्गों की न्यूनतम लम्बाई वाला जिला :- करौली।
  • सड़कों से जुड़े सर्वाधिक गाँव वाला जिला :- उदयपुर।
  • सड़कों से जुड़े न्यूनतम गाँव वाला जिला :- सिरोही।
  • सड़कों का सर्वाधिक घनत्व :- राजसमन्द।
  • सड़कों का न्यूनतम घनत्व :- जैसलमेर।
  • अरावली के पश्चिमी क्षेत्र में सड़कों की लम्बाई अधिक है जबकि इसके पूर्वी क्षेत्र में इनकी लम्बाई कम है।

राजस्थान से गुजरने वाले मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग

क्र.सं.राष्ट्रीय उच्च मार्ग संख्याराष्ट्रीय उच्च मार्ग नव आवंटित संख्यामार्ग का नाममार्ग में आने वाले जिलेसड़क की लम्बाई(किमी.)1.344आगरा-धौलपुर-मुम्बईधौलपुर।28.292.3ए123ऊंचा नगला-खानुआ-रूपवास-धौलपुरभरतपुर, धौलपुर63.203.848, 58दिल्ली-जयपुर-अजमेर-उदयपुर-अहमदाबादजयपुर, अलवर, अजमेर, राजसमंद, उदयपुर, डूंगरपुर704.854.1121, 52, 11आगरा-भरतपुर, दौसा-जयपुर-सीकर-बीकानेरभरतपुर, करौली, दौसा, जयपुर, सीकर, चूरू, बीकानेर561.545.11ए148दौसा-मनोहरपुर वाया गठवाड़ीदौसा, जयपुर62.256.11ए-वि148, 23दौसा-लालसोट-कैथुनदौसा, टोंक80.007.11बी23लालसोट-गंगापुर-करौली-धौलपुरदौसा, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर192.008.11सी–चन्दवाजी-जयपुरजयपुर28.009.1252जयपुर-टोंक-बूँदी-कोटा-झालावाड़-इकलेरा-जबलपुरजयपुर, टोंक, भीलवाड़ा, बूँदी, कोटा, झालावाड़419.6010.14162, 62ब्यावर-पाली-सिरोही-आबूरोड-कांडला  अजमेर, पाली, सिरोही265.7011.15–पठानकोट-गंगानगर-बीकानेर-जैसलमेर-बाड़मेर  गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, जोधपुर893.5012.32ए709-विस्तारहरियाणा सीमा-पिलानी-राजगढ़  झुंझुनूं, चूरू59.0013.  6552, 58, 62अम्बाला-पाली-चूरू-फतेहपुर-नागौर-जोधपुर-पालीसीकर, चूरू, नागौर, जोधपुर, पाली490.5414.65ए458लाडनूं (एनएच-65) खाटू-डेगाना-मेड़तासिटी, लाम्बिया-जैतारण-रायपुर-भीमनागौर, पाली, राजसमंद250.0015.  71बी919रेवाड़ी-दारूहेडा अलवर4.7016.  7627पिण्डवाड़ा-उदयपुर-चित्तौड़गढ़-कोटा-शिवपुरीसिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बूँदी, कोटा, बारां  639.9217.  79     48     अजमेर-नसीराबाद-चित्तौड़गढ़-नीमच  अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़  223.1018.  79ए   448   किशनगढ़-नीसराबाद    अजमेर38.0019.  89     58, 62अजमेर-नागौर-बीकानेर अजमेर, नागौर, बीकानेर278.0020.  90     752   बारां-इकलेरा    बारां, झालावाड़93.5021.  112    25     बर-बिलाड़ा-जोधपुर-बालोतरा-बाड़मेर  बाड़मेर, जोधपुर, पाली  318.8122.  113    56     निम्बाहेड़ा-प्रतापगढ़-बांसवाड़ा-जलहोड़ा-दाहौदचित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा244.0023.  114    125   जोधपुर-पोकरणजोधपुर, जैसलमेर  176.5024.  116    552   टोंक-सवाई माधोपुर-पाली घाट  सवाई माधोपुर-टोंक     110.7025.  76ए   58-विस्तारउदयपुर-झाड़ोल-ईडरउदयपुर 87.0026.  76बी  758   लाड़पुरा-भीलवाड़ा-राजसमन्द  भीलवाड़ा, राजसमंद     155.0027.  94ए   927-एमध्यप्रदेश बोर्डर-बांसवाड़ा-सागवाड़ा- डूंगरपुर-खैरवाड़ा-कोटड़ा-स्वरूपगंजबांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, सिरोही313.0028.  116ए148-डी  भीम-गुलबापुरा-जहाजपुर-हिण्डोली-उनियाराभीलवाड़ा, बून्दी, टोंक279.3029.  162ए  162-एमावली-खण्डेला वाया फतेहपुर, रेलमगरा  उदयपुर, राजसमंद  50.7030.  186ए158मेड़ता-लाम्बिया-रास-ब्यावर-बदनौर-आसीन्द-मांडलअजमेर, पाली, भीलवाड़ा         139.8031.         192ए  162-विस्तारपाली-मारवाड़-नाडोल-देसुरी- कुम्भलगढ़-नाथद्वारा-मावली-भटेवरउदयपुर, राजसमंद, पाली235.0032.        –248-एशाहपुरा-अलवर-रामगढ़-नूह-गुड़गांवजयपुर, अलवर 135.8033.        –325   पचपदरा-बालोतरा-सिवाना-जालौर-आहौर  बाड़मेर-जालौर, पाली159.0034.        –11फतेहपुर-झुंझुनूं-अचआवा-सिंघाना-नारनौलसीकर, झुंझुनूं125.0035.        –       54पठानकोठ-गुरदासपुर-अमृतसर-भटिण्डा       हनुमानगढ़       75.0036.        –       25-विस्तारबाड़मेर-रामसर-मुनाबावबाड़मेर 127.0037.        –168थाराड़-धनाना-पंथवाड़ा-रेवदर-अन्दारा सिरोही 77.0038.        –168-एसांचौर-धानेरा-दीसा     जालौर 11.8039.        –148बी कोटपूतली –नारनोल भीवाडी हरियाणा सीमाअलवर5.00   महायोग 8202.20राजस्थान से गुजरने वाले मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग
  • जयपुर-गुरूग्राम राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 का छः लेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जिसकी लागत 1,897 करोड़ व लम्बाई 225 किमी. है।
  • जयपुर-देवली-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-12 का चार लेन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग़ों को दो, चार एवं छः लेन में विकसित करने की 10 परियोजनाएं जिनकी लागत 7789 करोड़ व लम्बाई 888 किमी. है वर्ष 2016 में स्वीकृत की गई है।

राजस्थान में सड़क निर्माण की संस्थाएं

क्र.संस्थास्थापनाउद्देश्य1.राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड (RSRDCC)2001 मेंआधुनिक पुलों, सड़कों तथा भवनों के निर्माण को अतिशीघ्रता से तथा योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण करना।2.राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड कृषि उपज मण्डी को सीधे गाँवों से जोड़ने के लिए सड़कों का निर्माण। सड़कों की मरम्मत तथा निर्माण में भूमिका निभाना।3.सीमा सड़क संगठन (BRO)मई, 1960उत्तर और उत्तर-पूर्वी सीमावर्ती इलाकों में सड़कों का विकास करना। वर्तमान में यह अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती जिलों में सड़क निर्माण का कार्य करता है।4.राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC)अक्टूबर, 1964यह राज्य में यात्री सुविधाएँ उपलब्ध कराता है। इसका मुख्यालय जयपुर में है।5.राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)12 जुलाई, 1982कृषि तथा ग्रामीण क्षेत्र का विकास करना।6.भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)1995 मेंयह केंद्रीय सरकार का संगठन है तथा राष्ट्रीय उच्च मार्ग व एक्सप्रेस मार्गों का निर्माण व रखरखाव का कार्य करता है।7.राजस्थान आधारभूत पथ विकास कम्पनी (RIDCOR)अक्टूबर, 2004राजस्थान सरकार तथा इंफ्रास्ट्रक्चर लिजिंग एण्ड फाइनेंशियल सर्विस (ILFS) की 50:50 की भागीदारी से बनी कम्पनी, जो राजस्थान के “मेगा हाइवे परियोजना’ का संचालन करती है।रिडकोर के अध्यक्ष राजस्थान के मुख्य सचिव हैं।राजस्थान में सड़क निर्माण की संस्थाएं
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC)
  • राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) की स्थापना 1 अक्टूबर 1964 को सड़क परिवहन निगम अधिनियम, 1950 के अधीन की गई थी।
  • वर्तमान में, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) द्वारा कुल 4,607 स्वयं की एवं संविदा पर ली गई निजी बसों का संचालन किय जा रहा है।
राजस्थान ग्रामीण परिवहन सेवा 
  • इस योजना के अन्तर्गत 18 जिलों के 1,434 ग्राम पंचायतों में 64 क्लस्टर्स पर 370 वाहन सार्वजनिक निजी सहभागिता(पी.पी.पी.)  मोड द्वारा परस्पर संबद्ध हैं।
  • इसके अतिरिक्त, निगम की 45 मिडी बसों का संचालन कर 352 ग्राम पंचायतों को ग्रामीण परिवहन सेवा से जोड़ा गया है।
  • वर्तमान में 5,375 ग्राम पंचायतें निगम की  नियमित सेवा के माध्यम से जुड़ी हुई हैं।
राजस्थान लोक परिवहन सेवा
  • राज्य में आमजन को सुलभ, सुगम, सस्ती एवं सुरक्षित यातायात सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लोक परिवहन सेवा को 476 राष्ट्रीकृत मार्गों को अधिसूचित कर अराष्ट्रीयकरण करते हुए निजी बस ऑपरेटरों को इन मार्गों पर संचालन की अनुमति दी गई है।
  • इस क्रम में ‘राजस्थान लोक परिवहन सेवा’ का शुभारम्भ दिनांक 13 नवम्बर, 2015 को मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा किया गया है।
निर्भया बस
  • महिलाओं को सुरक्षित परिवहन उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय सड़क विकास मंत्री श्री नितिन गड़करी ने राजस्थान राज्य परिवहन निगम की ‘निर्भया बस’ की 25 मई, 2016 को शुरूआत की।
  • इन बसों में CCTV कैमरे तथा आपातकालीन अलार्म भी लगाए गए है। यह महिलाओं की सुरक्षा के संदर्भ में सशक्त प्रयास है।
मोटर वाहन पंजीयन के लिए निम्न प्रकार के नवाचार किये जा रहे हैं
  • वाहन पंजीयन प्रमाण-पत्र एवं ड्राइविंग लाइसेन्स के लिए स्मार्ट कार्ड जारी किये जा रहे हैं।
  • लाइसेन्स आवेदन हेतु ऑनलाइन लाइसेन्स पोर्टल योजना प्रारंभ की गई है।
  • तीन जिला परिवहन कार्यालयों में वेब आधारित वाहन पंजीयन सॉफ्टवेयर प्रारम्भ किया गए है।
  • सारथी -: चालको एवं परिचालको को लाइसेंस के कम्प्यूटराईजेशन के लिए विकसित साॅफ्टवेयर।  

राजस्थान में सड़क विकास हेतु विभिन्न परियोजनाएँ

  • सड़कों के विकास, संचालन, सुरक्षा एवं राजमार्गो तथा सलंग्न भूमियों के नियमन हेतु राजस्थान राज्यमार्ग अधिनियम 2014, 8 मई, 2015 से लागू किया गया।
  • राजस्थान स्टेट हाईवेज ऑथोरिटी (SHAR) :- का गठन दिनांक 2 जून, 2015 को किया गया।
  • मलेशिया सरकार द्वारा रिसर्जेन्ट राजस्थान के दौरान दिनांक 19 नवम्बर, 2015 को राजमार्गें के विकास हेतु मलेशियन कम्पनियों के माध्यम से 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश का करार हुआ है। उक्त निवेश से लगभग 4000 किमी. लम्बाई की सड़कों का विकास किया जाना प्रस्तावित है।
ग्रामीण गौरव पथ योजना
  • वर्ष 2014-15 में ‘ग्रामीण गौरव पथ योजना’ प्रारंभ की गई है।
  • इस योजना के तहत आगामी तीन वर्षों में प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर 0.5 से 2 किमी. की सड़क ‘ग्रामीण गौरव पथ’ के रूप में मय नाली निर्माण विकसित किया जाना है।
  • प्रथम चरण में 2154 पंचायत मुख्यालयों का चयन कर 2119 किमी. लम्बाई के ‘ग्रामीण गौरव पथ’ का निर्माण किया जा रहा है।
राजस्थान सड़क क्षेत्र आधुनिकीकरण परियोजना (RRSMP)
  • वर्ष 2013-14 में विश्व बैंक वित्तपोषित यह नवीन परियोजना प्रारम्भ की गई थी।
  • इसके अन्तर्गत 2001 की जनगणना के अनुसार सामान्य क्षेत्र में 250 से 499 आबादी के सभी राजस्व गाँवों को सड़कों से जोड़ा जाना है।
  • इस परियोजना की अनुमानित लागत 1362 करोड़ रुपये है।
  • 2 जनवरी, 2014 को परियोजना का अनुबंध किया गया है।
जन-निजी सहभागिता (पीपीपी) पद्धति से सड़कों के विकास की नीति
  • भारत सरकार द्वारा ऐसे राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्यमार्गों एवं मुख्य सड़कों जिन पर कि तुलनात्मक रूप से यातायात का दबाव कम है, के विकास हेतु जन-निजी सहभागिता (PPP) कार्यक्रम के अन्तर्गत नई नीति प्रतिपादित की गई है।
  • इस नीति के अनुसार परियोजना की कुल लागत की अधिकतम 20 प्रतिशत तक की राशि भारत सरकार द्वारा वीजीएफ (बाईबिलिटी गेप फण्ड) के रूप में वहन की जायेगी तथा लागत के अधिकतम 20 प्रतिशत तक की राशि राज्य सरकार द्वारा आपरेशन मेंटीनेन्स सहायता O & M Support के रूप में दी जा सकेगी।
  • राष्ट्रीय राजमार्गों के मामलों में 40 प्रतिशत तक की राशि भारत सरकार द्वारा वहन की जायेगी।
  • पीपीपी आधार पर राज्य मार्गों पर विकास :- 20 हजार किमी. लम्बाई के राज्य राज मार्गों का विकास पीपीपी आधार पर किये जाने की योजना के तहत प्रथम चरण में 8910 किमी. लम्बाई के 132 मार्गों के चयन कर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।
  • अधिकांश सड़कों का विकास पीपीपी-एन्यूटी पद्धति पर किया जायेगा।
  • इस हेतु 50 प्रतिशत राशि का प्रबन्ध राज्य सरकार द्वारा विश्व बैंक, एशियन विकास बैंक से किया जायेगा।
दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक गलियारा
  • दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक गलियारा 90 बिलियन यूएस डॉलर की एक महत्वाकांक्षी मेगा ढाँचागत परियोजना (Mega Infrastructure Project) है जो जापान की वित्तीय व तकनीकी सहायता से क्रियान्वित की जा रही है।
  • इसके तहत् भारत की राजनीतिक राजधानी दिल्ली व व्यावसायिक राजधानी मुम्बई के मध्य 1483 किमी. लम्बा कॉरिडोर बनाया जा रहा है।
  • यह कॉरिडोर मुम्बई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट को दादरी (उत्तर प्रदेश) से जोड़ता है।
  • इसकी कुल लम्बाई का 39 प्रतिशत राजस्थान से तथा 38 प्रतिशत भाग गुजरात से गुजरेगा।
  • राजस्थान में दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रीयल कॉरिडॉर परियोजना को आवश्यक गति प्रदान करने व औद्योगिकीकरण एवं बुनियादी ढाँचा अपग्रेड करने के लिए फरवरी, 2014 में राज्य सरकार द्वारा पृथक से डी.एम.आई.सी. विभाग स्थापित किया गया।
  • राजस्थान में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडॉर (DMIC) की कुल लम्बाई 576 किमी. है। यह हिस्सा राजस्थान के 7 जिलों–अलवर, सीकर, नागौर, जयपुर, अजमेर, पाली व सिरोही से होकर गुजरेगा।
  • डीएमआईसी कॉरिडोर के विकास की परिधि में 22 जिले सम्मिलित हैं। इस क्षेत्र में 5 नोड्स विकसित किए जाएँगे जिनमें 2 इन्वेस्टमेंट रीजन व तीन औद्योगिक क्षेत्र हैं।
  • प्रथम चरण में खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना इन्वेस्टमेंट रीजन व जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
  • योजना के तहत् राज्य में चयनित 5 नोड्स में मुख्य रूप से निम्न विकास कार्य किए जाएँगे-
खुशाखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराणा इंवेस्टमेंट रीजन
  • यह रीजन दिल्ली NCR का भाग है तथा NH-8 के नजदीक है। यहाँ इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित होगी।
  • शाहजहाँपुर-नीमराणा-बहरोड़ में क्षेत्र में ग्लोबल सिटी विकसित होगी।
  • एयरोट्रॉपॉलिस हवाई अड्डे का निर्माणः NH-8  के पास पालड़ी, मनोहरपुर में नये अंतर्राष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का निर्माण होगा।
  • दिल्ली-मानेसर-नीमराना के मध्य क्षेत्रीय मेट्रो रेल ट्रांजिट सिस्टम (MRTS) का विकास होगा।
  • ग्लोबल सिटी को भिवाड़ी-टपूकड़ा औद्योगिक कॉम्पलेक्स से जोड़ने हेतु सेंट्रल स्पाइन का निर्माण होगा।
  • नॉलेज सिटी परियोजना :- इस परियोजना में खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र का कुछ भाग नॉलेज सिटी के रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है।  
जयपुर-दौसा औद्योगिक क्षेत्र
  • इसके तहत् सिकन्दरा में ग्रोथ पोल का विकास किया जाएगा। जयपुर-भरतपुर-आगरा के बीच ब्रॉडगेज का निर्माण किया जा रहा है तथा एग्रो फूड प्रोसेसिंग जोन भी बनाया जाना प्रस्तावित है।
अजमेर-किशनगढ़ इन्वेस्टमेंट रीजन
  • किशनगढ़ में टेक्सटाइल पार्क और लॉजिस्टिक पार्क का विकास किया जाना प्रस्तावित है।
राजसमंद-भीलवाड़ा-औद्योगिक क्षेत्र
  • उदयपुर एयरपोर्ट को और हाइटेक किया जा रहा है।
जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र
  • इसके तहत् पाली में टेक्सटाइल पार्क तथा औद्योगिक क्षेत्र में एग्रोफूड प्रोसेसिंग जोन का निर्माण किया जायेगा।
  • जोधपुर हवाई अड्डे को अत्याधुनिक बनाया जाएगा तथा मारवाड़-जंक्शन पर इनलैण्ड कंटेनर डिपो विकसित होगा।
  • पाली-सोजत बाईपास का निर्माण।
  • जोधपुर को मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक हब बनाया जाना प्रस्तावित है।
  • जोधपुर को पाली से जोड़ने के लिए एक मास रेपिड ट्रांजिट सिस्टम का भी विकास किया जाना है।

स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना

इसके वर्तमान में 5 भाग हैं –

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-प्रथम (स्वर्णिम चतुर्भुज योजना)
  • यह परियोजना भारत के चार महानगरों दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई एवं मुम्बई को 4/6 लेन में चौड़ाई करण से जोड़ती है। इस परियोजना की 694 किमी. लम्बाई राजस्थान के सात जिलों अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, डूंगरपुर से होकर निकलती है। इस परियोजना में राज्य में एन.एच – 8, 76, 79 व 79ए पर कार्य किया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-द्वितीय भाग प्रथम चरण (पूर्व-पश्चिम गलियारा)
  • यह परियोजना सिलचर (असोम) से पोरबन्दर (गुजरात) को जोड़ने के लिए है। इस परियोजना में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 14(60 किमी.) व राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 76(468 किमी.) को मिलाकर 528 किमी. लम्बाई राजस्थान में आठ जिलों पिंडवाड़ा (सिरोही), उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बून्दी, कोटा, बारां में से होकर निकलती है।
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-द्वितीय भाग द्वितीय चरण (उत्तर-दक्षिण गलियारा)
  • यह परियोजना कश्मीर से कन्याकुमारी (तमिलनाडु) को जोड़ने की है। यह राजस्थान राज्य में केवल धौलपुर जिले से गुजरती है जिसकी लम्बाई 28.00 किमी. है।
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-तृतीय भाग
  • इसके अन्तर्गत NH-11 पर जयपुर से आगरा तक 4 लेन का कार्य किया जा रहा है। (लम्बाई 185.5)
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-चतुर्थ भाग
  • इसके अन्तर्गत NH-11B में करौली से धौलपुर के बीच कार्य किया जायेगा और ब्यावर से गौमती चौराहे तक 6 लेन का कार्य किया जायेगा।

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना-पंचम भाग

  • स्वर्णिम चतुर्भुज योजना को 4 लेन से 6 लेन किया जा रहा है।

सेतुभारतम परियोजना :- 4 मार्च, 2016 को शुरू। इसमें राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित समस्त रेल्वे क्रॉसिंग को R.O.B. में बदलने की योजना है।

चेतक परियोजना :- राज्य के सीमावर्ती इलाकों (बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर व गंगानगर) में सामरिक महत्व की सीमावर्ती सड़कें बनाने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा चलाई गयी योजना।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना :- 25 दिसम्बर, 2000। इसमें केन्द्र एवं राज्य का वित्त में हिस्सा 60:40 है।

राजस्थान परिवहन का आदर्श वाक्य क्या है?

पिछली भाजपा सरकार ने उत्कृष्ट पुराने मिशन ट्रेडमार्क 'पधारो म्हरे देश' (मेरे क्षेत्र में आपका स्वागत है) को हटा दिया था और 2016 में राजस्थान के यात्रा उद्योग के लिए नए आदर्श वाक्य के रूप में 'भारत का अतुल्य राज्य' प्रस्तुत किया था।

राजस्थान परिवहन विभाग की स्थापना कब की गई?

इतिहास राजस्थान सरकार ने यात्रियों के लिए कुशल सेवा के लिए सड़क परिवहन अधिनियम 1951 के तहत 01 अक्टुबर 1964 को स्थापना की।

राजस्थान में सड़क घनत्व कितना है 2022?

राज्य में सड़क घनत्व - 66.29 किमी./100 वर्ग किमी.

वर्तमान में राजस्थान के परिवहन मंत्री कौन है?

प्रताप सिंह खाचरियावास - विकिपीडिया