यह देश का सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है । भारत में प्रथम सूती मिल की स्थापना कोलकाता में घूसरी नामक स्थान पर सन् 1818 में की गई थी । भारत में वास्तविक प्रथम सूती मिल सन् 1854 में मुंबई में खोली गई । Show राजस्थान में प्रथम सूती वस्त्र मिल दी कृष्णा मिल लिमिटेड 1889 ब्यावर (अजमेर) में निजी क्षेत्र में सेठ दामोदर दास द्वारा स्थापित की गई । इस मील में सर्वाधिक करघे थे । 1906 में दूसरी मिल ब्यावर में ही एडवर्ड मिल्स लिमिटेड स्थापित की गई , किंतु इसे 1998 में पूर्णरूप से बंद कर दिया गया । सार्वजनिक क्षेत्र की सूती मिले :- ये निजी क्षेत्र में स्थापित मिलें थी जिन्हें रूग्णता के कारण 1974 से राष्ट्रीय वस्त्र निगम द्वारा अधिगृहित कर लिया गया है । यह सभी वर्तमान में बंद पड़ी है । ये निम्न है – (१) एडवर्ड मिल्स, ब्यावर (२) महालक्ष्मी मिल्क, ब्यावर (३) श्री विजय कॉटन मिल्स ,विजयनगर सहकारी क्षेत्र की कताई मिलें – राजस्थान सहकारी कताई मिल लिमिटेड गुलाबपुरा, भीलवाड़ा (1965) , गंगापुर सहकारी कताई मिल लिमिटेड गंगापुर, भीलवाड़ा ( 1981), श्रीगंगानगर सहकारी कताई मिल लिमिटेड हनुमानगढ़ (1978) 1 अप्रेल 1993 को इन तीनों कताई मिलों एवं गुलाबपुरा की सहकारी जिनिंग मिल को मिलाकर राजस्थान राज्य सहकारी स्पिनिंग व जिनिंग संघ लिमिटेड (SPINFED) स्पिनफेड की स्थापना की गई है । वर्तमान में राजस्थान में सूती वस्त्र मिले – ब्यावर, पाली, भीलवाड़ा ,कोटा ,चित्तौड़गढ़ ,जयपुर, श्रीगंगानगर व किशनगढ़ में है । (2) सीमेंट उद्योग ( Cement Industry) भारत में प्रथम सीमेंट कारखाना 1904 में मद्रास प्रेसीडेंसी में स्थापित किया गया । भारत में पहला वास्तविक रूप से सीमेंट कारखाना सन् 1912 कटनी (मध्य प्रदेश) में स्थापित किया गया । भारत में सर्वाधिक सीमेंट उत्पादक राज्य राजस्थान और आंध्र प्रदेश है । राजस्थान का सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक जिला चित्तौड़ व सिरोही है । राजस्थान में सबसे पहले सीमेंट कारखाने की शुरुआत ACC द्वारा 1917 में लाखेरी (बूंदी) में की गई । सवाई माधोपुर में एशिया की सबसे बड़ी सीमेंट कारखाने की स्थापना 1953 में जयपुर उद्योग लिमिटेड के नाम से की गई परंतु वर्तमान में यह बंद हो चुका है । राजस्थान में सीमेंट कारखाने लाखेरी , निंबाहेड़ा , ब्यावर, कोटा, गोटन, सिरोही, चित्तौड़गढ़, पाली आदि स्थानों पर स्थापित किए गए हैं । राज्य में सर्वाधिक उत्पादक कारखाना जे.के. सीमेंट निंबाहेड़ा (चित्तौड़गढ़) है । सफेद सीमेंट के कारखाने – नवीनतम सीमेंट कारखाने – (3) चीनी उद्योग (Sugar Industry) चीनी उद्योग देश का दूसरा बड़ा कृषि आधारित उद्योग है । भारत में प्रथम चीनी उद्योग बेतिया (बिहार) में स्थापित किया गया था । भारत में सर्वाधिक चीनी उत्पादन महाराष्ट्र व उत्तरप्रदेश में होता है । भारत में सर्वाधिक चीनी मिले महाराष्ट्र में है । राजस्थान में चीनी का उत्पादन बहुत कम मात्रा में होता है । यहां केवल तीन चीनी मिल है – (१) दी मेवाड़ शुगर मिल लिमिटेड भोपाल सागर (चित्तौड़गढ़ ) – 1932 में निजी क्षेत्र में स्थापित यह राज्य की पहली चीनी मिल है । (२) राजस्थान स्टेट गंगानगर शुगर मिल्स लिमिटेड (श्रीगंगानगर ) – यह 1945 में बीकानेर इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन लिमिटेड के नाम से स्थापित की गई । 1956 में इसे राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित करने पर यह सार्वजनिक क्षेत्र में आ गई । यहां चुकंदर से चीनी बनाई जाती है और गन्ने के शीरे से देसी शराब का निर्माण किया जाता है । इसे गंगानगर शहर से हटाकर कमानीपुरा ( श्री करनपुर ) में स्थानांतरित किया गया है । (३) केशोरायपाटन सहकारी शुगर मिल्स बूंदी यह मिल क्षेत्र के गन्ना उत्पादकों के हितार्थ सहकारी क्षेत्र में 1965 में स्थापित की गई थी । (4) नमक उद्योग ( Salt Industry) भारत में सर्वाधिक उत्पादक राज्य गुजरात है । अन्त: स्थलीय झीलों के माध्यम से नमक उत्पादन राजस्थान में होता है । राजस्थान देश के कुल नमक उत्पादन का 12% उत्पादित करता है । राजस्थान की सबसे बड़ी नमक मंडी नावा (नागौर) में है । राजस्थान में सर्वाधिक खारे पानी की झीले नागौर में है । सार्वजनिक क्षेत्र में नमक उत्पादन – सांभर, डीडवाना ,पचपदरा निजी क्षेत्र में नमक उत्पादन – फलौदी (जोधपुर), पोकरण (जैसलमेर), छापर (चुरु), लूणकरणसर (बीकानेर ) । सांभर नमक क्षेत्र – 🔸भारत का सबसे बड़ा आंतरिक नमक उत्पादन केंद्र ( 8.7% देश का) 🔸केंद्र सरकार के उपक्रम ‘ हिंदुस्तान साल्ट्स लिमिटेड’ की सहायक कंपनी “सांभर साल्ट्स लिमिटेड, जयपुर” द्वारा नमक बनाने का कार्य किया जाता है । 🔸इसकी स्थापना 25 जनवरी 1960 को की गई । पंचपद्रा नमक क्षेत्र – बाड़मेर में स्थित इस नमक क्षेत्र में खारवाल जाति के लोग नमक बनाने का कार्य परंपरागत रूप से करते हैं । वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा नमक बनाने का कार्य किया जाता है । डीडवाना नमक क्षेत्र – यहां के नमक में सोडियम सल्फेट की मात्रा अधिक होने के कारण यह खाने योग्य नहीं है । यहां नमक बनाने का कार्य “राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स, डीडवाना” द्वारा किया जाता है । मांडल साल्ट फार्म – नावां (नागौर) में संभर साल्ट्स क्षेत्र में 12 जनवरी 2002 को स्थापित किया गया है । (5) काँच उद्योग ( Glass Industry) काँच के निर्माण में बालू मिट्टी, सिलिका, सोडियम सल्फेट, शीरा एवं कोयला आदि प्रयुक्त होते हैं । बीकानेर व अजमेर मेंसिरेमिक हब बनाने की ‘रिवाइज्ड सिरेमिक प्रमोशन पॉलिसी 2014″ जारी कर दी गई है । धीलोट (नीमराना, अलवर ) में रीको द्वारा सिरेमिक जोन बनाया जा रहा है । (१) धौलपुर ग्लास वर्क्स (धौलपुर ) 🔸निजी क्षेत्र में स्थापित प्रथम कारखाना (२) हाईटेक प्रिसीजन ग्लास फैक्ट्री (धौलपुर ) यह गंगानगर शुगर मिल की सहायक कंपनी है । इसमें शराब की बोतलों का निर्माण किया जाता है । यह अभी बंद पड़ी है । (३) सिमकोर ग्लास फैक्ट्री (कोटा ) यह टी.वी. की पिक्चर ट्यूब का निर्माण करती है । यह दिसंबर, 2012 से बंद पड़ी है । (४) सेंट गोबेन ग्लास,भिवाड़ी (अलवर ) 🔸फ्रांस की कंपनी (6) रासायनिक कारखाने (१) चंबल फर्टिलाइजर्स- गढेपान ( कोटा) 🔸यूरिया उत्पादन (२) श्री राम फर्टिलाइजर्स (कोटा) 🔸यूरिया उत्पादन (३) राजस्थान राष्ट्रीय केमिकल फर्टिलाइजर्स , कपासन ( चित्तौड़ ) 🔸उत्तरी भारत का सबसे बड़ा D.A.P कारखाना (४) देबारी जिंक स्मेल्टर ( रासायनिक खाद ) (7) वनस्पति घी उद्योग राजस्थान का पहला वनस्पति घी बनाने का कारखाना भीलवाड़ा में स्थापित किया गया । अन्य कारखाने – तेलघाणी उद्योग – (8) रेशम उद्योग सर्वप्रथम रेशम का आविष्कार चीन में हुआ । सर्वाधिक उत्पादन देश चीन है । भारत में सर्वाधिक उत्पादन कर्नाटक में होता है । राजस्थान में उदयपुर व बांसवाड़ा में सर्वाधिक रेशम उत्पादन होता है । राजस्थान में रेशम के कीड़े चंबल नदी के आस पास पाए जाने वाले अर्जुन वृक्ष पर पाए जाते हैं । रेशम उद्योग से संबंधित टसर उद्योग का विकास कोटा, बाराँ, झालावाड़ जिले में हो रहा है । (9) कागज उद्योग 🔸सर्वप्रथम कागज का आविष्कार चीन में हुआ । (10) गोंद उद्योग बाड़मेर जिले के चौहटन क्षेत्र में गोंद उद्योग के लिए देश भर में प्रसिद्ध है । इस क्षेत्र में गोंद उतारने का कार्य मेघवाल तथा मुसलमान जाती के द्वारा किया जाता है । (11) माचिस उद्योग इस उद्योग की सर्वाधिक इकाईयाँ अलवर जिले में है । अन्य : कोटा ,उदयपुर, फतेहगढ़ । (12) लाख उद्योग राज्य में लेसिफर लक्का कीट की लार से लाख तैयार की जाती है । जयपुर तथा जोधपुर में सर्वाधिक लाख की चूड़ियां बनाई जाती है । (13) शहद उद्योग इस उद्योग का सर्वाधिक विकास दक्षिणी आदिवासी जिलों बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौड़ जिले में है । वर्तमान में इस उद्योग का सर्वाधिक विकास अलवर व भरतपुर जिलों में किया जाता है । (14) इंजीनियरिंग उद्योग राजस्थान में सर्वप्रथम जयपुर मेटल की स्थापना हुई तथा बाद में बाल बियरिंग बनाने का कारखाना भी जयपुर में स्थापित किया गया । (१) केंद्रीय इलेक्ट्रोनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान ( पिलानी ) (६) सिमको सेंट्रल इंडिया , भरतपुर ( रेल के डिब्बे ) (७) नेशनल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज, जयपुर ( बियरिंग बनाना) (८) राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन, जयपुर ( टेलीविजन बनाना ) (९) फ्लोर्सफार संयंत्र , डूंगरपुर ( स्पार्क, एल्युमिनियम व फ्लोराइड बनाने के लिए फ्लार्सपार का निर्माण ) (१०) हिंदुस्तान मशीन टूल्स कॉरपोरेशन, अजमेर ( मशीन के उपकरण, घड़ियां , उनके पुर्जें आदि का निर्माण ) (११) कृषि औजार बनाने का कारखाना ,जयपुर (१४) अशोका लीलैंड, अलवर (ट्रक- बस बनाना ) (१५) इंजीनियरिंग उद्योग भिवाड़ी, अलवर (२०) ओरिएंटल पावर केबल, कोटा रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट- 2015 राजस्थान को निवेश हेतु सर्वाधिक वरियता वाला राज्य बनाने के प्रयासों के अंतर्गत जयपुर एग्जीबिशन एवं कन्वेशन सेंटर में द्वितीय रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट का आयोजन दिनांक 19 से 20 नवंबर 2015 को किया गया । 20 नवंबर 2015 को राजस्थान की नई सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग ( MSME) नीति 2015 जारी की गई । जिसके अनुसार प्रदेश में करीब 1,20000 सूक्ष्म, 7000 लघु, 244 मध्यम और 316 बड़े उद्योग है । होण्डा सिएल कार परियोजना रीको द्वारा खुशखेड़ा, भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र अलवर में होण्डा सिएल कार परियोजना की स्थापना हेतु 610 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है जो राज्य में कारों के उत्पादन का पहला संयंत्र होगा । हौंडा मोटरसाइकिल एवं स्कूटर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा टपूकड़ा में एक ईकाई स्थापित की गई है । बहुराष्ट्रीय कंपनी सेन्ट गोबेन समूह द्वारा भिवाड़ी , अलवर में फ्लोट ग्लास का संयंत्र स्थापित किया गया है । इस इकाई में विश्व का सबसे बड़ा फ्लोट ग्लास का संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव है । स्टोन पार्क – करौली जिले के मासलपुर कस्बे में स्टोन पार्क स्थापित किया गया है । जापानी पार्क नीमराना – जापानी संस्थान जेट्रो द्वारा अलवर जिले के नीमराना औद्योगिक क्षेत्र में जापानी पार्क की स्थापना की जा रही है । जिसमें जापानी कंपनियां – निसान, मित्सुई, डिसकिंग, मित्सुबिशी एवं डाइकिन कलर ने अपने लिए जमीन आवंटित करवा ली है । रीको द्वारा अब तक 47 जापानी कंपनियों को भूमि आवंटित कर दी है । जिनमें से 43 इकाईयों ने वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ कर दिया है । कोरियन निवेश क्षेत्र – गिलोठ औद्योगिक क्षेत्र अलवर में एक कोरियन निवेश क्षेत्र स्थापित किया गया है । महिंद्रा ग्रुप रीको के साथ मिलकर जयपुर में विशेष आर्थिक जोन की स्थापना कर रहा है । रीको द्वारा औद्योगिक क्षेत्र सीतापुरा, जयपुर तथा बासनी (जोधपुर) में अपैरल प्रशिक्षण एवं डिजाइन केंद्र स्थापित किया जा रहा है । वस्त्र अंतरराष्ट्रीय स्तर की टेक्सटाइल उद्योग मेला, 2016 रीको के द्वारा फिक्की के सहयोग से जयपुर में 20 – 23 अक्टूबर 2016 तक आयोजित किया गया । राजस्थान एंटरप्राइजेज सिंगल विंडो एनेबलिंग एंड क्लीयरेंस ऑर्डिनेंस , एक्ट 2011 राजस्थान निवेश प्रोत्साहन एवं उद्योग नीति 2010 को कार्य रूप देने के लिए एकल खिड़की व्यवस्था को वैधानिक दर्जा दिए जाने हेतु राजस्थान सिंगल विंडो एनेबलिंग एंड क्लीयरेंस ऑर्डिनेंस , एक्ट 2011 राज्य में दिनांक 1 अप्रैल 2011 से लागू किया गया । भामाशाह टेक्नोहब – जयपुर में प्रदेश का पहला भामाशाह टेक्नोहब बनाया जा रहा है । राजस्थान में भामाशाह टेक्नोहब के रूप में एक नया “State of The Art” इन्क्यूबेटर जयपुर में स्थापित किया जा रहा है । इंडियन मेडिकल डिवाइस पार्क – रीको कोलिला जोगा गांव नीमराणा (अलवर) में देश का पहला इंडियन मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित करेगा । इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट – राजस्थान का पहला इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट पुर ( भीलवाड़ा) में स्थापित किया जाएगा । टैक्सटाइल पार्क योजना : – भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की प्रमुख योजना Scheme of Intergrated park (SITP) का संचालन राजस्थान में किया जा रहा है । वर्तमान में राज्य में 6 टैक्सटाइल पार्क है – (१) जयपुर इंटीग्रेटेड टेक्सक्राफ्ट पार्क बगरू (जयपुर ) भामाशाह रोजगार सृजन योजना – शिक्षित बेरोजगार युवाओं, महिलाओं अनुसूचित जाति/ जनजाति एवं दिव्यांगो को स्वयं का उद्यम प्रारंभ करने के लिए 8% की अनुदानित ब्याज दर पर बौंकों से ऋण उपलब्ध कराने हेतु नई योजना ” भामाशाह रोजगार सृजन योजना” दिनांक 13 दिसंबर 2015 से लागू कर दी गई है । प्रथम मेगा फूड पार्क – ग्रीनटेक मेगा फूड पार्क लिमिटेड द्वारा विकसित राज्य का पहला मेगा फूड पार्क रुपनगढ़ (अजमेर ) का हरसिमरत कौर बादल द्वारा 30 मार्च 2018 को उद्घाटन किया गया । यह राजस्थान में स्थापित पहला (देश में 13वां) मेगा फूड पार्क है । देश में होने वाली आतंकी व नक्सली हमलों में जवानों को सुरक्षित रखने के लिए बुलेट प्रूफ कारों का निर्माण कोटा में होगा । श्रीगंगानगर को फूड प्रोसेसिंग का हब बनाया जाएगा और यहां लॉलिस्टिक इकाइयों की स्थापना की जाएगी । प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए राजस्थान औद्योगिक विकास नीति 2019 जारी की गई है । इसी क्रम में राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2019 की लागू की गई है । MSME 2019 के तहत 3 सालों तक समस्त सरकारी स्वीकृति एवं निरीक्षणों की बाध्यता से MSME उद्योगों को छूट दी गई है । ऐसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है । उद्यमियों की सुविधा के लिए राज उद्योग मित्र पोर्टल शुरू किया गया है । राज्य के सकल राज्य मूल्य संवर्धन में उद्योग क्षेत्र का क्षेत्रीय योगदान 2019-20 में प्रचलित कीमतों पर 27.81 ℅ है । राजस्थान का सबसे बड़ा औद्योगिक शहर कौन सा है?Detailed Solution. सही उत्तर कोटा है। यह उत्तरी भारत के औद्योगिक केंद्रों में से एक है, जहां रसायन, सीमेंट, इंजीनियरिंग और बिजली संयंत्र आधारित हैं।
राजस्थान में कुल कितने औद्योगिक क्षेत्र हैं?राज्य में 36 जिला उद्योग केंद्र एवं 8 उपकेंद्र हैं । वर्तमान में राज्य में सर्वाधिक वृहद एवं मध्यम उद्योग इकाइयां भिवाड़ी (अलवर) व जयपुर में है । राज्य में सर्वाधिक पंजीकृत फैक्ट्रियाँ क्रमश: जयपुर व जोधपुर जिले में है । फैक्ट्रियाँ न्यूनतम संख्या जैसलमेर व बाराँ में है ।
राजस्थान की औद्योगिक राजधानी क्या है?कोटा को राजस्थान में औद्योगिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है।
जयपुर में कितने औद्योगिक क्षेत्र है?इस शहर की औद्योगिक जगह के रूप में इस तरह की सफलता रही है कि यहां तक कि 1 9 क्षेत्रों में खुद को औद्योगिक केंद्रों में विकसित किया गया है।
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