बोया पेड़ बबूल का पूरा दोहा - boya ped babool ka poora doha

Show

बोया पेड़ बबूल का, आम कहां से खाये..

बोया पेड़ बबूल का आम कहां से खाये.. संत कबीर के दोहे की यह पंक्ति बिलायती बबूल की पूरी कहानी बयां कर देती है। अंग्रेजी राज में बिलायती बबूल हरियाली बढ़ाने के लिए लगाया गया था लेकिन आज यह नासूर बन गया है। यह न सिर्फ जैवविविधिता के लिए बड़ा खतरा है बल्कि पर्यावरण पर भी बोझ बन गया है।

मनोज तिवारी, बकेवर

बोया पेड़ बबूल का, आम कहां से खाये.. संत कबीर के दोहे की यह पंक्ति बिलायती बबूल की पूरी कहानी बयां कर देती है। अंग्रेजी राज में बिलायती बबूल हरियाली बढ़ाने के लिए लगाया गया था लेकिन आज यह नासूर बन गया है। यह न सिर्फ जैवविविधिता के लिए बड़ा खतरा है बल्कि पर्यावरण पर भी बोझ बन गया है। यमुना व चंबल के क्षेत्र में फैला बिलायती बबूल देशी पेड़-पौधों की लगभग 500 प्रजातियों को खत्म कर चुका है। अगर इसे समय रहते नहीं मिटाया गया तो देशी पेड़-पौधों की रही-सही प्रजातियां भी खत्म हो जाएंगी, शुष्क क्षेत्रों में जल संकट गहरा सकता है, वायु प्रदूषण बढ़ जाएगा। एक दौर था जब चंबल क्षेत्र में लोग नंगे पैर सैर करने निकलते तो एक भी कांटा नहीं चुभता था। जहां शेर, सियार, लकड़बग्घा, चीता, बारहसिघा, हिरन, तेंदुआ व भालू कुलाचें भरते दिखाई देते थे तो भारी भरकम अजगर पहाड़ियों की गुफाओं में आराम फरमाते नजर आते थे। जब से इस क्षेत्र में बिलायती बबूल बोया गया, पूरा जंगल ही कांटों से भर गया। इस कारण जलस्त्रोत सूखने लगे। ऐसे में निढाल वन्यजीव शिकारियों के शिकार हुए और जो बचे वह कांटों के डर से पलायन कर गए। बिलायती बबूल का वैज्ञानिक नाम प्रोसोपिस जूलीफ्लोरा है। यह मूलरूप से दक्षिण और मध्य अमेरिका तथा कैरीबियाई देशों में पाया जाता था। वर्ष 1870 में यह भारत लाया गया था। हेलीकॉप्टर से हुई थी बबूल की बोआई वर्ष 1979 में राष्ट्रीय चंबल सैंक्चुअरी की स्थापना हुई तब 17.532 हेक्टेयर असिचित भूमि का जंगल हराभरा था। लोगों को अमरूद, शरीफा, जंगल जलेबी, बेल, पिलुआ, बेर, नीबू आदि भारी मात्रा में मिल जाया करते थे। जानवरों के लिए हरा पौष्टिक चारा भरपूर था। 1980 के आसपास भारत सरकार ने बिलायती बबूल का बीज मंगवाया और हेलीकाप्टर से सैंक्चुअरी क्षेत्र में बोआई कराई। इसका उद्देश्य सेंचुरी क्षेत्र को कांटेदार झाड़ियों से सुरक्षित रखना था। मगर यह सैंक्चुअरी के लिए वरदान नहीं बल्कि अभिशाप साबित हुआ। नमी सोखने के कारण आसपास कोई पेड़ पौधा पनप नहीं सका। अत्यधिक कार्बन डाई आक्साइड चंबल के शीतल वन को उमस भरी गर्मी दे रहा है। पेड़-पौधों की 500 देसी प्रजातियां लुप्त जनता कालेज बकेवर के पर्यावरणविद् डॉ. एके पांडेय ने बताया कि बिलायती बबूल भारत में आने के बाद अब तक पेड़-पौधों की 500 देसी प्रजातियों को खत्म कर चुका है। खेजड़ी, अंतमूल, केम, जंगली कदम, कुल्लू, आंवला, हींस, करील और लसौड़ा सहित कई पौधे अब नहीं दिखाई देते। अगर देसी प्रजातियों के पेड़ होते तो प्रदूषण का स्तर अधिक नहीं होता और न ही गद्दीदार पैरों वाले जानवर पलायन करते। महेवा विकास खंड के टकरूपुर निवासी पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. एसएन त्रिपाठी ने सरकार से बिलायती बबूल हटाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि गांव में करीब 600 एकड़ क्षेत्र में बिलायती बबूल हैं। यह कांटेदार जंगल न तो लोगों के उपयोग का है और न वन्यजीवों के अनुकूल। इसे हटाकर फूल व फलदार वृक्ष लगने चाहिए। वन क्षेत्राधिकारी विवेकानंद दुबे बताते हैं कि बिलायती बबूल से गद्दीदार पैरों वाले वन्यजीवों को नुकसान पहुंचता है। जो कि जैवविविधता को खत्म कर जमीन को बंजर बना रहा है इसके लिए क्षेत्र के गांवों के लोग ही दोषी हैं। यह लोग बबूल काटकर उनके कांटे सड़कों पर फेंक देते हैं।

Edited By: Jagran

Boya ped babool ka aam kahan te hoy लोकोक्ति (मुहावरे) का हिन्दी में अर्थ , meaning in Hindi

लोकोक्ति (मुहावरा) – बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ ते होय

लोकोक्ति (मुहावरे) का हिन्दी में अर्थ – बुरे कर्मो से अच्छा फल नहीं मिलता

बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ ते होय हिन्दी की एक प्रसिद्ध लोकोक्ति है जिसका प्रयोग अक्सर हिन्दी के लेख, निबंध आदि में किया जाता है।

बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ ते होय लोकोक्ति (मुहावरे) का वाक्य प्रयोग :-

लोकोक्ति का वाक्य प्रयोग – शमीम सारी जिंदगी बेईमानी करता रहा। बेईमानी के पैसे से सुख सुविधाएँ तो मिल गयीं पर बच्चे बिगड़ गए और बाप की ही तरह गलत रास्तों पर चलने लगे। बच्चों को गलत रास्ते पर चलता देख शमीम को अच्छा नहीं लगता पर कोई क्या कर सकता है जब बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से हो जाएँगे।

लोकोक्ति का वाक्य प्रयोग – श्याम ने अफीम के व्यापार करके खूब धन कमाया परंतु अंततः उसे जेल जाना पड़ा। कहावत के अनुसार बोया पेड़ बबूल का आम कहां से होय।

लोकोक्ति का वाक्य प्रयोग – सुषमा ने अपने सास ससुर का बहुत अपमान किया और उस कहावत के अनुसार उसका परिणाम यह हुआ कि उसका बेटा विदेश गया तो मां बाप को भूल गया।

हिन्दी की 1000 लोकोक्तियाँ – अर्थ, वाक्य प्रयोग 

कई बार लोग लोकोक्तियों (कहावतों) और मुहावरों को एक ही समझने की भूल कर बैठते हैं। मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर को जानने के लिए इस लिंक पर जाएँ और मुहावरे और लोकोक्तियों का अंतर अच्छी प्रकार से समझें।

मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर

Lokokti (Muhavra) – Boya ped babool ka aam kahan te hoy

Lokokti (Muhavre)ka Hindi mein arth – bure karmo se achchh fal nahin milt

Boya ped babool ka aam kahan te hoy Lokokti ka Vakya prayog

Meaning of Lokokti Kahavat Boya ped babool ka aam kahan te hoy in English

बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ ते होय कहावत का हिन्दी में अर्थ और वाक्य प्रयोग

यहाँ पर हमने इस लोकोक्ति (कहावत) के बारे में निम्न बातें समझाई हैं:-

बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ ते होय in English ; बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ ते होय sentence ; बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ ते होय vakya prayog ; बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ ते होय का वाक्य प्रयोग ; बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ ते होय पर कहानी ; बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ ते होय मुहावरे का अर्थ क्या होगा ; बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ ते होय लोकोक्ति का अर्थ क्या होगा

विभिन्न कक्षाओं के लिए हिन्दी की कहावतों लोकोक्तियों की जानकारी के लिए इन लेखों को पढें:

Hindi Lokoktiyan for Class 5

Hindi Lokoktiyan for Class 6

Hindi Lokoktiyan for Class 7

Hindi Lokoktiyan for Class 8

Hindi Lokoktiyan for Class 9

Hindi Lokoktiyan for Class 10

10 प्रसिद्ध लोकोक्तियों का हिन्दी में अर्थ और वाक्य प्रयोग

  • होनहार बिरवान के होत चीकने पात लोकोक्ति (मुहावरे) का अर्थ वाक्य प्रयोग, meaning in Hindi
  • हँसी में खंसी लोकोक्ति (मुहावरे) का अर्थ वाक्य प्रयोग, meaning in Hindi
  • सहज पके सो मीठा होय लोकोक्ति (मुहावरे) का अर्थ वाक्य प्रयोग, meaning in Hindi
  • सब धान बाईस पसेरी लोकोक्ति (मुहावरे) का अर्थ वाक्य प्रयोग, meaning in Hindi
  • सारी रामायण सुन गये, सीता किसकी जोय (जोरू) लोकोक्ति (मुहावरे) का अर्थ वाक्य प्रयोग, meaning in Hindi
  • सौ कपूतों से एक सपूत भला लोकोक्ति (मुहावरे) का अर्थ वाक्य प्रयोग, meaning in Hindi
  • समय पाय तरवर फले, केतो सींचो नीर लोकोक्ति (मुहावरे) का अर्थ वाक्य प्रयोग, meaning in Hindi
  • सब दिन रहत न एक समाना लोकोक्ति (मुहावरे) का अर्थ वाक्य प्रयोग, meaning in Hindi
  • सैंया भए कोतवाल अब डर काहे का लोकोक्ति (मुहावरे) का अर्थ वाक्य प्रयोग, meaning in Hindi
  • सोने पे सुहागा लोकोक्ति (मुहावरे) का अर्थ वाक्य प्रयोग, meaning in Hindi

बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होए दोहा?

बोया पेड़ बबूल का आम कहां से खाये.. संत कबीर के दोहे की यह पंक्ति बिलायती बबूल की पूरी कहानी बयां कर देती है। अंग्रेजी राज में बिलायती बबूल हरियाली बढ़ाने के लिए लगाया गया था लेकिन आज यह नासूर बन गया है। यह न सिर्फ जैवविविधिता के लिए बड़ा खतरा है बल्कि पर्यावरण पर भी बोझ बन गया है।

बोए पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होए इस लोकोक्ति को आधार मानकर कोई मौलिक कहानी लिखिए?

अभी हाल में ही बड़े -बुजुर्ग सेक्शन में एक लघु कथा पढ़ी जिसमें एक बुजुर्ग आदमी अपने आपको एक रद्दीवाले से खरीदने के लिए कहता है. ऐसा उसने इसलिए कहा क्योंकि अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त होने के पश्चात उसने सोचा था कि वह अपना वक्त परिवार के बीच गुजारेगा.

संत कबीर दास जी के दोहे?

कबीर के कुछ लोकप्रिय दोहे इस प्रकार हैं:.
यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान।.
शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान।.
सब धरती काजग करू, लेखनी सब वनराज।.
सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाए।.
ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये।.
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए।.

कवि के अनुसार बबूल का पेड़ होने से क्या खाने को नहीं मिल सकता है?

सुख में कोई याद नहीं करता.