आज इस आर्टिकल में हम वाक्य कितने प्रकार होते हैं? (Vakya ke kitne prakar ke hote hain) वाक्य के कितने भेद होते हैं? (Vakya ke kitne bade hote hain?) वाक्य किसे कहते हैं? इसके बारे में विस्तार से जानेंगे। किसी भी भाषा का सही और गहन अध्ययन के लिए उसका व्याकरण आधार होता है। इसी प्रकार हिंदी भाषा मे भी व्याकरण बहुत ही प्रमुख होता है। हिंदी व्याकरण में वाक्य का अध्ययन जरूरी होता है जिससे कुछ लिखते समय वाक्यों को सही सही लिखा जा सके। आज इस लेख में हम मुख्य रूप से वाक्य तथा वाक्यों के प्रकार यानी वाक्य के कितने भेद होते हैं उन सभी के बारे में एक-एक करके उदाहरण सहित जानेंगे – वाक्य किसे कहते हैं?इसकी परिभाषा में, दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं जिसका पूरा अर्थ निकलता हो। इसका मतलब हुआ शब्दों को यदि इस प्रकार के क्रम में लिखा जाए जिसे पढ़कर एक अर्थ समझ में आता हो तो शब्दों के उस समूह को वाक्य कहा जाएगा।
पहले उदाहरण में 4 शब्दों को एक समूह में लिखा गया है और इन्हें इस प्रकार लिखा गया है जिसे पढ़कर हमें एक मतलब समझ में आ रहा है, अतः यह वाक्य है। वही दूसरे उदाहरण में लिखे शब्दों को पढ़कर कोई अर्थ समझ में नहीं आ रहा है अतः यह वाक्य नहीं है। यदि वाक्य के भेदों की बात की जाए यानी की वाक्य कितने प्रकार के होते हैं तो वाक्यों का विभाजन दो आधार पर किया जाता है जिसमें पहला अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद और दूसरा रचना के आधार पर वाक्य के भेद है। दोनों ही आधारों पर वाक्य के अलग-अलग भेदो को एक-एक करके समझते हैं –
अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं जोकि निम्नलिखित है – 1.विधान वाचक वाक्य – जिन वाक्यों से किसी काम के होने या उस काम को करने की सामान्य सूचना मिलती है या जिस वाक्य से किसी प्रकार की सामान्य जानकारी प्राप्त हो वह विधानवाचक वाक्य होता है। उदाहरण –
ऊपर दिए गए सभी उदाहरण में किसी प्रकार की सामान्य जानकारी या सामान्य काम की सूचना मिल रही है। 2. निषेधवाचक वाक्य – जैसा कि निषेध शब्द से ही पता चल रहा है जिन वाक्यों से किसी कार्य की नहीं होने का पता चलता हो उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहा जाता है, सामान्यत: इनमें नहीं शब्द लिखा रहता है। उदाहरण –
ऊपर दिए गए सभी उदाहरणों में नहीं शब्द के लिखे होने से उस कार्य के नहीं होने का पता चल रहा है इसीलिए यह सभी निषेधवाचक वाक्य है। 3. आज्ञा वाचक वाक्य – आज्ञा शब्द से ही ज्ञात हो रहा है कि जिस वाक्य से आज्ञा या अनुमति देने का पता चलता हो, या प्रार्थना की जाती हो वे सभी वाक्य आज्ञा वाचक वाक्य की श्रेणी में आएंगे। उदाहरण –
ऊपर दिया गये उदाहरण में आज्ञा या अनुमति देने या प्रार्थना करने का पता चल रहा है। 4. प्रश्नवाचक वाक्य – नाम से ही ज्ञात है कि जिन वाक्य से किसी प्रकार के प्रश्न पूछे जाने का पता चलता हो वे सभी प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते हैं। इन वाक्यों के अंत में प्रश्नवाचक ? चिन्ह लगा रहता है। उदाहरण –
ऊपर दिए गए सभी वाक्यों से प्रश्न पूछे जाने का पता चल रहा है आत: यह सभी प्रश्नवाचक वाक्य है। 5. विस्मय वाचक वाक्य – इन वाक्यों में विस्मयादिबोधक चिन्ह लगा रहता है। जिन वाक्यों से शोक, हर्ष, घृणा, आश्चर्य, विस्मय इत्यादि का भाव व्यक्त हो वे विस्मय वाचक वाक्य होते हैं। उदाहरण –
ऊपर दिए गए सभी उदाहरणों में किसी ना किसी भाव का पता चल रहा है अतः यह सभी विस्मय वाचक वाक्य है। 6. संदेह वाचक वाक्य – जिन वाक्यों को पढ़कर किसी कार्य के होने या ना होने के संबंध में संदेह रहता है, वे संदेह वाचक वाक्य कहलाते हैं। सामान्यत: इनमें शायद जैसे शब्द लिखे रहते हैं। उदाहरण –
ऊपर दिया गया उदाहरणों में कार्यों को लेकर संदेह का पता चल रहा है। 7. इच्छा वाचक वाक्य – जिन वाक्यों से किसी प्रकार की इच्छा शुभकामना या आशीर्वाद इत्यादि का बोध हो वे इच्छा वाचक वाक्य कहलाते हैं। उदाहरण –
दिया गया उदाहरणों में इच्छा, शुभकामनाएं, आशीर्वाद इत्यादि का ही पता चल रहा है। 8.संकेतवाचक वाक्य – उन वाक्यों को संकेतवाचक वाक्य कहा जाएगा जिनमें एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर करता हो। एक क्रिया दूसरे के लिए संकेत की तरह हो। उदाहरण –
दिए गए सभी उदाहरणों में एक क्रिया का होना दूसरे क्रिया पर निर्भर कर रहा है यदि पहली क्रिया हो जाती तो दूसरी क्रिया होती।
रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद है जोकि निम्नलिखित हैं – 1. सरल वाक्य – जिन वाक्यों में एक मुख्य क्रिया हो वह सरल वाक्य होते हैं, इसमें एक क्रिया का होना आवश्यक है। अंग्रेजी में इसे सिंपल सेंटेंस कहा जाता है। उदाहरण – राम पुस्तक पढ़ रहा है। गीता स्कूल जाती है। बच्चे मैदान में नाच रहे हैं। सोहन एक भला इंसान है। 2. मिश्र वाक्य -जिन वाक्यों में सरल वाक्य के साथ 1 या उससे अधिक उपवाक्य हो वे मिश्र वाक्य होते हैं इसमें लिखें उपवाक्य की, यदि, तो, तथापि, इसीलिए इत्यादि से जुड़े होते हैं। उदाहरण –
3. संयुक्त वाक्य – संयुक्त वाक्य में दो या दो से अधिक सरल वाक्य को और, अत:, इसीलिए, फिर भी, किंतु, पर, परंतु, लेकिन, तो, इत्यादि योजक शब्दों से जोड़ा जाता है इनमें दोनों ही वाक्य स्वतंत्र अर्थ देने में सक्षम होते हैं। उदाहरण –
Conculsionआज इस आर्टिकल में हमने व्याकरण के बहुत ही महत्वपूर्ण विषय वाक्य के बारे में जाना इस आर्टिकल में हमने वाक्य के कितने भेद होते हैं? (Vaky ke kitne bhed hote hain?) वाक्य कितने प्रकार के होते हैं? (Vaky kitne prakar ke hote hain?) वाक्य क्या है? इस आर्टिकल में हम वाक्य के कितने भेद होते हैं? और वाक्य कितने प्रकार के होते हैं? इसके बारे में इस आर्टिकल में आपको उदाहरण के साथ विस्तार से बताएं। अगर इस आर्टिकल को पढ़कर आपको वाक्य कितने प्रकार के होते हैं और वाक्य के कितने भेद होते हैं इसके बारे में सारी जानकारी मिली है तो हमारा आर्टिकल को शेयर जरुर करें और हमारे आर्टिकल के संबंधित कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं। |